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प्राप्ति एवं भुगतान खाता | Receipts And Payments Account In Hindi
साधारण शब्दों में प्राप्ति से आशय कुछ पाने से है बिजनेस में (लाभ न कमाने वाली संस्था) जो पैसे आते हैं उन्हें प्राप्ति कहा जाता है और प्राप्त किए गए पैसे को जिस खाता में लिखा जाता है उसे ‘प्राप्ति खाता‘ Recepits Account कहते हैं।
2. भुगतान क्या हैं?
भुगतान से आशय कुछ देने से है लाभ न कमाने वाली संस्था में जो पैसे समाज के कल्याण, सदस्यों का कल्याण तथा किसी अन्य कार्यों में दिया जाता है यह क्रिया ही भुगतान कहलाता है एवं भुगतान किए गए पैसों को लिखने के लिए जो खाता बनाया जाता है उसे “भुगतान खाता” Payments Account कहा जाता है।
मुझे उम्मीद है अब आप प्राप्ति, प्राप्ति खाता, भुगतान तथा भुगतान खाते के बारे में समझ गए हैं।
A. प्राप्ति एवं भुगतान खाता क्या हैं?
यह खाता (प्राप्ति एवं भुगतान) नकद तथा बैंक लेनदेन के विभिन्न शीर्षकों का सारांश होता है। प्राप्ति एवं भुगतान खाता एक अवधि के रोकड़ बही के मद सार मात्र से कुछ भी अधिक नहीं है यह खाते का एक ऐसा प्रारूप होता है जिसका अधिकांश प्रयोग क्लबों, संघो तथा समितियों आदि के कोषाध्यक्ष द्वारा वर्ष के कार्य संचालन के परिणामों को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। यह खाता रोकड़ पद्धति के आधार पर तैयार किया जाता है।
“Receipts and Payments Account is a Summary of Cash and Bank Transaction Under Various Heads.”
Example of Receipts and Payments Account
हॉल का किराया, बागवानी (बगीचा) , सवारी, बैंक शुल्क, निवेश, डाक एवं कुरियर, अंकेक्षण शुल्क, बीमा , समर्थित निधि, स्क्रैप की बिक्री आदि ।
Rent of hall, Gardening, Conveyance, Bank charge, Investment, Postage and Courier, Audit Fees , Insurance, Endowment fund, Sell of scrap etc.
B. प्राप्ति एवं भुगतान खाता की तीन विशेषताएं बताइए
इस खाते की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं-
- इस खाते में गैर रोकड़ मद जैसे कि हृास, उपार्जित आय आदि नहीं लिखे जाते हैं।
- यह रोकड़ पद्धति के आधार पर बनाया जाता है।
- इसमें सभी प्राप्तियां चाहे वह आयगत मद की हो या फिर पूंजीगत मद सभी को डेबिट पक्ष में प्रदर्शित किया जाता है।
- जितने भी भुगतान होते हैं चाहे वह आयगत हो या पूंजीगत मद सभी को क्रेडिट पक्ष में प्रदर्शित किया जाता है।
- इस खाते की मुख्य विशेषता यह है कि इस खाते के डेबिट भाग में Opening Balance व क्रेडिट भाग में सबसे नीचे Closing लिखना होता है। यह इसका प्रारूप होता है।
C. प्राप्ति और भुगतान खाते की सीमाएं या दोष
प्राप्ति और भुगतान खाते के अगर लाभ (जो विशेषता में दिए गए हैं) है तो इसके कुछ सीमाएं भी होते हैं जो नीचे प्रकार से दिए गए हैं-
- इस खाते को लेखांकन के उपार्जन आधार पर तैयार नहीं किया जाता हैं।
- यह खाता लेखांकन वर्ष के अंत में Surplus या Deficits को प्रदर्शित नहीं करता है।
- यह लेखांकन वर्ष के आय एवं व्यय के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचनाएं प्रदान नहीं करता है यह केवल आय एवं व्यय की नकद राशि की सूचना प्रदान करता है।
- इससे संस्था की वित्तीय स्थिति का Valuation नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह सिर्फ नकद व्यवहारों का ही लेखा प्रकट करता है।
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता में ‘Depreciation‘ को नहीं दिखाया जाता हैं।
D. प्राप्ति एवं भुगतान खाते में दिखाई जाने वाली मदें हैं?
यह खाता में दो पक्ष होता है प्रथम प्राप्ति Receipts Side और दूसरा भुगतान Payment Side । प्राप्ति भाग में दिखाई जाने वाली मदों की सूची है इसे आयगत एवं पूंजीगत प्राप्ति में बांटकर लिखा गया है-
प्राप्ति पक्ष में लिखे जाने वाली मदें –
आयगत प्राप्ति के अंतर्गत – प्रवेश शुल्क, चंदा, सामान्य दान, निवेश पर ब्याज, ब्याज एवं लाभांश, मनोरंजन से प्राप्त, पुराने कागज की बिक्री , दान सो से प्राप्ति आदि ।
Entrance fees, Subscription, General Donation, Interest on Investment, Interest and Dividend, Proceeds from Entertainment , Sale of Old Paper, Proceeds from Charity Show etc.
