म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू की जा सकती है

कम जोखिम में ज्यादा रिटर्न के लिए सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान हो सकता है बेहतर विकल्प

यूटिलिटी डेस्क. जोखिम के लिहाज से शेयर बाजार की तुलना में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी को बेहतर विकल्प माना जाता है। जानकारी के अभाव में लोग इसमें निवेश से बचते हैं, हालांकि जो एसआईपी के बारे में जानते हैं इससे खूब फायदा उठा रहे हैं। जानते हैं कि एसआईपी किस तरह से फायदेमंद हैं।

फुटबॉल मैच से सीखे इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग, मिलेगा बेहतर रिटर्न

मार्केट में सही समय पर सही इन्वेस्टमेंट करने के साथ ही नुकसान होने का ध्यान रखना चाहिए। मार्केट में इन्वेस्टमेंट के दौरान अनुशासन का ध्यान रखें। इसके साथ ही अपने लक्ष्य तय करें और उसके अनुसार समय और इन्वेस्टमेंट की स्थिति को निश्चित करें।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। फाइनेंशियल प्लानिंग करना और फुटबॉल मैच का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन फर्राटेदार खेल से भी फाइनेंशियल प्लानिंग के कई गुर सीख सकते हैं जिससे फ्यूचर में इकोनॉमिक क्राइसिस का सामना न करना पड़े। वहीं, फुटबॉल मैच में प्लेयर्स की जिम्मेदारी आक्रामक खेल दिखाते हुए अपनी टीम के लिए गोल करने की होती है। लेकिन, अकेले खिलाड़ी के भरोसे मैच में जीत हासिल नहीं कर सकते हैं।

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करें स्मार्ट टिप

एसेट अलोकेशन-बेस्ड स्ट्रेटजी पर अपना भरोसा रखें। इसमें अपनी आय का बड़ा अमाउंट इन्वेस्टमेंट न करें। इसके अलावा अपने एसेट्स अलोकेशन को ध्यान में रखते इन्वेस्टमेंट प्लान हुए लार्ज कैप, मिड कैप और डेट इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। फिक्स्ड आय वाले प्लान में भी इवेस्टमेंट करना चाहिए। क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव कम रहता है और नुकसान से बचाव कर सकते हैं। युवाओं को फिक्स्ड आय इंस्ट्रुमेंट्स में 20 से 25 फीसदी तक का इन्वेस्टमेंट करना चाहिए और 5 से 10 फीसदी इन्वेस्टमेंट गोल्ड में करना चाहिए।

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मार्केट में सही समय पर सही इन्वेस्टमेंट करने के साथ ही नुकसान होने का ध्यान रखना चाहिए। मार्केट में इन्वेस्टमेंट के दौरान अनुशासन का ध्यान रखें। इसके साथ ही, अपने लक्ष्य तय करें और उसके अनुसार समय और इन्वेस्टमेंट की स्थिति को निश्चित करें। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इक्विटी में लॉन्च टर्म गोल्स के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहिए और डेट में शॉर्ट टर्म टारगेट के लिए पैसे लगाने चाहिए। हर 6 महीने के बाद अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू करते रहें।आपके इक्विटी कंपोनेंट की वैल्यू बढ़ी है तो इन्वेस्टमेंट में इजाफा किया जा सकता है। किसी बड़े लक्ष्य के लिए इन्वेस्टमेंट की गई रकम को अपनी शॉर्ट टर्म जरूरत के लिए न निकालें। अपने रिटायरमेंट प्लान की रकम को सिर्फ कार का शौक पूरा करने के लिए खर्च न करें।

