वास्‍तविक समय पर एनसीडीईएक्‍स एग्रीडेक्‍स मूल्‍य को बनाए रखने तथा उनका प्रसार करने के लिए एनसीडीईएक्‍स द्वारा अग्रणी इंडेक्‍स सेवा प्रदाता एनएसई इंडाइसेस के साथ भागीदारी की गई है।

Future contract rollover

फ्यूचर्स और ऑप्शंस क्या हैं?

वायदा और विकल्प (Futures & Options contracts), डेरिवेटिव हैं जिनका स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है है और उनकी कीमत अंतर्निहित परिसंपत्ति से प्राप्त होती है। सट्टेबाजों और आर्बिट्राजर्स इन अनुबंधों का उपयोग मुनाफा फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है कमाने या अंतर्निहित परिसंपत्ति के साथ जोखिम को कम करने के लिए करते हैं। एक वायदा और विकल्प अनुबंध एक परिसंपत्ति की कीमत को सुरक्षित करने में मदद करता हैवायदा अनुबंध जिसे “वायदा” कहा जाता फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है है, एक प्रकार का अनुबंध होता है जिसमें एक निवेशक अनुबंध समाप्त होने की तारीख से पहले या उससे पहले एक निश्चित मूल्य पर एक विशिष्ट संख्या में संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए सहमत होता है। अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य आंदोलन से लाभ का प्रयास करने के लिए निवेशक वायदा का उपयोग करते हैं। फ्यूचर्स में निवेश करने और उनके व्यापार के फायदे और नुकसान शामिल हैं। फ्यूचर्स में निवेश करने के लिए इन निवेशों के बारे में अधिक से अधिक सीख कर निवेश करे ।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच अंतर

शेयर बाजार की दुनिया में कई उपकरणों में से दो बहुत महत्वपूर्ण हैं जो फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है निवेशकों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। ये दो उपकरण वायदा और विकल्प हैं। ये उन अनुबंधों से निकटता से संबंधित हैं जो किसी संपत्ति के खरीदारों और विक्रेताओं के बीच आदान-प्रदान किए जाते हैं। ये दोनों एक जैसे दिखने के बावजूद एक दूसरे से बहुत अलग हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच मुख्य अंतर यह है कि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स में, धारक को निश्चित भविष्य की तारीख पर संपत्ति खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है, जबकि एक विकल्प अनुबंध में, खरीदार पर खरीदने के लिए ऐसा कोई दायित्व नहीं होता है। वायदा अनुबंध और विकल्प अनुबंध के बीच कई समानताएं हैं, लेकिन वे कई आधारों पर भी भिन्न हैं।

वायदा अनुबंध निवेशकों के बीच एक बहुत प्रसिद्ध वित्तीय अनुबंध है। यह फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है ज्यादातर सट्टेबाजों और मध्यस्थों द्वारा पसंद किया जाता है। वायदा अनुबंध का खरीदार अनुबंध का सम्मान करने के लिए बाध्य है और उसे सुरक्षा से संबंधित किसी भी परिस्थिति के बावजूद निश्चित भविष्य की तारीख पर खरीदारी करनी होगी।

वायदा और विकल्प के बीच तुलना तालिका

तुलना के पैरामीटरफ्यूचर्सविकल्प
अनुबंध दायित्वखरीदार अनुबंध का सम्मान करने के लिए बाध्य है।खरीदार पर कोई दायित्व नहीं है।
विक्रेतायदि खरीदार द्वारा अधिकार का प्रयोग किया जाता है, तो अनुबंध विक्रेता खरीदने/बेचने के लिए बाध्य है।यदि खरीदार खरीदना चुनता है तो विक्रेता अनुबंध को बेचने के लिए बाध्य होता है।
हाशियाएक उच्च मार्जिन भुगतान की आवश्यकता है।कम मार्जिन भुगतान की आवश्यकता है।
द्वारा पसंद किया गयायह ज्यादातर आर्बिट्रेजर्स और सट्टेबाजों द्वारा पसंद किया जाता है।यह ज्यादातर हेजर्स द्वारा पसंद किया जाता है।
लाभ और हानिअसीमित फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है लाभ और असीमित हानि।असीमित लाभ और सीमित हानि।

विकल्प क्या है?