पूंजीगत प्राप्ति के अंतर्गत – निवेश का विक्रय, विनियोग, वसीयत, विशेष दान, आजीवन सदस्यता शुल्क, स्थायी संपत्तियों की बिक्री, समर्थित निधि आदि ।
Sale of Investment, Investment, Special Donation, Life Membership Fees, Sales of Fixed Assets, Endowment Fund etc.
भुगतान पक्ष में दिखाई जाने वाली मदों की सूची
आयगत भुगतान – सवारी, टेलीफोन, किराया, दर एवं कर, वेतन एवं मजदूरी, बीमा, अंकेक्षण शुल्क, विज्ञापन, मनोरंजन व्यय, समाचार पत्र, जल एवं बिजली, मानदेय, नगर पालिका, नगर निगम कर आदि।
Conveyance , Telephone , Rent Rates and Taxes, Salaries and Wages, Insurance, Audit fees, Printing and Stationery, Advertisement, Entertainment Expenses, News Paper, Water and Electricity, Honorarium , Municipal, Municipal Corporation Taxes etc.
पूंजीगत भुगतान – पुरस्कार कोष विनियोग, फिक्स डिपाजिट, पुस्तकों का खरीद, स्थाई संपत्तियों का क्रय फर्नीचर भवन बिल्डिंग आदि ।
Price Fund Investment, Fixed Deposit, वास्तविक खाता किसे कहते हैं Investment, Purchase of books, Purchase of Fixed Assets Furniture Building etc.
E. प्राप्ति और भुगतान खाते का प्रारूप
प्राप्ति और भुगतान खाते का प्रारूप
WHAT IS ACCOUNTING : एकाउंटिंग क्या है , कितने प्रकार की होती है जानिए पूरी जानकारी
एकाउंटिंग : दोस्तों एकाउंटिंग नाम सुनते ही आपके दिमाग लेखा जोखा और बैंक से जुड़ी तमाम बातें चलने लगी होंगी। वर्तमान समय मे एकाउंटिंग का बहुत महत्व है कई लोग रोजाना किसी न वास्तविक खाता किसे कहते हैं किसी तरीके से एकाउंटिंग करते है ऑफिस मे घर में और सामान्यता रोजमर्रा की चीजों की गिनती कर एकाउंटिंग करते है लेकिन क्या आप जानते है आप एकाउंटिंग के जरिए जरिए भी बना सकते है हो सकता है आपको यह बात पता न हो की एकाउंटिंग के जरिए करियर कैसे बनाया जाएगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से यह बताएंगे की आखिर एकाउंटिंग क्या है कितने प्रकार की होती है आप कैसे करियर बना सकते है।
क्या है एकाउंटिंग
एकाउंटिंग का हिंदी में अर्थ लेखांकन होता है एकाउंटिंग को हर कम्पनी संस्था या कार्यालय हिसाब किताब करने के लिए इस्तेमाल करती है आज एकाउंटिंग के क्षेत्र में विकास हुआ है इसमें करियर के कई विकल्प है रोजगार का दायरा बढ़ा है एकाउंटिंग एक प्रक्रिया है इसके जरिए किसी बिजनेस का रिकॉर्ड रखा जाता है दूसरे तरीके से आप एकाउंटिंग को आप ऐसे समझिए की किसी वस्तु का लेन देन में उसका लेखा जोखा रखना ही एकाउंटिंग है बिजनेस का दायरा बढ़ रहा है हर घंटे ऑनलाइन ऑफलाइन सामान बेचा और खरीदा जा रहा है इन सभी चीजों का हिसाब किताब एक जगह सुरक्षित रखा जाता है
अकाउंट किसे कहते है
कई बार देखा गया है कि लोग अकाउंट को लेकर कनफ्यूज रहते है कि अकाउंट है वास्तविक खाता किसे कहते हैं क्या। तो मै आपको जानकारी दिए देता हूं कि अकाउंट हर किसी कम्पनी संस्था कार्यालय होते है कम्पनी या संस्था के अंतर्गत होने वाली वित्तीय प्रक्रिया को लेखा जोखा के लिए संभालकर रखा जाता है बस इसे ही अकाउंट कहते है। लाभ और हानि का देता इंट्री करना ही अकाउंट कहलाता है
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एकाउंटिंग कितने प्रकार की होती है
