Ethereum आपकी Bitcoin के बाद सबसे ज्यादा प्रयोग मे लाई जाने वाली डिजिटल मुद्रा है। जिसके विटालिक बुचेरिन ने 2015 मे बना कर दुनिया के नाम पेश किया। अगर बिटकॉइन के बाद किसी मुद्रा का प्रयोग होता है, तो इथेरियम का ही सबसे ज्यादा होता है। इस कारण यह काफी ज्यादा फेमस Cryptocurrency है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? | Cryptocurrency In Hindi | What Is Cryptocurrency Kya Hai
इस पोस्ट मे आप क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency kya hai) के बारे मे जानेंगे, आप मे से कई लोग अक्सर What is Cryptocurrency In Hindi के बारे मे इंटरनेट पर ढूँढ़ते होंगे पर क्या आपको सरी जानकारी सही मिल पाती है। नहीं, और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या क्योंकि हर कोई आपको हर जानकारी सही नहीं दे पाता है।
इस कारण मैने यह पोस्ट तैयार की है, जिसका उद्देश्य है आपको क्रिप्टो करेंसी भारत के बारे मे जानकारी देना। जिसके द्वारा आप जान सकें की What Is Cryptocurrency In Hindi यानी cryptoccurrency kya hota hai और यह किस प्रकार कार्य करता है। तो चलिए जानते है क्रिप्टो करेंसी क्या है के बारे मे विस्तार से।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है – Cryptocurrency In Hindi
यह एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा यानी वर्चुअल करेंसी का प्रकार है। क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग आप वास्तविक रूप मे न करके digital माध्यम से कर सकते है। इसका उपयोग वस्तु तथा सेवाओं को खरीदने आदि के लिए प्रयोग होता है। इस प्रकार क्रिप्टो करेंसी एक विकेन्द्री मुद्रा है जो कि ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक मुद्रा का प्रकार है। तो क्रिप्टो करेंसी क्या है के बारे मे आप जान गए होंगे।
ब्लॉकचैन क्या है
क्रिप्टोकरेंसी की बातो हो रही है तो ब्लॉकचैन का नाम बार-बार आएगा तो इसके बारे मे भी जानना आपके लिए जरूरी है। यह एक प्रकार का डिजिटल लेजर है जिसके अंदर सभी क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा के रिकार्ड्स को सुरक्षित और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या रखा जाता है।
ब्लॉकचैन मे डाटा तो रहता है यानी Cryptocurrency के लेन-देन की जानकारी होती तो है पर उसको कोई देख नहीं पाता और न ही पता कर पाएगा। क्योंकि इसको हैक करना सबसे कठिन होता है। इस कारण भविष्य मे ब्लॉकचैन Cryptocurrency के साथ-साथ अन्य कई जगह भी कार्य करेगा।
क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत
2009 मे डेवलपर सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) के अथक प्रया के बाद पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी जिसका नाम बिचकॉइन (BITCOIN) है को जारी किया, यह SHA-256 हैश फंक्शन पर आधारित एक मुद्रा है। वर्तमान समय मे यह मुद्रा दुनिया और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या की सबसे महंगी मुद्रा है।
Bitcoin का इतिहास क्या है?
इस virtual currency (आभासी मुद्रा) का निर्माण जापानी नागरिक Satoshi Nakamoto ने की थी। और इसका चलन 3 जनवरी 2009 से शुरू हुआ था। शुरुआती दिनों में और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या इसकी कीमत लगभग 36 पैसे के बराबर थी ।
वर्तमान में इसकी कीमत अमरीकी डॉलर $33000 के आस पास है, यदि हम इसे भारतीय मुद्रा रुपये में बदले तो इसकी कीमत 24 लाख 60 हजार रुपये के आसपास है। इसका मतलब यह दोस्तों यदि हम सन् 2009 में इसके बारे में जानते और केवल 100 रूपये इस मुद्रा में निवेश करते तो आज हमारे पास 10 से 11 करोड़ रुपये होते। यदि कोई अपने पास Bitcoin रखता है तो वह आम ख़रीदारी की तरह ही डिजिटल रूप से ख़रीदारी कर सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
एक क्रिप्टोकरेंसी, मोटे तौर पर आभासी या डिजिटल पैसा है जो टोकन या “सिक्कों” का रूप लेता है। हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी ने क्रेडिट कार्ड या अन्य Projects के साथ भौतिक दुनिया में कदम रख चुके हैं परंतु अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से अमूर्त हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में जटिल क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है यह Peer to Peer Electronic System के आधार पर कार्य करता है। जो विकेंद्रीकृत प्रणालियों में डिजिटल मुद्राओं और उनके लेनदेन और प्रसंस्करण की अनुमति देता है। इस प्रकार के लेनदेन में केंद्रियों बैंकों का नियंत्रण नहीं होता है।
क्रिप्टोकरेंसी को सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने के लिए डिज़ाइन किया गया है, हालाँकि जैसे-जैसे वे अधिक लोकप्रिय होते गए हैं, इनका विरोध भी कई देशों में शुरू हो गया है और यही मूलभूत पहलू जो की सरकारी नियंत्रण में न होना है इसके वजह से चपेट में आ गया है।
क्या Bitcoin में पैसा इन्वेस्ट करना सही है?
