EXNESS सभी के लिए उपलब्ध है; वे विभिन्न प्रकार के खाता प्रकारों की पेशकश करते हैं, सभी को विभिन्न प्रकार की व्यापारिक शैलियों के अनुरूप बनाया गया है। वे दो मुख्य प्रकारों में विभाजित हैं: मानक और व्यावसायिक। प्रत्येक खाता प्रकार कमीशन, मार्जिन कॉल और कई अन्य के बीच उत्तोलन के लिए अपनी शर्तों का सेट प्रदान करता है।
डेली न्यूज़
(A) गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाना और निर्यात को बढ़ावा देना।
(B) भारतीय उधारकर्त्ताओं को रुपया मूल्यवर्ग मसाला बांड जारी करने के लिये प्रोत्साहित करना।
(C) बाहरी वाणिज्यिक उधार से संबंधित शर्तों को आसान बनाना।
(D) विस्तारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण।
उत्तर: (D)
- मुद्रा मूल्यह्रास अस्थायी विनिमय दर प्रणाली में मुद्रा के मूल्य में गिरावट है। मुद्रा मूल्यह्रास आर्थिक बुनियादी बातों, ब्याज दर के अंतर, राजनीतिक अस्थिरता या निवेशकों के बीच जोखिम से बचने जैसे कारकों के कारण हो सकता है। भारत फ्लोटिंग विनिमय दर प्रणाली का अनुसरण करता है।
- गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने से डॉलर की मांग कम होगी और निर्यात को बढ़ावा देने से देश में डॉलर के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलेगी, अतः इस प्रकार रुपए के मूल्यह्रास को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- मसाला बांड सीधे भारतीय मुद्रा से जुड़ा होता विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार है। यदि भारतीय उधारकर्त्ता अधिक रुपए के मसाला बांड जारी करते हैं तो इससे बाज़ार में तरलता बढ़ेगी या बाज़ार में कुछ मुद्राओं के मुकाबले रुपए के स्टॉक में वृद्धि होगी, अतःइससे रुपए को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।
- बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB) विदेशी मुद्रा में एक प्रकार का ऋण है, यह किसी अनिवासी ऋणदाता से भारतीय इकाई द्वारा लिया गया ऋण होता है। इस प्रकार ECB की शर्तों को आसान बनाने से विदेशी मुद्राओं में अधिक ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है, जिससे विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ेगा तथा रुपए के मूल्य में वृद्धि होगी।
- विस्तारवादी मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिये आरबीआई द्वारा उपयोग किये जाने वाले नीतिगत उपायों का समूह है। यह एक अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति को बढ़ावा देता है। हालाँकि यह रुपए के मूल्य में भिन्नता को प्रभावित नहीं कर सकता है।
RBI की डॉलर प्लेसमेंट विंडो व्यवस्था से भारतीय बाजार में बढ़ेगा व्यापार
- Money9 Hindi
- Publish Date - November 15, 2021 / 02:35 PM IST
Doller Placement Window: विश्व के बड़े बहुराष्ट्रीय बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को विदेशी मुद्रा प्रवाह के लिए एक ‘डॉलर प्लेसमेंट विंडो’ खोलने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि इसकी काफी आवश्यकता है और इसके अलावा टी-प्लस-वन (टी+1) के साथ विदेशी मुद्रा व्यापार का विस्तार भी किया जाए. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI-Securities and Exchange Board of India) ने टी प्लस वन नई सेटलमेंट व्यवस्था का रोडमैप भी पेश कर दिया है. इस व्यवस्था के तहत शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशकों को एक दिन के अंदर ही भुगतान कर दिया जाएगा.
निवेशकों को इस बात का है डर
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार वह बैंक जो विदेशी पोर्टफोलियो विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार निवेशकों (एफपीआई) के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं, उन्हें डर है कि डॉलर के एकत्रित होने से नियामक जोखिम सीमा का उल्लंघन हो सकता है. इस मामले को लेकर बैंकरों और वरिष्ठों के बीच चर्चा की गई थी.
एक अधिकारी ने बताया कि आरबीआई के अधिकारियों ने पिछले कुछ हफ्तों में दो बैठकों में इस मुद्दे पर बात की है. वर्तमान में बीएसई पर टी प्लस 2 (T+2) की व्यवस्था है यानी वास्तविक कारोबार के बाद निपटान करने में दो दिन का वक्त लगता है, जबिक टी प्लस वन में एक दिन के अंदर यह काम हो जाएगा.
डॉलर को रुपए में बदलने के लिए होगा एक दिन का समय
टी प्लस वन व्यवस्था में डॉलर को उसी दिन रुपए में बदलना होगा जिस दिन उसे डॉलर प्राप्त हुआ है. अगर कस्टोडियन बैंक ऐसा नहीं कर पाती हैं या डॉलर का कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है तो डॉलर को अपने प्रधान कार्यालय या विदेशी शाखा में इसे जमा करा देंगी.
