क्या है बिटकॉइन का नुकसान?
बिटकॉइन करेंसी से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी. इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं.
Explained: क्रिप्टोकरेंसी क्या है? बिटकॉइन, इथर, डॉजीकॉइन के बारे में जानिए सब कुछ
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 30 Jul 2021 12:43 PM (IST)
इस साल दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी की खूब चर्चा है. साल की शुरुआत में बिटकॉइन, डॉजीकॉइन जैसी डिजिटल करेंसियों ने जबर्दस्त उछाल लगाई लेकिन मई आते-आते यह एकदम धड़ाम हो गई. जितनी मुनाफा इसने बनाया था, सब खत्म हो गया. अब धीरे-धीरे इनमें फिर से तेजी आ रही है. इस तरह लोगों के मन में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जबर्दस्त जिज्ञासा है. आइए जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी दरअसल में है क्या?
क्रिप्टोकरेंसी है क्या?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है लेकिन इसे न तो देखा जा सकता न छूआ जा सकता है. यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है. जिस तरह से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, उस तरह की यह बिल्कुल भी मुद्रा नहीं है. डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चि करती है. यह सब इनक्रिप्टेड होती है. शुरुआत में इसके वैल्यू को लेकर काफी आशंकाएं थीं. एक समय ऐसा था जब 10 हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जे खरीदे जा सके थे. आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है. कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है. यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी है और इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है. बिटकॉइन के इन सिक्कों को यूजर बनाते हैं. इसके लिए उन्हें इनको "माइन" करना पड़ता है. "माइन" के लिए उन्हें गणना करने की क्षमता देनी होती है और इसके बदले बिटकॉइन इतना लोकप्रिय क्यों है? बिटकॉइन इतना लोकप्रिय क्यों है? में उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं. बिटकॉइन के सिक्कों को शेयर बाजारों में अमेरिकी डॉलर और दूसरी मुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है. कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती है हालांकि बीते कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता ठहरी हुई है.
तस्वीर: picture-alliance/empics/D. Lipinski
बिटकॉइन के साथ क्या हुआ है
दिसंबर 2017 में बिटकॉइन फ्यूचर को अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में कारोबार की इजाजत मिली. शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज और शिकागो बोर्ड ऑप ट्रेड ने इनकी खरीद बिक्री को मंजूरी दी थी. बिटकॉइन को लेकर दिलचस्पी इतनी ज्यादा थी कि कारोबार की अनुमति मिलते ही इसकी कीमतों में भारी उछाल आया. 2017 के शुरुआत में इस मुद्रा की कीमत 1000 डॉलर थी जो साल के आखिर में बढ़ कर 19,783 तक पहुंच गई.
हालांकि कारोबार शुरू होने के बाद बिटकॉइन फ्यूचर अगले कुछ महीनों में तेजी से नीचे आया. एक साल बाद ही इसकी कीमत घट कर 4000 डॉलर पर चली गी. निवेशकों और बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वालों ने बताया कि 2017 में आए उछाल की बड़ी वजहें सट्टेबाजी और मीडिया का आकर्षण थे.
अभी बिटकॉइन का क्या मोल है
कॉइनबेस के मुताबिक एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,700 डॉलर है. कॉइनबेस एक प्रमुख डिजिटल करेंसी एक्सचेंज है जो दूसरे टोकन और मुद्राओं का भी बिटकॉइन इतना लोकप्रिय क्यों है? कारोबार करती है. हालांकि बिटकॉइन की कीमत अस्थिर है और यह एक हफ्ते में ही सैकड़ों या हजारों डॉलरों का उतार चढ़ाव देखती है. एक महीने पहले इसकी कीमत 17,000 डॉलर थी और एक साल पहले 7000 डॉलर.
बिटकॉइन एक बहुत जोखिम वाला निवेश है और पारंपरिक निवेश के तरीकों जैसे कि शेयर या फिर बॉन्ड की तरह व्यवहार नहीं करता, जब तक कि खरीदार कई सालों तक इस मुद्रा को अपने पास ना रखे. उदाहरण के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने 100 अमेरिकी डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे ताकि वह इस मुद्रा पर नजर रख सके और व्यापार में इसके इस्तेमाल के बारे में खबर दे सके. इस पोर्टफोलियो का खर्च इस महीने जा कर अपने मूलधन पर पहुंचा है.
बिटकॉइन को इतना पसंद क्यों किया गया
बिटकॉइन वास्तव में एक कंप्यूटर कोड की श्रृंखला है. यह जब भी एक यूजर से दूरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं. लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है. इसी वजह से यह आजाद ख्याल के लोगों, तकनीकी दुनिया के उत्साही, सटोरियों और अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय है.
बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. इस वॉलेट को या तो कॉइनबेस जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए. बिटकॉइन का समुदाय यह तो जानता है कि कितने बिटकॉइन हैं लेकिन वे कहां हैं इसके बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है.
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में क्यों आ रही लगातार गिरावट, जानें क्या है इसका अमेरिका से कनेक्शन
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।
यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।
एक Bitcoin की कीमत 14.89 लाख रुपये: रिकॉर्ड तोड़ तेजी जारी, क्यों आ रही तेजी और कैसे कर सकते हैं खरीदारी
- News18Hindi
- Last Updated : December 01, 2020, 09:21 IST
नई दिल्ली: दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना महामारी के कारण आर्थिक अनिश्चितता के दौर में भी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन एक बार फिर ऑल टाइम रिकॉर्ड बनाया है. दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 8.7 फीसदी से बढ़कर $19,857.03 (करीब 14.89 लाख रुपये) हो गई, जिससे इसकी साल-दर-साल बढ़त 177 फीसदी पर पहुंच गई है. बता दें नवंबर महीने में बिटकॉइन का भाव 18 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था.
रघुराम राजन का बिटकॉइन पर ध्रुवीकरण वाला रुख
यह बढ़ रहा है और लोग इस बेशुमार बढ़त के दौर में कुछ फायदा उठाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ओर भाग रहे हैं और इस बढ़त का इस बार कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पिछले साल बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर पर आ गया और दिसम्बर 2020 में यह 40,000 डॉलर पर पहुँच गया। इस प्रक्रिया में कई खुदरा निवेशक भी इस ब्लॉकचेन दुनिया में अन्य ऑल्टकॉइन के साथ पैसे बनाने आ गये। हालांकि भारत के मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की ठीक-ठीक भविष्यवाणी की थी, वह न बिटकॉइन से प्रभावित हैं और न ही बिटकॉइन में इस बढ़त को वृद्धि की रूपरेखा मानते हैं। सो इस शीर्ष अर्थशास्त्री की बिटकॉइन पर क्या राय है?
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