यूके और भारत के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है, जिसका आधार है साझा इतिहास, लोगों के बीच मजबूत आपसी संबंध और लोकतांत्रिक मूल्य। सरकार अर्थव्यवस्थाओं का विकास करने और दोनों देशों में व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना चाहती है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से इन सभी मुद्दों पर चर्चा की, जिन्होंने पिछले वर्ष यूके में अपनी यात्रा के दौरान हमारे रिश्तों के लिए अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को निर्धारित किया था। अब जब भारत एक प्रमुख और प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, तब यह बिल्कुल सही है कि मेरे विभाग समेत समूचे यूके का समर्थन केवल पारम्परिक वित्तीय सहायता, जो पिछले वर्ष ही समाप्त हो चुकी है, से हटकर तकनीकी सहायता और कुशलता और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में परिवर्तित हो चुका है। ब्रिटेन एक उन्मुक्त नजरिए का वैश्विक राष्ट्र है और डीएफआइडी विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय और नए विभागों के साथ मिलकर यूके के व्यावासायिक साझेदारों की सहायता जारी रखेगा जिससे ब्रिटेन के व्यवसाय के लिए भी नए अवसरों का सृजन होगा।

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस बहाली में बाहरी-भीतरी का मुद्दा गरमाया, राजनीति तेज

झामुमो ने इससे पहले भी कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी थी।

टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस बहाली में बाहरी-भीतरी का मुद्दा गरमा गया है। इसको लेकर राजनीति तेज हो गयी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि सिर्फ झारखंड के आदिवासी-मूलवासी को ही लिया जाए। अन्यथा आंदोलन होगा।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस बहाली में बाहरी-भीतरी का मुद्दा गरमाने लगा है। बहाली के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं, जिसमें झारखंड व ओडिशा के मूल निवासी को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि सिर्फ झारखंड के आदिवासी-मूलवासी को ही लिया जाए। दूसरा पक्ष भी सामने खडा हो गया है। उसका कहना है कि यह कैसे हो सकता है। झारखंड में रहनेवाले दूसरे पात्रों को कैसे वंचित किया जा सकता है।

मंगलवार को झामुमो के जिला अध्यक्ष व घाटशिला विधायक रामदास सोरेन के नेतृत्व में विधायक समीर महंती, कैरी ट्रेड रणनीति कालिंदी व संजीव सरदार ने टाटा स्टील प्रबंधन को स्मारपत्र दिया था। बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस में हुई वार्ता के दौरान टाटा स्टील की ओर से सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने झामुमो विधायकों से वार्ता की थी। उन्होंने उनकी बात कंपनी के उच्च प्रबंधन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। फिलहाल आवेदन की तारीख 15 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। झामुमो विधायकों ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि यदि अप्रेंटिस में बाहरी युवकों को लिया गया तो जन आंदोलन किया जाएगा। झामुमो ने इससे पहले भी कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी थी।

भोजन की तलाश में भटक रहे नर हाथी की मौत

अप्रेंटिस की आड़ में कुछ लोग कर रहे राजनीति : नीतेश

एधर, टाटा स्टील की ट्रेड अप्रेंटिस बहाली की आड़ में कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के कैरी ट्रेड रणनीति चक्कर में शहर के शांत औद्योगिक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह कहना है टाटा वर्कर्स यूनियन के सहायक सचिव सह राष्ट्रीय यूथ इंटक के राष्ट्रीय महासचिव नीतेश राज का। पिछले कुछ दिनों से टाटा स्टील की ट्रेड अप्रेंटिस बहाली को लेकर जो राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है। राष्ट्रीय महासचिव ने मंगलवार को ही जारी बयान में आगे कहा है कि टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस की बहाली कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार इस तरह का विरोध प्रदर्शन कर कंपनी को डराने की कोशिश करना गलत है। साथ ही इस तरह बिहार और यूपी वालों के खिलाफ आवाज उठाना यह बताता है कि राज्य में नफरत की बीज बोने की कोशिश की जा रही है। जबकि यह भूलना नहीं चाहिए कि झारखंड भी बिहार का ही हिस्सा रहा है। कंपनी प्रबंधन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जिसका डोमिसाइल होगा उसको ही बहाल किया जाएगा, फिर इस पर बेवजह की राजनीति करना गलत है। इस गलत राजनीति का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

झारखंड स्टेट मास्टर्स एथलेटिक्स में फर्राटा भरते नजर आये बुजुर्ग

टाटा स्टील अप्रेंटिस मामले से भोजपुरी संगठन में आक्रोश

इसबीच भोजपुरी नव चेतना मंच के अध्यक्ष अप्पू तिवारी ने कहा कि झामुमो विधायकों ने मंगलवार को टाटा स्टील प्रबंधन से कहा है कि अप्रेंटिस में सिर्फ आदिवासी व मूलवासी को लिया जाए, यह आपत्तिजनक है। झामुमो को यह नहीं भूलना चाहिए कि झारखंड बिहार से ही अलग होकर बना है। यहां पहले भी बिहारी काम करते थे और आगे भी करेंगे। बिहार के युवकों की बहाली पर किसी तरह की आंच आई तो हम शांत नहीं बैठेंगे।

