Farming Techniques: ये हैं खेती-किसानी में क्रांति लाने वाली 5 आधुनिक तकनीक, इन्हें अपनाकर बनें स्मार्ट किसान

Smart Farming: खेती से लेकर पशुपालन और मछलीपालन तक भारतीय किसानों से साबित कर दिया है कि नई तकनीक से जुड़कर आसानी से अच्छी कमाई कर सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 21 Jun 2022 10:39 PM (IST)

Smart Farming Through New Techniques: पिछले कुछ वर्षों में भारतीय किसानों ने खेती और इससे जुड़े दूसरे कामों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करके अपार सफलता हासिल की है. चाहे खेती हो, पशुपालन हो या खेती में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना ही क्यों न हो. भारत के किसानों से साबित कर दिखाया है कि नई टेक्नोलॉजी से जुड़कर कैसे अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. खेती-किसानी को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के इस काम में भारत को कई देशों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. इस कड़ी में आज हम उन तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे, जिन्हें अपनाकर खेती को आसान बनाकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

ड्रोन तकनीक
ड्रोन के जरिये खेत की डेटा मैपिंग, फसलों की निगरानी, कीटनाशकों का छिड़काव और मौसम की जानकारी आदि सुविधाओं का लाभ मिलता है, जिससे खेती में आने वाली चुनौतियों को समय से पहले दूर किया जा सकता है. ड्रोन में लगे सेंसर और डिजिटल इमोजिंग के जरिये फसलों की कीड़े और बीमारियों से निगरानी करने में मदद मिलती है. साथ ही इसकी मदद से कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव भी किया जा सकता है. ड्रोन तकनीक की खरीद के लिये 50% आर्थिक अनुदान का भी प्रावधान है.

हाइड्रोपॉनिक्स
हाइड्रोपॉनिक्स को बिना मिट्टी की खेती भी कहते हैं. इस तकनीक में बिना खाद-मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिये सब्जियों की फसल को बढ़ाया जाता है. सबसे पहले खाद और बीजों की मदद से नर्सरी तैयार की जाती है. पौधों की बढ़वार होने के बाद इसे पानी के जरिये उगाया जाता है और पानी के जरिये ही पोषक तत्व पौधों तक पहुंचाये जाते हैं. आज दुनिया के सामने उपजाऊ जमीन की कमी एक बड़ी समस्या है और हाइड्रोपॉनिक्स को इसी समस्या के स्मार्ट सोल्यूशन के रूप में देखा जा रहा है.

स्मार्ट डेयरी फार्मिंग
भारत में खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन करके अतिरिक्त आमदनी कमाने का चलन है. ऐसे में कितना अच्छा रहेगा कि फोन पर ही पशु की हर समस्या का पता चल जाये. जी हां, अब ये मुमकिन है. स्मार्ट डेयरी फार्मिंग के जरिये ऐसी तकनीकें इजाद की जा चुकी हैं, जिनके तहत पशुओं की भूख-प्यास से लेकर सैर-सपाटे पर निकले पशुओं की लोकेशन भी जान सकते हैं. ये एक डिजिटल सेंसर तकनीक है, जो पशुओं के व्यवहार पर नजर रखती है. इसके अलावा, अब दूध निकालने के लिये भी स्वचलित मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पशुपालकों को अलग से मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती.

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बायो-फ्लॉक तकनीक
यह तकनीक बायोफ्लॉक बैक्टीरिया के आधार पर काम करती है, जिसमें मछलियों के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल दिया जाता है. दरअसल, टैंक में मछलियां पालकर उन्हें आहार के रूप में पोषण से भरपूर दाना डालते हैं, जिसके बाद मछलियां 75% अपशिष्ट पानी में छोड़ती है. बायोफ्लॉक बैक्टीरिया इस अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. मछलियां इस प्रोटीन को दोबारा खा लेती हैं. और पानी खुद ही साफ हो जाता है. पानी का तापमान कंट्रोल करने के लिये इसमें एक्वासिस्टम भी मौजूद होता है. कम जगह पर सिर्फ एक टैंक में मछलीपालन करके अच्छी आमदनी कमाने का ये बेहतरीन रास्ता है.

