Mutual Funds: छोटी अवधि की योजनाओं में निवेश लाभकारी
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड में उप मुख्य निवेश अधिकारी (फिक्स्ड इनकम) मनीष बंठिया ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में बताया कि आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति लक्ष्य 4 से बढ़ाकर 6 प्रतिशत किए जाने से लंबी अवधि के फंडों का प्रतिफल ज्यादा आकर्षक नहीं रह गया है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि मौजूदा समय में निवेशकों को डायनेमिक बॉन्ड फंडों, क्रेडिट-रिस्क फंडों, और टार्गेट मैच्युरिटी फंडों (टीएमएफ) को क्यों पसंद करना चाहिए। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आप मानते हैं कि मुद्रास्फीति में नरमी आने से आरबीआई दर वृद्धि पर विराम लगाएगा?
हमारा मानना है कि आरबीआई अन्य 25 आधार अंक तक की वृद्धि के बाद ब्याज दर बढ़ोतरी पर विराम लगाएगा। यह उम्मीद इस तथ्य निवेशकों को क्या करना चाहिए से पैदा हुई है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दर के तटस्थ दायरे के करीब है।
क्या तीन से पांच साल के लिहाज से डेट फंड श्रेणी अच्छी है?
मौजूदा परिवेश में हम कम अवधि वाली योजनाओं में निवेश पसंद कर रहे हैं। तीन से पांच साल के नजरिये से हम डायनेमिक बॉन्ड और ऊंची यील्ड-टु-मैच्युरिटी (वाईटीएम) वाली क्रेडिट कैटेगरी पेशकशों को पसंद कर रहे हैं।
क्या प्रतिफल के लिहाज से बाजार आकर्षक हैं?
एक से दो वर्ष की अवधि निवेश परिदृश्य के नजरिये से ज्यादा आकर्षक है। आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति का लक्ष्य 4 से 6 प्रतिशत किए जाने से 10 वर्षीय बॉन्ड सिर्फ 8 प्रतिशत या इससे ऊपर ही आकर्षक माना जाएगा। इसके अलावा, 6 प्रतिशत की औसत मुद्रास्फीति के साथ, हमें नहीं लगता कि दरें आर्थिक मंदी बढ़ाने के लिए बाधक हैं। अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार आने की संभावना है और संपूर्ण मौद्रिक नीति विकास अनुकूल होगी। इसलिए, पोर्टफोलियो में समय निवेशकों को क्या करना चाहिए अवधि बढ़ाना मौजूदा परिवेश में उचित नहीं हो सकता है।
क्या आप मानते हैं कि निवेशक डेट फंडों की ओर लौट रहे हैं और प्रवाह गैर-नकदी योजनाओं में सकारात्मक हो रहा है?
कम ब्याज दरों का समय बीत चुका है। चूंकि दर चक्र तटस्थ हो रहा है, इसलिए हमारा नजरिया परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर निर्धारित आय को लेकर बेहद सकारात्मक हो गया है। सभी श्रेणियों में पोर्टफोलियो वाईटीएम अब बेहद आकर्षक है। हमें उम्मीद है कि डेट फंडों के लिए निवेशक दिलचस्पी में बदलाव आएगा। मूल्यांकन के मानकों पर, निर्धारित आय वर्ग अन्य विकल्पों की तुलना में आकर्षक लग रहा है।
मनी मार्केट फंडों जैसे संक्षिप्त अवधि के फंडों का वाईटीएम पिछले कुछ समय से लगभग 7 प्रतिशत है। यह कितने समय तक बना रहेगा?
दरें मजबूत रहने की संभावना है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया है और विकास की संभावना मजबूत बनी हुई है। हमारा मानना है कि आरबीआई दर वृद्धि पूरी हो जाने के बाद लंबे समय तक दरों पर विराम लगाएगा। इसके लिए उस बदलाव को मददगार माना जा रहा है जिससे भारत मौजूदा समय निवेशकों को क्या करना चाहिए में गुजर रहा है।
इस साल टार्गेट मैच्युरिटी में कई पेशकश की गईं। फंड हाउस इज्यादा पसंद क्यों कर रहे हैं?