आपको बता दें कि एकाउंटिंग तीन प्रकार की होती है
व्यक्तिगत खाता – किसी व्यक्ति , संस्था या फिर ट्रस्ट और सोसायटी से अकाउंट जुड़ा होता है उसे व्यक्तिगत खाता कहते है। इस अकाउंट मे व्यक्ति का नाम या कम्पनी का नाम भी हो सकता है।
वास्तविक खाता – इसमें जब किसी वस्तु या सम्पत्ति से जुड़ा अकाउंट होता है उसे वास्तविक खाता कहते है
नाममात्र खाता वास्तविक खाता किसे कहते हैं – इस खाता मे आय और खर्चे का हिसाब किताब रखा जाता है । लाभ हानि की जानकारी होती है।
एकाउंटिंग के फायदे
* एकाउंटिंग के जरिए हमें यह पता चलता है कि कितना माल बचा है कितना ख़तम हुआ
* इसका दूसरा फायदा यह है कि पैसे का लेन देन का रिकॉर्ड रहता है किसका पैसा बचा है किसे देना है
* इनकम टैक्स ऑडिट करने में आसानी रहती है
* कर्मचारियों के वेतन की पूरी जानकारी होती है
वास्तविक खाता किसे कहते हैं
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एकाउंटिंग क्या है हिंदी? – एकाउंटिंग के प्रकार.
अकाउंट का नाम सुनते ही मन में कई प्रकार के सवाल उठते है की एकाउंटिंग क्या है हिंदी. लेखांकन क्या है. एकाउंटिंग के प्रकार कितने होते है. कैसे सीखते है इस विषय पर विशेष चर्चा करेंगे यदि इन प्रश्नो का उत्तर आप जानना चाहते है तो इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़े।
वर्तमान समय में एकाउंटिंग का बहुत बोल बाला है लेकिन अधिंकांश लोगो को इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होती है कई लोगो तो एकाउंटिंग के ऐ के बारे भी नहीं पता होता है एकाउंटिंग में करियर कैसे बनाये यह अक्सर लोगो नहीं पता होता है।
एकाउंटिंग को हर कंपनी संस्था या कार्यालय में हिसाब किताब करने के लिए इस्तेमाल लिया जाता है लेकिन एकाउंटिंग के क्षेत्र आज काफी विकास हो चूका है भारी मात्रा में करियर अवसर है और लोग प्राप्त कर रहे इस फील्ड में अपने कौशल से रोजगार प्राप्त कर सकते है।
एकाउंटिंग क्या है हिंदी?
What is Accounting in hindi. हिंदी अर्थ लेखांकन होता है एकाउंटिंग एक प्रकिर्या (Process) है एकाउंटिंग के जरिये किसी पर्टिकुलर बिज़नेस का Financial Aspect का Record रखा जाता है लेखांकन का मतलब अंको में लिखकर रिकॉर्ड तैयार करना होता है।
एकाउंटिंग को आप इस प्रकार से समझे किसी व्यवसाय का वित्तीय लेखा जोखा रखना इसके अलावा व्यवसाय में हानि लाभ ऋण और वस्तु के स्टॉक आदि का रिकॉर्ड एकाउंटिंग के जरिये रखा जाता है इसी को एकाउंटिंग कहते है इससे कभी भी किसी वक़्त देखा और व्यवसाय की स्थिति जाना जा सकता है।
बिज़नेस का लेबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है हर घंटे कई Sales और Purchase किये जा रहे है किसी एक व्यक्ति को इतना याद रख पाना मुश्किल हो जाता है कुछ समय पहले एकाउंटिंग की जगह खाताबही नोट बुक में हिसाब को मेन्टेन किया जाता था लेकिन आधुनिक युग में तकनिकी का विकास हुआ फिर कंप्यूटर से अकाउंट मेन्टेन किया जाने लगा।
आज के समय वास्तविक खाता किसे कहते हैं अकाउंट मेन्टेन करने के लिए कंप्यूटर में काफी सॉफ्टवेयर आते है जिसके जरिये से किसी व्यवसाय के अकाउंट को आसानी से मेन्टेन कर सकते है।
अकाउंट किसे कहते है?
