नए टैक्स स्लैब को इस तरह समझें
नए टैक्स स्लैब (New Tax Slab) को देखें तो इसमें टैक्स रेट को कम रखा गया है. नया टैक्स स्लैब पुराने स्लैब से बहुत से मायने में अलग है. इसमें कम दर के साथ स्लैब ज्यादा हैं. इसके अलावा पुराने टैक्स स्लैब की तुलना में कई तरह की छूट और कटौती के लाभ में कमी की गई है. इस प्रणाली में जिस तरह इनकम में इजाफा होता है, टैक्स स्लैब बढ़ता जाता है और इसी क्रम में बढ़ जाती है टैक्स देनदारी.
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डिजिटल करेंसी कैश की तरह, निजता के डर की जरूरत नहीं: आरबीआई गवर्नर
शेयर बाजार 07 दिसम्बर 2022 ,18:45
© Reuters. डिजिटल करेंसी कैश की तरह, निजता के डर की जरूरत नहीं: आरबीआई गवर्नर
चेन्नई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के शासनादेश को बढ़ाने, भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के दायरे का विस्तार करने और डिजिटल मुद्रा लेनदेन के मामले में लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने का फैसला किया है। इसकी सूचना गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को दी।उन्होंने कहा कि नई लॉन्च की गई डिजिटल मुद्रा नकदी के समान है और गोपनीयता की कमी के बारे में कोई डरने की जरूरत नहीं है।
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ओल्ड टैक्स स्लैब क्या है?
सबसे पहले जानते हैं ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab) के बारे में.
- इसमें 5 लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स जमा नहीं करना होता है. इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स जमा करने से छूट मिलती है. इस हिसाब से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को तकरीबन साढ़े 6 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है. ओल्ड टैक्स रेजिम या पुराने टैक्स स्लैब में इनकम टैक्स रेट मुख्यत: आपकी इनकम और इनकम स्लैब पर निर्भर करता है. इसमें उम्र को भी आधार बनाया जाता है.
पुराना आयकर स्लैब (Old Tax Slab):
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
उम्र के हिसाब से इतना टैक्स
जैसे, बो के लिए सबसे लोकप्रिय और लाभदायक व्यापार प्रणाली अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है तो पुराने टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक टैक्स रेट शून्य रहेगा. 2.5 से 5 लाख तक इनकम पर 5 परसेंट टैक्स लगेगा और इसमें सेक्शन 87ए के अंतर्गत छूट दिए जाने का प्रावधान है. 5-7.5 लाख पर 20%, 7.5-10 लाख पर 20%, 10-12.5 लाख पर 30%, 12.5 से 15 लाख पर 30% और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है.
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