टीएमएफ बेहद आसानी से समझी जाने वाली योजनाएं हैं और जोखिम और प्रतिफल को समझने का स्पष्ट प्रोफाइल होता है। कुछ पारंपरिक गैर-एमएफ निर्धारित आय विकल्पों के मुकाबले टीएमएफ बेहतर हैं। यदि इनमें तीन साल से ज्यादा समय तक निवेश बरकरार रखा जाए तो निवेशकों को इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है, जिससे कर-बाद प्रतिफल बढ़ जाता है और खासकर ऊंचे कर दायरे में आने वालों को मदद मिलती है।
SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने के फायदे और नुकसान से जुड़ी 12 बड़ी बातें
नई दिल्ली. एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी आसान होता है। यह मंथली बचत होती है जो आप हर महीने करते हैं। SIP के जरिए म्यूचुअल फंड पर पैसे लगाने को लेकर लोगों के मन में इससे जुड़ी कुछ निवेशकों को क्या करना चाहिए गलतफहमियां हैं। एसआईपी से जुड़ी बारीकियों के बारे में कुछ सवाल-जवाब के जरिए बता रहे हैं रेलिगर ब्रोकिंग लिमिटेड भोपाल के डिप्टी मैनेजर जितेंद्र सोनी:
SIP एक निवेश है ?
जवाब - लोग SIP में निवेश करने की सलाह देते हैं। आपको बता दें कि SIP अपने आप में निवेश नहीं है। यह केवल निवेश की विधि है। वास्तविक निवेश म्यूचुअल फंड योजना है। जिसमें आप हर माह एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि SIP में दो अलग- अलग फंड होते हैं। एक SIP और दूसरा म्यूचुअल फंड के लिए, जबकि ऐसा नहीं है।
लंबे समय वाला SIP निवेश फायदे का सौदा होता है ?
जवाब - लंबे समय वाला SIP के म्यूचुअल फंड फायदे का सौदा माना जाता है। क्योंकि इसमें शेयर मार्केट के निचले स्तर और सबसे ऊंचे शेयर का एक औसत रिटर्न बनता है जो लगभग सभी घाटे की भरपाई कर देता है। इसके बाद आपको अच्छा रिटर्न मिल जाता है।
क्या SIP निवेश का सबसे अच्छा तरीका है ?
जवाब - इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका तो नहीं कहा जा सकता। यह नियमित आय वाले लोगों के लिए निवेश का अच्छा तरीका हो सकता है जैसे वेतनभोगी और छोटे कारोबारी जिनकी आय महीने में तय है।
SIP में फंड का चयन कितना महत्वपूर्ण है ?
जवाब - एसआईपी में निवेश करते समय फंड का ध्यान देना होता है। अगर निवेशक 500 रुपए माह निवेश करना चाहता है तो यह बहुत कम राशि होगी। इसमें मिलने वाले रिटर्न भी संतोषजनक नहीं लगता। इसलिए कम से कम 2000 रुपए माह निवेश करना चाहिए।
SIP के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए ?
जवाब - इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का SIP अच्छा तरीका है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में रिस्क भी ज्यादा होता है, लेकिन यहां लाभ की संभावना भी उसी औसत में बढ़ जाती है।
SIP में पैसा कब लगाना चाहिए ?
जवाब - एसआईपी निवेश का एक तरीका है। बाजार का स्तर कुछ भी हो आप इसको जारी रख सकते हैं। अगर मंदी का दौर है उस समय SIP में पैसे लगा रहे हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
डेली SIP में पैसा लगाना सही है या मंथली ?
जवाब - SIP में जरिए म्यूचुअल फंड्स में डेली, मंथली, क्वाटरली निवेश करने का ऑप्शन है। पिछले कुछ वर्षों में जो फैक्ट्स सामने आए हैं उससे पता चलता है कि मंथली SIP के जरिए इन्वेस्ट करना अधिक अच्छा है।
SIP में किस समय पैसा लगाएं कि लाभ अधिक मिले ?
