अतिरिक्त अनुदान (Excess Grants)

टेक्नोलॉजी पर खर्च में भारतीय SMBs सबसे आगे, रेवेन्यु का 10% करते हैं खर्च

Budget 2022: जानिए बजट में आने वाले तकनीकी शब्दों का अर्थ, समझें बेहद आसान शब्दों में

Budget 2022: बजट भाषण में कई ऐसे टेक्निकल और फाइनेंशियल टर्म का इस्तेमाल होता राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण है, जिन्हें आसान भाषा में समझे बिना बजट भाषण सिर के ऊपर से निकलने लगता है और कुछ समझ नहीं आता। इन टेक्निकल और फाइनेंशियल टर्म को जार्गन कहते हैं।

हम आज आपको बिल्कुल आसान भाषा में बजट अनुमान, संशोधित अनुमान, अतिरिक्त अनुदान, आउटकम बजट, सेंट्रल प्लान आउटले, जैसे अहम शब्सदों के अर्थ बताने जा रहे हैं। जिससे आपको बजट भाषण समझने में सहूलियत मिलेगी।

वित्त वर्ष (Financial year)

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वित्त वर्ष वह साल होता है राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण जो वित्तीय मामलों में हिसाब के लिए आधार होता है। इसे सरकार द्वारा बजट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि भी कहते हैं। व्यापार और अन्य संगठनों द्वारा वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

बजट अनुमान (Budget Estimates)

किसी वित्तीय वर्ष में सरकार का खर्च कितना होगा और उसे देश चलाने के लिए टैक्स के जरिये राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण कितना राजस्व प्राप्त होगा, इसके अनुमान को बजट अनुमान कहते हैं। इस राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण तरह के अनुमान में एक साल का राजकोषीय एवं राजस्व घाटा भी राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण शामिल होता है। साथ ही इसमें विभिन्न सेक्टर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और राष्ट्र निर्माण के लिए होने वाला खर्च भी शामिल होता है। यानी सरकार को देश चलाने के लिए कितनी आमदनी और उसका खर्च कितना होगा, इसका अंदाजा ही बजट अनुमान है।

सूचना का अधिकार

(iv) अपने कार्यों के निर्वहन के लिए उसके द्वारा निर्धारित मानदण्ड – विभाग भारत सरकार की नीतियों, निर्णयों एवं विनियमों का अनुपालन करता है। महत्वपूर्ण मदों के संबंध में विभाग द्वारा निर्धारित मानदण्ड आरएफडी 2014-15 में दर्शाए गए हैं। आरएफडी 2014-15 में राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण दर्शाए गए हैं।

(v) उसके द्वारा धारित या उसके नियंत्रणाधीन या अपने कार्यों के निर्वहन के लिए उसके कर्मचारियों द्वारा प्रयुक्त नियम, विनियम, अनुदेश, नियमावली और रिकार्डों में भारत सरकार की नीतियों, निर्णयों, नियमों एवं विनियमों का अनुपालन किया जाता है।

(vi) उसके द्वारा धारित या उसके नियंत्रणाधीन दस्तावेजों की श्रेणियों पर एक विवरण

(vii) अपनी नीतियां बनाने के संबंध में जनता के सदस्यों के परामर्श या प्रतिनिधित्व से या उसके कार्यान्वयन से मौजूदा किसी व्यवस्था का विवरण – विभागीय कार्यक्रमों को राज्य सरकारों के जरिए कार्यान्वित किया जाता है जिनके साथ समय-समय पर बैठकों/सम्मेलनों आदि में परामर्श किया जाता है।

अन्य जगहों की तुलना में भारत में प्रतिस्पर्धा की तीव्रता एक बड़ी चुनौती

एक तिहाई से अधिक SMB के लिए कोई भी एकल व्यावसायिक चुनौती आम नहीं है. प्रतिस्पर्धा की तीव्रता और आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे सबसे आम हैं. भारत में SMB द्वारा, प्रतिस्पर्धा की तीव्रता को एक बड़ी बाधा (35%) के रूप में देखने की सबसे अधिक संभावना है. ग्राहक वफादारी, नकदी प्रवाह, क्लाउड माइग्रेशन और नियम, लगभग एक चौथाई SMB के लिए समान रूप से चुनौतीपूर्ण हैं.

