रिलायंस इंडस्ट्रीज लि.

समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड संगठित बिक्री - Rs 236377.00 करोड़ है, 4.89 % ऊपर, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 225360.00 करोड़ से, और 32.55 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 178328.00 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs 15587.00 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|

Cryptocurrency: Bitcoin और Ethereum से आगे निकली यह क्रिप्टोकरेंसी, मात्र 7 दिनों में 320 फीसदी तक आई तेजी

Cryptocurrency: बिटकॉइन के दबदबे को भी काफी कम कर दिया है। कुल क्रिप्टो मार्केट कैप में अब इसकी हिस्सेदारी 45 फीसदी तक ही रह गई है। अगर हम मनी फ्लो इंडेक्स की ओर ध्यान दें तो पता चलेगा कि टॉप ऑल्टकॉइन्स में वॉल्यूम और मनी फ्लो में तेजी दर्ज की जा रही है। यही वजह है कि इन छोटी ऑल्टकॉइन्स में ग्रोथ की संभावना भी बढ़ गई है।

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नई दिल्ल। देश-दुनिया में तेजी से जगह मना चुके क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में तेजी आई है। Bitcoin और Ethereum जैसी डिजिटल करेंसी में अच्छी खासी तेजी देखी जा रही है। लेकिन ऑल्टरनेटिव कॉइन्स पिछले हफ्ते में दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय किप्टोकरेंसी बिटकॉइन और ईथऱ से कहीं बेहतर दिख मनी फ्लो इंडेक्स रहा है। ऑटोमेटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Mudrex के सीईओ और कोफाउंडर एदुल पटेल का कहना है कि मनी फ्लो इंडेक्स ऑल्टकॉइन्स में तेजी देखी जा रही है, जिसने बिटकॉइन के दबदबे को भी काफी कम कर मनी फ्लो इंडेक्स दिया है। कुल क्रिप्टो मार्केट कैप में अब इसकी हिस्सेदारी 45 फीसदी तक ही रह गई है। अगर हम मनी फ्लो इंडेक्स की ओर ध्यान दें तो पता चलेगा कि टॉप ऑल्टकॉइन्स में वॉल्यूम मनी फ्लो इंडेक्स और मनी फ्लो में तेजी दर्ज की जा रही है। यही वजह है कि इन छोटी ऑल्टकॉइन्स मनी फ्लो इंडेक्स में ग्रोथ की संभावना भी बढ़ गई है।

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चंद दिनों में 320 फीसदी की तेजी

लंदन हार्ड वर्क अपडेट के बाद बिटकॉइन और ईथर जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसीज में एक हफ्ते में 9 से 12 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई है।तो वहीं IoTeX जैसी ऑल्टकॉइन्स में भी 7 दिन के अंदर 320 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी आई है। Revain और Terra में 78 फीसदी और 62 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। Solana, Axie Infinity, Cadano, XRP और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में 40 से 65 फीसदी तक तेजी आई।

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इस पर CoinSwitch Kuber के चीफ बिजनस ऑफिसर शरण नायर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज अभी शुरुआती दौर में है। वहीं नई कॉइन्स के लिए भी काफी संभावनाएं हैं। ज्यादातर निवेशक नई कॉइन्स की तलाश में हैं। उनका मानना है कि ये इकोसिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी और यही वजह है कि वे शुरुआती दौर में ही इनमें निवेश करके मोटा रिटर्न पाना चाहते हैं।

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छोटी करेंसी से उम्मीद ज्यादा

वहीं छोटी करेंसी में निवेश कर रहे कुछ निवेशकों का कहना है कि बिटकॉइन और ईथर में अब ज्यादा कुछ नहीं बचा है। जिस वजह से कई ऑल्टकॉइन्स मार्केट कैप चार्ट में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वहीं ए़डॉप्शन से मांग मनी फ्लो इंडेक्स मनी फ्लो इंडेक्स बढ़ रही है। जिस वजह से कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।

अक्टूबर में घटी रिटेल महंगाई: सब्जियों और दालों के दाम कम होने से महंगाई दर घटकर 6.77% पर आई, सितंबर में 7.41% रही थी

