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जमीन से ज्यादा रिटर्न स्टार्टअप में: 5 साल पहले स्टार्टअप में डेढ़ लाख का इन्वेस्टमेंट अब 2.5 करोड़ हो गया

प्रदेश की स्टार्ट अप नीति लांच होने के पहले शासन-प्रशासन अब स्थानीय लोगों को स्टार्ट अप में निवेश करने के लिए लगातार आमंत्रित कर रही है। 13 मई को होने वाली पॉलिसी लांच कार्यक्रम के पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने ब्रिलियंट कन्वेन्शन सेंटर में उद्योगपतियों के साथ बैठक की और कहा कि शहर के कई उद्योगपति और प्रोफेशनल जमीन में निवेश करते रहते हैं। इसके बजाए वह अब स्टार्टअप में निवेश करें तो उन्हें ज्यादा फायदा मिल सकता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर में एंजेल नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। वहीं इंदौर में इकोनॉमिक कॉरिडोर पर स्टार्टअप पार्क बनाया जा रहा है। डाटा सेंटर बनाने के प्रयास हो रहे हैं। इंदौर को स्टार्टअप का हब बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ. निशांत खरे ने कहा कि इंदौर में निवेशक विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं। स्टार्टअप में भी उन्हें निवेश करना चाहिए। स्टार्टअप में निवेश के उन्होंने फायदे भी बताएं। इंदौर में एक सपोर्ट सिस्टम भी डेवलप किया जा रहा है।

जमीन से ज्यादा रिटर्न स्टार्टअप में

10 प्रतिशत पैसा भी अगर स्टार्टअप में निवेश किया जाता है तो कुछ वर्षों में उससे कई गुना रिटर्न मिल सकता है। ऐसा शहर के कई निवेशकों के साथ हुआ है। किसी ने पांच साल पहले 1.5 लाख रुपये किसी स्टार्टअप में लगाए थे तो वह अब ढ़ाई करोड़ हो गए हैं। जमीन से ज्यादा रिटर्न स्टार्टअप में है। शहर का जो भी उद्योगपति स्टार्टअप में निवेश करना चाहते हैं, अब उनसे हम मिलेंगे और उन्हें स्टार्टअप के साथ बैठक कराएंगे।

स्टार्टअप में निवेश को लेकर प्रशासन ने उद्योगपतियों के साथ बैठक की।

संगठनों से बुलाई लिस्ट

स्टार्टअप नीति लांचिंग के साथ ही शासन प्रशासन अब शहर के उद्योगपति, डॉक्टर, सीए, इंजीनियर और रियल एस्टेट से जुड़े व्यापारियों को शहर के स्टार्टअप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। जिसके लिए शहर के सभी प्रमुख संगठनों से निवेश के लिए उत्सुक व्यक्तियों के नाम मंगाए गए हैं। हर संगठन को कहा गया है कि वे 25 से 50 लोगों के नाम प्रशासन को दे।

2 साल में 1 करोड़ रुपए का निवेश

कार्यक्रम स्टार्टअप में निवेश कैसे करें के बाद ग्रुप डिस्कशन हुआ जिसमें सावन लड्डा ने बताया कि स्टार्टअप को कब, क्यों और कैसे निवेश की आवश्यकता होती है। सावन ने कार्यक्रम में आए उद्योगपतियों और स्टार्टअप संचालकों को बताया कि 2 साल में 1 हजार करोड़ का निवेश इंदौर के स्टार्टअप में हुआ है।

गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश करने की जानकारी।

दोस्तों, आप शेयर बाजार में शेयर या स्टॉक कई बार ख़रीदा या बेचा है, लेकिन क्या आप जानते है कि शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ सूचीबद्ध कैसे होती है ? आप कौन से मार्किट या स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से शेयर खरीद या बेच सकते है ? आईये इसका उत्तर जानते है।

किसी भी शेयर या स्टॉक का क्रय या विक्रय प्रतिभूति बाज़ार (Security Market) के अंतर्गत आता है और प्राथमिक बाज़ार (Primary Market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market) इसके दो प्रकार है। प्रतिभूति बाज़ार में एनएसई या बीएसई दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज है। कोई भी कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होता है और निवेशक प्राथमिक बाज़ार से कंपनी के शेयर सीधे खरीदते है। जब कंपनी द्वितीयक बाज़ार में सूचीबद्ध हो जाता है तो निवेशक या ट्रेडर्स उसके शेयर आपस में खरीदते या बेचते है।

