इस गिरावट के बाद बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 272.98 लाख करोड़ रुपये रह गया जो पिछले हफ्ते 276.96 लाख करोड़ रुपये था। इस दौरान टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। पॉवेल के बयान के बाद शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तीन फीसदी तक गिरावट आई थी। पॉवेल ने एक स्पीच में कहा था कि महंगाई को काबू में करने के लिए फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट फेड रिजर्व आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखेगा।

Mukesh Ambani vs Gautam Adani: रईसी के बाद मार्केट कैप में भी पिछड़े मुकेश अंबानी, गौतम अडानी ने फिर मारी बाजी
दूसरे बाजारों का हाल
अन्य एशियाई बाजारों में सोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। शुक्रवार को सेंसेक्स 59.15 अंक या 0.10 फीसदी चढ़कर 58,833.87 पर, जबकि निफ्टी 36.45 अंक या 0.21 प्रतिशत बढ़कर 17,558.90 पर बंद हुआ था। इसबीच ब्रेंट क्रूड 0.86 फीसदी चढ़कर 101.9 प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

Share Market Crash: भारतीय निवेशकों को 1 दिन में किसने लगाया 6 लाख करोड़ का चूना

Share Market Crash: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और US FED द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना ने डर पैदा किया है.

भारतीय शेयर मार्केट (Share Market Crash) के आज खुलते ही हाहाकार मच गया. सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में खुले. सोमवार, 13 जून को BSE के सेंसेक्स (Sensex) में 1456 अंकों की गिरावट दर्ज हुई और यह 52,846 पर आकर बंद हुआ यानि 2.5% से ज्यादा की गिरावट. उधर निफ्टी (Nifty) का हाल भी बुरा रहा. 400 से ज्यादा अंको की गिरावट के साथ खुला और 15700 के आसपास कारोबार करते हुए ये बंद हुआ. इधर भी फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट 2.5% से ज्यादा की गिरावट. यहां तक कि निफ्टी मिड और स्मॉल कैप में भी 3% की गिरावट हुई.

आज निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं.

लेकिन शेयर मार्केट में अचानक हो क्या गया. बाजार को ऐसी कौन सी चिंताएं सता रही हैं जिसकी वजह से इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है? आइए आपको बताते हैं, इसके पीछे की पांच वजहें.

1. अमेरिका में बढ़ती महंगाई

मई में अमेरिका में महंगाई (Inflation) 40 साल के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई है. पिछले साल कि तुलना में अमेरिका में महंगाई 8.6% तक पहुंच गई है. इसका सीधा असर 10 जून को वॉल स्ट्रीट पर देखने को मिला. अमेरिकी इक्विटी मार्केट में तेज गिरावट आई. निवेशकों को चिंता है कि इस महंगाई से लड़ने के लिए यूएस फेड ब्याज दरों में जरूर बढ़ोतरी करेगा.

2. US फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी

अमेरिका में महंगाई के आंकड़े बढ़ने के बाद यूएस फेड बुधवार, 15 जून को अपनी 2-दिवसीय फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक में बढ़ती महंगाई को शांत करने के लिए ब्याज दरों में फिर वृद्धि जारी रखेगा. माना जा रहा है साल के अंत तक यह वृद्धि जारी रख सकता है क्योंकि अमेरिका चाहता है कि महंगाई दर 2-3 फीसदी के आसपास रहे.

रॉयटर्स के मुताबिक यूएस फेड जून, जुलाई और सितंबर में 0.5 फीसदी से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.

क्रैश हुए शेयर मार्केट ने लगभग हर सेक्टर को लाल निशान में धकेला. बैंक, मेटल या प्रॉपर्टी सभी सेक्टर्स को इसका भुगतान करना पड़ा. एक्सपर्ट्स का मानना ​​​​है कि विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं, उधर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US FED) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का खतरा बना है जिसकी वजह से वैश्विक बाजार भी दबाव में है. साथ ही साथ डॉलर के मुकाबले कमजोर फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट रुपया निवेशकों के निराशा की वजह बन रहा है.

क्विंट हिंदी से बातचीत में सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी ने बताया-

अमेरिका में बढ़ती महंगाई ने एक डर पैदा कर दिया है कि आने वाले समय में यूएस फेड और कठोर कदम उठाएगा. इससे अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुंचेगी और वैश्विक विकास सुस्त पड़ेगी. इसके परिणामस्वरूप विदेशी निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. ऐसे ही हालत बने रहे तो आगे भी अभी और गिरावट देखने को मिलेगी.