लक्ष्यों से समझौता

मिडकैप स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी से आप इसमें छोटी अवधि के लिए भी पैसे बहुत सारा कमा सकते हैं, लेकिन मार्केट में गिरावट समय उतना ही हानि भी हो सकता है। हालांकि, हाई रिटर्न में हाई रिस्क भी शामिल होता है। बाजार में तेजी से बदलाव का ध्यान रखते हुए इस्टमेंट करें और इसमे रक्षात्मक रणनीति को भी अपनाएं। साथ ही, स्कोर करने के अलावा जो मिला है, उसे सेव करना भी जरूरी होता है। उतार-चढ़ाव के समय में बाजार के मूवमेंट पर पैनी नजर रखना जरूरी होता है जिससे आप किसी भी रिस्क से बच सकते हैं। वहीं, अपने किसी भी भी इन्वेस्टमेंट को फाइनेंशियल लक्ष्य से जोड़कर देख सकते हैं। इसके अलावा कोई भी इन्वेस्टमेंट कमजोर प्लानिंग ही कहलाएगा। इन्वेस्टमेंट करते समय अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहें। निवेश के अच्छा परिणाम के लिए यह जरूरी होता है।अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में इस बात का जरूर ख्याल रखना चाहिए। साथ ही, नियमों से परे इन्वेस्टमेंट करने में आपको अपने लक्ष्यों से भी समझौता करना पड़ सकता है।

मिड-फील्डर को करें मजबूत

मिड फील्डर मैच का रुख पलटने का दम रखते हैं। वे अटैक भी कर लेते हैं इसके अलावा साथ ही बेहतर डिफेंस भी करें। मैच की परिस्थितियों के अनुसार बनाकर परफॉर्म करते हैं।

डिफेंस को करें मजबूत

बता दें कि, फुटबॉल में डिफेंडर का बॉल को रोकना होता है। वह बॉल को पास होने से रोकते हैं। जिससे नुकसान होने से बच सकते हैं।इसके साथ ही, गोल करने की भी अप्रोच रखें। क्योंकि सच यही है कि विजेता का फैसला मैच में होने वाले गोल से ही होता है। जिस तरह गेम में 45 मिनट के बाद मिलने वाले ब्रेक के दौरान टीम को रिफ्रेश होने और नए सिरे से रणनीति बनाने का मौका मिलता है। वहीं इन्वेस्टमेंट में रेफरी की तरह भी होना चाहिए। इसलिए मैच में रेफरी एक न्यूट्रल अधिकारी होता है। वह नियमों को लागू करता है और जहां खिलाड़ी गलती करते हैं, उन्हें सजा देता है।

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Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

SIP Mutual Fund: Article Body- Systematic Investment Plan (SIP) Investment: SIP के तहत, आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं.

Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है.

Systematic Investment Plan (SIP): इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है. इसमें आप या तो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) चुन सकते हैं. SIP में आप नियमित अंतराल में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं. पहली बार निवेश करने वालों के लिए SIP सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें आप कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं.

पहली बार निवेश करने वाले निवेशक अक्सर म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम जमा करने से हिचकिचाते हैं, लेकिन SIP में निवेश के लिए बड़ी राशि की जरूरत नहीं होती है, आप 500 रुपये से कम से एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं. अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करके अपने निवेश की सावधानीपूर्वक योजना बनाएं. पहली इन्वेस्टमेंट प्लान बार SIP में निवेश करते समय इन पांच बातों का ध्यान जरूर रखें.

अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स को पहचानें

अपना निवेश शुरू करने के लिए आपके पास शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह का लक्ष्य होना चाहिए. एसआईपी शुरू करने से पहले इस निवेश के जरिए हासिल किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट प्लान लक्ष्य को समझना जरूरी है. यह आसान कदम आपको यह तय करने में मदद करेगा कि आप कितनी राशि कितने समय तक के लिए निवेश करना चाहते हैं. आपके पास अलग-अलग वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं जैसे कि कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चे की शिक्षा, शादी आदि. इसलिए एक SIP आपके सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है. फाइनेंशियल गोल्स की संख्या के आधार पर आप इनमें से प्रत्येक लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई एसआईपी में निवेश कर सकते हैं.