विकल्प अनुबंध अभी तक एक और वित्तीय निवेश उपकरण है जिसका व्यापक रूप से व्यापार करते समय शेयर बाजार में निवेशकों द्वारा उपयोग किया जाता है। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के बीच स्पष्ट अंतर को जानना सबसे अच्छा है, यह चुनने फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है के लिए कि कौन सा निवेशक के लिए सबसे अच्छा है। वायदा अनुबंध के विपरीत, खरीदार पर किसी निश्चित तिथि पर संपत्ति खरीदने के लिए कोई आवेदन नहीं होता है। पूर्व-सहमत मूल्य पर संपत्ति खरीदने के लिए द्वि पूरी तरह से स्वतंत्र है।

विकल्प अनुबंध के कुछ फायदे हैं और इसलिए यह वायदा अनुबंध की तुलना में थोड़ा अधिक फायदेमंद और सुरक्षित प्रतीत होता है। विकल्प अनुबंध में केवल सीमित हानि के साथ असीमित लाभ की संभावना है। हालांकि, खरीदार को विकल्प अनुबंध में अग्रिम भुगतान करने की आवश्यकता होती है। लेकिन यह अग्रिम भुगतान करने से खरीदार को यह चुनने का विशेषाधिकार मिलता है कि फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है वे सहमत तिथि पर संपत्ति खरीदना चाहते हैं या नहीं। विकल्प अनुबंध ज्यादातर हेजर्स द्वारा पसंद किया जाता है, और इसके लिए बहुत कम मार्जिन भुगतान की भी आवश्यकता होती है। विकल्प अनुबंध में खरीदार भी जब चाहें अनुबंध निष्पादित करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यह समाप्ति की तारीख से पहले होना चाहिए।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच मुख्य अंतर

  1. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में, खरीदार अनुबंध का सम्मान करने के लिए बाध्य होता है, जबकि एक विकल्प अनुबंध में, खरीदार पर कोई दायित्व नहीं होता है।
  2. फ्यूचर्स अनुबंध में, यदि खरीदार द्वारा अधिकार का प्रयोग किया जाता है, तो अनुबंध विक्रेता खरीदारी करने के लिए बाध्य होता है। दूसरी ओर, एक विकल्प अनुबंध में, खरीदार चुन सकता है कि खरीद के साथ आगे बढ़ना है या नहीं।
  3. फ्यूचर्स अनुबंध में उच्च भुगतान मार्जिन की आवश्यकता होती है, और विकल्प अनुबंध में कम भुगतान मार्जिन की आवश्यकता होती है।
  4. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट को ज्यादातर आर्बिट्रेजर्स और सटोरियों द्वारा पसंद किया जाता है, जबकि ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट को ज्यादातर हेजर्स द्वारा पसंद किया जाता है।
  5. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में असीमित लाभ और असीमित हानि होती है। विकल्प अनुबंध में असीमित लाभ और सीमित हानि होती है।

NCDEX ने एग्रीडेक्‍स पर लॉन्‍च किया फ्यूचर्स कॉन्‍ट्रैक्‍ट, 26 मई से शुरू होगी ट्रेडिंग

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 20, 2020 18:03 IST

NCDEX to launch Futures Contract on AGRIDEX- India TV Hindi

Photo:GOOGLE

NCDEX to launch Futures Contract on AGRIDEX

नई दिल्‍ली। भारत के अग्रणी कृषि कमोडिटी डेरीवेटिव्‍ज एक्‍सचेंज एनसीडीईएक्‍स ने देश के पहले एग्री फ्यूचर्स इंडेक्‍स एग्रीडेक्‍स में ट्रेडिंग शुरू करने की घोषणा की है। एनसीडीईएक्‍स ने बताया कि जून, जुलाई, सितंबर और दिसंबर माह में समाप्‍त होने वाली एनसीडीईएक्‍स एग्रीडेक्‍स फ्यूचर्स संविदा के लिए 26 मई से ट्रेडिंग शुरू होगी।<