आजकल Bitcoin के प्रभाव को देखते हुए लोग इसके प्रति आकर्षित होते जा रहे हैं इसका मुख्य कारण है क्रिप्टोकरेंसी का सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना। आप सोचकर देखिये यदि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमे निवेश करते हैं तो किसी भी देश की सरकार इसके लिए क्या कदम उठाएगी नहीं, जरूर उठाएगी और इसे अपने नियंत्रण में लाने से भी चूकेगी नहीं।
कई देशों के अलग-अलग हिस्सों में इसके इस्तेमाल के ऊपर पाबन्दियाँ और व्यापक विरोध के कारण इसके मार्केट वैल्यू में गिरावट देखी जा रही है। यह एक मजबूत Crypto Currency भी है तो हो सकता है यह इन परिस्थितियों से उभर भी जाये और आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको लाभ भी मिले। यह तो स्पष्ट है की सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना ही Crypto Currency के लिए सबसे बड़ा चुनौती है।
वर्तमान समय में कई ऐसे वेबसाइट भारत में भी लॉन्च हो गये हैं जिनके माध्यम से अलग-अलग Crypto Currency में आसानी से निवेश किया जा सकता है । ऐसे निवेश हमेशा से जोखिमों के अधीन होते हैं अतः आप अपने पैसे सोच समझकर ही निवेश करें ।
और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सेबी की चिंता
विषय- अर्थव्यवस्था
स्रोत- द हिंदू
संदर्भ
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), जो प्रतिभूतियों और वस्तुओं के बाजार को नियंत्रित करता है, सेबी ने कथित तौर पर जयंत सिन्हा के नेतृत्व वाले वित्त को लेकर संसदीय स्थायी समिति से कहा है कि प्रौद्योगिकी की प्रकृति को देखते हुए क्रिप्टो परिसंपत्तियों का विनियमन मुश्किल होगा जो उन्हें बनाए रखता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
- यह एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उपयोग पारंपरिक धन के स्थान पर किया जा सकता है।
- क्रिप्टोकरेंसी में, क्रिप्टोग्राफी का उपयोग लेनदेन को सुरक्षित और सत्यापित करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है।
- यह एक विकेंद्रीकृत पीयर-टू-पीयर नेटवर्क द्वारा समर्थित है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।
- पहली क्रिप्टोकरेंसी: बिटकॉइन, 2009 में सतोशी नाकामोटो द्वारा लॉन्च किया गया था।
भविष्य में वे क्या हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं।What do they aim to achieve in the future.
भविष्य में वे क्या हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं ,जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अल्गोरंड फाउंडेशन के अपने ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के लिए कुछ बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं। वे यह भी उम्मीद करते हैं कि लोगों के और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करना और समझना आसान हो, जो संभावित रूप से इसे मुख्यधारा में लाने में मदद कर सकता है।
अल्गोरंड सिक्का एक नई और विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा और ब्लॉकचेन परियोजना है, और इसके टोकन को अल्गोरंड सिक्का कहा जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, हमने कई नई क्रिप्टोकरेंसी देखी हैं, और उनमें से कुछ सफल रही हैं, जबकि उनमें से कुछ को सफलता नहीं मिली है। तो, वास्तव में अल्गोरंड सिक्का क्या है और अल्गोरंड सिक्के के क्या लाभ हैं? चलो पता करते हैं।
अल्गोरंड सिक्का हाल ही में और अच्छे कारणों से बहुत शोर कर रहा है। यह एक नई और क्रांतिकारी डिजिटल मुद्रा है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। अल्गोरंड सिक्का सुरक्षित, स्केलेबल और कुशल है, जो इसे निवेशकों और जनता के लिए और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या एक अच्छा विकल्प बनाता है।
वे भविष्य में क्या हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं?What do they aim to achieve in the future?
