रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा जारी की गई वर्चुअल मनी से जुड़ी प्रक्रिया के लिए एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी का चयन किया गया है। इन बैंकों ने करीब 4 से 5 डील वर्चुअल करेंसी के माध्यम से वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है की है।
AEPS, इसकी कार्यक्षमता और फ्रेंचाइज़ी बिजनेस मॉडल क्या है?
भारत लगातार नई तकनीक को अपना रहा है और डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा है, साथ ही बैंकिंग सेवाएं और वित्तीय सेवाएं, उद्योगपतियों के लिए व्यवसाय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं क्योंकि ये सुविधाएँ कम से कम शर्तों के साथ व्यापक लाभ प्रदान कर रही हैं।
AEPS सेवा इसका एक उदाहरण है जिसे हम आजकल देखते हैं और उपयोग करते हैं। आपके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि AEPS क्या है और व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह क्यों फ़ायदेमंद है? इसलिए आज हम AEPS सेवा के बारे में सभी बिंदुओं से आपको इसके महत्व को पूरी तरह से पहचानने में मदद करेंगे। इसलिए अंत तक हमारे साथ बने रहें और यदि आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है, तो हमसे संपर्क करने में संकोच न करें।
एक बैंक-लीड मॉडल, जिसमें एक उपयोगकर्ता अपने संबंधित बैंक से अपने आधार कार्ड के साथ भुगतान और लेन देन करने में सक्षम है, जिसे AEPS कहा जाता है, जो भारत को डिजिटल बनाने के लिए 2016 में NPCI द्वारा शुरू की वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है गई प्रमुख सेवा में से एक है जिसे आधार भुगतान या आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है।
घर बैठे करें मोटी कमाई, बस स्मार्टफोन पर करना होगा ये काम, आप वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है भी जानें और कमाए हजारों रुपये
- घर बैठे पैसा कमाना है बेहद आसान
- स्मार्टफोन की पड़ेगी जरूरत
- हर रोज देना होगा थोड़ा-सा समय
तस्वीरें बेचकर पैसा कमाना:
क्या आपको फोटोग्राफी का शौक है या फिर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां तस्वीरों की काफी डिमांड है? इस तरह के शौक रखने वाले लोगों को बता दें कि स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट्स अपने आप में तस्वीरों का भंडार है जो लगभग हर एक सब्जेट को कवर करती है। अब ये भी जान लीजिए कि ये काम कैसे करता है? फोटोग्राफर अपनी तस्वीरों को डाटाबेस में से किसी भी एक कैटेगरी में अपलोड कर सकते हैं। किसी भी मैग्जीन एडिटर, डिजाइनर या फिर ऑर्गेनाइजेशन को आप वेबसाइट से कनेक्ट कर सकते हैं, ताकि यहां से आपकी फोटोज को खरीदा जा सके। स्टॉक वेबसाइट्स की सबसे अच्छी खासियत ये है कि इसके जरिए आप कितनी भी बार अपनी फोटोज को बेच सकते हैं। फोटो वेबसाइट्स की लिस्ट में शटरस्टॉक, फोटोशेल्टर और गेटी इमेज जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
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- स्मार्टफोन की पड़ेगी जरूरत
- हर रोज देना होगा थोड़ा-सा समय
तस्वीरें बेचकर पैसा कमाना:
क्या आपको फोटोग्राफी का शौक है या फिर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां तस्वीरों की काफी डिमांड है? इस तरह के शौक रखने वाले वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है लोगों को बता दें कि स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट्स अपने आप में तस्वीरों का भंडार है जो लगभग हर एक सब्जेट को कवर करती वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है है। अब ये भी जान लीजिए कि ये काम कैसे करता है? फोटोग्राफर अपनी तस्वीरों को डाटाबेस में से किसी भी एक कैटेगरी में अपलोड कर सकते हैं। किसी भी मैग्जीन एडिटर, डिजाइनर या फिर ऑर्गेनाइजेशन को आप वेबसाइट से कनेक्ट कर सकते हैं, ताकि यहां से आपकी फोटोज को खरीदा जा सके। स्टॉक वेबसाइट्स की सबसे अच्छी खासियत ये है कि इसके जरिए आप कितनी भी बार अपनी फोटोज को बेच सकते हैं। फोटो वेबसाइट्स की लिस्ट में शटरस्टॉक, फोटोशेल्टर और गेटी इमेज जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
