उत्तरप्रदेश में कहा क्या है पेट्रोल-डीजल की कीमतें

ई-रुपी के बारे में जानकारी | फुल फॉर्म, मीनिंग और उपयोग । About E-RUPI in Hindi

अब आपको बाजार से सब्जी, अनाज, आटा, दाल, चावल, कपड़े, मोबाइल या कोई सामान लेने के लिए कागज के नोट या सिक्के ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1 से लेकर 2000 रुपए तक प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं के, हर तरह के नोट आपके मोबाइल में डिजिटल रुपए (E-Rupi) के रूप में रहेंगे और उनसे आप कुछ भी सामान खरीद सकेंगे या रिचार्ज कर सकेंगे। बिल का पेमेंट कर सकेंगे और किसी को पैसा भी भेज सकेंगे। ये सारी सुविधाएं आपको मिलेंगी डिजिटल रुपए से। प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं इसके लिए किसी bank account या payment app की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि ये UPI पेमेंट से अलग तरीके का सिस्टम होगा, जोकि SMS या QR Code की मदद से चलेगा। इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी।

1 दिसंबर 2022 से रिजर्व बैंक ने, खुदरा सौदों (Retail transactions) के लिए भी, भारतीय रुपयों का डिजिटल रूप ई-रुपी (e-R ) लांच कर दिया है। फिलहाल, इसे सिर्फ भारत के 4 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है। अगले चरण में इसे अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, इंदौर, शिमला, कोच्चि, गुवाहाटी, और गंगटोक में भी शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे करके अगले कुछ महीनों में इसे पूरे भारत में, हर शहर-हर गांव में इस्तेमाल के लिए लागू कर दिया जाएगा।

ई-रुपी क्या है? What is e-Rupi

  • e-Rupi का फुल फॉर्म होता है-Electronic Rupee
  • हिंदी में इसका मतलब होता है- इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया

डिजिटल रुपए भी लीगल टेडर होंगे: कागजी नोटों और सिक्कों की तरह डिजिटल रुपए भी लीगल टेंडर होंगे। मतलब ये कि, इनकी इनकी कानूनी और वैध मान्यता (legal Validity and acceptability) होगी। रिजर्व बैंक इससे संबंधित मौद्रिक नीति भी बनाता रहेगा। घरेलू बाजार और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डिजिटल रुपयों की कीमत निर्धारण का सिस्टम भी पहले की तरह काम करता रहेगा।

लोगों के पास किस तरह से पहुंचेगे e-Rupi: सामान्य लोगों तक ये डिजिटल रुपए (e-Rupee) पहुंचाने का जिम्मा, रिजर्व बैंक ने फिलहाल 8 बैकों को सौंपा है (प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं बैकों के नाम नीचे देंखें)। इन्हें भागीदार बैंक (participating banks) कहा गया है। ये बैंक अपने ग्राहकों को एक digital wallet देंगे, प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं जिसमें उनके डिजिटल रुपए (e-R) भेजे जाएंगे। मतलब यह कि बैंक आपको कागजी नोटों या सिक्कों की बजाय e-R वाले वॉलेट देंगे। आप जितने पैसे खर्च कर देंगे, उतनी रकम आपके डिजिटल पर्स में घट जाएगी। इसी तरह, आपको जितने पैसे मिलेंगे, आपके डिजिटल पर्स में उतनी रकम बढ़ जाएगी।

