Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा
Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.
Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)
Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना लिमिट ऑर्डर क्या है होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.
अफोर्डेबल रिल्क
अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.
‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग
ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
तकनीकी का करें इस्तेमाल
ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
अपना रिसर्च करें
शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग
अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)
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Law and Order: क्या होता है 'खारिजी' शब्द का मतलब, पुलिस कहां करती है इस्तेमाल?
थानों में काम करने की एक अलग प्रक्रिया (Process) है. इसी प्रक्रिया में कई ऐसे शब्दों (Words) का प्रयोग होता है, जो आम जनता के लिए थोड़े अलग हो सकते हैं. ऐसा ही एक शब्द है 'खारिजी.' आइए जानते हैं कि खारिजी (Khariji) शब्द का अर्थ (Meaning of word) क्या है? और पुलिस इसका इस्तेमाल कहां और क्यों करती है?
परवेज़ सागर
- नई दिल्ली,
- 07 अप्रैल 2022,
- (अपडेटेड 07 अप्रैल 2022, 8:19 AM IST)
- अरबी भाषा का माना जाता है खारिजी शब्द
- किसी मामले की जांच के बाद होता है खात्मा खारिजी
- झूठी शिकायत आदि पाए जाने पर की जाती है खारिजी
हमारे देश में पुलिस (Police) कानून व्यवस्था (Law and Order) बनाए रखने का काम करती लिमिट ऑर्डर क्या है है. पुलिस थाने (Police Station) में काम करने के तरीके भी अन्य सरकारी महकमों से अलग होते हैं. दरअसल, थानों में काम करने की एक अलग प्रक्रिया (Process) है. इसी प्रक्रिया में कई ऐसे शब्दों (Words) का प्रयोग होता है, जो आम जनता के लिए थोड़े अलग हो सकते हैं. ऐसा ही एक शब्द है 'खारिजी.' आइए जानते हैं कि खारिजी (Khariji) शब्द का अर्थ (Meaning of word) क्या है? और पुलिस इसका इस्तेमाल कहां और क्यों करती है?
खारिजी का मतलब (Meaning of Khariji)
पुलिस प्रणाली (Police system) और पुलिस प्रक्रिया (Police procedure) में अंग्रेजी (English), उर्दू (Urdu), फारसी (Persian) और अरबी (Arabi) भाषा के बहुत से शब्दों (Words) का इस्तेमाल (Use) होता है. उपरोक्त सभी भाषाओं (Languages) के शब्द पुलिस अपने रोजमर्रा के काम (Everyday tasks) में करती है. ऐसा ही एक शब्द है खारिजी (Khariji). खारिजी शब्द अरबी भाषा (Arabic) के मूल शब्द खारिज से आया है. जिसे अंग्रेजी (English) में rejected और Dismissed भी कहा जाता है. हिंदी में इस शब्द का अर्थ उस प्रार्थना पत्र या याचिका आदि (application or petition etc.) से है जो अस्वीकृत (rejected) कर दिया गया हो. यानी जिसे खारिज (Dismissed) किया गया हो. या विचार के अयोग्य (unthinkable) मान लिया गया हो. या फिर नामंजूर (disapproved) कर दिया गया हो.
पुलिस में 'खारिजी' शब्द का इस्तेमाल
पुलिस (Police) के पास हर दिन कई तरह की शिकायतें और मामले (complaints and cases) आते हैं. उन मामलों में पुलिस विवेचना यानी जांच (investigation) करती है. जब किसी मामले में चालान की फाइनल रिपोर्ट (final report) में यह साबित (prove) होता है कि वो रिपोर्ट झूठी (false) है, तो वो खारिजी (Khariji) हो जाती है. इसे ईआर (ER) लिखा जाता है. इसमें झूठी रिपोर्ट करने वाले को आरोपी (accused) मानकर उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 182 (Section 182 of IPC) और 211 के तहत मुकदमा (court case) भी दर्ज किया जाता है.
