क्रिप्टोग्राफ़ी, क्रिप्टोकररेंसी एक्सचेंस के डिसेंट्रलाइज़्ड माध्यम के रूप में कार्य करता है जंहा ये डिजिटल हस्तांतरण (transaction) का सत्यापन, जाँच करके पूर्ण करने का कार्य करता है। और साथ ही नए क्रिप्टो करेंसी के निर्माण में उनके अंतर को चिन्हित करने का कार्य क्रिप्टोग्राफ़ी से ही होता है।
Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी से कितना अलग होगा डिजिटल रुपया? जानिए क्या होंगे इसके फायदे और नुकसान
एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े एलान किए। डिजिटल इंडिया की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक आरबीआई की तरफ से डिजिटल रुपया को जारी किया जाएगा। वैसे तो डिजिटल करेंसी का कॉन्सेप्ट नया नहीं है। दुनिया में पहले से ही बिटकॉइन समेत अन्य डिजिटल या वर्चुअल करेंसी की खरीद-फरोख्त हो रही है। लेकिन वित्त मंत्री की घोषणा के बाद डिजिटल रुपया को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है। हर कोई ये जानना चाहता है कि डिजिटल रुपया क्या है, कैसे काम करेगा, इसके फायदे और नुकसान क्या होंगे? दरअसल, डिजिटल रुपया भी बिटकॉइन या अन्य वर्चुअल करेंसी की तरह ही होगा। बस इसे आरबीआई की ओर से जारी किया जाएगा। आइए आसान शब्दों में समझते हैं डिजिटल रुपया की कुछ अच्छी और बुरी बातें.
Table of contents
क्रिप्टोकररेंसी या क्रिप्टोग्राफिक मनी एक डिजिटल प्रकार की मुद्रा है। यह कोई भौतिक धन (Physical currency ) नहीं है और न ही असल सिक्के या नोट है जिसे हम अपने पास या बैंक अकाउंट में जमा कर सकें। मतलब बिटकॉइन,एथेरियम और दूसरे क्रिप्टो करेंसी जैसे कोई भी भौतिक मुद्रा के रूप में उपलब्ध नहीं है जिसे लोग बाजार में असली पैसे के रूप में उपयोग कर सके। इसलिए यह पारम्परिक मुद्रा से बिलकुल ही अलग तरीके से संचालित होती है।
हमारे देश की करेंसी के नोट सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश पर छापे जाते है। लेकिन क्रिप्टोकोरेंसी को अलग तरीके से बनाया और जारी किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकररेंसी को तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से प्रचलन में लाया जाता है जिसमे दुनिया भर के क्रिप्टो समुदाय के लोगो की भागीदारी शामिल होती है। यानि इसे दुनियाभर के क्रिप्टो तकनीक के जानकार लोग अपने अपने कम्पूटरो के माध्यम से तैयार करने के भागीदार होते है। वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी प्रमुख दो प्रोटोकॉल Proof of Work और Proof of Stake पर आधारित होते है।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies
ढेरो खुबिया होने क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।
और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय युवाओं में क्रेज, सावधान! ये 8 खतरे भी हैं
अमीर हर कोई बनना चाहता है. लेकिन आज के दौर में युवाओं में अमीर बनने का ज्यादा क्रेज है. कुछ युवा जल्दी अमीर बनने के लिए शॉर्टकट रास्ते पर चल पड़ते हैं, और जोखिम को नजरअंदाज कर देते हैं. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में युवाओं में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर क्रेज बढ़ा है.
बीते क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं दिनों क्रिप्टोकरेंसी ने जिस तेजी से निवेशकों को मालामाल किया है, उससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ा है. इस क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं साल अप्रैल में बिटक्वाइन का भाव तेजी से बढ़कर 65,000 डॉलर के करीब पहुंच गया था. फिलहाल गिरावट के बावजूद भाव 30,000 डॉलर के करीब चल रहा है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 326