गोरखपुर सदर | बीजेपी

प्रतिभा सिंह

Jamnagar North Assembly Election Result 2022: भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर रिवाबा को क्यों बनाया था प्रत्याशी?

Gujarat Jamnagar North Election Results 2022, Rivaba Jadeja vs Bipendrasinh Jadeja Election Result 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में जामनगर जिले की जामनगर उत्तर (Jamnagar North) सीट सुर्खियों में बनी रही थी। चर्चा की मुख्य वजह क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा (Rivaba Jadeja) रहीं।

इस चुनाव में भाजपा ने जामनगर उत्तर के मौजूदा विधायक धर्मेंद्र जडेजा का टिकट काटकर रिवाबा को टिकट दिया था। धर्मेंद्र पिछले चुनाव से पहले तक कांग्रेस नेता हुआ करते थे।

साल 2012 में वह कांग्रेस के टिकट पर जामनगर उत्तर से विधायक चुने गए थे। तब उन्होंने भाजपा के मुलुभाई को नौ हजार से अधिक वोटों से हराया था। 2017 के राज्यसभा चुनाव में धर्मेंद्र पर क्रॉस-वोटिंग का आरोप लगा और उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया।

रिवाबा को क्यों मिला टिकट?

रिवाबा साल 2019 में भाजपा में शामिल हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच गुजरात हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक धर्मेंद्र के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को खत्म करने से इनकार कर दिया। और तब से उनकी उम्मीदवारी पर तलवार लटक रही थी। चुनाव करीब आते ही भाजपा ने इस सीट पर रिवाबा को अपना प्रत्याशी बना दिया।

कांग्रेस ने रिवाबा से मुकाबला के लिए बिपेंद्रसिंह जडेजा (Bipendrasinh Jadeja) को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने करशनभाई करमूर को अपना प्रत्याशी बनाया है।

Bihar Politics: कुढ़नी का किला: किसके लिए कील और किसके लिए फूल? परिणाम आज

आठ दिसंबर को कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम.

  • News18 Bihar
  • Last Updated : December 08, 2022, 06:21 IST

हाइलाइट्स

कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव को क्यों कहा जा रहा लोकसभा का सेमीफाइनल?
गुरुवार दोपहर तक कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव का परिणाम आने की संभावना.
कुढ़नी उपचुनाव को बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं कई विशेषज्ञ.

पटना/मुजफ्फरपुर. लोकसभा चुनाव के पहले कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव को बिहार की राजनीति में सेमीफाइनल माना जा रहा है. यही वजह है कि इस चुनाव को अपने पाले में करने के लिए तमाम सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. दरअसल, इन दलों को भी पता है कि कुढ़नी का चुनाव परिणाम आनेवाले समय में सियासी समीकरण बनाने में बेहद मददगार हो सकती है कि कौन से समीकरणों और मोर्चे पर ज्यादा काम करना है; या फिर किस पाले को मजबूती से पकड़ कर रखना है.

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कुढ़नी विधान सभा उपचुनाव को बिहार के सियासत के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं. वे कहते हैं, ये चुनाव सरकार लड़ रही थी. खासकर नीतीश कुमार ने ये सीट राजद से मांग कर लड़ी है, वो भी तब जब ये सीट राजद के पास थी. इस वजह से भी जदयू के लिए ये सीट महागठबंधन से ज्यादा जदयू के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है. यही वजह रुझान क्यों मौजूद हैं? है कि जदयू के तमाम शीर्ष नेताओं ने कुढ़नी में जीत के लिए दिन रात मेहनत की है. खुद ललन सिंह ने कुढ़नी में कैंप किया था. इसके साथ ही चुनाव प्रचार के आखिरी दिन महागठबंधन के तमाम बड़े नेता भी कुढ़नी में मौजूद थे.

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रामपुर विधानसभा इलेक्शन रिजल्ट 2022

रामपुर रुझान क्यों मौजूद हैं? विधानसभा सीट पर सपा के संस्थापक सदस्य और कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान का दबदबा माना रुझान क्यों मौजूद हैं? जाता है. रामपुर विधानसभा सीट साल 1952 में अस्तित्व में आई थी. आजम खान रामपुर से 9 बार विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर मौजूदा विधायक तंजीम फात्मा हैं जो सपा सांसद आजम खान की पत्नी हैं. 2012 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के कद्दावर नेता आजम खान चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने कांग्रेस के डॉ. तनवीर अहमद को हराया था. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर इस सीट से सपा नेता मोहम्मद आजम खान चुनाव जीतकर विधायक बने. उन्होंने चुनाव में भाजपा के शिव बहादुर सक्सेना को रुझान क्यों मौजूद हैं? हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से विधायक रहे मोहम्मद आजम खान ने 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़कर संसद पहुंचे, जिससे यह सीट खाली हो गई और यहां उपचुनाव कराया गया. 2019 में हुए उपचुनाव में इस सीट पर आजम खान की पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा विधायक बनीं. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता को हराया रुझान क्यों मौजूद हैं? था.

