Health Tips: सर्दियों में क्‍यों आता है पुरुषों को ज्‍यादा गुस्‍सा, यह है बड़ी

Seasonal Affective Disorder: सर्दियों की दस्‍तक के साथ अपने इर्द-गिर्द पुरुषों के व्‍यवहार में हम एक अजीब सा परिवर्तन दिखने लगता है. वह हमेशा न केवल गहरे तनाव और गुस्‍से में नजर आते हैं, बल्कि छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ाते हुए नजर आते हैं. जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती जाती हैं, वैसे-वैसे उनका गुस्‍सा और चिड़चिड़ाहट भी बढ़ती जाती है. पुरुषों के व्‍यवहार में यह परिवर्तन हमें अजीब सा तो लगता है, लेकिन अक्‍सर हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं. समय रहते, इस गुस्‍से और चिड़चिड़ाहट पर ध्‍यान नहीं दिया गया, तो हमारा कोई अपना ‘अवसाद के भंवरजाल’ में भी फंस सकता है.

बीएलके मैक्‍स सुपर स्‍पेशियालिटी हॉस्पिटल के वरिष्‍ठ मनोचिकित्‍सक डॉ. मनीष जैन बताते हैं कि सर्दियों की दस्‍तक के साथ सीजनल एफेक्टिव डिसआर्डर (SAD) भी अपने पैर पसारना शुरू कर देता है. जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती हैं, वैसे-वैसे सीजनल एफेक्टिव डिसआर्डर का प्रभाव भी बढ़ता जाता है. दरअसल, सीजनल एफेक्टिव डिसआर्डर का सीधा संबंध डे-लाइट यानी ‘दिन की रोशनी’ से है. सर्दियों की दस्‍तक के साथ रातें बड़ी और दिन छोटे होने लगते हैं. जिसके वजह से, हमें दिन में मिलने वाली रोशनी की मात्रा कम हो जाती है और इसका सीधा असर मनोवैज्ञानिक तौर पर हम पर पड़ना शुरू हो जाता है.

यह है आपका गुस्‍सा बढ़ाने वाला ‘केमिकल’

डॉ. मनीष जैन के अनुसार, हमारे मस्तिष्‍क में एक सेरोटोनिन नामक एक केमिकल पाया जाता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर के तौर पर काम करता है. सेरो‍टोनिन का काम न केवल मूड को कंट्रोल करना है, बल्कि पाचन प्रक्रिया को आसान बनाना भी है. शरीर में सेरोटोनिन का लेबल धूप से मिलने वाले विटामिन-डी की मात्रा से तय होता है. शरीर में जितना अधिक विटामिन डी होगा, सेरोटोनिन का लेबल उतना ही अधिक होगा. सेरोटोनिन का लेबल कम होने पर अक्‍सर गुस्‍सा, चिड़चिड़ाहट और तनाव बढ़ने लगता है. इसके अलावा, मरीज में सुस्‍ती, काम मे दिल न लगने या अलग-अलग रहने की प्रवृत्ति भी देखी जाती है.

डिप्रेशन की दस्‍तक है आपका यह गुस्‍सा

डॉ. मनीष जैन के अनुसार, सीजनल एफेक्टिव डिसआर्डर के चलते आपको ज्‍यादा नींद प्रभावित होने लगती है, शरीर में सुस्‍ती छाई रहती है, भूख लगना कम लगने लगती है, मूड में तेजी से बदलाव आता है, सेल्फ कॉन्फिडेंस कम होने लगता है, जीजों में इंट्रेस्‍ट नहीं रहता है, आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? बातें करना कम कर देते हैं. यदि किसी भी व्‍यक्ति में कोई भी तीन-चार लक्षण एक साथ दिखना शुरू हो जाए तो उसे घतरे की घंटी समझ लीजिए. इन लक्षणों को नजरअंदाज करने वाले लोग को डिप्रेशन के करीब जाना शुरू कर देते हैं. लिहाजा, सही समय पर लक्षणों को पहचान कर अपने समीपवर्ती डॉक्‍टर से संपर्क जरूर करें.

आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं?

अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

We'd love to hear from you

We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800

मोबाइल पर रह रहकर आने वाली फिजूल सूचनाएं वास्तव में आपके दिमाग पर डालती है जोर

मोबाइल पर रह रहकर आने वाली फिजूल सूचनाएं वास्तव में आपके दिमाग पर डालती है जोर

विक्टोरिया: पिज्जा कंपनी से एक पिंग आपके जान पहचान के लोगों से कुछ पिंग्स आपके परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप से आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? पिंग, पिंग, पिंग क्योंकि सप्ताहांत में एक बारबेक्यू आयोजित होने जा रहा है. मतलब यह कि स्मार्टफोन पर पिंग के साथ जब इस तरह की तमाम सूचनाएं आती हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि आप जो काम करने की कोशिश कर रहे हैं उस पर से आपका ध्यान हट जाता है.

