Scientist who worked at Wuhan lab makes startling revelation; says COVID was man-made virus
चीन के वुहान लैब में काम कर चुके साइंटिस्ट का चौंकाने वाला खुलासा, कोरोना को लेकर किया ये बड़ा दावा
हफ ने अपनी नई किताब ‘द ट्रुथ अबाउट वुहान’ में दावा किया है कि महामारी अमेरिकी सरकार द्वारा चीन में कोरोनविर्यूज़ के वित्तपोषण के कारण जोखिम प्रबंधन हुई थी। हफ की किताब के कुछ अंश ब्रिटेन के टैबलॉयड द सन में प्रकाशित हुए हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हफ इकोहेल्थ एलायंस के पूर्व उपाध्यक्ष हैं, जो न्यूयॉर्क में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो संक्रामक रोगों का अध्ययन करता है।
हफ ने किताब में किया ये दावा
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, हफ ने अपनी पुस्तक में दावा किया है कि चीन के गेन-ऑफ-फंक्शन प्रयोग अपर्याप्त सुरक्षा के साथ किए गए, जिसके परिणामस्वरूप वुहान लैब में रिसाव हुआ।
बता दें कि वुहान लैब COVID की उत्पत्ति को लेकर बहस का केंद्र रहा है। हालांकि चीनी सरकार के अधिकारियों और लैब कर्मचारियों दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि वायरस की उत्पत्ति वहीं हुई है।
एंड्रयू हफ ने अपनी पुस्तक में कहा, “विदेशी प्रयोगशालाओं में उचित जैव सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण उपाय नहीं थे, जिसके परिणामस्वरूप वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में प्रयोगशाला रिसाव हुआ।”
2014 से 2016 तक इकोहेल्थ एलांस में हफ ने किया था काम
हफ ने 2014 से 2016 तक इकोहेल्थ एलायंस में काम किया था। उन्होंने कहा कि गैर-लाभकारी संस्था ने अन्य प्रजातियों पर हमला करने के लिए इंजीनियर बैट कोरोनविर्यूज़ के सर्वोत्तम मौजूदा तरीकों को विकसित करने में कई वर्षों तक वुहान लैब की सहायता की।
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FD vs डेट फंड
निवेश FD डेट फंड
रकम `1 करोड़ `1 करोड़
रिटर्न 6% 7%
होल्डिंग अवधि 3 साल 3 साल
रकम की वैल्यू `1.19 करोड़ `12.25 करोड़
इंडेक्स्ड कॉस्ट(4% इनफ्लेशन) - `11.24 करोड़
गेन पर टैक्से `19 लाख `10 लाख
टैक्स देनदारी `5.95 लाख `2.08 लाख
पोस्ट टैक्स रकम `1.13 करोड़ `1.20 करोड़
पोस्ट टैक्स रिटर्न 4.20% 6.39%
आईसीजी ने 24वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना और तैयारी बैठक आयोजित की
बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और एजेंसियों, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बंदरगाहों और तेल रिसाव से निपटने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों जोखिम प्रबंधन सहित लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वर्तमान में, कच्चे तेल के तीसरे सबसे बड़े आयातक के रूप में, भारत जहाजों के माध्यम से बड़ी मात्रा में तेल प्राप्त करता है।
इसी तरह, भारत दुनिया में प्रमुख रासायनिक आयातक देश के रूप में छठे स्थान जोखिम प्रबंधन जोखिम प्रबंधन पर है।
तेल और रसायनों के रिसाव का जोखिम
तेल और रसायन दोनों के रिसने से भारत के समुद्री क्षेत्रों और उससे जुड़ी तटरेखाओं में तटीय आबादी, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र, उद्योग और सहायक पर्यटन उद्योग के साथ-साथ विभिन्न प्रतिष्ठानों के लिए अंतर्निहित जोखिम पैदा होते हैं।
अतः, किसी भी संभावित समुद्री रिसाव को रोकने के लिए केंद्रीय समन्वय एजेंसी, बंदरगाहों, जहाज मालिकों, तेल प्रबंधन सुविधाओं, तटीय राज्यों और अन्य संबंधित हितधारकों द्वारा निवारक उपाय किए जाने जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता है।
भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के बारे में
यह रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव और समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है।
यह अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में स्थापित किया गया था।
यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तट रक्षक है।
इसने भारतीय तटों को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अमेरिका का पैसा और सिक्योरिटी, चीन का लैब… ऐसे लीक हुआ कोरोना वायरस: वुहान में काम कर चुके वैज्ञानिक की किताब में खुलासा – मानव निर्मित है कोविड