छह माह के भीतर डीबीयू की तैयारी पूरी
इस मौके पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सिर्फ छह माह के भीतर डीबीयू की तैयारी पूरी कर ली गई। डिजिटल बैंकिंग यूनिट अभी दो प्रकार से काम करेगी। एक तरीका होगा जहां लोग खुद ही डिजिटल बैंकिंग करेंगे। दूसरे तरीके के तहत डीबीयू में आने वाले लोगों को मदद पहुंचाने की व्यवस्था होगी।
- डीबीयू में चौबीसों घंटे और सातों दिन पैसा जमा कर सकेंगे और निकाल सकेंगे।
- ई-केवाईसी और वीडियो केवाईसी की सुविधा से ग्राहक डीबीयू में खाता खोलने के साथ फिक्स्ड डिपाजिट भी कर सकेंगे।
- सरकारी स्कीमों की जानकारी और उनका लाभ ले सकेंगे।
- डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ फास्ट टैग जारी करा सकेंगे।
- किसी भी प्रकार के बिल का भुगतान कर सकेंगे।
- डीबीयू की मदद से खुदरा कारोबारी व एमएसएमई छोटे लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे और उसका भुगतान भी ले सकेंगे।
- डीबीयू से वित्तीय साक्षरता बढ़ेगी। ये सरकार के वित्तीय समावेशी कार्यक्रम को सुदूर इलाके तक पहुंचाएंगी।
किन राज्यों में कितनी यूनिटें और कहां
1. उत्तर प्रदेश (चार यूनिटें) - वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है वाराणसी, कानपुर देहात, लखनऊ व झांसी
2. उत्तराखंड (एक यूनिट) - हरिद्वार
3. पंजाब (तीन यूनिटें) - फरीदकोट, लुधियाना, जालंधर
4. दिल्ली (एक यूनिट) - दक्षिण दिल्ली
5. हरियाणा (एक यूनिट) - फरीदाबाद
6. हिमाचल प्रदेश (एक यूनिट) - सोलन
7. जम्मू-कश्मीर (दो यूनिटें) - जम्मू, श्रीनगर
8. बिहार (एक यूनिट) - दानापुर
फोन बैंकिंग राजनीति ने बैंकों को कर दिया था असुरक्षित : मोदी
रविवार को डिजिटल बैंकिंग यूनिटों (डीबीयू) को शुरू करने के मौके पर प्रधानमंत्री ने संप्रग सरकार की बैंकिंग प्रणाली पर तीखा कटाक्ष किया। मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश फोन बैंकिंग प्रणाली से डिजिटल बैंकिंग प्रणाली पर शिफ्ट वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है हो गया है। तभी आज भारत की अर्थव्यवस्था एक निरंतरता के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के पहले की फोन बैंकिंग लोगों को भलीभांति याद होगी जब बैंकों को वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है ऊपर से फोन आता था और तय होता था कि बैंक कैसे काम करें। किसे लोन दें।
फोन बैंकिंग राजनीति ने बैंकों को असुक्षित कर दिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस फोन बैंकिंग राजनीति ने बैंकों वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है को असुक्षित कर दिया था, गड्ढे में उतार दिया था। देश की अर्थव्यवस्था को असुरिक्षत कर दिया था। उस दौरान हजारों करोड़ के घोटालों के बीज पड़े और उसके बाद निरंतर घोटाले ही घोटाले की खबरें आया करती थीं। लेकिन अब डिजिटल बैं¨कग से सब पारदर्शी तरीके से चल रहा है। फंसे हुए कर्ज (एनपीए) की पहचान की दिशा में काम किया गया और लाखों-करोड़ों रुपये बैंकिंग प्रणाली में वापस आए।
पहले ही दिन RBI की डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से 275 करोड़ के ट्रांजेक्शन, जानिए कैसे करती है काम?
राज एक्सप्रेस। आरबीआई ने बुधवार के दिन डिजिटल करेंसी सीबीडीसी की शुरुआत कर दी है। केन्द्रीय बैंक के द्वारा डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट जारी किया गया है। इसके जारी होने के पहले ही दिन कई बैंकों के द्वारा इस वर्चुअल मनी का इस्तेमाल कर ट्रांजेक्शन किए गए। बैंकों ने डिजिटल रूपी के साथ सरकारी बॉन्ड से संबंधित करीब 50 ट्रांजैक्शन किए, जिनकी कुल कीमत 275 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस प्रक्रिया में देश के 9 बैंक हिस्सा ले रहे हैं। तो चलिए जानते हैं डिजिटल रूपी के इस्तेमाल के बारे में।
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