अक्टूबर महीने में रिटेल महंगाई घटकर 6.77% पर आ गई है। सितंबर में ये 7.41% थी। वहीं एक साल पहले यानी अक्टूबर 2021 में ये 4.48% थी। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर के आंकड़े सोमवार (14 नवंबर) को जारी किए गए। लगातार 2 महीने बढ़ने के बाद CPI में यह गिरावट देखने को मिली। महंगाई 3 महीने के निचले स्तर पर भी आ गई है।

सब्जियों और दालों के दाम कम होने से महंगाई दर घटी
खाने-पीने का सामान खास तौर पर सब्जियों और दालों की कीमतों के घटने की वजह से महंगाई मनी फ्लो इंडेक्स घटी है। अक्टूबर महीने में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर सितंबर के 8.6% से घटकर 7.01% पर आ गई। जबकि सब्जियों की महंगाई सितंबर के 18.05% से घटकर 7.77% पर पहुंच गई है।

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

RBI कैसे कंट्रोल करती है महंगाई?
महंगाई कम करने के लिए बाजार में पैसों के बहाव (लिक्विडिटी) को कम किया जाता है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट बढ़ाता है। बढ़ती महंगाई से चिंतित RBI ने हाल ही में रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया है। इससे रेपो रेट 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गया है।

CPI क्या होता है?
दुनियाभर की कई इकोनॉमी महंगाई को मापने के लिए WPI (Wholesale Price Index) को अपना आधार मानती हैं। भारत में ऐसा नहीं होता। हमारे देश में WPI के साथ ही CPI को भी महंगाई चेक करने का स्केल माना जाता है।

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक और क्रेडिट से जुड़ी नीतियां तय करने के लिए थोक मूल्यों को नहीं, बल्कि खुदरा महंगाई दर को मुख्य मानक (मेन स्टैंडर्ड) मानता है। अर्थव्यवस्था के स्वभाव में WPI और CPI एक-दूसरे पर असर डालते हैं। इस तरह WPI बढ़ेगा, तो CPI भी बढ़ेगा।

रिटेल महंगाई की दर कैसे तय होती है?
कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 299 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।

महंगाई कंट्रोल करने के टूल

1. मॉनेटरी पॉलिसी
सेंट्रोल बैंक के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई घटती है।

2. इनकम टैक्स में बढ़ोतरी
महंगाई को को कम करने के लिए, सरकार करों (जैसे आयकर और GST) को बढ़ा सकती है और खर्च में कटौती कर सकती है। इससे सरकार की बजट स्थिति में सुधार होता है और अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है।

3. फिक्स्ड एक्सचेंज रेट मैकेनिज्म
एक देश निश्चित विनिमय दर तंत्र में शामिल होकर महंगाई को कम रखने की कोशिश कर सकता है। तर्क यह है कि यदि किसी करेंसी का मूल्य निश्चित (या सेमी-फिक्स्ड) है तो यह महंगाई को कम रखने में मदद करता है।

हवा चली, एक्यूआई घटा

हवा चली, एक्यूआई घटा

आगरा। हवा के फ्लो में तेजी आने से पॉल्यूशन लेवल में गिरावट आई है। पिछले दिनों जहां एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पॉल्यूशन रेट लगातार 200 जा रहा था, वहीं आज हवा में पीएम 2.5 का लेवल 200 से कम रहा। सिटी में बुधवार को धूप नहीं खुली, लेकिन इसका कारण धुंध मनी फ्लो इंडेक्स नहीं बल्कि बादल थे। सिटी में जिन स्थानों पर धूल नहीं उड़ रही थी, वहां का मौसम खुशनुमा रहा। एनवॉयरमेंट एक्सपर्ट श्रवण का कहना है कि हवा चलने के कारण आज एयर पॉल्यूशन में कमी आई है। लेकिन एयरफ्लो कम होने की दशा में दोबारा एयर पॉल्यूशन बढ़ सकता है। एनवायरमेंट एक्टिविस्ट ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि पॉल्यूशन रेट कम जरूर हुआ है लेकिन ये स्टैंडर्ड के हिसाब से अभी भी ज्यादा है। इसे मेनटेन करने की जरुरत है। एयर में कार्बन सहित अन्य मनी फ्लो इंडेक्स टॉक्सिक एलीमेंट्स की तादाद अभी भी ज्यादा है। इसे कम करने के प्रयास लगातार करने होंगे। सिटी में रोजाना पानी का छिड़काव करने की जरूरत है।

घाटे में होने के बाद भी इस कंपनी में पैसे लगाकर निवेशक बन गए लखपति, ₹1.7 से बढ़कर ₹84.5 का हुआ शेयर

Multibagger Stock- कैलेंडर वर्ष 2021 स्मॉलकैप शेयरों का था, जिसमें बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने 62% का शानदार रिटर्न दिया। कई शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया और अपने निवेशकों को फायदा पहुंचाया। ऐसे ही एक.