महंगाई के आधार पर करें निवेश

निवेश के जरूरी नियमों में से एक निवेश करते समय महंगाई को ध्यान में रखना है. एसआईपी चुनते समय आपको मौजूदा और भविष्य की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना चाहिए. हो सकता है कि आप अभी निवेश कर रहे हों, लेकिन आपके भविष्य के लक्ष्य बदल सकते हैं और आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक राशि की जरूरत पड़ सकती है. यह अक्सर देखा जाता है कि लोगों को कई निवेशों के बावजूद पैसे कम पड़ जाते हैं क्योंकि वे इन्वेस्टमेंट प्लान मुद्रास्फीति को ध्यान में नहीं रखते. यह सलाह दी जाती है कि निवेश अवधि में अनुमानित मुद्रास्फीति को देखते हुए आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के इन्वेस्टमेंट प्लान लिए फंड तय करना चाहिए और उसी के अनुसार एसआईपी राशि तय करनी चाहिए.

सावधानी से चुनें इन्वेस्टमेंट स्कीम

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बाजार विकल्पों से भरा है. आप इक्विटी फंड, डेट फंड या हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं. जोखिम लेने की क्षमता, रिटर्न की उम्मीदों और आपके वित्तीय लक्ष्य के आधार पर म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपकी जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है और आप उच्च रिटर्न की उम्मीद करते हैं और लंबी अवधि के निवेश करना चाहते हैं, तो आप इक्विटी एसेट क्लास का विकल्प चुन सकते हैं. कम जोखिम वाले निवेशक डेट फंड में निवेश कर सकते हैं. औसत रिटर्न की तलाश में मध्यम जोखिम लेने वाले निवेशक हाइब्रिड फंड का विकल्प चुन सकते हैं.

डायवर्सिफिकेशन जरूरी

अपने निवेश में विविधता लाना एक अच्छी निवेश रणनीति है. जैसा कि पहले भी कहा गया है कि आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और रिटर्न की उम्मीदों के अनुसार निवेश करना चाहिए. उम्र, वित्तीय जिम्मेदारियां, निवेश की अवधि, आय, देनदारी जैसी चीजें निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. डायवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. डायवर्सिफिकेशन के लिए, आपको अलग-अलग एसेट क्लास, स्कीम और म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश करना चाहिए.

SIP इन्वेस्टमेंट को चेक करते रहें

निवेश का मतलब यह नहीं है कि आप अपना पैसा कुछ प्रोडक्ट्स में लगा दें और इसे भूल जाएं. आपको नियमित अंतराल पर अपने निवेश प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए. कई बार आपका निवेश उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करता है. यह गलत स्कीम या मार्केट में नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण हो सकता है. अगर आप नियमित रूप से अपने फंड के प्रदर्शन को चेक कर रहे हैं, तो उम्मीद के मुताबिक रिटर्न हासिल करने के लिए आप जरूरी कदम उठा सकते हैं. आप खराब प्रदर्शन करने वाली स्कीम को हटा सकते हैं और निवेश को किसी अन्य फंड में स्विच कर सकते हैं. जितना अधिक समय तक आप एसआईपी के माध्यम से निवेश करते हैं, उतना ही अधिक रिटर्न अर्जित करने की संभावना बेहतर होती है.

Gold Investment: गोल्ड में निवेश करने का है प्लान तो इन बातों का रखें ध्यान, कमाएंगे मोटा मुनाफा

Investment in Gold: सोना (Gold) सस्ता होने पर सोने की चूड़़ियां, हार या दूसरे गहने (Gold Ornaments) खरीद लेना पहले अच्छा विकल्प माना जाता था। लेकिन तब लोगों के पास निवेश के बहुत विकल्प (Investment Options) नहीं थे। मौजूदा समय की बात करें तो अब निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं। ईटीएफ (ETF) के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है।

Investment in Gold

म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू की जा सकती है

गोल्ड SIP के माध्यम से भी इनवेस्टमेंट कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू की जा सकती है। इससे 500 रुपये की रकम से भी सोने में लंबे समय के लिए निवेश किया जा सकता है। SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है। गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें कई कंपनियां गोल्ड फंड ऑफ फंड्स जारी करती हैं, जिनमें आप SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं।

ये भी देखें

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करें
आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) में भी निवेश कर सकते हैं। केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड इन्वेस्टमेंट प्लान बॉन्ड जारी करती रहती है। अगर आप इस दिवाली गोल्ड में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इसमें निवेश करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल निश्चित ब्याज भी मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपके खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता।

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5 साल की अवधि के 10 बेस्ट इनवेस्टमेंट प्लान, छोटी बचत पर भी पा सकते हैं 10-12% तक रिटर्न

Best Investment Plan: 5 साल की अवधि में निवेश के लिए कई ऐसी स्कीम हैं जिनमें कम पैसे जमा कर भी आप 10-12 फीसदी तक रिटर्न पा सकते हैं. इनमें लार्ज कैप म्यूचुअल फंड और ईएलएसएस म्यूचुअल फंड टॉप पर हैं. पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम भी अच्छा रिटर्न देती है.