3. कच्चे तेल की कीमत

अमेरिका में बढ़ती महंगाई की वजह से अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना और चीन में आने वाले समय में लॉकडाउन लगने की चिंता की वजह से ब्रेंड क्रूड और WTI क्रूड में 1.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. ब्रेंट क्रूड की कीमत अब 120 डॉलर प्रति बैरल है और WTI क्रूड की कीमत 118 डॉलर प्रति बैरल. कच्चे तेल में हुई गिरावट की सबसे बड़ी वजह चीन में फैलता कोरोना वायरस है जिसकी वजह से चीन में कई प्रकार की बाधाएं बढ़ रही है.

4. भारत में बढ़ती महंगाई (Inflation)

भारत जल्द ही खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी करने वाला है. ये आंकड़े मई के होंगे. रॉयटर्स के मुताबिक इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना है. खुदरा महंगाई दर 6.7 - 8.3 फीसदी के बीच हो सकती है. आरबीआई ने हाल ही में 0.5 फीसद से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की और महंगाई दर इस साल दिसंबर तक 6 फीसदी से ऊपर रहने वाली है जो कि अच्छी खबर नहीं है.

5. कमजोर होता रुपया और बाहर निकलते विदेशी निवेशक

डॉलर के मुकाबले लगातार रुपया कमजोर होता जा रहा है. सोमवार को रुपया 78 को पार गया. यह अबतक का सबसे निचला स्तर है. मार्केट में डॉलर की डिमांड ज्यादा है. विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होते जा रही है. भारतीय बाजार से विदेशी निवेश निकलने की वजह से निवेशक काफी निराश हैं.

Share Market: US फेड के फैसले से बाजार गुलजार, भारतीय बाजार में भी दिखेगी तेजी?

US फेड ने ब्याज दर में 75 बेसिस प्वाइट्स की बढ़ोतरी की है. लगातार दूसरी बार फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ाई है.

Share Market: US फेड के फैसले से बाजार गुलजार, भारतीय बाजार में भी दिखेगी तेजी?

Share Market Prediction: भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) दो दिन की गिरावट झेलने के बाद तेजी की राह पर है. विदेशी मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेतों का असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज तेजी आई तो सेंसेक्स 56 हजार के पार जा सकता है.

पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान पर बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 547.83 अंक चढ़कर 55,816.32 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 157.95 अंक की मजबूत होकर 16,641.80 पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर 79.90 पर बंद हुआ.

विदेशी मार्केट का क्या हाल?

US फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद अमेरिकी बाजारों में शानदार तेजी देखने को मिली है. US फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 75 फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट बेसिस प्वाइट्स की बढ़ोतरी की है. लगातार दूसरी बार फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें बढ़ाई है. Dow Jones 436 अंक और Nasdaq 470 अंक चढ़कर बंद हुआ. अमेरिकी बाजारों में तेजी से SGX निफ्टी भी 100 अंक बढ़कर 16750 के पार निकल गया. अमेरिका में तेजी का असर यूरोप के सभी प्रमुख शेयर बाजारों पर दिखा और बढ़त पर बंद हुए.

अगर एशियन मार्केट की बात करें तो ज्‍यादातर शेयर बाजार आज सुबह बढ़त पर खुले ओर हरे निशान पर ट्रेडिंग कर रहे हैं. सिंगापुर स्‍टॉक एक्‍सचेंज 0.61 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहा तो जापान के निक्‍केई पर 0.23 फीसदी की तेजी दिख रही है.

Stocks In News: इन स्टॉक्स पर रखें नजर

Tata Motors: टाटा मोटर्स के अनुमान से कमजोर रहे नतीजे. आय 8.3 फीसदी बढ़ी है. लेकिन मार्जिन में अच्छा खासा कट देखा गया है. मार्जिन 7.9 फीसदी से घटकर 4.4 फीसदी पर आ गया है. कंपनी का घाटा 15.4 फीसदी बढ़कर 4987 करोड़ रुपए हो गया.

Biocon: कंपनी के नतीजे कमजोर रहे. आय 20 फीसदी बढ़ी है. मार्जिन 22.1 फीसदी से घटकर 18.7 फीसदी पर आया गया. मुनाफा 71.4 फीसदी फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट बढ़कर 144 करोड़ रुपए रहा.

United Breweries Group: आय अनुमान के मुताबिक है. आय 118 फीसदी बढ़कर आई है. मार्जिन 8.5 फीसदी से बढ़कर 10.9 फीसदी हो गया.

Aarti Drugs: कंपनी की आय तो बढ़िया रही. लेकिन मुनाफा 29 फीसदी घटकर 34.8 करोड़ रुपए रहा. मार्जिन 14 फीसदी घटकर 11 फीसदी पर आया.