घाटे में होने के बाद भी इस कंपनी में पैसे लगाकर निवेशक बन गए लखपति, ₹1.7 से बढ़कर ₹84.5 का हुआ शेयर

Multibagger Stock- कैलेंडर वर्ष 2021 स्मॉलकैप शेयरों का था, जिसमें बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने 62% का शानदार रिटर्न दिया। कई शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया और अपने निवेशकों को फायदा पहुंचाया। ऐसे ही एक स्मॉलकैप स्टॉक है, जिसने 2021 में शेयरधारकों को भारी रिटर्न दिया है। ये स्टॉक है कपड़ा निर्माता आदिनाथ टेक्सटाइल्स (textile manufacturer Adinath Textiles)। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में लगभग 5,000% की तेजी देखी गई।

निवेशकों के 1 लाख बन गए होते ₹48 लाख
लुधियाना स्थित आदिनाथ टेक्सटाइल्स ने पिछले एक साल में 4,840% का रिटर्न दिया है, जिसका शेयर 31 दिसंबर, 2021 को 84.50 रुपये तक उछल गया है। जो पिछले साल इसी दिन 1.7 रुपये पर था। इस लिहाज से पिछले साल के अंत में इस टेक्सटाइल स्टॉक में निवेश किया गया ₹1 लाख अब लगभग ₹48 लाख में बदल गया होता।

एक साल में तेजी से बढ़ा ये शेयर
31 दिसंबर, 2020 को ₹1.71 के 52-सप्ताह के निचले स्तर से, 29 सितंबर 2021 को ₹101.70 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान आदिनाथ टेक्सटाइल्स ने एक आश्चर्यजनक यात्रा की। पिछली छह तिमाहियों में कंपनी द्वारा शून्य बिक्री दर्ज करने के बावजूद यह रिकॉर्ड रैली है। कैलेंडर वर्ष 2021 मनी फ्लो इंडेक्स में, आदिनाथ टेक्सटाइल्स के शेयर की कीमत 4,841% बढ़ी, जबकि छह महीने की अवधि में यह 1,470% और पिछले एक महीने में 67% बढ़ी। हाई-बीटा स्टॉक ने पिछले आठ सत्रों के लिए एक निरंतर रैली देखी है और इस अवधि में 46.7% रिटर्न बढ़ा है। शुक्रवार को शेयर 4.97% की बढ़त के साथ खुला और ₹84.5 के ऊपरी सर्किट से टकराया। कंपनी का मार्किट कैप बढ़कर 57.58 करोड़ हो गया।

कंपनी की वित्तीय हालात
स्टॉक रिसर्च प्लेटफॉर्म मार्केट्स मोजो के मनी फ्लो इंडेक्स अनुसार, यह शेयर 5-दिन, 20-दिन, 50-दिन, 100-दिन और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से अधिक कारोबार कर रहा था। स्टॉक में निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि देखी गई है, जिसमें 5 दिन की औसत डिलीवरी वॉल्यूम के मुकाबले डिलीवरी वॉल्यूम 8.5% बढ़ गया है।
आदिनाथ टेक्सटाइल्स के शेयरों में तेजी उसके वित्तीय प्रदर्शन के अनुरूप नहीं थी। 30 सितंबर, 2021 को समाप्त दूसरी तिमाही के लिए, कंपनी ने शून्य बिक्री दर्ज की, जबकि कुल आय आधी से अधिक ₹18.33 लाख हो गई। कंपनी ने पिछली इसी अवधि में ₹3.56 लाख के शुद्ध लाभ की तुलना में ₹14.74 लाख का शुद्ध घाटा दर्ज किया। इसके अलावा, कंपनी ने पिछले कई वर्षों से कोई लाभांश घोषित नहीं किया है।

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