अल्गोरंड एक नई और विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा और ब्लॉकचेन परियोजना है, और इसके टोकन को अल्गोरंड सिक्का कहा जाता है। अल्गोरंड फाउंडेशन, जिसने मुद्रा का निर्माण किया, का उद्देश्य अपने अद्वितीय प्रोटोकॉल के साथ ब्लॉकचेन अर्थव्यवस्था में क्रांति लाना है जो सुरक्षित, स्केलेबल लेनदेन प्रदान करता है। ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या को मुख्यधारा में लाने के लिए परियोजना का दीर्घकालिक लक्ष्य है, और इस संबंध में इसने पहले ही काफी प्रगति की है।
हालांकि यह अभी भी एक नया सिक्का है, लेकिन अल्गोरंड में बाजार पर सबसे अधिक मांग वाली cryptocurrencies में से एक बनने की क्षमता है। यदि आप एक ऐसा निवेश चाहते हैं जो सुरक्षित रहे और भविष्य में व्यापार करना आसान हो, तो आज ही कुछ अल्गोरंड कॉइन खरीदने पर विचार करें।
क्या होती है डिजिटल करेंसी | ई रुपया | E Rupee RBI
E Rupee Digital Currency- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 01 नवंबर 2022 से, पहली बार डिजिटल करेंसी शुरू करी| इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल ट्रांसैक्शन के लिए ही चालू किया गया था| अब रिटेल ट्रांसैक्शन के लिए भी 01 दिसंबर 2022 से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है| देश में आरबीआई की रिटेल डिजिटल करेंसी (ई-रुपया) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने-न रखने का विकल्प होगा| डिजिटल करेंसी (E Rupee) आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा| आइये जानते हैं क्या होती है डिजिटल करेंसी (E Rupee Digital Currency) और कैसे अलग है यह क्रिप्टो करेंसी से (Digital rupee Vs Cryptocurrency):
क्या होती है डिजिटल करेंसी (CBDC)
भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी निविदा (legal tender) के डिजिटल रूप में परिभाषित करता है| सीधे शब्दों में कहें, तो यह फिएट मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, यानी भारतीय रुपया जिसे एक फिएट मुद्रा (भारतीय रूपया) से बदला जा सकता है|
सीबीडीसी के वे सभी फायदे होंगे जो क्रिप्टोकरेंसी और भुगतान के डिजिटल रूपों और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या में होते हैं| एक डिजिटल मुद्रा को कभी भी फाड़ा, जलाया या क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता है| यह खो भी नहीं सकते हैं| नोटों की तुलना में, मुद्रा के डिजिटल रूप की लाइफ इस प्रकार अनिश्चित होगी| लेनदेन लागत को कम करने के अलावा, एक डिजिटल मुद्रा होने से सरकारों के लिए अधिकृत और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या नेटवर्क के भीतर होने वाले सभी लेनदेन तक पहुंचना आसान हो जाएगा और सरकारों की नज़र से बचना असंभव हो जाएगा| इस प्रकार प्रत्येक लेनदेन को देश के भीतर प्रासंगिक कानूनों के अधीन किया जाएगा|
कब से शुरू हो रही है भारत की डिजिटल करेंसी (E Rupee)
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के पास रेगुलेटर का सपोर्ट है और यह डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर रहेगा| इसे पेपर करेंसी में बदला जा सकेगा जो आरबीआई की बैलेंस शीट में दिखाई देगा यानि आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी को वैधानिक मान्यता रहेगी| इसे 'इ रूपी'/ E Rupee कहेंगे| यह क्रिप्टो करेंसी नहीं है| यह फियट करेंसी यानि जिस करेंसी का सभी इस्तेमाल करते हैं, उसका डिजिटल रूप है|
दरअसल डिजिटल करेंसी की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2022 को बजट में की थी| उन्होनें ऐलान किया था कि आरबीआई वित्त वर्ष 2022-2023 में सीबीडीसी लांच करेगा| वित्त मंत्री ने कहा था कि यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा और इससे डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा|
रिज़र्व बैंक ने लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से 07 अक्टूबर 2022 को एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया था, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके| 31 अक्टूबर 2022 को आरबीआई ने डिजिटल रूपए की दिशा में आगे बढ़ते हुए होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रूपए के पहले पायलट और अन्य विकेंद्रीकृत मुद्राओं के बारे में क्या का ऐलान किया| इस पायलट प्रोजेक्ट में भारत के नौ बैंकों को शामिल किया गया है (E Rupee Bank):
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