ई-रुपी के फायदे | Benefits of e-Rupi

  • बैंक अकाउंट या पेमेंट एप होना जरूरी नहीं: डिजिटल रुपयों (e-R) को प्राप्त करने या खर्च करने के लिए आपको न तो किसी बैंक अकाउंट प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं रखने की जरूरत होगी और न ही किसी कार्ड या डिजिटल पेमेंट एप की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर, SMS या QR code के माध्यम से यह आपको मिल जाएगी और डिजिटल वैरिफिकेशन के माध्यम से इससे पेमेंट भी किया जा सकेगा।
  • इंटरनेट और स्मार्ट फोन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी: डिजिटल रुपए से लेन-देन की प्रक्रिया के लिए किसी तरह के इंटरनेट या स्मार्ट फोन की अनिवार्यता नहीं रहेगी। आप किसी भी साधारण फोन की मदद से भी पैसों का लेन-देन निपटा सकेंगे।
  • नोटों के फटने या खराब होने की समस्या नहीं: कागजी नोट या सिक्कों की तरह, डिजिटल रुपया कभी भी न तो खराब होगा और न ही फटने का डर रहेगा। न तो आपको टेप या गोंद से चिपका हुआ नोट मिलेगा और न ही नकली सिक्का मिलेगा। रिजर्व बैंक को भी नकली नोटों और नकली सिक्कों की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
  • बैंक अकाउंट या कार्ड के डिटेल्स सुरक्षित रहेंगे : पूरी प्रक्रिया के दौरान, आपको न तो बैंक अकाउंट डिटेल्स देने पड़ते हैं न ही आधार कार्ड या एटीएम कार्ड के डिटेल्स देने पड़ते हैं। इससे आपके प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं व्यक्तिगत और फाइनेंशियल डिटेल्स पूरी तरह सुरक्षित बने रहते हैं। आपका कोई विवरण चोरी होने या या शेयर होने की गुंजाइश नहीं रहती।
  • संपर्क से संक्रमण की गुंजाइश नहीं: आपको अपने संपर्क में आए किसी सामान को दूसरे को देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न रसीद, न कार्ड और न ही फिंगरप्रिंट देना पड़ेगा। दूर से ही कोई भी पेमेंट या ट्रांसफर हो जाएगा। दो लोगों के बीच किसी तरह के संपर्क की जरूरत नहीं पड़ेगा। यानी कि किसी बीमारी के संक्रमण के फैलने की गुंजाइश नहीं रहेगी।
  • आपसी लेन-देनों में गोपनीयता भी कायम रहेगी: अभी आप बाजार में या घर में किसी को पैसे देते हैं या लेते हैं तो इसकी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति या संस्था को नहीं हो पाती। बैंक और सरकार को भी नहीं। प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं इस तरह की गोपनीयता डिजिटल रुपयों के संबंध में भी कायम रहेगी। बैंक या सरकार, न तो ऐसे लेन-देन पर निगाह रख सकेंगे और न ही इनका कोई रिकॉर्ड उन्हें मिलेगा।

UP Petrol Diesel Price Today: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, जानें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में क्या हैं आज के दाम

By: ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 07:37 AM (IST)

(उत्तर प्रदेश में आज पेट्रोल-डीजल के रेट.)

Petrol Diesel Price: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के बीच देश में आज के लिए पेट्रोल-डीजल का रेट जारी हो गया है. महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए आज भी राहत भरी खबर है, उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ की अगर बात करे तो लखनऊ में आज पेट्रोल का रेट 96.55 रूपये है. यहीं रेट 27 नवंबर से बना हुआ है. वही अगर डीजल के रेट की बात करे तो लगभग डीजल का रेट भी 27 नवंबर से आज 7 दिसंबर तक 89.74 ही बना हुआ है.

भारतीय तेल कंपनियों ने बुधवार 7 December 2022 को भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखी हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है. विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है.जिसके चलते पेट्रोल-डीजल के रोज नये भाव जारी होते है.

Digital Rupee में रहेगा प्राइवेसी का डर? CBDC पर क्या बोले RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, जानिए

Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल में पेश केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपया (CBDC) नकद मुद्रा की तरह है और इसमें लेन-देन के बारे में बैंकों के पास कोई जानकारी नहीं रहेगी, लिहाजा निजता को लेकर लोगों के मन में डर बैठने की कोई जरूरत नहीं है. दास ने मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीबीडीसी के थोक उपयोग पर आरबीआई का पायलट प्रोजेक्ट बहुत संतोषजनक रहा है. इसके अलावा इस डिजिटल मुद्रा के खुदरा उपयोग के लिए हाल ही में किए गए पायलट प्रोजेक्ट से मिले सबक को भी आत्मसात करने की कोशिश की जाएगी. आरबीआई ने सीबीडीसी के तौर पर ई-रुपये का पायलट टेस्ट किया है. नवंबर की शुरुआत में थोक इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण कुछ बैंकों के साथ किया था. वहीं इसके खुदरा इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण दिसंबर की शुरुआत में किया गया है.

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