आज बजाज फिनसर्व, डॉ रेड्डीज लैब, नेस्ले, SBI लाइफ, श्री सीमेंट, इंटेलेक्ट डिजाइन, जुबिलेंट फूड, M&M फाइनेंस, निप्पॉन लाइफ, श्रीराम टांसपोर्ट के नतीजे आएंगे.

डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.

ITR Filing का आखिरी दिन,आगे कितना लगेगा जुर्माना- जरूरी सवालों के जवाब

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डोविश फेड के लिए मजबूत डेटा हिट उम्मीद के रूप में एशियाई शेयरों में गिरावट आई

बैंकाक: वॉल स्ट्रीट द्वारा आश्चर्यजनक रूप से मजबूत आर्थिक रिपोर्ट में मुद्रास्फीति के खिलाफ फेडरल रिजर्व की लड़ाई की कठिनाई को उजागर करने के बाद मंगलवार को एशिया में स्टॉक ज्यादातर कम थे। टोक्यो में वृद्धि हुई जबकि अन्य क्षेत्रीय बाजारों में गिरावट आई। अमेरिकी वायदा में तेजी आई और तेल की कीमतों में भी तेजी आई।

मंदी की संभावना पर चिंताओं को जोड़ते हुए, फिच रेटिंग्स ने फेड और अन्य केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों में बढ़ोतरी को प्रतिबिंबित करने के लिए मंगलवार को विश्व आर्थिक विकास के लिए अपने पूर्वानुमानों को संशोधित किया।

इसकी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट ने 2023 में वैश्विक विकास दर 1.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट है, जो सितंबर के पूर्वानुमान में 1.7 प्रतिशत से कम है। इसने 2023 में अमेरिकी विकास दर को 0.5 प्रतिशत से घटाकर 0.2 प्रतिशत कर दिया, क्योंकि मौद्रिक नीति को सख्त करने की गति बढ़ रही है।

चीन के विकास पूर्वानुमान को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत वार्षिक गति कर दिया गया। उम्मीदों से बाजार उठा है कि चीन अपने कड़े महामारी प्रतिबंधों को कम करने, व्यापार, विनिर्माण और उपभोक्ता खर्च पर दबाव को कम करने के साथ आगे बढ़ेगा। लेकिन निवेशक फेड पर भी नजर गड़ाए हुए हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि यह अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति को रोकने के उद्देश्य से ब्याज दरों फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट में बढ़ोतरी की गति को धीमा कर सकता है।

इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट ने सोमवार को बताया कि सेवा क्षेत्र, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा है, ने नवंबर में आश्चर्यजनक वृद्धि दिखाई। अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि अक्टूबर में अमेरिकी कारखानों में व्यावसायिक ऑर्डर और टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर भी उम्मीद से अधिक बढ़े।

यह खबर व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है, लेकिन यह मुद्रास्फीति के खिलाफ फेड की लड़ाई को जटिल बनाती है क्योंकि इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक को कीमतों के दबाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखनी होगी।

ओआंडा के एडवर्ड मोया ने एक बयान में कहा, "मुद्रास्फीति संभवतः स्थिर साबित होगी और अर्थव्यवस्था के सेवा भाग के कमजोर होने से इंकार कर दिया जाएगा। फेड को और अधिक जोखिम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।"

फेड अगले सप्ताह बैठक कर रहा है और ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो प्रतिशत बिंदु दर में वृद्धि के तीन-चौथाई की स्थिर धारा से एक प्रकार की सहजता को चिह्नित करेगा।

इसने मार्च के बाद से अपनी बेंचमार्क दर को छह बार बढ़ाया है, जो इसे 3.75 प्रतिशत से 4 प्रतिशत की सीमा तक ले जाती है, जो 15 वर्षों में सबसे अधिक है। वॉल स्ट्रीट को उम्मीद है कि 2023 के मध्य तक बेंचमार्क दर 5 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत की चरम सीमा तक पहुंच जाएगी।

इसका उद्देश्य ब्रेक पर स्लैम किए बिना विकास को ठंडा करना है और मंदी का कारण बनना है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार और उपभोक्ता खर्च को धीमा कर देगा।

यूक्रेन पर रूस का जारी आक्रमण पहले से ही अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में हलचल मचा रहा है। विश्व के नेताओं के एक समूह द्वारा अधिकांश रूसी तेल के बहिष्कार पर सहमत होने के बाद अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें 3.8 प्रतिशत कम होने से पहले उछल गईं। उन्होंने रूसी निर्यात पर 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की कीमत सीमा तय करने की भी प्रतिबद्धता जताई।