हर 15 मिनट ध्यान भटकाने के लिए पर्याप्त:

वैसे आपका ध्यान भटकाने के लिए आपके फोन को पिंग करने की भी जरूरत नहीं है. इस बात के बहुत अच्छे सबूत हैं कि आपके फोन की उपस्थिति, भले उसमें से कोई आवाज आ रही हो या नहीं, आपका ध्यान भटकाने के लिए पर्याप्त है. तो क्या चल रहा है? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महत्वपूर्ण चीजों को छोड़े बिना आप अपना ध्यान अपने काम की चीजों में वापस कैसे लगा सकते हैं? हालांकि अनुमान अलग-अलग होते हैं, लेकिन औसत व्यक्ति दिन में करीब 85 बार अपना फोन चेक करता है, मोटे तौर पर हर 15 मिनट में एक बार. दूसरे शब्दों में, हर 15 मिनट में आपका ध्यान आप जो कर रहे हैं, उससे भटकने की संभावना है.

समस्या यह है कि आपके फ़ोन द्वारा बाधित किए जाने के बाद आपकी एकाग्रता को पूरी तरह से पुनः प्राप्त करने में कई मिनट लग सकते हैं. यदि आप केवल टीवी देख रहे हैं, तो ध्यान भटकाना (और फिर से ध्यान केंद्रित करना) कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन अगर आप कार चला रहे हैं, पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, काम पर जा रहे हैं, या अपने प्रियजनों के साथ समय बिता रहे हैं, तो इससे कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. आपके फोन से आने वाले पिंग एक बाहर से आने वाली रुकावट हैं.

दूसरे शब्दों में, आपके आस-पास, किसी बाहरी चीज ने रुकावट पैदा की है. जब हम अपने फोन की पिंग सुनते हैं तो उत्साहित हो जाते हैं. यह वही सुखद अहसास है जैसे जुआ खेलने वाले लोग पोकर मशीन को देखकर या उसकी आवाज सुनकर आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? उत्साहित होते हैं. क्या होगा अगर आपका फोन साइलेंट पर है? क्या तब भी यह पिंग समस्या का समाधान नहीं करता है? शायद, नहीं. यह एक अन्य प्रकार का व्यवधान है, एक आंतरिक व्यवधान. सोचिए कि काम करते हुए आपका ध्यान कितनी बार खामोश पड़े फोन पर चला जाता है और आप खुद को उसे उठाने से रोकते हैं, लेकिन फिर उसे उठा लेते हैं यह देखने के लिए कि ऑनलाइन क्या हो रहा है.

संज्ञान और स्वास्थ्य के लिए इन सभी रुकावटों का क्या मतलब:

इस स्थिति में, हम हर बार जब हम अपने फोन को देखते हैं तो हमें लगता है कि हमें कुछ अच्छा देखने को मिलने वाला है और हम फोन को उठाने के लिए पिंग का इंतजार नहीं करते हैं. ये आवेग प्रबल होते हैं. अपने फ़ोन की जाँच करने के बारे में इस लेख को पढ़कर बहुत से लोगों को ऐसा सकता है. अपना फ़ोन उठा कर देख लें. संज्ञान और स्वास्थ्य के लिए इन सभी रुकावटों का क्या मतलब है? इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि मोबाइल पर आने वाली सूचनाएँ उत्पादकता कम करती हैं, एकाग्रता घटाती हैं और काम और स्कूल में ध्यान भटकाने में वृद्धि से जुड़ी हैं.

लेकिन क्या कोई सबूत है कि हमारा मस्तिष्क बार-बार किसी काम से हटने वाले ध्यान को फिर से काम पर लगाने में कड़ी मेहनत कर रहा है? लोगों की मस्तिष्क तरंगों के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बहुत देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में सूचनाओं को देखने के प्रति अधिक संवेदनशील थे, जिन्होंने कहा कि वे मोबाइल का कम इस्तेमाल करते हैं. एक पुश सूचना सुनने के बाद, हल्के उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारी उपयोगकर्ता किसी कार्य पर अपनी एकाग्रता को ठीक करने में काफी खराब थे.

हालाँकि पुश सूचना ने दोनों समूहों के लिए एकाग्रता को बाधित किया, भारी उपयोगकर्ताओं को ध्यान केंद्रित करने में अधिक समय लगा. निश्चित रूप से इस बात के प्रमाण हैं कि आप अपने फोन का उपयोग अनुत्पादक तरीकों से करने में जितना अधिक समय व्यतीत आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? करते हैं, आप अपनी भलाई पर उतना ही कम ध्यान देते हैं. हम जानते हैं कि अपने फोन को साइलेंट पर स्विच करने से समस्या जादुई रूप से ठीक नहीं होने वाली है, खासकर यदि आप फोन को बार-बार देखते आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? रहने के आदी हैं. ऐसे में आपको अपने व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता है, और यह कठिन है.