खात्मा खारिजी का उल्लेख दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 169 में और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस रेगुलेशन एक्ट (police regulation act) की धारा 787, 728 में भी मिलता है. जब पुलिस खारिजी रिपोर्ट लगाती है तो उसे केवल जिले के वरिष्ठतम मजिस्ट्रेट (senior most magistrate) यानी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate) की अदालत (Court) में ही प्रस्तुत किया जाता है.
तो अब आप जान गए होंगे कि पुलिस में खारिजी (Khariji) किसे कहते हैं, और यह शब्द पुलिस कब, कहां और किस लिए इस्तेमाल करती है. अगली कड़ी में हम आपके लिए पुलिस से जुड़ी ऐसी ही कोई रोचक कहानी लेकर फिर हाजिर होंगे.
Law and Order: क्या होता है 'माल वाजयाफ्ता' का मतलब, पुलिस कहां करती है इस्तेमाल?
पुलिस थानों में काम करने की एक प्रक्रिया अन्य सरकारी विभागों से थोड़ी अलग होती है. जिसमें कई तरह के शब्द होते हैं, जिनका इस्तेमाल पुलिस तो आमतौर करती है, लेकिन आमजन लिए वो शब्द अजीब या अनोखे हो सकते हैं.
परवेज़ सागर
- नई दिल्ली,
- 28 अप्रैल 2022,
- (अपडेटेड 28 अप्रैल 2022, 8:32 AM IST)
- कई मामलों में अपराधी से बरामद होता है सामान
- ऐसे सामान को पुलिस की भाषा में कहा जाता है माल वाजयाफ्ता
- पुलिस प्रक्रिया में प्रयोग होते हैं अंग्रेजी, उर्दू और फारसी के कई शब्द
भारत समाज में कानून व्यवस्था (Law and Order) को बनाए रखने में पुलिस (Police) का अहम रोल होता है. यही वजह है कि हर जिले में पुलिस थाने होते हैं. जहां से पुलिस क्षेत्रवार अपना काम करती है. पुलिस थानों में काम करने की एक प्रक्रिया अन्य सरकारी विभागों से थोड़ी अलग होती है. जिसमें कई तरह के शब्द होते हैं, जिनका इस्तेमाल पुलिस तो आमतौर करती है, लेकिन आमजन लिए वो शब्द अजीब या अनोखे हो सकते हैं. ऐसा ही एक शब्द है 'माल वाजयाफ्ता.' आइए जानते हैं कि माल वाजयाफ्ता शब्द का मतलब क्या है, पुलिस इसका इस्तेमाल कहां करती है.लिमिट ऑर्डर क्या है
माल वाजयाफ्ता का मतलब (Meaning of Mal Vaazyafta)
भारतीय पुलिस एक्ट (Indian Police Act) अंग्रेजों के जमाने का है. उसमें अंग्रेजी (English), उर्दू (Urdu) फारसी (Persian) के बहुत से शब्द मौजूद हैं. ऐसा ही एक शब्द है माल वाजयाफ्ता. जिसका मतलब पुलिस की भाषा में होता है- किसी मामले में अपराधी से बरामद किया गया माल. जी हां, ऐसे माल को ही पुलिस माल वाजयाफ्ता कहती है. आसान शब्दों में कहें तो जब किसी मुकदमें या मामले में पुलिस किसी अभियुक्त को पकड़ती है या गिरफ्तारी करती है तो उस वक्त उसके कब्जे से बरामद होने वाले सामान को माल वाजयाफ्ता कहा जाता है.
माल वाजयाफ्ता को पुलिस थाने के मालखाने में जमा करा देती है. मुकदमें की सुनवाई के दौरान जब अदालत इस तरह के माल को संबंधित केस में अभियुक्त की पेशी या उसकी गैर मौजूदगी में पेश करने का हुक्म देती है, तो पुलिस उस माल को अदालत में पेश करती है. माल वाजयाफ्ता लिमिट ऑर्डर क्या है की ये प्रक्रिया अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है. पुलिस विभाग में इस शब्द के इस्तेमाल का सिलसिला बहुत पुराना है.