NCDEX ने जनवरी में कृषि जिंस वायदा-विकल्‍प कारोबार में अपनी लीडरशिप पोजीशन को रखा बरकरार

एनसीडीईएक्‍स के एमडी और सीईओ विजय कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आधर कृषि है और यह रोजगार एवं आर्थिक वृद्धि में महत्‍वपूर्ण योगदान देती है। एनसीडीईएक्‍स ने हमेशा भारतीय कृषि मूल्‍य श्रृंखला में जोखिम प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है। एग्रीडेक्‍स फ्यूचर्स शुरू करना उसी दिशा में उठाया गया एक अगला कदम है। उन्‍होंने कहा कि एग्रीडेक्‍स फ्यूचर्स कॉन्‍ट्रैक्‍ट, निवेशकों को संयोजक स्‍तर पर ट्रेडिंग तथा जोखिम प्रबंधन के लिए एक और माध्‍यम उपलब्‍ध कराएगी।

एग्रीडेक्‍स, एनसीडीईएक्‍स पर विक्र‍ित दस अत्‍यधिक तरल कृषि कमोडिटीज से बना प्रतिलाभ आधारित इंडेक्‍स है। किसी भी एकल कमोडिटी या क्षेत्र के इंडेक्‍स में वर्चस्‍व के बिना, एग्रीडेक्‍स में कमोडिटी तथा सेक्‍टर के हिसाब से फ्लोर तथा कप्‍स हैं। एग्रीडेक्‍स का अन्‍य संपत्ति वर्गों तथा इंडाइसेस के साथ बहुत कम संबंध है। विविधता सुनिश्चित करने के लिए इंडेक्‍स में कोई भी कमोडिटी संबद्ध समूह 40 प्रतिशत से अधिक का वेटेज संघटित नहीं करेगा।

RIL-फ्यूचर डील पर संकट के बादल, Amazon ने खटखटाया सेबी का दरवाजा

24,713 करोड़ रुपये की डील

  • नई द‍िल्‍ली,
  • 31 अक्टूबर 2020,
  • फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है
  • (अपडेटेड 31 अक्टूबर 2020, 2:25 PM IST)
  • फ्यूचर समूह-रिलायंस इंडस्ट्रीज डील पर संकट
  • एमेजॉन ने बाजार नियामक सेबी को पत्र लिखा

फ्यूचर समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के बीच डील पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. दरअसल, अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने इस डील पर आपत्ति जताई है. इसके साथ ही बाजार नियामक सेबी और शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) को पत्र लिखकर डील में सिंगापुर मध्यस्थता अदालत के अंतरिम फैसले को ध्यान में रखने का आग्रह किया है. आपको बता दें कि अंतरिम आदेश में मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर समूह और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपये की डील की समीक्षा करते हुए उस पर रोक लगा दी है.

Future Rollover क्या है?

रोलओवर का अर्थ है-अपनी फ्यूचर की पोजीशन को एक महीने से दूसरे महीने तक आगे ले जाने की प्रक्रिया को रोलओवर कहा जाता है। मान लीजिये यदि आपके पास निफ़्टी फ्यूचर का जनवरी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है का एक लॉट है और आप उसे फरवरी के लिए आगे बढ़ाते हैं, यही रोलओवर है। यानि अपनी ली हुई पोजीशन को एक्सपायरी के पास बंद करके, बिल्कुल ऐसी ही अगले महीने की पोजीशन लेना ही rollover कहलाता है। बैंक निफ्टी की सबसे बढ़िया ट्रेडिंग स्ट्रेटजी

