शेयर बाजार जुआ नहीं, स्टॉक मार्केट से जुड़े 5 मिथक जो बन सकते हैं नुकसान का कारण
Share Market: शेयर की कीमत गिरते ही उसे खरीदना फिर कीमत बढ़ते ही बेचना कितना सही है
क्या आपको भी शेयर मार्केट (Share Market) जुए (Gambling) की तरह लगता है? लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट से जुड़े ऐसे कई मिथक (Stock Market Myths) हैं जो शायद आपके नुकसान की वजह बन शेयर बाजार के नुकसान रहे होंगे. आपको पांच ऐसे मिथकों के बारे में बताते हैं जिन्हें आपको तोड़ना चाहिए.
पहला- शेयर मार्केट जुआ है
जुआ अलग चीज है. जुए में जीत हार की 50-50 चांस होती है और इस प्रोबेबिलिटी को आप नहीं बदल सकते. लेकिन शेयर मार्केट में स्ट्रेटेजी के साथ की गई इंवेस्टमेंट गेम ऑफ चांस नहीं होता. ये रिस्क और रिवॉर्ड पर बेस्ड है. शेयर मार्केट में नॉलेज और स्किल मुनाफा बना सकता है. इंवेस्टर मार्केट ट्रेंड, पैटर्न्स, कंपनी फंडामेंटल्स जैसे बैलेंस शीट, प्रोफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट जैसी चीजों का एनालिसिस करे तो शेयर मार्केट में अपने मुनाफे और नुकसान को कंट्रोल कर सकता है. दिमाग और आंखों पर पर्दा डालकर इंवेस्ट करने वालों के लिए शेयर मार्केट जुआ ही है.
दूसरा- कॉपी केट इंवेस्टमेंट या क्लोनिंग
अगर आप सोचते हैं कि किसी का भी इंवेस्टमेंट प्लान देख कर इंवेस्ट कर देंगे तो आप भारी भूल कर रहे हैं. गूगल पर आजकल ये भी पता चल जाता है कि दिवंगत राकेश झुनझुनवाला का इंवेस्टमेंट प्लान क्या है. आईडिया बहुत बुरा है. बड़े बिजनेस मैन का विजन अगल है, उनके निवेश का उद्देश्य अलग है, उनके पास निवेश करने वाली पूंजी आपके पैसे से कई गुना ज्यादा है. अगर आप उन्हें कॉपी करते हैं तो आपकी जरूरत के हिसाब से इंवेस्ट नहीं होगा और वैसे रिटर्न्स नहीं मिलेंगे. मान लीजिए कोई अनुभवी रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहा है और आप 25 की उम्र में सोच रहे हैं कि अनुभवी है तो इनका प्लान कॉपी किया जाए. अब अनुभवी साहब शेयर मार्केट से पैसा निकाल कर पीपीएफ में डाल रहे हैं तो क्या आप भी यही करेंगे? खुद से पूछिए. पता चल जाएगा कि आप खुद का नुकसान करवा रहे हैं. कॉपी करना ही है तो आईडियाज, फिलॉसफी को कॉपी करें. प्लान को नहीं.
तीसरा- खुद से इंवेस्ट करना मतलब घंटों समय खपाना
पहले ऐसा जरूर था कि इंवेस्ट करना आसान नहीं था. जानकारियां जुटाने में पसीना छूट जाता था. लेकिन अब तो सबकुछ एक क्लिक पर है. आपको न्यूजपेपर तक नहीं उठाना पड़ता. कंपनियों की वेबसाइट पर कई रेलेवेंट जानाकारियां आसानी से मिल जाती हैं और फिर कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो इंवेस्टमेंट को लकेर सलाह देती है, जिसमें आपको कंपनी की एन्यूल रिपोर्ट आसानी से मिल जाती है, हर लिस्टेड कंपनी के पिछले कई सालों के रिकॉर्ड्स होते हैं, ग्राफ्स से आपके लिए बड़े बड़े फिगर्स को आसान बना दिया जाता है. यहां तक कि ये वेबसाइट्स स्टॉक्स को स्टडी करती हैं और कंपनी की ग्रोथ भी शेयर बाजार के नुकसान प्रेडिक्ट करती है. ध्यान रहे अगर कोई शेयर मार्केट को लेकर भविष्यवाणी करने का दावा करता है तो वह 100 फीसदी फर्जी है.
