अब आपको प्रश्न आया होगा की शेयर मार्केट का ज्ञान कैसे ले सकते हैं? पहले आप शेयर मार्केट के जो इंडेक्स (सेंसेक्स और निफ्टी) है, उनकी जानकारी लो। सेंसेक्स में 30 और निफ्टी में 50 कंपनी होते हैं, इसकी जानकारी लो। इक्विटी शेयर Buy और Sell, Stop Loss, Target, Short Time & Long Time Investment, Intraday, Demat Account ऐसे सबकी जानकारी लो और उसे समझो।

Share market in hindi

Paper Gold ट्रेडिंग होगी आसान, EGRs में ट्रेड करने पर नहीं रुकेगा ITC रिफंड

EGRs में निवेशक गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा ठीक उसी तरह ले सकेंगे जैसे वे शेयरों की ट्रेडिंग में लेते रहे हैं

Paper Gold में ट्रेडिंग करने वालों कारोबारियों लिए अब एक अच्छी खबर है। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (Electronic Gold Receipts) में ट्रेड (Trade) करने वालों का ITC रिफंड अब नहीं अटकेगा। सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि वित्तमंत्रालय GST से जुड़े नियमों में ढील देने पर विचार कर रहा है। इस पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ संवाददाता आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि EGRs में ट्रेड करना आसान किए जानें पर काम किया जा रहा है। EGRs में ट्रेडिंग पर राहत मिलेगी। इसमें GST नियमों में नरमी पर विचार किया जा रहा है। जिससे ITC रिफंड नहीं अटकेगा। ये प्रस्ताव SEBI ने दिया था जिस पर जल्द ही अमल होता नजर आ सकता है।

What is Paper Trading : पेपर ट्रेडिंग क्या होता है ?

Paper Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें आप बिना पैसे निवेश किए आप अपनी ट्रेडिंग स्किल है उसे चेक कर सकते हैं, इसमें आपको पैसा जो है वह निवेश करना नहीं होता है इसकी जगह में आपको Point मिलते हैं जिसकी मदद से आप शेयर को खरीद या बेच सकते हैं लेकिन अगर आपको इसमें Profit या Loss होता है तो ना तो आपको पैसे मिलते हैं और ना ही आपके पैसे जाते हैं Paper Trading का उपयोग हम जो हैैै वह अपनी लाइव मार्केट में अपनी ट्रेडिंग तकनीक का पता करने के लिए करते हैं !

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डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ पेपर ट्रेडिंग क्या होता है का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

ट्रेडर पेपर ट्रेडिंग क्या होता है या इन्वेस्टर तय करो

शेयर मार्केट में दो प्रकार के लोग काम करते हैं, एक ट्रेडर और दुसरा इन्वेस्टर। इन्वेस्टर यानी, जिनको लॉन्ग टर्म के लिए शेयर्स खरीदते हैं। जो रोज़ शेयर्स में निवेश नहीं कर सकते है, जिनका उद्देश्य होता हैं कि थोड़े वर्ष बाद हमारे निवेश पर अच्छे रिटर्न्स मिलने चाहिए।

ट्रेडर वो होते हैं जो 1 महीना, 1 हफ्ता या 1 दिन के लिए शेयर्स में निवेश करते हैं। आप ट्रेडिंग में ज्यादा मार्जिन का प्रयोग करके कम पैसे में ज्यादा शेयर्स ले सकते हैं। लेकिन इंवेस्टमेंट में आपको पूरा पैसा देना पड़ता है। ट्रेडिंग में रिस्क पेपर ट्रेडिंग क्या होता है पेपर ट्रेडिंग क्या होता है ज्यादा होता है और इन्वेस्टर में रिस्क कम होता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं की शुरुवात पहले Investment से करनी चाहिए। जिसमे हम Equity Shares पूर्ण भुगतान करके खरीद सकते हैं। इस शेयर्स का अवधि अनियमित होता है। आप इसे कितने भी दिन यह शेयर्स रख सकते हैं।

पेपर ट्रेडिंग

अगर आप शुरुवात में ट्रेडर बनकर काम करना चाहते हो, तो तुम्हे पेपर ट्रेडिंग करना अनिवार्य है। पेपर ट्रेडिंग यानी रोज पेपर पर आप खोजे हुए कंपनी और उनके टारगेट लिखना। फिर दिन के अंत में देखना की आप लगाए हुए कितने टारगेट हिट होते हैं। जब आपका पावर ट्रेडिंग का Ratio 80% ऊपर जाना शुरू होता है, तब आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हो चुके होते है। एक्सपर्ट कहते हैं, आपको शुरुवात में 2-3 महिने पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। फिर आपको एक महिना 80% से ऊपर टारगेट हिट होने लगने के बाद ही आप रियल शेयर मार्केट में आ सकते हैं।