स्थायी परिवर्तन के लिए कुछ चीज़ें आज़माई जा सकती है:

स्थायी परिवर्तन देखने के लिए कई प्रयास किए जा सकते हैं. अगर आपने कभी धूम्रपान छोड़ने, वजन कम करने, या व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने की कोशिश की है, तो आप समझ जाएंगे आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? कि मेरा क्या मतलब है. सभी गैर-आवश्यक सूचनाओं को बंद करके प्रारंभ करें. यदि आप अपने फ़ोन को बार-बार जाँचने की आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? संख्या कम करना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ चीज़ें आज़माई जा सकती है: अपने फ़ोन को अपने बेडरूम के बजाय किसी दूसरे कमरे में रात भर के लिए चार्ज करें. सूचनाएं आपको सोते रहने से रोक सकती हैं और बार-बार आपको नींद से जगा सकती हैं.

फोन को बार बार जांचने की अपनी इच्छा पर लगाम लगाएं और अपने आप से पूछें क्या यह आपको लाभ पहुंचाने वाला है. उदाहरण के लिए, जैसे ही आप अपने फ़ोन तक पहुँचने के लिए मुड़ते हैं, रुकें और अपने आप से पूछें कि क्या यह क्रिया आपका ध्यान बंटाने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति करती है. काम के दौरान फोन को नहीं देखने के समय की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाएं. यदि आप फोन को ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोगों में से हैं तो किसी भी कार्य पर अपना ध्यान बनाए रखने की आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? प्रक्रिया को अपनाने में कुछ समय लग सकता है. सोर्स-भाषा

FIFA 2022: क्रोएशिया और अर्जेंटीना के बीच आज होगी सेमीफाइनल की आप प्रवृत्तियों की पहचान कैसे करते हैं? जंग, जानें कब और कहां देख सकेंगे मुकाबला?

क्रोएशिया और अर्जेंटीना के बीच आज सेमीफाइनल की जंग होने वाली है। एक ओर जहां मेसी की अगुवाई में अर्जेंटीना की टीम ड्रीम फाइनल मुकाबला खेलना चाहेगी, तो वहीं दूसरी ओर क्रोएशिया लगातार दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में अपना स्थान पक्का करने उतरेगी।

फोटो: सोशल मीडिया

नवजीवन डेस्क

FIFA वर्ल्ड 2022 में आज पहला सेमीफाइनल खेला जाएगा। ये मैच देर रात भारतीय समय अनुसार 12.30 बजे शुरू होगा। आपको बता दें, पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना का सामना क्रोएशिया से होगा। एक ओर जहां मेसी की अगुवाई में अर्जेंटीना की टीम ड्रीम फाइनल मुकाबला खेलना चाहेगी, तो वहीं दूसरी ओर क्रोएशिया लगातार दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में अपना स्थान पक्का करने उतरेगी।

क्वार्टर फाइनल में दोनों टीमों ने दिखाया था शानदार खेल

इससे पहले के मैच की बात करें तो दोनों टीमों ने इस फीफा विश्व कप के पिछले मैच में शानदार खेल दिखाया था। क्वार्टर फाइनल में एक ओर क्रोएशिया ने ब्राजील को पेनाल्टी शूटआउट में हराया था, तो वहीं अर्जेंटीना की टीम ने नीदरलैंड को क्वार्टफाइनल में हराया था।

अब जैसा जैसे ये विश्व कप अपने अंत की ओर बढ़ रहा है, वैसे वैसे लोगों के बीच इसे लेकर रोमांच भी बढ़ने लगा है। खास कर तब जब इस विश्व कप में फैंस को कई बड़े उलटफेर देखने को मिले हैं। ऐसे में लोगों के बीचे इसे देखने को लेकर भी कई तरह के सवाल हैं, जैसे सेमीफाइन के मैच का घर बैठे कैसे आनंद उठाया जा सकता है है? तो आपको बता दें कि भारतीय फैंस फीफा वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच को जियो सिनेमा पर लाइव देख सकेंगे।

कहां देख सकते हैं लाइव स्ट्रीमिंग?

दरअसल, फीफा वर्ल्ड कप का जियो सिनेमा पर लाइव स्ट्रीमिंग किया जा रहा है। इससे पहले ग्रुप-स्टेज के अलावा नॉकआउट मैचों का भी जियो सिनेमा पर लाइव स्ट्रीमिंग किया गया। फुटबॉल फैंस जियो सिनेमा पर सेमीफाइनल के अलावा मैच भी लाइव देख सकेंगे। पहला सेमीफाइनल मैच 14 दिसंबर को क्रोएशिया और अर्जेंटीना के बीच खेला जाएगा।

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

रेटिंग: 4.61
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 868