स्टडी में कहा गया राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण कि प्रबंधित सेवा प्रदाता (एमएसपी) और क्लाउड सेवा प्रदाता (सीएसपी), SMB के एक तिहाई के लिए सबसे पसंदीदा टेक्नोलॉजी पार्टनर हैं. महामारी के प्रभाव के कारण एसएमबी, प्रबंधित आईटी सेवाओं और क्लाउड समाधानों में निवेश करने के लिए अधिक इच्छुक हैं. SMB सक्रिय रूप से सलाहकार और मार्गदर्शन क्षमताओं वाले भागीदारों की तलाश कर रहे हैं, जैसे कि प्रबंधित सेवा प्रदाता (एमएसपी) या क्लाउड सेवा प्रदाता (सीएसपी) और सिस्टम इंटीग्रेटर्स (एसआई).

CSR/ESG लक्ष्यों की एक विस्तृत श्रृंखला को महत्व

भारत में SMB (45%), बाकी बाजारों में एसएमबी (37%) की तुलना में पर्यावरणीय स्थिरता में सबसे ज्यादा सुधार चाहते हैं. SMB के आधे हिस्से ने सामाजिक लक्ष्यों को प्राथमिक व्यावसायिक उद्देश्यों के रूप में मान्यता दी, जिसमें स्थायी व्यवसाय प्रैक्टिसेज और विविधता व समावेश शामिल हैं. एक तिहाई SMB, कर्मचारियों का उच्च रिटेंशन सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारी संतुष्टि बढ़ाना चाहते हैं और समुदाय में लोगों के जीवन में सुधार करना चाहते हैं. जबकि अन्य एक तिहाई, अपने ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाले साइबर-सुरक्षा समाधानों के साथ अपनी क्षमता में सुधार करना चाहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जिम्मेदार व्यवसायों के रूप में कार्य कर रहे हैं.

एसएमबी अर्थव्यवस्था की आधारशिला और महत्वपूर्ण रोजगार सृजनकर्ता हैं, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30% का योगदान करते हैं. ये देश में 11.4 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं. Microsoft अपने निरंतर निवेश और प्रतिबद्धताओं के माध्यम से SMBs को सशक्त बनाने के राजस्व और तकनीकी दृष्टिकोण लिए प्रतिबद्ध है.

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लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड

लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के सांविधिक अधिदेश और संवैधानिक ढाँचे के भीतर लेखापरीक्षा दृष्टिकोण और तकनीकों से संबंधित सुझावों के साथ-साथ लेखापरीक्षा कवरेज, कार्यक्षेत्र और प्राथमिकता सहित लेखापरीक्षा से संबंधित मामलों पर सलाह देता है। लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य मानद क्षमता में कार्य करेंगे।

2. भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को दो वर्षों की अवधि के लिए 10वें लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड का गठन करके प्रसन्नता हुई। 10वें लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड का गठन इस प्रकार है

लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड- गठन

  • श्री गिरीश चंद्र मुर्मू,
    भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
  • श्री अशोक गुलाटी, कृषि अर्थशास्त्री
  • डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी, अध्यक्ष एवं कार्यकारी निदेशक, नारायणा हेल्थ
  • श्री एच. के. दास, सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी
  • श्री मकरंद आर परांजपे, विद्याविद
  • श्री मनीष सभरवाल, अध्यक्ष, टीमलीज सर्विसेज
  • श्री मारूफ रज़ा, सेवानिवृत भारतीय सेना अधिकारी
  • श्री नितिन देसाई, विशिष्ट अध्येता, टेरी
  • डॉ. रवीन्द्र एच. ढोलकिया, अर्थशास्त्री
  • श्री सुरेश एन पटेल, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त
  • श्री एस. एम. विजयानंद, सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी

आंतरिक सदस्य (पदेन)

  • सुश्री परवीन मेहता, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (मानव संसाधन एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
  • श्री के आर श्रीराम, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (केंद्रीय राजस्व लेखापरीक्षा) और मुख्य तकनीकी अधिकारी
  • श्री आर जी विश्वनाथन, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (समन्वय, वाणिज्यिक एवं एल.बी.)
  • सुश्री डॉली चक्रवर्ती, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (रेलवे)
  • श्री सरित जाफा, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (रक्षा)
  • सुश्री संगीता चौरे, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (वित्त एवं संचार)
  • सुश्री अदिति रॉय चौधरी, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (रिपोर्ट स्टेट्स - उत्तरी क्षेत्र)
  • श्री राकेश मोहन, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (रिपोर्ट केन्द्रीय)
  • श्री केसवन श्रीनिवासन, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सरकारी लेखा) एवं अध्यक्ष (गसब)
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