200 टन कचरे की रोज जरूरत
प्लांट में रोज 20 टन कंप्रेस्ड सीएनजी का उत्पादन करने के लिए 200 टन कचरे की जरूरत होगी। इस प्रक्रिया में निर्मित होने वाली कम्पोस्ट खाद को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। गोरखपुर एवं उसके आसपास के जिलों से भी इस प्लांट के लिए बॉयो बेस्ट उपलब्ध कराया जाएगा।

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आज आपको अपने सार्वजनिक जीवन और घरेलू जीवन के बीच आपको संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। इस संघर्ष की वजह से कुछ पेचीदा परिस्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनती है। दोनो के बीच योग्य संतुलन बनाएं रखना महत्वपूर्ण होगा।

आपकी व्यक्तिगत नैतिकताओं द्वारा मार्गदर्शित आपके उद्देश्य हर उस व्यक्ति को आपके पक्ष में नहीं कर सकते हैं जो आपके आसपास हैं। बल्कि उन्हें आपके स्वतंत्र निर्णयों से बुरा लग सकता है। किंतु आपको अपने शब्दों पर आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है अड़े रहना चाहिए यदि आप सोचते हैं कि आप सही हैं।

आप एक रिश्ता निभाने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति है । आप अब जिस संबंध में है आप उसको बहुत अरसे से भलिभाँती निभाते आये है । रिश्ता स्थिर रहने हेतू जो भी आप कर सकते है आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है आप करेंगे।

आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है

Iceberg एक प्रकार का आर्डर होता है, जो ज़्यादा क्वांटिटी (या ज़्यादा वैल्यू) वाले ऑर्डर को छोटे ऑर्डर में डिवाइड करता है। पिछला (प्रीवियस) आर्डर जब भर जाता है, तब ही हर छोटा आर्डर या लेग, एक्सचेंज को भेजे जातें है।

यह मार्केट डेप्थ के बिड्स और ऑफर्स में बड़े ऑर्डर्स (large orders) के बारे में नहीं बताता। इसके अलावा यह एक्सेक्यूशन के इम्पैक्ट कॉस्ट को कम करने में मदद भी करता है। Icebergs इंस्टीटूशनल ट्रेडर्स (institutional traders) के बीच एक बहुत लोकप्रिय ऑर्डर टाइप माना जाता है। भारत में रिटेल ट्रेडर्स को इससे परिचय कराने के लिए हम बहुत उत्साहित हैं।

ऑर्डर प्लेस करते समय, ऐक्चूअल ट्रेडेड प्राइस को जब इंस्ट्रूमेंट के प्राइस से तुलना करते हैं, तब उनमें जो अंतर होता है उसे इम्पैक्ट कॉस्ट कहतें है। आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है उदाहरण के लिए, जब स्टॉक ₹100 पर ट्रेड हो रहा था, तब अगर 1000 शेयर्स को खरीदने के लिए मार्केट ऑर्डर प्लेस किया गया था, और अगर ऐक्चूअल एक्सेक्यूशन प्राइस ₹100.5 था, तब इस आर्डर के लिए इम्पैक्ट कॉस्ट ₹0.5 x 1000 = ₹500 होगा। इसी तरह, जब स्टॉक ₹100 पर ट्रेड हो आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है रहा था, तब अगर 1000 शेयर्स को खरीदने के लिए ₹100 पर एक लिमिट ऑर्डर प्लेस किया गया था, और बाद में इसे भरने के लिए 100.3 में बदला दिया गया था, तब तकनीकी रूप से इम्पैक्ट कॉस्ट 0.3 x 1000 = ₹300 होगा।

महंगे सिलेंडर का झंझट खत्म! IOC ने तैयार किया ये खास ‘स्टोव’, अब महज कुछ खर्चे में बनेगा खाना..

महंगे सिलेंडर का झंझट खत्म! IOC ने तैयार किया ये खास ‘स्टोव’, अब महज कुछ खर्चे में बनेगा खाना.. 1

डेस्क : भारत की शीर्ष तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने बुधवार को एक स्थिर, रिचार्जेबल और इनडोर आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है कुकिंग स्टोव का अनावरण किया। यह सूर्य की ऊर्जा आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है का उपयोग करता है, लेकिन इसे कहीं भी ले जाने की आवश्यकता नहीं है, इसे रसोई में रखा जाता है। स्टोव पाने के लिए आपको केवल एक बार खर्च करना होगा और कोई रखरखाव लागत नहीं आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है है। इसे जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित समारोह की मेजबानी की. जहां तीन बार चूल्हे पर बना खाना परोसा गया। इस चूल्हे का नाम ‘सूर्य नूतन’ रखा गया है। इस अवसर पर आईओसी के निदेशक (आर एंड डी) एसएसवी रामकुमार ने कहा कि स्टोव सोलर कुकर से अलग है क्योंकि इसे धूप में नहीं रखना पड़ता है। सूर्य नूतन, जिसे फरीदाबाद में IOC के अनुसंधान और विकास विभाग द्वारा विकसित किया गया है, हमेशा रसोई में रहता है और एक केबल बाहर या छत पर रखे PV पैनल के माध्यम से कैप्चर की गई सौर ऊर्जा को वहन करती है।

आईओए के मसौदा अपनाने से जुड़ी याचिका पर सात दिसंबर को सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

Image: ANI

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के संविधान के मसौदे से संबंधित आपत्तियों और मुद्दों पर सुनवाई सात दिसंबर को करेगा। आईओए की यहां आम सभा की विशेष बैठक के दौरान संविधान के मसौदे को अपनाया गया था।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने हालांकि एक अंतरिम याचिका में तत्काल सुनवाई खारिज कर दी जिसमें खेल संस्था के संविधान के मसौदे में कुछ अनधिकृत बदलाव का आरोप लगाया गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘आपकी आपत्तियों पर सुनवाई सात दिसंबर को होगी। आप उसी दिन इसके बारे में बतायें।’’

आईओए ने उच्चतम न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की देखरेख में तैयार अपने संविधान के मसौदे को गुरुवार को स्वीकार कर लिया लेकिन कई सदस्यों ने कहा कि शीर्ष अदालत के इसे अनिवार्य बनाने के बाद उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया।

पराली से प्रदूषण नहीं, अब होगी किसानों की कमाई, प्रदेश के इन पांच जिलों में बनेगी बायो गैस

पराली से प्रदूषण नहीं, अब होगी किसानों की कमाई, प्रदेश के इन पांच जिलों में बनेगी बायो गैस

पराली से अब प्रदूषण नहीं किसानों की कमाई होगी। धान की पराली से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने मिलकर प्रदेश के गोरखपुर और शाहजहांपुर सहित पांच जिलों में कम्प्रेस्ड बायो आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है गैस उत्पादन डिपो बनाने का निर्णय लिया है।

मुख्य सचिव ने इसके लिए इन जिलों की अलग-अलग तहसीलों में 10-10 एकड़ जमीन तलाशने का आदेश दिया है। जमीन, इंडियन आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को डिपो बनाने के लिए सौंपी जाएगी। मंगलवार की शाम वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए लखनऊ में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव नेडा के समक्ष आईओसी अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट का प्रजेन्टेशन दिया। इस आईओसी एक दिन के आदेश से अलग कैसे है दौरान गोरखपुर समेत शेष चार अन्य जिलों से एडीएम वित्त एवं राजस्व, मुख्य राजस्व अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा शामिल हुए।

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