ट्रेडिंग करने से पहले और एक तरीका है, पहले एक या दो महिने सिर्फ 1-2 शेयर्स खरीदे और बेचे। फिर चेक करे की आपको कितना प्रॉफिट या लॉस होता है। 1-2 पेपर ट्रेडिंग क्या होता है शेयर्स होने से ज्यादा लॉस होता नही है, लेकिन आपको रियल मार्केट का अनुभव मिलता है। और यहां भी आपका 80% से ज्यादा कॉल्स हिट होने लगे तो धीरे धीरे शेयर्स बढ़ा सकते हैं।

धैर्य रखना

बहुत सारे लोग जल्दी पैसे कमाने के पेपर ट्रेडिंग क्या होता है लिए शेयर मार्केट में आते हैं। और ऐसे जल्दी पैसे कमाने मे उनका जल्दी नुकसान होता है। अगर आप में धैर्य रखने की वृत्ति ना हो तो शेयर मार्केट आपके लिए नही है। शेयर मार्केट यह एक बड़ा विषय है इसलिए यहा सभी चीजे समझ कर पैसा कमाने के लिए वक्त लगता है, इसलिए धैर्य रखना सीखिए।

शेयर मार्केट में समझ कर निवेश करने की आवश्यकता होती है। इसलिए यहां ऊपर बताए गए पाच मुद्दों फोलो करोगे तो आपको नुक़सान ना होने के साथ आप धीरे धीरे अच्छे पैसे भी कमाने की संभावना है।

एल्गो ट्रेडिंग कैसे करे?

एल्गो ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपके पास किसी भी ब्रोकर का एल्गो ट्रेडिंग API होना चाहिए और उसी ब्रोकर के साथ आपका डिमैट अकाउंट होना भी जरूरी होता है. ये कुछ ब्रोकर्स है जो एल्गो ट्रेडिंग API के लिए कुछ न कुछ चार्जेज भी लेते है भारत के ये बड़े ब्रोकर्स आपको एल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करते है.

जैसे- angel broking, zerodha, upstox इत्यादि, ये ब्रोकर्स आपको एल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करते है लेकिन इनके कुछ चार्जेज भी होते है जैसे कि

zerodha – 2000 महीना

upstox – 1000 महीना

और कुछ ऐसे ब्रोकर भी होते है जो आपको एल्गो ट्रेडिंग API फ्री में प्रोवाइड करते है जिसमे angel broking है जो आपको फ्री में अल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करता है और ये ब्रोकर भारत का सबसे पुराना और अच्छा ब्रोकर है.

एल्गो ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

एल्गो ट्रेडिंग करने के कुछ फायदे निम्नलिखित है-

  • एल्गो ट्रेडिंग को आप अपना काम करके भी शेयर बाजार में आटोमेटिक ट्रेडिंग कर सकते है जिसमे आपके समय की बचत होती है.
  • इसमें आप एक साथ अनलिमिटेड शेयर्स को खरीद और बेच सकते है।
  • इसमें आप एक साथ शेयर मार्केट के जितने भी स्टॉक्स को चाहे ट्रैक कर सकते है.
  • इसमें हमे ट्रेडिंग करने के लिए एनालिसिस करने की कोई जरुरत नहीं होती है क्युकी एल्गो ट्रेडिंग खुद से ही 50 दिनों का डेटा एनालिसिस करके ट्रडिंग करता है.
  • नार्मल कंडीशन में लोग शेयर मार्केट के उतरते-चढ़ते भाव को देखकर इमोशनल होकर घबरा जाते है लेकिन एल्गो ट्रेडिंग हमेशा बिना इमोशन के ट्रेडिंग करता है.

एल्गो ट्रेडिंग करने के नुकसान क्या है?

एल्गो ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-

  • एल्गो ट्रेडिंग एक नयी और बड़ी चीज है क्योंकि आज भी ज्यादातर ट्रेडर समय कम होने के कारण सही ढंग से ट्रेड पेपर ट्रेडिंग क्या होता है नहीं कर पाते हैं यहां पर सिर्फ 100 में से केवल 10% ट्रेडर्स ही सक्सेस हो पाते हैं और अच्छा पैसा कमा पाते हैं.
  • एल्गो ट्रेडिंग एक कम्प्यूटर आधारित ट्रेडिंग है इसमें गलतियों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें ज्यादातर गलतियां गणतीय आंकलन से लेकर कैलकुलेशन तक कही भी हो सकती हैं इसलिए यह शुरुआत में सभी के लिए allow नहीं है.
  • इसके allow करने के साथ ही इसे इस्तेमाल करने की पूरी जानकारी भी आपके पास होनी चाहिए जिससे ट्रेडर्स इसमें अच्छे से ट्रेड कर सकें. अभी तक इसमें केवल एक्सपर्ट ट्रेडर ही ट्रेड कर सकते थे लेकिन रिटेल ट्रेडर को इसकी अनुमति नहीं दी थी लेकिन अब इसे सभी के लिए ओपन कर दिया गया है आप भी एल्गो ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (algo trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको एल्गो ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (algo trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

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