क्या अपने गैर सूचीबद्ध स्टॉक (Unlisted Stock) के बारें में सुना है ? गैर स्टार्टअप में निवेश कैसे करें सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को कैसे खरीद सकते है, कहाँ खरीद सकते है ? आईये गैर सूचीबद्ध स्टॉक के बारें में विस्तार से समझते है।

स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।

स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।

आईये एक कंपनी "Y" का उदाहरण लेते है। "Y" एक स्टार्टअप कंपनी है और यह किसी भी स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई या बीएसई) में सूचीबद्ध नहीं है। इस कंपनी के स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक (unlisted stock) कहते है। यदि निवेशक को कंपनी "Y" का व्यावसायिक पद्धति पसंद आता है स्टार्टअप में निवेश कैसे करें और उन्होंने कंपनी "Y" में अपने पैसे निवेश करके उस कंपनी के शेयर खरीदते है तो ऐसे स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक कहते है।

रिलायंस रिटेल, ओला, लावा अदि प्रसिद्ध अनलिस्टेड स्टॉक के उदाहरण है। ये कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में आधिकारिक रूप से पंकजीकृत नहीं है लेकिन ट्रेडर्स इस कंपनियों में ट्रेड करते स्टार्टअप में निवेश कैसे करें है। एक निवेशक या ट्रेडर्स के रूप में, यदि आप भी स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करना चाहते है तो अनलिस्टेड स्टॉक एक अच्छा विकल्प है।। आईये जानते है की अनलिस्टेड स्टॉक्स या शेयर में कैसे निवेश करे।

अनलिस्टेड स्टॉक्स लिस्ट्स

आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा है कि यदि अनलिस्टेड स्टॉक्स एनएसई या बीएसई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत नहीं है तो ऐसे स्टॉक्स कैसे ख़रीदे ?

इसका उत्तर है कि अनलिस्टेड स्टॉक्स आप किसी ब्रोकर्स कंपनियों से खरीद सकते है, जैसे Unlisted Zone, Unlisted deals, Buy Sell Unlisted Shares आदि। इसके अलावा अन्य ब्रोकर का सूचि आपको इंटरनेट के माध्यम से मिल जायेगा।

अनलिस्टेड स्टॉक्स कि श्रेणी में भिन्न-2 प्रकार के कंपनियां शामिल है जो निम्नलिखित है।

  • प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
  • अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।

अनलिस्टेड स्टॉक्स में कैसे इन्वेस्ट करें

यदि आप भी अन्य निवेशक की तरह अनलिस्टेड शेयर में निवेश करना चाहते है, तो बहुत से माध्यम है जिसके द्वारा आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश कर सकते है।

स्टार्टअप से शुरू करें

आप किसी स्टार्टअप कंपनी के शेयर में निवेश करके शुरुवात कर सकते है। स्टार्टअप और छोटी कंपनियां शेयर की बिक्री की गारंटी नहीं देती हैं। स्टार्टअप कंपनी जल्दी और अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसे की मांग करती है और ट्रेड के दिन से तीन दिन बाद ही डिलीवरी होती है। इसे आम तौर पर टी+3 डिलीवरी कहा जाता है।

ईसॉप शेयर

ईसॉप शेयर एक अनलिस्टेड स्टॉक है, इस शेयर को खरीदने की अनुमति सिर्फ कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को होता है। ईसॉप शेयर भी अन्य शेयर बाजार के शेयर के सामान होता है। एक ब्रोकर आपके लिए सही अनलिस्टेड स्टॉक खोजने में आपकी मदद कर सकता है।

प्रमोटर्स

आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश करना चाहते है तो आप सीधे प्रोमोटर्स (Promotors) से खरीद सकते है। कई निवेश बैंक और निजी प्लेसमेंट निजी या नॉन-लिस्टेड शेयरों को खरीदने में मदद प्रदान कर सकते स्टार्टअप में निवेश कैसे करें हैं।