चौथा- शेयर मार्केट में अमीर लोग ही निवेश करते हैं
आप ये भी बोल सकते हैं कि जिसके पास खूब पैसा है वो ही निवेश कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं है. शेयर मार्केट में आप कम पैसा निवेश कर 5-6 साल तक होल्ड करते हैं तो रिटर्न अच्छा मिल सकता है. अब दिग्गज इंवेस्टर वारन बुफे को देख लीजिए विशाल संपत्ति के इस मालिक ने कुछ डॉलर्स के साथ निवेश शुरू किया था. और आजकल शेयर मार्केट में एंट्री लेने का आसान जरिया एसआईपी भी है जिसमें मिनिमम 100 रुपये से लाखों रुपयों शेयर बाजार के नुकसान तक इंवेस्ट किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म तक होल्ड करने की हैबिट बनाएं तो फायदे में रहेंगे. रातों रात शेयर मार्केट से कोई अमीर नहीं बन जाता. ये भी अपने आप में एक मिथक ही है.
पांचवां- स्टॉक्स की कीमत गिरते ही उसे खरीद लो और फिर कीमत बढ़ते ही बेच दो
शेयर मार्केट में आमतौर आप ऐसा करते हैं लेकिन उसका उद्देश्य अलग होता है. अगर आप 500 रुपये के स्टॉक को 50 रुपये तक गिरने पर खरीदते हैं और सोचते हैं कि वो वापस 500 के पार जाएगा तो ये गलत है. वो कहते हैं न कि गिरते हुए चाकू को पकड़ने की कोशिश करने वालों को ही चोट लगती है. वैसे ही कंपनी के फंडामेंटल्स देखें, जो स्टॉक साल भर में 50 से 70 हुआ है और लगातार बढ़ रहा है. ऐसी जगह ही निवेश करें.
कोरोना के डर से दहला शेयर बाजार: क्रिसमस से पहले निवेशकों को ₹15.37 लाख करोड़ का नुकसान
बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया।
Stock Market Crash 23 Dec 2022: चीन समेत कुछ देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और बड़े नुकसान के साथ बंद हुए। दोनों प्रमुख इंडेक्स में बड़ी गिरावट रही।
आज 1000 अंक के करीब गिरा सेंसेक्स
बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ।
गिरते बाजार में बिखर गए अडानी ग्रुप के शेयर: निवेशकों के डूब गए ₹1.7 लाख करोड़
मार्केट कैप पर असर
चार दिन की गिरावट की वजह से बीएसई का मार्केट कैपिटल लगातार कम हो रहा है। सोमवार 19 दिसंबर को मार्केट कैप 287.90 लाख करोड़ रुपये था जो अब 272.53 लाख करोड़ पर आ गया है। इस लिहाज से निवेशकों को 15.37 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
टाटा ग्रुप समेत दिग्गज शेयर धड़ाम
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी के शेयर भी खासे नुकसान में रहे।
ग्लोबल मार्केट में कोरोना का खतरा
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है।'' अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों ने भी बेचे शेयर
बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
ये फैक्टर भी जिम्मेदार
एक्सपर्ट रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरा को भी गुरुवार को बाजार की गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है। केंद्रीय बैंक शेयर बाजार के नुकसान ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
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बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 शेयर बाजार के नुकसान प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया।
Stock Market Crash 23 Dec 2022: चीन समेत कुछ देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और बड़े नुकसान के साथ बंद हुए। दोनों प्रमुख इंडेक्स में बड़ी गिरावट रही।
आज 1000 अंक के करीब गिरा सेंसेक्स
बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयर बाजार के नुकसान शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ।
गिरते बाजार में बिखर गए अडानी ग्रुप के शेयर: निवेशकों के डूब गए ₹1.7 लाख करोड़
मार्केट कैप पर असर
चार दिन की गिरावट की वजह से बीएसई का मार्केट कैपिटल लगातार कम हो रहा है। सोमवार 19 दिसंबर को मार्केट कैप 287.90 लाख करोड़ रुपये था जो अब 272.53 लाख करोड़ पर आ गया है। इस लिहाज से निवेशकों को 15.37 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।
टाटा ग्रुप समेत दिग्गज शेयर धड़ाम
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी शेयर बाजार के नुकसान के शेयर भी खासे नुकसान में रहे।
ग्लोबल मार्केट में कोरोना का खतरा
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है।'' अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी निवेशकों ने भी बेचे शेयर
बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।
ये फैक्टर भी जिम्मेदार
एक्सपर्ट रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरा को भी गुरुवार को बाजार की गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
Stock Market Opening : बाजार ने गंवाई 4 दिन की बढ़त, आज खुलते ही टूटा सेंसेक्स, ये स्टॉक करा रहे नुकसान
शेयर बाजार में एक दिन पहले भी 150 अंकों की बढ़त दिखी थी.
भारतीय शेयर बाजार ने चार दिनों से जारी बढ़त के सिलसिले को आज गंवा दिया. इंडसइंड जैसे शेयरों में आज बड़ी गिरावट दिख रही . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated :शेयर बाजार के नुकसान October 20, 2022, 10:22 IST
हाइलाइट्स
सेंसेक्स आज 283 अंकों की गिरावट के साथ 58,824 पर खुला.
निफ्टी 89 अंक टूटकर 17,423 पर खुला और ट्रेडिंग की शुरुआत हुई.
निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 पर भी 0.8 फीसदी की गिरावट रही.
मुंबई. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) ने बृहस्पतिवार सुबह चार दिनों से जारी बढ़त के सिलसिले को तोड़ दिया. आज कारोबार की शुरुआत ही नुकसान के साथ हुई और ग्लोबल मार्केट के दबाव में निवेशकों ने आज बिकवाली और मुनाफावसूली शुरू कर दी, जिससे सेंसेक्स फिर 59 हजार के नीचे चला गया. आज के कारोबार में निवेशक शुरुआती गिरावट के बाद थोड़ा सतर्क हुए हैं, लेकिन बिकवाली अभी जारी है.
सेंसेक्स आज 283 अंकों की गिरावट के साथ 58,824 पर खुला और कारोबार की शुरुआत हुई, जबकि निफ्टी 89 अंक टूटकर 17,423 पर खुला और ट्रेडिंग की शुरुआत हुई. आज निवेशकों पर ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट का साफ असर दिखा और यही कारण रहा कि बाजार ने चार दिनों से जारी बढ़त के सिलसिले को गंवा दिया. हालांकि, शुरुआती गिरावट के बाद निवेशकों ने थोड़ा सतर्क रुख अपनाया लेकिन बिकवाली जारी रही. इससे सुबह 9.25 बजे सेंसेक्स 177 अंकों के नुकसान के साथ 58,929 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 64 अंक टूटकर 17,448 पर टिका हुआ है.
आज ये स्टॉक करा रहे नुकसान
निवेशकों ने आज के कारोबार में इंडसइंड बैंक के शेयरों में जमकर बिकवाली की जिससे इसके स्टॉक 3 फीसदी नीचे आ गए और यह कंपनी टॉप लूजर में शामिल हो गई. आज की टॉप गेनर कंपनी नेस्ले इंडिया रही जिसके स्टॉक में शुरुआत में ही 1.86 फीसदी का उछाल दिखा है. आज के कारोबार में निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 पर शेयर बाजार के नुकसान भी 0.8 फीसदी की गिरावट दिख रही है.