जवाब - किस तारीख में एसआईपी तिथि में पैसा लगाना है, यह कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है। आप अपनी वेतन तिथि के करीब निवेश कर सकते हैं। ऐसे समय में पैसे देने में आपको आसानी होगी।
क्या SIP को बीच में छोड़ सकते हैं, किसी जमा नहीं किया तो क्या होगा ?
जवाब - कानूनी तौर पर फंड देकर SIP को पूरा करना होता है, लेकिन आप चाहें तो कंपनी को लिखित पत्र देकर बीच में रोक सकते हैं। किसी महीने जमा नहीं किया तो अगले महीने से SIP जाएगी। अगर SIP की डेट पर आपके खाते में उपयुक्त बैंलेस नहीं है तो बैंक चार्ज काट लेगी।
पहले से चल रहे SIP में एकमुश्त राशि निवेश कर सकता हूं क्या ?
जवाब - शेयर बाजार के नीचे होने पर एसआईपी निवेश के लाभ को ऊपर उठाने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। आप एकमुश्त निवेश के लिए एक ही एसआईपी फोलिओ नंबर का उपयोग कर सकते हैं।
इनकम टैक्स में लाभ लेने के लिए SIP कर सकते हैं ?
जवाब - SIP में निवेश की गई राशि पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। इसमें आप सालाना एक लाख की राशि पर छूट पा सकते हैं।
क्या मैं SIP से 3 साल बाद पैसा निकाल सकता हूं ?
जवाब - ईएलएसएस फंड या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में 3 साल के लिए लॉक-इन है। जब आप ईएलएसएस में एसआईपी करते हैं, तो प्रत्येक किस्त निवेशकों को क्या करना चाहिए को 3 साल तक बंद कर दिया जाना चाहिए।
क्या SIP छोटे निवेशकों के लिए है ?
जवाब - ज्यादातर लोग सोचते हैं कि एसआईपी छोटे निवेशकों के लिए है, यह सच नहीं है। अधिकांश म्यूचुअल फंड एसआईपी किश्त के लिए ऊपरी सीमा नहीं रखते हैं। इसलिए यदि आप चाहते हैं तो 5 या 10 लाख रुपये का मासिक एसआईपी शुरू कर सकते हैं। एसआईपी किस्त के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह के बीच बदलती है।
Stock Market में बड़ी गिरावट निवेशकों के लिए मौका, इन म्यूचलफंड में लगाएं पैसा
स्टॉक मार्केट (Stock Market) की गिरावट ने साल के अंत में निवेशकों को बड़ा नुकसान कराया है. बीते एक सप्ताह में इंवेस्टर्स को करीब 19 लाख करोड़ का निवेशकों को क्या करना चाहिए नुकसान हुआ है. ट्रेडर से लेकर इन्वेस्टर्स हर वर्ग को इसका भारी नुकसान हुआ है. उनकी दौलत इस गिरावट के कारण घट गई है. म्यूचुअल फंड और एसआईपी (Mutual Fund & SIP) की सहायता से निवेश करने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी बड़ी चोट लगी है. इसके जानकारों का कहना है कि मौजूदा मंदी का लंबी अवधि के म्यूचुअल निवेशकों को क्या करना चाहिए फंड एसआईपी निवेशकों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा. अब निवेशकों के लिए मौके की तलाश है.
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक म्यूचुअल फंड की मदद से शेयर बाजार में कई अवसर तलाश रहे हैं. बाजार में आई इस गिरावट का निवेशक लाभ उठा सकते हैं. इंस्टवेस्टर के लिए यह बेहतरीन अवसर हैं. ये कई तरह के फंड्स के जरिए इन्वेस्टमेंट की सलाह दे रहे हैं.