5 साल की अवधि के 10 बेस्ट इनवेस्टमेंट प्लान, छोटी बचत पर भी पा सकते हैं 10-12% तक रिटर्न

आज हम बात करेंगे 5 साल के 10 सबसे अच्छे इनवेस्टमेंट प्लान (Best investment plan) के बारे में जो छोटी बचत पर भी अच्छा रिटर्न देते हैं. 5 साल की अवधि में सबसे महत्वपूर्ण नाम लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स (large cap mutual fund) का है जिसमें जमाकर्ता को 10-12 परसेंट तक आसानी से रिटर्न मिल सकता है. इसके बाद नाम आता है ईएलएसएस म्यूचुअल फंड्स (ELSS mutual fund) का जो लार्ज कैप फंड्स की तरह ही 10-12 परसेंट या 10-15 परसेंट तक रिटर्न दे सकता है. तेजी से बढ़ती महंगाई दर को मात देने के लिए इस तरह के फंड में निवेश किया जा सकता है.

आइए सबसे पहले जानते हैं उन बेस्ट इनवेस्टमेंट प्लान (best investment plan) के बारे में जिनमें 5 साल के निवेश पर अच्छा-खासा रिटर्न लिया जा सकता है. इन प्लान में लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स, ईएलएसएस फंड्स, आर्बिट्रेज फंड्स, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान, डायनेमिक बॉन्ड फंड्स. इनकम फंड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड, टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit), पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post Office Time Deposit), पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income scheme) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के नाम हैं.

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड का फायदा

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड या Large Cap Mutual fund बाजार से जुड़ी हुई स्कीम है जिसमें जोखिम की पूरी संभावना होती है. लेकिन इसमें औसतन 10-12 परसेंट रिटर्न मिलता रहा है. दूसरे नंबर पर ELSS Mutual Funds का नाम है जो मार्केट लिंक्ड और इसमें भी 10-12 फीसदी या 15 परसेंट तक का भी रिटर्न लिया जा सकता है. आर्बिट्रेज फंड में 4-5 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. वही फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में अपने निवेश पर 8-9 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. डायनेमिक बॉन्ड फंड की जहां तक बात है तो इसमें 7 परसेंट तक का रिटर्न पाया जा सकता है. ये सभी प्लान 5 साल की अवधि में आपकी बचत पर इतना रिटर्न देने का दावा करते हैं.

इनकम फंड में 6-7 परसेंट रिटर्न

इनकम फंड में फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है. Income fund में औसतन 6-7 फीसदी का रिटर्न पाया जा सकता है. इसी तरह कोई व्यक्ति अगर कॉरपोरेट बॉन्ड फंड (Corporate इन्वेस्टमेंट प्लान bond Fund) में निवेश करे तो उसे 5.5-7.5 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है. टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में 5-6 फीसदी का लाभ मिलता दिखता है. इसके बाद बात करें रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring deposit) की तो उसमें 3.5-5 फीसदी तक ब्याज मिल सकता है. छोटी बचत की योजनाओं में रेकरिंग डिपॉजिट का बहुत नाम है.

पोस्ट ऑफिस की कई सेविंग स्कीम जमाकर्ताओं को सुरक्षा के साथ अच्छा ब्याज देती रही हैं. इसमें पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post Office Time) में 5.5-6.7 परसेंट तक ब्याज मिलता है. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post office Monthly income Scheme) में जमाकर्ता को 6.60 फीसदी ब्याज मिलता है. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या NSC में 6.80 फीसदी तक का ब्याज पा सकते हैं.

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