तो इस लेख के माध्यम से अब आप लोग समझ गए होंगे कि पुलिस 'माल वाजयाफ्ता' शब्द का इस्तेमाल कब, कहां और क्यों करती है. इससे पहले भी हमने कुछ ऐसे शब्दों के बारे में आपको जानकारी दी है. और आगे भी पुलिस विभाग से जुड़ी रोचक जानकारी हम आप तक लाते रहेंगे.
Edible Oil Price: खाने के तेल अब और नहीं होंगे महंगे, सरकार ने उठाए बड़े कदम, जानिए आप पर क्या होगा असर
केंद्र ने कहा है कि राज्य आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार को बाधित किए बिना इस आदेश को लागू करें.
Edible Oil Price: खाने के तेल की बढ़ रहीं कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को इन कमोडिटी पर भंडार . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 10, 2022, 13:50 IST
नई दिल्ली. खाने के लिमिट ऑर्डर क्या है तेल की (Edible Oil Price) बढ़ रहीं कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में उसने राज्यों को इन कमोडिटी पर भंडारण की सीमा (Stock Limit on Oil Seeds) का आदेश लागू करने को कहा है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार को बाधित किए बिना इस आदेश को लागू करें.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तीन फरवरी को खाद्य तेलों और तिलहनों पर भंडार सीमा को तीन महीने यानी 30 जून तक बढ़ाने का आदेश दिया था. आदेश में भंडारण की सीमा का भी उल्लेख था. मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की. मंत्रालय ने बयान में कहा कि बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य/संघ शासित प्रदेश स्टॉक सीमा के आदेश को लागू करें.
अंतरराष्ट्रीय कीमतों का असर
बयान में कहा गया है कि इस कदम से अनुचित व्यवहार मसलन जमाखोरी, कालाबाजारी पर रोक लगेगी. राज्यों को खाद्य तेलों के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मूल्य परिदृश्य के बारे में भी बताया. राज्यों को इस बात की जानकारी दी गई कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें किस तरह से भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही हैं.
जानिए किसके लिए कितना है स्टॉक लिमिट
खाद्य तेलों के मामले में खुदरा कारोबारियों के लिए भंडारण की सीमा 30 क्विंटल है. थोक व्यापारियों के लिए 500 क्विंटल, थोक उपभोक्ताओं की खुदरा दुकानों मसलन बड़ी श्रृंखला एवं रिटेलर के लिए यह सीमा 30 क्विंटल और उनके डिपो के लिए 1,000 क्विंटल है. खाद्य तेलों के प्रसंस्करणकर्ता अपनी भंडारण क्षमता के 90 दिन के बराबर का स्टॉक रख सकते हैं.
निर्यातकों और आयातकों को कुछ छूट
तिलहनों के मामले में खुदरा कारोबारियों के लिए भंडारण की सीमा 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों के लिए 2,000 क्विंटल है. खाद्य तिलहनों के प्रसंस्करणकर्ता 90 दिन के खाद्य तेलों के उत्पादन के बराबर तिलहनों का स्टॉक रख पाएंगे. इस आदेश के दायरे से निर्यातकों और आयातकों को कुछ शर्तों के साथ बाहर रखा गया है.
खाद्य तेल का भी हो रिजर्व
केडिया एडवाइजरी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया का कहना है खाद्य तेल की कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार को गेहूं और चावल की तरह खाने के तेल का भी रिजर्व बनाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी से जुड़ीं पाबंदियां हटने से कारोबारी गतिविधियों में तेजी आई है. इससे खाद्य तेल की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में निकट भविष्य में कीमतों में गिरावट का अनुमान नहीं है. हालांकि, इस साल की दूसरी छमाही से कीमतों के मोर्चे पर कुछ राहत जरूर मिलेगी.
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