इस म्यूचुअल फंड में करें निवेश
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि वे नए निवेशक जो बाजार के बढ़ने का इंतजार कर रहे थे, उनके पास हाईब्रिड रूट या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की मदद से निवेश करने का बेहतर मौका है. हाइब्रिड फंड बाजार को समय प्रदान करने की कोशिश करते हैं. नए-नए निवेशकों को एक बार में पैसा लगाने से बचना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को हिदायत दी जाती है कि हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में पैसे को 6-12 हिस्सों में बांटकर निवेश करना चाहिए.
एक रिपोर्ट के अनुसार, नए निवेशकों का कहना है कि गिरते बाजार में नए निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड सही साबित हो सकता है? उनका कहना है कि लोगों को अब लंबी अवधि के निवेश को लेकर तैयार रहना चाहिए. इसके लिए हाइब्रिड फंड सबसे अच्छा है.
लंबी अवधि में बनेगा पैसा
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड को चुनना चाहिए. इसके साथ एसआईपी निवेशकों को अपने निवेश को जारी रखने की आवश्यकता है. यह मध्यम से लंबी दूरी के लिए लक्ष्य को पूरा करने का बेहतर मौका है. हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों में निवेश की सलाह दी जाती है. नए निवेशक के लिए बेहतर मौका है.
कोरोना के डर से दहला शेयर बाजार: क्रिसमस से पहले निवेशकों को ₹15.37 लाख करोड़ का नुकसान
बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया।
Stock Market Crash 23 Dec 2022: चीन निवेशकों को क्या करना चाहिए समेत कुछ देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और बड़े नुकसान के साथ बंद हुए। दोनों प्रमुख इंडेक्स में बड़ी गिरावट रही।
आज 1000 अंक के करीब गिरा सेंसेक्स
बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया। कारोबार निवेशकों को क्या करना चाहिए के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ।
गिरते बाजार में बिखर गए अडानी ग्रुप के शेयर: निवेशकों के डूब गए ₹1.7 लाख करोड़
मार्केट कैप पर असर
चार दिन की गिरावट की वजह से बीएसई का मार्केट कैपिटल लगातार कम हो रहा है। सोमवार 19 दिसंबर को मार्केट कैप 287.90 लाख करोड़ रुपये था जो अब 272.53 लाख करोड़ पर आ गया है। इस लिहाज से निवेशकों को 15.37 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
टाटा ग्रुप समेत दिग्गज शेयर धड़ाम
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी के शेयर भी खासे नुकसान में रहे।
ग्लोबल मार्केट में कोरोना का खतरा
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है।'' अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों ने भी बेचे शेयर
बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
ये फैक्टर भी जिम्मेदार
एक्सपर्ट रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरा को भी गुरुवार को बाजार की गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
Cryptocurrency : जब मार्केट गिर रहा हो तो स्मार्ट निवेशकों को क्या करना चाहिए?
Cryptocurrency Investments: बाजार में वॉलेटिलिटी के वक्त फुलप्रूफ फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर क्रिप्टो निवेशकों के मुश्किल और बढ़ जाती है. लेकिन अगर बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा.
Cryptocurrency बाजार में उतार-चढ़ाव बहुत तेजी से आते-जाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
किसी भी बाजार की तरह क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी उतार-चढ़ाव (highly volatile cryptocurrency) होता है, हां इस बाजार में उतार-चढ़ाव कुछ ज्यादा ही होता है, खैर. जो लोग भी शेयर बाजार की शब्दावली से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि बाजार में उतार-चढ़ाव को बुल (Bull) और बेयर (Bear) मार्केट कहा जाता है. बाजार में वॉलेटिलिटी साल में कभी भी रह सकती है, ऐसे वक्त में फुलप्रूफ सुरक्षित फैसले लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आप क्रिप्टो निवेशक हैं, तो आपके लिए मुश्किल और बढ़ जाती है.
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चूंकि क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा वॉलेटाइल होता है, ऐसे में हम अभी यह नहीं कह सकते हैं कि हम बेयर मार्केट में हैं या बेयर मार्केट से बाहर निकल रहे हैं. सामान्यतया, गिरावट में चल रहे बाजार को बेयर मार्केट तब कहते हैं, जब स्टॉक/कमोडिटी की कीमतें उनकी पिछली ऊंचाई से 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाती हैं, शेयरों पर निगेटिव रिटर्न मिलने लगते हैं.