प्रमुख प्रत्याशी

बीजेपी | गोरखपुर सदर

एसपी | करहल

बीजेपी | सिराथू

एसपी | जसवंत नगर

एसपी | फाजिलनगर

एसपी | रामपुर

बीजेपी | अतरौली

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 की ताजा ख़बर

Mainpuri by-election: मैनपुरी में बड़ी बढ़त के बीच पहली बार सामने आईं डिंपल यादव

मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव की जीत का ऐलान अब औपचारिक ही रह गया है. डिंपल 2 लाख 31 हजार से भी ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं. उन्हें अब तक रुझान क्यों मौजूद हैं? 4 लाख 79 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी के रघुराज शाक्य को 2 लाख 47 .

अखिलेश यादव क्यों अकेले पड़ते जा रहे हैं, उनके बनाए गठबंधनों से नेता दूर क्यों हो रहे ?

सपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल स्व. चौधरी हर मोहन सिंह यादव की दसवीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की हिस्सेदारी के राजनीतिक निहितार्थ बहुत गहरे हैं.

मुश्किल रुझान क्यों मौजूद हैं? में दिखाई दे रहे ओपी राजभर, क्या पार्टी बचाने के लिए बढ़ा रहे भाजपा से नजदीकी ?

उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर इन दिनों मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं. अपनी पार्टी सुभासपा को बचाने के लिए वह बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने लगे है. हाल में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए आयोजित भोज में भी वे पहुंच गए थे. इससे अखिलेश यादव उनसे नाराज हो गए .

गुजरात में करारी हार, फिर क्यों मुस्कान के साथ सामने आए केजरीवाल; खुद बताई वजह

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का मजबूत किला भेद दिया है और अगली बार जीतने में भी कामयाब रहेंगे। दिल्ली के सीएम ने कहा कि उनकी पार्टी को 39 लाख से ज्यादा लोगों रुझान क्यों मौजूद हैं? ने वोट दिया। आम आदमी पार्टी के संस्थापक ने खुशी जाहिर की कि 10 साल के भीतर ही उनकी पार्टी 'राष्ट्रीय पार्टियों' में शामिल होने जा रही है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''आम आदमी पार्टी सभी कार्यकर्ताओं और देशवासियों को बहुत बहुत बधाई। आपकी आम आदमी पार्टी आज राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। आज गुजरात चुनाव के नतीजे आ रहे हैं, काफी नतीजे आ गए हैं और काफी आ रहे हैं। गुजरात के लोगों ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बना दिया है। जितने वोट गुजरात में आम आदमी पार्टी को मिले हैं उसके हिसाब से कानूनन आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। देश में चंद पार्टियां हैं जिन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है, उनमें अब आम आदमी पार्टी भी शामिल हो गई है।''

मुकेश अग्निहोत्री

मुकेश अग्निहोत्री

Image Source : INDIATV

मौजूदा नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले की हरोली सीट से चुनाव लड़ रहे थे। बता दें कि मुकेश अग्निहोत्री का नाम सीएम पद के लिए आगे किया जा लकता है क्यों कि वह मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बहुत ही करीबी माने रुझान क्यों मौजूद हैं? जाते हैं। वह राजा वीरभद्र सिंह के सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

ठाकुर कौल सिंह

ठाकुर कौल सिंह

Image Source : INDIATV

ठाकुर कौल सिंह मंडी जिले की दरांग सीट से आठ बार विधायक चुने गए। ठाकुर कौल सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। 77 साल के कौल सिंह राजा वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थन में मजबूती से खड़े हुए थे। पार्टी में इतने सालों की मेहनत के बदौलत उन्हें CM बनाया जा सकता है। कौल सिंह पिछला चुनाव हार गए थे और एक बार फिर दरंग सीट से मैदान में हैं। कौल रुझान क्यों मौजूद हैं? सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत बताया है। दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कौल सिंह ठाकुर ने एक सवाल के जवाब पर कहा कि मेरी मंशा कुछ नहीं। अगर सीनियोरिटी, अनुभव व मैच्योरिटी देखी जाए तो उनके मुकाबले में कोई नहीं है।

आशा कुमारी

आशा कुमारी

Image Source : INDIATV

चंबा जिले की डलहौजी सीट से छह बार की विधायक आशा कुमारी पंजाब कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं। छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार डी. एस. ठाकुर से 9,918 मतों से हार गईं। महिला चेहरे के साथ ही आशा कुमारी का दावा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वो छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी.एस. सिंह देव की बहन हैं। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के कथित समझौते के बावजूद टी.एस. सिंह देव को सीएम की कुर्सी नहीं मिल पाई थी। माना जा रहा है कि इसकी भरपाई हिमाचल में की जा सकती है। कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने की स्थिति में आशा कुमारी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में एक हैं।

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