कोविड इंसानों द्वारा जोखिम प्रबंधन बनाया गया वायरस - वुहान लैब में काम करने वाले वैज्ञानिक का दावा (फोटो साभार: द सन)
कोरोना की उत्पत्ति को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते रहे हैं। जोखिम प्रबंधन कई इसे जीव-जनित बताते हैं तो कई लोगों का मानना है कि यह चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। अब इस दावे को और बल मिल रहा है। यहाँ काम कर चुके एक वैज्ञानिक ने इस संबंध में एक अहम खुलासा किया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन स्थित ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ में काम करने वाले वैज्ञानिक एंड्रयू हफ का दावा है कि कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस है, जो WIV से लीक हो गया था।
Scientist who worked at Wuhan lab makes startling revelation; says COVID was man-made virus
एंड्रयू हफ ने वायरस का अध्ययन करने वाले न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि कोविड को ढाई साल से पहले चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक किया गया। हफ ने इसे 9/11 के बाद की सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता बताया और इसके लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया।
यह प्रयोगशाला कोविड की उत्पत्ति के बारे में बहस के केंद्र रहा है। हालाँकि, चीन के सरकारी अधिकारियों और प्रयोगशाला कर्मियों ने हमेशा इससे इनकार किया है कि वायरस लैब से लीक हुआ था। महामारी जोखिम प्रबंधन वैज्ञानिक हफ ने अपनी नई पुस्तक ‘द ट्रूथ अबाउट वुहान’ में कहा कि चीन में कोरोना वायरस अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण का परिणाम था। उन्होंने कहा कि चीन में एक्सपेरिमेंट को LAX सुरक्षा के साथ किया गया, जिसके कारण वुहान लैब में लीक हुआ। ‘लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट सिक्योरिटी (LAX सुरक्षा)’ लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पुलिस का एक प्रभाग है।
उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, “विदेशी प्रयोगशालाओं में बायो-सेफ्टी (खतरनाक रोगाणुओं से निपटने के उपाय), बायो-सिक्योरिटी (वायरस के प्रसार को रोकना) और को सुनिश्चित करने और जोखिम प्रबंधन जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी तैयारियाँ नहीं की गई थीं। अंततः यही चीजें WIV से वायरस लीक होने का कारण बनीं। पिछले दो वर्षों में लगातार ऐसे सबूत सामने आए हैं जोखिम प्रबंधन जिससे पता चलता है कि वायरस लैब से लीक हो गया था।
हफ ‘इकोहेल्थ एलायंस’ के एक पूर्व उपाध्यक्ष हैं, जो न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी समूह है। ये अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH)’ के साथ एक दशक से अधिक समय से चमगादड़ों में अलग-अलग कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहा है और इस संस्था ने वुहान लैब से भी घनिष्ठ संबंध बनाए थे।
वैज्ञानिक हफ ने लिखा, “चीन पहले दिन से यह जानता था कि कोरोना वायरस को जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से बनाया गया था। इसका जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि बायोटेक्नोलॉजी की ये तकनीक उसी ने चीन को दी थी।” बता दें कि ‘जेनेटिक इंजिनयरिंग’ के माध्यम से किसी जीव के जीन्स में छेड़छाड़ कर के उसके स्वभाव को बदला जा सकता है।
आज विश्व एड्स दिवस है
आज विश्व एड्स दिवस है। यह दिवस इस महामारी को समाप्त करने के लिए किये गए कार्यों को दर्शाने के लिए प्रत्येक वर्ष पहली दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस उन लोगों की सहायता करने के लिए भी मनाया जाता है जिन्हें इस घातक बीमारी के साथ जीना पडता है। पहला एड्स दिवस 1988 में मनाया गया था। एचआईवी एक बडा जन स्वास्थ्य मुद्दा है। इस बीमारी से विश्व में करोडों लोग ग्रस्त हैं। यह वायरस रोग प्रतिरोधक तंत्र को प्रभावित करता है। इससे अन्य बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और रोगी में मृत्यु का जोखिम बढ जाता है। इसकी स्थापना 1988 में की गई थी और यह पहला वैश्विक स्वास्थ्य दिवस था।
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