अक्सर लोग अकाउंट को लेकर कन्फूस रहते है की अकाउंट क्या है. तो मैं आपको बता दूँ अकाउंट हर किसी कंपनी संस्था कार्यालय के होते है कंपनी या संस्था के अंतर्गत होने वाली वित्तीय प्रकिर्या को लेखा जोखा के लिए सभालकर रखा जाता है इसे अकाउंट कहते है।
दूसरे शब्दों में किसी भी कंपनी के हानि लाभ को जानने के लिए इनकम और एक्सपेंसेस की डेली बेस पर एंट्री की जाती है उसमे हिसाब किताब रख्खा जाता है उसे अकाउंट कहते है।
एकाउंटिंग के प्रकार।
एकाउंटिंग के प्रकार की बात करे तो यह तीन प्रकार के होते है आइये जानते है अक्सर लोग एकाउंटिंग के प्रकार के बारे में नहीं जानते है।
- व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
- वास्तविक खाता (Real Account)
- नाममात्र खाता (Nominal Account)
1. व्यक्तिगत खाता : जब किसी कंपनी संस्था ट्रस्ट सोसाइटी या व्यक्ति से जुडा अकाउंट होता है उसे व्यक्तिगत खाता personal account कहा जाता है।
इस अकाउंट में किसी व्यक्ति का नाम किसी कंपनी का नाम किसी संस्था का नाम भी हो सकता है जैसे राजू ट्रेडर्स, बैंक अकाउंट, किसी व्यक्ति के नाम से यह खाता हो सकता है।
2. वास्तविक खाता : जब किसी वस्तु या सम्पत्ति से जुड़ा अकाउंट होता है उसे वास्तविक खाता real account कहा जाता है वास्तविक खाता में Assets, Goods and Services, Liability से जुड़े लेनदेन को रियल अकाउंट से जोड़ा जाता है।
3. नाममात्र खाता :वास्तविक खाता किसे कहते हैं इस खाते में आय (Income) और खर्चा (Expenses) से जुड़े लेनदेन का हिसाब रखा जाता है और हानि लाभ का भी इसी अकाउंट में जानकारी होती है।
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एकाउंटिंग कैसे सीखें?
अब प्रश्न है एकाउंटिंग सिखने की इसके लिए एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का ज्ञान होना ज़रूरी है इसके लिए आप कंप्यूटर इंस्टिट्यूट से टैली, मई बुक, प्रॉफिट बुक, सरल, व्यापर, बिजी एकाउंटिंग, लॉजिक, जैसे कई एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर सीख सकते है और एकाउंटिंग फील्ड में अपना करियर बना सकते है।
एकाउंटिंग के फायदे।
एकाउंटिंग के बहुत सारे फायदे है आइये हम इस पर एक नजर डालते है।
- एकाउंटिंग के जरिये इन्वेंटरी मेन्टेन किया जाता है इसे हमे यह पता चल पाता है की हमारी कंपनी में कितना माल बचा हुआ है कितना आया था कितना बिक्री हो चूका है कितना अभी गोडाउन में रखा हुआ है जिससे काफी हेल्प हो सकता है एक व्यक्ति को।
- अब आता है पैसो के लेनदेन का लेख जोखा रहता है इसमें यह पता चल जाता है की कंपनी कितना लाभ में है कितना हानि में है किसका कब कितना पेमेंट हुआ है किसका बचा हुआ है यह एक क्लिक से बड़ी आसानी से जान सकते है।
- एकाउंटिंग लेखा जोखा से किसी प्रकार का कोई एक पैसे का घपला नहीं कर सकता है क्योकि पूर्ण रिकॉर्ड सिस्टम में मौजूद होता है।
- ऑडिट करने में आसानी होती है इनकम टैक्स रिटर्न करने में काफी आसानी होती है क्योकि यहाँ से अपने कम्पनी का एक क्लिक में पूरा व्यौरा प्राप्त कर सकते है।
- एम्प्लोयी के वेतन की जानकारी कितने लोगो को वेतन मिल गया है कितने लोगो का पेंडिंग है इस प्रकार की जानकारी एकाउंट मेन्टेन करने पर मिल जाती है।
निष्कर्ष
उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा इसमें हम लोगो ने जाना है की एकाउंटिंग क्या है हिंदी. एकाउंटिंग के प्रकार कितने होते है इस प्रकार की जानकारी इस लेख में लिखी गयी है जो आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा और जानकारी मिला होगा।
यदि इस आर्टिकल से जुड़ा कोई प्रश्न है इसके अतिरिक्त कोई प्रश्न है तो वह कमेंट बॉक्स के जरिये हमारे पास पंहुचाकर उसका उत्तर जान सकते है और यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो जानकारी मिला हो तो इसे शेयर करे ताकि और लोगो को लेखांकन की जानकारी हो सके।
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