अगर क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो साल 2021 बहुत ही अप्रत्याशित रहा है. अगर बिटकॉइन और इथीरियम को ही देखें तो साल शुरू होने के बाद एक दो महीनों में इनकी कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई. लेकिन फिर मई के बाद से इनकी कीमतें 30 फीसदी घट गई हैं. लेकिन, पिछले कुछ हफ्तों में इनमें तेजी दिखी है.
हालांकि, ये तो है कि अगर आप बेयर मार्केट में भी सही चाल चलें तो आगे चलकर आपके क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलियो को फायदा होगा. हम यहां कुछ चीजें बता रहे हैं तो बेयर मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान में रख सकते हैं.
सही वक्त पर सही निवेश
मार्केट में जब गिरावट चल रही हो तो उस टाइम आप कुछ निवेश कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म में आपकी मदद कर सकता है. बेयर मार्केट के साथ दिक्कत ये होती है कि आपको नहीं पता होता है कि गिरावट कब तक रहेगी या फिर कीमतें कहां तक गिरेंगी. इसके चलते या तो आप कभी सही वक्त से पहले निवेश कर बैठते हैं या फिर और इंतजार करने के चक्कर में सही मौका हाथ से निकल जाता है.
चूंकि ये अनुमानों का खेल है, आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा. हालांकि, इसका एक सॉल्यूशन ये हो सकता है कि आप एक प्लान बना लें, जिसके तहत आप नियमित तौर पर एक तय रकम निवेश करते हैं, चाहे मार्केट की दिशा किधर भी जा रही हो. इसे डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटजी कहते हैं.
अपना क्रिप्टोकरेंसी प्रोफाइल डाइवर्स रखिए
अगर आप अब तक एक ही करेंसी में निवेश करते आए हैं, तो बेयर मार्केट में एक्सपेरिमेंट करने का अच्छा मौका मिल सकता है. जरूरी नहीं है कि हर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत गिर रही हो. ऐसे में जब बाजार में गिरावट चल रही हो तो आप अच्छी रिसर्च करके ध्यान से अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई कर सकते हैं.
लॉन्ग टर्म की सोचिए
बेयर मार्केट में आप लॉन्ग टर्म की सोचकर निवेश के कुछ बढ़िया फैसले ले सकते हैं. ऐसे वक्त में जब कीमतें कम हैं और आप उनमें निवेश करते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म में इसका फायदा होगा. ऐसे वक्त में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करना बहुत समझदारी नहीं होगी. अब चूंकि ये भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की वॉलेटिलिटी को देखते हुए लॉन्ग टर्म के बारे में सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन अगर समझदारी से फैसले लें तो फायदा उठा सकते हैं.
जैसे कि मान लीजिए कि बिटकॉइन की कीमत मार्च, 2020 में 4,000 डॉलर यानी लगभग 2.97 लाख थी. इस साल इसने 33,000 डॉलर यानी 24.55 लाख का आंकड़ा पार कर लिया. यानी निवेशकों को क्या करना चाहिए कि निवेशकों को इसपर 800 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
इसी तरह Forbes की एक रिपोर्ट में कुछ एक्सपर्ट्स के हवाले से भविष्यवाणी की गई थी कि वैल्यू में गिरावट के बावजूद बिटकॉइन '2050 तक यूएस डॉलर को प्रमुख ग्लोबल करेंसी की हैसियत से रिप्लेस कर देगा.' एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि इथीरियम जल्द ही 'बिटकॉइन की सबसे ज्यादा वैल्युएबल क्रिप्टोकरेंसी की जगह ले लेगा.' ऐसे में लॉन्ग टर्म पर नजर रखके, नियंत्रित तरीके से निवेश करें तो बेयर मार्केट का फायदा उठा सकते हैं.
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