नैनो यूरिया
सफेद रंग के दानेदार यूरिया से मिट्टी और फसलों पर बुरा असर पड़ता है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. इस समस्या के समाधान के रूप में हमारे वैज्ञानिकों ने तरल नैनो यूरिया का आविष्कार किया है. नाइट्रोजन और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर नैनो यूरिया को फसलों पर छिड़कने से फसल की पैदावार अच्छी होती है. सबसे अच्छी बात ये है कि इसके इस्तेमाल से फसलों को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि फसलों को कीड़े और बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा कवच भी मिल जाता है. कृषि के इतिहास में इसे क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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Published at : 22 Jun 2022 08:03 AM (IST) Tags: Artificial Intelligence Smart Farming smart farming techniques new agriculture revolution revolutionary techniques हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Agriculture News in Hindi

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तेजी से बदलती दुनिया के साथ, बैंकिंग उद्योग भी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस बैंकिंग (API Banking) जैसे नवीन परिवर्तनों से गुजर रहा है। सरल शब्दों में, यह डेटा और सॉफ्टवेयर को स्थानांतरित करने के लिए API की मदद से आपके बैंक खाते की कार्यक्षमता को अन्य एप्लिकेशन के साथ जोड़ती है।

उदाहरण के लिए, ऑनलाइन खरीदारी करते समय, आप शॉपिंग वेबसाइट या एप्लिकेशन पर अपने बैंकिंग डेटा को संग्रहीत किए बिना अपने स्मार्टफोन के माध्यम से जल्दी और आसानी से भुगतान कर सकते हैं। इसलिए, सभी आवश्यक जानकारी API Banking की मदद से दी जाती है। आइए इस लेख में एपीआई बैंकिंग बारे में और समझें।

भारत में API Banking का आगमन कब हुआ?

2016 में, यूके में द कॉम्पिटिशन एंड मार्केट अथॉरिटी (सीएमए) ने विभिन्न बड़े बैंकिंग संस्थानों जैसे लॉयड्स, बार्कलेज, आदि को अपने कोर बैंकिंग डेटा को थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन तक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा। इस बीच, उसी वर्ष आरबीआई द्वारा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लॉन्च किया गया था। ये दोनों परिवर्तन पारंपरिक बैंकिंग उद्योग में अग्रणी थे। जल्द ही, कुछ बैंकों ने एपीआई के माध्यम से ग्राहक डेटा तक पहुंच ओपन की, जिसका उपयोगकर्ताओं द्वारा उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया। तो अब API Banking किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान के कामकाज का अभिन्न अंग है।

API Banking काम कैसे करती है?

अब हम जानते हैं कि एपीआई ने आधुनिक विश्व बैंकिंग की गतिशीलता को पूरी तरह से बदल दिया लाभ क्रांति कैसे काम करती है है। लेकिन सवाल यह है कि यह कैसे काम करता है? एपीआई विभिन्न सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों के बीच एक इंटरफेस है। इन इंटरफेसिंग क्षमताओं के कारण, एक तृतीय-पक्ष एप्लिकेशन बैंक द्वारा प्रदान किए गए टूल और सेवाओं को कनेक्ट और एक्सेस कर सकता है। एपीआई बैंकिंग तीसरे पक्ष की कंपनियों को अपने ग्राहकों को परेशानी मुक्त लेनदेन के लिए बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है। एपीआई के कारण बैंकों और तीसरे पक्ष के अनुप्रयोगों की परिणति, ग्राहक के लिए अधिक वैल्यू और कार्यक्षमता लाती है।

API Banking के लाभ क्या हैं?

API Banking की मदद से बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव के लिए वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित करने में नवाचार संभव है। यह कई अद्वितीय फिनटेक उत्पादों के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर रहा है। यह बैंकिंग उद्योग में किसी क्रांति से कम नहीं है।

कुछ महत्वपूर्ण लाभ नीचे बतायें गए हैं;

नए भारत की जरूरतों को पूरा करना:

अधिकांश मौजूदा और संभावित बैंकिंग ग्राहक प्रौद्योगिकी के बारे में अपना रास्ता जानते हैं और व्यक्तिगत बैंकिंग जैसे मूल्यवान डिजिटल नवाचारों की तलाश कर रहे हैं। एपीआई बैंकिंग तीसरे पक्ष के अनुप्रयोगों को बैंकिंग टूल का लाभ उठाने में मदद करती है और डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए अनूठी विशेषताओं की पेशकश करती है।

व्यापार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना:

API Banking ने डिजिटल व्यवसायों द्वारा वित्तीय सेवाओं का उपभोग करने के तरीके को बदल दिया है। यह साइबर अपराधों की चिंता के बिना ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल होने के लिए ग्राहकों को सुरक्षित और परेशानी मुक्त विकल्प लाने में मदद करता है। इसलिए, यह नए डिजिटल व्यवसायों का समर्थन करके व्यावसायिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

उत्कृष्ट ग्राहक अनुभव:

ग्राहक न केवल अत्याधुनिक सुविधाओं की अपेक्षा करते हैं लाभ क्रांति कैसे काम करती है बल्कि एक उपयोगी अनुभव की भी अपेक्षा करते हैं। आज के स्मार्टफोन युग में, वेबसाइटों, अनुप्रयोगों और सूचनाओं के बीच एक सहज एकीकरण होना चाहिए। एपीआई बैंकिंग आपकी सभी बैंकिंग सेवाओं को एक ही स्थान पर एकीकृत करना संभव बनाता है।

निष्कर्ष

API Banking ने वित्तीय क्षेत्र में और अधिक नवाचारों का मार्ग प्रशस्त किया है। इस तेजी से बदलती दुनिया में प्रासंगिक बने रहने के लिए बैंकों और तीसरे पक्ष के अनुप्रयोगों दोनों को इसका उपयोग करना चाहिए।

CM Udyam Kranti Yojana: सीएम शिवराज ने किया मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का शुभारंभ

CM Udyam Kranti Yojana: सीएम शिवराज ने किया मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का शुभारंभ

CM Udyam Kranti Yojana: भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मुख्यमंत्री उद्यम लाभ क्रांति कैसे काम करती है क्रांति योजना का शुभारंभ किया। प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सरकार बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाएगी। इसमें अधिकतम पचास लाख रुपये का बैंक से ऋण दिलाया जाएगा। सरकार वित्तीय सहायता के रूप में तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और सात साल तक के लिए बैंक ऋण गारंटी शुल्क देगी।

राज्य स्तरीय कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हो रहा है। योजना के तहत वर्ष 2022-23 में एक लाख युवाओं को लाभांवित करने लाभ क्रांति कैसे काम करती है का लक्ष्य रखा गया है। इसमें युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए अधिकतम 50 लाख रूपये, सेवा और व्यवसाय गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपये तक बैंकों से ऋण दिलवाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवपुरी, जबलपुर, खंडवा और पन्ना के हितग्राहियों से संवाद किया और कार्यक्रम स्थल पर अनेक उद्यमियों को लाभांवित भी किया।

सीएम शिवराज ने खंडवा के अजीत सूर्यवंशी से बात की और पूछा कि उद्योग विभाग वालों ने चक्कर तो हनीं लगवाए। इसी के साथ जबलपुर की खुशबू ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है काम होना चाहिए। इस पर सीएम ने बैंकर्स से कहा कि ये थोड़ा बहुत भी न चले। उन्होंने कहा कि महीने में एक दिन रोजगार दिवस के रूप में मनाना जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ युवाओं को देना है। तीन महीने में 13.63 लाख हितग्राहियों को कर्ज दिलाया गया है। किसी को निराश होने की जरुरत नहीं है। 35000 युवाओं की सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। खाली पद भरने को कहा गया है, रोजगार के वैकल्पिक विकल्प तैयार करना होंगे। प्राइवेट सेक्टर में एक लाख नौकरी मिलेगी, कलस्टरों पर काम कर रहे हैं।

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सीएम शिवराज ने कहा कि लोन की गारंटी सरकार लेगी। सरकार लोन की राशि के एक प्रतिशत राशि सरकार जमा करती है। इसमें 140 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मध्य प्रदेश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि आज तो दूल्हे की शेरवानी भी किराए पर मिल जाती है। यह भी इनोवेटिव आइडिया है। शादी के बाद वे कपड़े कौन कितने दिन पहनता है। सीएम ने कहा कि आप नया सोचो हम भरपूर सहयोग देंगे। स्टार्टअप शुरू करो। मन में कोई विचार आए तो उसे मरने मत दो। बल्कि उस पर और सोचो।

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सीएम शिवराज ने कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये का निर्यात इस बार अकेले मध्य प्रदेश ने किया है।हमारे बासमती चावल की सुगंध अमेरिका और आस्ट्रेलिया में फैल रही है। मैं इसी प्रयास में लगा हूं कि एक्सपोर्ट कैसे बढ़ाया जाए। 12 लाख रुपये वार्षिक आय वालों को योजना का लाभ मिलेगा। ब्याज राशि का तीन प्रतिशत अनुदान सात साल तक दिया जाएगा। 2019 युवाओं को करीब 108 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदेश में आज दिया गया। एक लाख युवाओं को योजना के माध्यम से रोजगार देने का लक्ष्य है।

डीएपी खाद की पूरी जानकारी [Price, Company, Uses लाभ] | DAP Khad Kya Hai फायदे और नुकसान

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डीएपी का उपयोग (Dap Fertilizer Uses) अब ज्यादातर किसान करने लगे हैं इसका पूरा नाम (Full Form) डाई अमोनियम फास्फेट है।