रोलओवर दो तरह से किया जाता है, पहला- जब आप की पोजीशन प्रॉफिट में हो तो प्रॉफिट का रोलओवर किया जाता है। दूसरा- अगर आप की पोजीशन लॉस में है तो लॉस बुक किया जाता है। यदि आप सोचते हैं कि आप की पोजीशन प्रॉफिट में आ सकती है। तो आप अपना लॉस बुक करके अगले महीने, प्रॉफिट के लिए रोलओवर कर सकते हैं। इस पोजीशन में निम्नलिखित दो तरह से रोलओवर हो सकता है-

Future contract rollover में प्रॉफिट एंड लॉस

रोलओवर में घाटा और मुनाफा दोनों ही हो सकते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है, अगर आप फ्यूचर खरीद कर रोलओवर कर रहे हैं। तो आपको प्रत्येक महीने प्रीमियम का लॉस देखने को मिलेगा। आप यह तो जानते होंगे कि यदि निफ्टी का स्ट्राइक प्राइस 18000 है तो इसके इस महीने future contract की प्राइस 18150 अंक के आस-पास होगी। Price Action क्या है?

मान लेते हैं अगर जनवरी महीने में निफ़्टी का स्ट्राइक प्राइस 18000 पर चल रहा है तो इसके फ्यूचर का प्राइस 18090 के आसपास होगा। इस प्राइस के अनुसार निफ़्टी फ्यूचर फरवरी का प्राइस 18150 अंक के करीब होगा। इस स्थिति में अगर आप जनवरी का फ्यूचर बेचकर फरवरी का फ्यूचर खरीदेंगे तब आपको फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है प्रीमियम 50/60 रूपये ज्यादा देनी पड़ेगे जो कि आपका लॉस होगा।

आप यह तो जानते ही होंगे कि जब एक्सपायरी के दिन फ्यूचर सेटल होते हैं, तब निफ्टी की एक्सपायरी का प्राइस और स्पॉट प्राइस एक समान हो जाते हैं। जब यह दोनों प्राइस एक समान हो जाते हैं, तब आपकी पोजीशन का प्रीमियम कम हो जाता है। लेकिन निफ़्टी का स्पॉट प्राइस अपनी जगह पर रहता है। इस तरह आपको नुकसान हो जाता है क्योंकि आप अपनी वर्तमान महीनें की पोजीशन को नुकसान में काटना पड़ता है। SIP

फ्यूचर की शार्ट-सेल पोजीशन का रोलओवर ( Future ki short sell position ka rollover)

यदि आप निफ्टी की शार्ट-सेल पोजीशन का रोल ओवर करते हैं तो आपका प्रॉफिट और लॉस किस तरह रोल ओवर होगा? मान फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट क्या है लीजिए अभी निफ्टी का सपोर्ट प्राइस 18000 अंक पर चल रहा है आपने 18090 में Nifty future का एक लॉट शार्ट-सेल किया। अगर इस महीने में निफ्टी 18090 पर ही रहता है तो भी आपको तो निफ्टी 18000 में बेचने को मिला। नैस्डेक कम्पोजिट

एक्सपायरी के दिन फ्यूचर सेटल होगा तो वह 18000 पर ही सेटल होगा लेकिन आपको तो निफ्टी 18090 पर बेचने के लिए मिला था। अब निफ्टी आपको 18000 पर ही खरीदने के लिए मिल रहा है, इस स्थिति में 90 रूपये की प्रीमियम का आपको प्रॉफिट हो जाएगा। शॉर्ट्से-ल पोजीशन का रोलओवर करने पर आपको इस चीज का फायदा मिल जाता है।

Option Position का रोलओवर

ऑप्शन में रोलओवर नहीं होता है क्योंकि ऑप्शन की वैल्यू एक्सपायरी के दिन जीरो हो जाती हैं। वैसे ऑप्शन की भी फ्यूचर की तरह साप्ताहिक और मासिक एक्सपायरी होती है। अगले कई महीने तक के ऑप्शन शेयर मार्केट में उपलब्ध होते हैं लेकिन प्रत्येक महीने की प्रीमियम अलग-अलग होती है। एल्गो ट्रेडिंग

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