एशियाई व्यापार में, हांगकांग का हैंग सेंग 1.1 प्रतिशत गिरकर 19,300.90 पर और दक्षिण कोरिया में कोस्पी 0.6 प्रतिशत गिरकर 2,404.39 पर बंद हुआ। शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,209.27 पर बंद हुआ।

टोक्यो का निक्केई 225 सूचकांक 0.3 प्रतिशत बढ़कर 27,909.65 पर पहुंच गया। बैंकॉक और थाईलैंड में भी शेयर गिरे।

एसएंडपी 500 सोमवार को 1.8 फीसदी गिरकर 3,998.84 पर आ गया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.4 फीसदी गिरकर 33,947.10 पर और टेक-हैवी नैस्डैक 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ 11,239.94 पर बंद हुआ। छोटी-कंपनी के शेयर और भी गिर गए, रसेल 2000 इंडेक्स 2.8 प्रतिशत कम होकर 1,840.22 पर आ गया।

प्राकृतिक गैस में 11.2 प्रतिशत की गिरावट सहित ऊर्जा की कीमतों में व्यापक गिरावट के बीच तेल और गैस कंपनी के शेयरों में गिरावट आई। एक्सॉन मोबिल 2.7 फीसदी गिरा।

सभी ने बताया, बेंचमार्क एस एंड पी 500 इंडेक्स में लगभग 95 प्रतिशत शेयर लाल रंग में थे, प्रौद्योगिकी कंपनियों, बैंकों और खुदरा विक्रेताओं के साथ बाजार में सबसे बड़ा वजन था। चिपमेकर एनवीडिया 1.6 फीसदी, बैंक ऑफ अमेरिका 4.5 फीसदी और अमेजन 3.3 फीसदी गिरा।

बॉन्ड यील्ड ज्यादातर चढ़ा। बंधक दरों को प्रभावित करने वाले 10-वर्षीय ट्रेजरी पर उपज शुक्रवार देर रात 3.49 प्रतिशत से बढ़कर 3.59 प्रतिशत हो गई। गुरुवार को वॉल स्ट्रीट को बेरोजगारी के दावों पर साप्ताहिक अपडेट मिलेगा। निर्माता कीमतों पर नवंबर की मासिक रिपोर्ट शुक्रवार को आने वाली है।

मंगलवार के अन्य कारोबार में, न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में अमेरिकी बेंचमार्क कच्चा तेल 63 सेंट बढ़कर 77.56 डॉलर प्रति बैरल हो गया। यह 3.05 डॉलर टूटकर 76.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। ब्रेंट क्रूड, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए मूल्य निर्धारण आधार, 57 सेंट बढ़कर 83.25 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया। अमेरिकी डॉलर सोमवार देर रात 136.71 येन से बढ़कर 136.88 जापानी येन हो गया। यूरो 1.0491 डॉलर से बढ़कर 1.0497 डॉलर हो गया।

(जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है)

Share market update: अमेरिका से एक बयान आया और निवेशकों के चार लाख करोड़ रुपये मिनटों में स्वाहा, सेंसेक्स 1200 अंक से अधिक गिरा

अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व (Fed Reserve) के चेयरमैन जीरोम पॉवेल (Jerome Powell) के एक बयान से आज दुनियाभर में शेयर बाजार धराशायी हो गए। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुरुआती कारोबार में 1200 अंक तक गिर गया। इससे निवेशकों के करीब चार लाख करोड़ रुपये मिनटों में स्वाहा हो गए।

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इस गिरावट के बाद बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 272.98 लाख करोड़ रुपये रह गया जो पिछले हफ्ते 276.96 लाख करोड़ रुपये था। इस दौरान टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। पॉवेल के बयान के बाद शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तीन फीसदी तक गिरावट आई थी। पॉवेल ने एक स्पीच में कहा था कि महंगाई को काबू में करने के लिए फेड रिजर्व आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखेगा।

Mukesh Ambani vs Gautam Adani: रईसी के बाद मार्केट कैप में भी पिछड़े मुकेश अंबानी, गौतम अडानी ने फिर मारी बाजी
दूसरे बाजारों का हाल
अन्य एशियाई बाजारों में सोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। शुक्रवार को सेंसेक्स 59.15 अंक या 0.10 फीसदी चढ़कर 58,833.87 पर, जबकि निफ्टी 36.45 अंक फेड से आगे एशियाई स्टॉक में गिरावट या 0.21 प्रतिशत बढ़कर 17,558.90 पर बंद हुआ था। इसबीच ब्रेंट क्रूड 0.86 फीसदी चढ़कर 101.9 प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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