कौन से सेक्टर पर ज्यादा असर
आज के कारोबार को सेक्टरवार देखें तो सबसे ज्यादा नुकसान निफ्टी ऑटो, निफ्टी मेटल और निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर को हुआ है. इन सेक्टर्स में आज शुरुआती कारोबार में ही 1 फीसदी की बड़ी गिरावट दिख रही है. सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी पीएसयू बैंक में रही जो 1.31 फीसदी नीचे आया. अगर तेजी की बात की जाए तो आज निफ्टी आईटी सेक्टर ने 0.52 फीसदी की बढ़त बनाई है.
एशियाई बाजारों में भी गिरावट
एशिया के ज्यादातर शेयर बाजार आज सुबह नुकसान पर खुले और लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज जहां 0.60 फीसदी के नुकसान पर ट्रेडिंग कर रहा है, वहीं जापान का निक्केई 1.33 फीसदी की गिरावट पर दिख रहा. ताइवान के शेयर बाजार में आज 1.99 फीसदी की गिरावट है तो दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बाजार 1.31 फीसदी के नुकसान पर ट्रेडिंग कर रहा है. चीन का शंघाई कंपोजिट भी आज 0.02 फीसदी की गिरावट पर है.
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Stock market: भारतीय शेयर बाजारों के लिए कैसा होगा नवंबर का महीना? हुई ये भविष्यवाणी
FPIs ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। भारत के अलावा इस महीने अबतक FPIs ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है।
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 30, 2022 13:50 IST
Photo:PTI Stock Market
भारतीय शेयर बाजार में बीते पूरे महीने उठा पटक का दौर जारी रहा है। यहां छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यदि शेयर बाजार की इस तेजी मंदी पर गौर करें तो यहां कई अन्य कारणों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली एक अहम कारण रही है।
हालांकि एफपीआई की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी की रफ्तार अक्टूबर में कुछ कम हुई है। अक्टूबर के इस रुख को देखते हुए भविष्यवाणी की जा रही है कि नवंबर में भी कुछ इसी प्रकार विदेशी निवेशकों की बिकवाली में नरमी देखी जा सकती है, जिसका फायदा शेयर बाजार के निवेशकों को मिल सकता है।
अक्टूबर में एफपीआई सेलिंग में आई बड़ी गिरावट
सितंबर में शेयरों से 7,600 करोड़ रुपये की निकासी करने के बाद इस महीने अब तक एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 1,586 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। भारत के अलावा इस महीने अबतक एफपीआई ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है।
नवंबर में भी आ सकती है गिरावट
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के पीएमएस प्रमुख के दिलीप ने कहा कि नवंबर में एफपीआई का शुद्ध प्रवाह काफी हद तक इस आंकड़े के आसपास रहेगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 28 अक्टूबर तक शेयरों से 1,586 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस महीने का अभी एक कारोबारी सत्र बचा है। हालांकि, पिछले कुछ दिन के दौरान भारतीय बाजारों में एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है। वास्तव में पिछले चार कारोबारी सत्रों में वे 6,000 करोड़ रुपये के लिवाल रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि पूंजी की ऊंची लागत, मौजूदा भू-राजनीतिक संकट की वजह से एफपीआई अक्टूबर में शेयर बाजार के नुकसान बिकवाल रहे हैं। इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। इस साल अभी तक एफपीआई की निकासी 1.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है।
जारी रहेगा अनिश्चितता का माहौल
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि की संभावना, रुपये में गिरावट, मंदी की आशंका और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का प्रवाह नकारात्मक रहेगा। इस परिदृश्य में अनिश्चितता का माहौल बना है जिसकी वजह से निवेशक जोखिम लेने से कतरा रहे हैं।’’
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