यह क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक (Chemical Fertilizer) है जिसकी शुरुआत 1960 से हुई थी और यह रासायनिक उर्वरकों लाभ क्रांति कैसे काम करती है में सबसे विशेष महत्व का खाद (Khad) में से एक है ।

यह फसलों को तरह-तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करता है जिससे पौधा अच्छे से ग्रोथ और विकास कर पाता है ।

वैसे तो बाजार में बहुत सारे रासायनिक उर्वरक (Urvarak) देखने को मिलते हैं लेकिन फसलों के विकास के लिए कंप्लीट पोषक तत्व डीएपी (D A P Khad) के द्वारा पौधों को मिल जाता है।

तो आइए इसके बारे में अब डिटेल में जानने का प्रयास करते हैं कि इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और इसके अलावा कौन से पोषक तत्व की मात्रा कितनी देखने को मिलती है और क्या-क्या होता है इसके उपयोग (Uses) क्या क्या है।

Table of Contents

डीएपी उर्वरक क्या है (DAP Khad Kya Hai)

डीएपी खाद कृषि में उपयोग होने वाली क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक में से एक है जिसका फुल फॉर्म डाई अमोनियम फास्फेट है ।

यह विश्व में उपयोग होने वाली सबसे लोकप्रिय और लाभ क्रांति कैसे काम करती है महत्वपूर्ण फोस्फोटिक खाद में से एक है इसका उपयोग सबसे ज्यादा हरित क्रांति के बाद देखने को मिला है जिसके कारण लगभग ज्यादातर किसान इसको उपयोग करने लगे हैं।

Dap Fertilizer पौधों में पोषण के लिए नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की कमी पूरी करने के लिए सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है इसमें 18 परसेंट नाइट्रोजन, 46 परसेंट फास्फोरस (Contains) पाया जाता है।

इन पोशक तत्वो मे 39.5 परसेंट घुलनशील फास्फोरस और 15.5% अमोनियम नाइट्रेट के साथ 50 केजी (50 kg) के पैक में बाजार मे उपलब्ध होता है।

डी ए पी खाद का उपयोग (DAP Fertilizer Uses In Hindi, Fayde)

पौधों को अपने पूरे जीवन काल में लगभग 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिसमें नाइट्रोजन फास्फोरस एक महत्वपूर्ण एवं प्रारंभिक पोषक तत्व माना जाता है ।

डीएपी खाद (D A P Khad) इन पोषक तत्वों के लिए सबसे सर्वोच्च स्रोत में से एक है जो मिट्टी के संपर्क में आने से पानी की मौजूदगी में अच्छे से घूल जाता है।

इसके अतिरिक्त इसमें पाया जाने वाला सबसे उत्तम खाद फास्फोरस मिट्टी के संपर्क में अच्छे से घुल जाता है जो पौधों में जोड़ों के विकास में काफी ज्यादा योगदान प्रदान करता है इसके अतिरिक्त यह पौधों के कोशिकाओं के विभाजन में भी योगदान करता है।

डीएपी के उपयोग (DAP Ke Upyog) से न्यूक्लिक अम्ल फास्फोलिपिड के निर्माण में भी काफी मदद मिलती है।

तो इस तरह से डीएपी का पौधों में काफी ज्यादा योगदान होता है इसी कारण पौधों को अपने संपूर्ण जीवन काल में सभी पोषक तत्व मिल जाता है जिससे वह अच्छे से ग्रोथ कर पाता है।

डीएपी की कीमत (DAP Khad Price)

पिछले कुछ वर्षो से DAP (दाप) खाद की कीमत (Kimat) मे काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है जिससे किसान परेशान हो गए है।

अभी मई 2021 मे डीएपी की कीमत 1900 तक चला गया था जो फिर से 1200 पर आने लगी है तो इस हिसाब से 58% को ग्रोथ हो चुकी थी।

5 से 10 वर्ष पहले DAP की कीमत (दाप खाद प्राइस) 300 से 600 रुपए हुआ करती थी जो अब दोगुने से तींगुने कीमत (Price) पर किसानो को खरीदना पड़ रहा है। और फसल की कीमत (Rate) देखे तो खाद के मुक़ाबले कुछ नहीं बड़ा है।

खाद कंपनी (Fertilizer Company In India)

Company

तो किसान वीरों कैसी लगी हमारे द्वारा दी गयी डी ए पी खाद की जानकारी (DAP Khad Kya Hai) हमे कॉमेंट मे बताना बिल्कुल भी न भूले और आपको और कौन सी जानकारी चाहिए ये भी बता सकते है।

अगर आप जानकारी से संतुष्ट है तो अगले किसानो के साथ शेयर करे।

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