अपने सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध स्टॉक/शेयर के बारें और उसके अंतर को विस्तृत रूप से समझा। इसके साथ साथ अनलिस्टेड स्टॉक को कैसे ख़रीदे सकते है, कौन -2 से माध्यम से खरीद सकते है इसके बारें में जानकारी हासिल किये।

सिक्योरिटी मार्किट (Security Market) में ऐसे कई तरीके हैं जहा आप एक गैर-सूचीबद्ध स्टॉक खरीद सकते हैं। जैसे स्टार्टअप के शेयर, ईसॉप शेयर और प्रमोटर्स के शेयर को खरीद कर स्टार्टअप में निवेश कैसे करें गैर सूचीबद्ध शेयर को खरीद सकते है।

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स्टार्टअप उद्यमियों को बड़ी राहत, लोन को इक्विटी में बदलने के लिए अब 10 साल का समय

कोई निवेशक स्टार्टअप में परिवर्तनीय नोट के जरिये निवेश कर सकता है, जो एक प्रकार का बांड/ऋण उत्पाद होता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 20, 2022 14:28 IST

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Highlights

  • उद्यमियों को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी
  • अभी तक पांच साल तक इक्विटी शेयरों में बदलने की अनुमति थी
  • इस बदलाव से स्टार्टअप कंपनियों का बोझ कम हो सकेगा

नई दिल्ली। सरकार ने स्टार्टअप के लिए कंपनी में किए गए ऋण निवेश को इक्विटी शेयरों में बदलने की समयसीमा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। सरकार के इस फैसले से उभरते उद्यमियों को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के एक नोट से यह जानकारी मिली है। अभी तक परिर्वतीय नोट्स को इन्हें जारी करने की तारीख से पांच साल तक इक्विटी शेयरों में बदलने की अनुमति थी। अब इस समयसीमा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।

कोई निवेशक स्टार्टअप में परिवर्तनीय नोट के जरिये निवेश कर सकता है, जो एक प्रकार का बांड/ऋण उत्पाद होता है। इस निवेश में निवेशक को यह विकल्प दिया जाता है कि यदि स्टार्टअप कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहता स्टार्टअप में निवेश कैसे करें या भविष्य में वह प्रदर्शन के मोर्चे पर कोई लक्ष्य हासिल करती है, तो निवेशक उससे अपने निवेश के एवज पर कंपनी के इक्विटी शेयर जारी करने को कह सकता है। स्टार्टअप कंपनी द्वारा कर्ज के रूप में मिले धन के एवज में परिवर्तनीय नोट जारी किया जाता है। धारक के विकल्प के आधार पर इसका भुगतान किया जाता है। या फिर इसे स्टार्टअप कंपनी के इक्विटी शेयर स्टार्टअप में निवेश कैसे करें में बदला जा सकता है। अब इन नोट को जारी करने की तारीख से 10 साल के दौरान इक्विटी शेयर में बदला जा सकेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि परिवर्तनीय नोट स्टार्टअप के लिए शुरुआती चरण स्टार्टअप में निवेश कैसे करें के वित्तपोषण का एक आकर्षक माध्यम बन गए हैं।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार सुमित सिंघानिया ने कहा, परिवर्तनीय डिबेंचर/बांड के उलट परिवर्तनीय नोट इक्विटी में बदलने का लचीला विकल्प देते हैं। इसमें अग्रिम में ही परिवर्तनीय अनुप़ात तय करने की जरूरत नहीं होती। सिंघानिया ने कहा कि परिवर्तनीय नोट को इक्विटी में बदलने की समयसीमा को बढ़ाकर 10 साल किया गया है। इससे स्टार्टअप कंपनियों का बोझ कम हो सकेगा।

सी4डी पार्टनर्स को भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए सेबी की मंजूरी मिली

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 28-11-2022

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) नीदरलैंड स्थित सी4डी पार्टनर्स ने सोमवार को कहा कि उसे बाजार नियामक सेबी से भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए पांच करोड़ डॉलर (करीब 408 करोड़ रुपये) का कोष शुरू करने की मंजूरी मिल गई है।

सी4डी पार्टनर्स ने इससे पहले 2018 में 3.03 करोड़ डॉलर का अपना एशिया फंड पूरा किया था।

सी4डी पार्टनर्स ने एक बयान में कहा, ''कंपनी को हाल ही में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के अपने पहले भारत फंड की मंजूरी मिली है।''

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