टी प्लस वन नियम 25 फरवरी 2022 से लागू होगा. पहले यह 1 जनवरी 2022 से लागू होना था. शुरुआती दौर में इसमें 100 के करीब कंपनियों को शामिल किया जाएगा. इसके बाद मार्च से 500 कंपनियां इसमें शामिल की जाएंगी. इस तरह धीरे धीरे 500-500 कंपनियों को बढ़ाया जाएगा.
डॉलर के मुकाबले 1 पैसे की कमजोरी के साथ खुला रुपया, ये रहे आज के चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
चीन में कोरोना के बढ़ते कहर के कारण दुनियाभर के देश अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इसका असर भारत समेत दुनियाभर के सर्राफा बाजार पर देखने को मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय और अमेरिकी बाजार से मिल रहे मिलेजुले संकेतों के बीच लगातार दो दिनों की तेजी के बाद आज भारतीय घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रूख है। आज सेंसक्स और निफ्टी दोनों में नरमी देखी जा रही है। सेंसेक्ट और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुला है। आज सेंसेक्स में 115 और निफ्टी में 47 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत हुई।
इस कारोबारी हफ्ते के तीसरे दिन बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में कोरोबार की शुरुआत लाल निशान के साथ हुई। आज बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 115 अंकों की नरमी के साथ 60,811 के स्तर पर खुला, जबकि एनएसई (NSE) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी (Nifty) 47 अंकों की गिरावट के साथ 18,089 के स्तर पर खुला। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 17 शेयर फिलहाल लाल निशान पर कारोबार करते दिख रहे हैं।
बाजार का आज का हाल
आज सुबह शुरुआत में बीएसई में कुल 2,458 कंपनियों में कारोबार की शुरुआत हुई। जिसमें करीब 1,204 शेयर तेजी तो 1,152 गिरावट के साथ खुली। जबकि 102 कंपनियों के शेयर के भाव स्थिर विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार हैं। वहीं आज 33 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी और 14 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
– आज के चढ़ने वाले शेयर्स की बात करें तो पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन, ब्रिटानिया, यूपीएल, देवी लैब, इंडसइंड बैंक समेत कई कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी जा रही है।
– वहीं गिरने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो ओएनजीसी, टाटा स्टील, इनफोसिस, बजाज ऑटो, टीसीएस समेत कई कंपनियों शेयर में गिरावट देखी जा रही है।
इस हफ्ते कारोबारी दूसरे दिन आज विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोरी के साथ खुला है। आज शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की कमजोरी के साथ 82.84 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं इससे पहले पिछले कारोबारी दिन मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 20 पैसे की कमजोरी के साथ 82.85 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
पिछले दिनों बाजार का ये रहा था हाल
मंगलवार (27 December): सेंसेक्स विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार 361 अंकों की तेजी के साथ 60,927 अंक पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 117 अंकों की तेजी के साथ 18,132 अंक पर बंद हुआ था।
सोमवार (26 December): सेंसेक्स 721 अंकों की बड़ी तेजी के साथ 60,566 अंक पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 208 अंकों की तेजी के साथ 18,015 अंक पर बंद हुआ था।
शुक्रवार (23 December): सेंसेक्स 980 अंकों की भारी गिरावट के साथ 59,845 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 320 अंकों की नरमी के साथ 17,806 अंक पर बंद हुआ था।
गुरुवार (22 December): सेंसेक्स 241 अंकों की गिरावट के साथ 60,826 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 71 अंकों की नरमी के साथ 18,127 अंक पर बंद हुआ था।
बुधवार (21 December): सेंसेक्स 636 अंकों की गिरावट के साथ 61,067 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 186 अंकों की नरमी के साथ 18,199 अंक पर बंद हुआ था।
फॉरेक्स क्या है? मुझे Exness के साथ व्यापार क्यों करना चाहिए
विदेशी मुद्रा बाजार एक विकेन्द्रीकृत वित्तीय बाजार है जो व्यापारियों को मुद्राओं का आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है, जब वे बाजार की दिशा की सही भविष्यवाणी करते हैं तो लाभ कमाते हैं। विदेशी मुद्रा का दायरा बहुत बड़ा है, जिसकी दैनिक ट्रेडिंग मात्रा 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक है। कोई वस्तु बाजार, वायदा बाजार या स्टॉक एक्सचेंज विदेशी मुद्रा के बराबर नहीं हो सकता।
EXNESS वास्तव में एक विश्वसनीय ब्रोकर विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार है; नौसिखियों की तुलना में पेशेवर व्यापारियों के लिए अधिक आकर्षक। इसलिए नहीं कि वे खुद को नौसिखियों के लिए पेश नहीं करते हैं, पेशेवर व्यापारी अपनी व्यापारिक स्थितियों के साथ EXNESS का सर्वोत्तम लाभ उठाने का प्रयास करते हैं।
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