राजनीति की वजह से बर्बाद हो गया इन भारतीय खिलाड़ियों का करियर नहीं तो आज होते बड़े नाम

vinay kumar

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा पैसा है. पैसा है तो फिर तो राजनीति होना जाहिर सी बात है. बीसीसीआई में आंतरिक राजनीति खूब होती है, लेकिन समस्या यह है कि बीसीसीआई के राजनीति के वजह से भारत के कई प्लेयर्स का कैरियर बर्बाद हो जाता है. आज के इस लेख में हम ऐसे ही खिलाड़ियों की बात करने वाले हैं.

जयंत यादव

जयंत यादव भारत के हरफनमौला खिलाड़ी है. वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस के हिस्सा रहे चुके हैं. जयंत यादव का डेब्यू साल 2016 में इंग्लैंड के विरूद्ध हुआ था.

जयंत यादव ने अपने छोटे से करियर में 4 टेस्ट मैचों में 45.60 की औसत से 228 रन बनाने के साथ ही 11 विकेट भी हासिल किए थे. लेकिन टीम में जेडजा और अश्विन के वजह से जयंत यादव को टीम से ऐसा बाहर किया गया कि वह फिर टीम में जगह नही बना पाए.

अमित मिश्रा

अमित मिश्रा भारत के वन ऑफ द बेस्ट लेग स्पिनर हैं. वह आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेकर चुके हैं. अमित मिश्रा को कुछ लोग भारत का शेन वार्न कहते हैं.

अमित मिश्रा को जितना मौका मिला है, उसमे उन्होंने अपने आप को हर तरह से साबित कर था, लेकिन बीसीसीआई ने अश्विन के खिलाने के लिए अमित मिश्रा के कैरियर को बर्बाद कर दिया.

वरुण आरोन

वरूण आरोन अपने समय के सबसे तेज गेंदबाज में से एक थे. वरूण आरोन के गेंदबाजी पर विराट कोहली बहुत विश्वास करते थे. उनकी कप्तानी में वरूण को 9 टेस्ट खेलने का मौका भी मिला, जिसमें उन्होंने 18 विकेट लिया था.

धीरे-धीरे बीसीसीआई के अंतारिक राजनीति के वजह से उनको टीम से ऐसा बाहर किया गया कि वह फिर कभी इंटरनेशनल मैच नही खेल पाए.

अंबाती रायुडू

अंबाती रायुडू साल 2018-19 में रेड-हाॅट फाॅर्म में थे. उनके प्रदर्शन से खूश होकर बीसीसीआई ने उनको रिजर्व प्लेयर्स की लिस्ट में रखा. फिर जब चोट के वजह शिखर धवन विश्व कप से बाहर हो गए तो उनके जगह पर अंबाती रायुडू को नही बुलाकर विजय शंकर को बुलाया गया और उसके बाद लगातार टीम से अनदेखा किया गया. इस तरह से बीसीसीआई ने अंबाती रायुडू के कैरियर को बर्बाद कर दिया.

प्रीति पटेल ने की यूके और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की तारीफ

Picture: Anshuman Atroley/DFID

देश में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव प्रीति पटेल ने कहा कि यूके और भारत दोनों ही अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए वित्तीय सेवाएं, निवेश और कौशल का आदान-प्रदान करने के क्षेत्र में अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बना रहे हैं।

एक अरब से अधिक आबादी वाला भारत वर्ष 2050 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वैश्विक भूमिका निभाने और महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के रूप में सक्षम, भारत के साथ यूके का कैरी ट्रेड रणनीति विकास संबंध सामान हितों पर केंद्रित हो गया है।

सुश्री पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जिनकी पिछले नवम्बर में ऐतिहासिक ब्रिटेन यात्रा से यूके-भारत के बीच के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया, जिसका लक्ष्य था व्यापार, शिक्षा, रक्षा सुरक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाना। सुश्री पटेल ने प्रधानमंत्री के साथ तकनीकी सहायता के पैकेज और भारत को समर्थन देने पर बातचीत की, जिससे आर्थिक विकास, रोजगार और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और इससे ब्रिटेन को भी लाभ पहुंचेगा।

वित्त, शहरी विकास और विदेशी मामलों के मंत्रियों समेत अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव ने रेखांकित किया कि ब्रिटेन व्यापार के लिए उन्मुक्त है और हमारा नजरिया सार्वजनिक होने के साथ-साथ हम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए तत्पर हैं।

अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव प्रीति पटेल ने कहा:

यूके और भारत के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है, जिसका आधार कैरी ट्रेड रणनीति है साझा इतिहास, लोगों के बीच मजबूत आपसी संबंध और लोकतांत्रिक मूल्य।

सरकार अर्थव्यवस्थाओं का विकास करने और दोनों देशों में व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना चाहती है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से इन सभी मुद्दों पर चर्चा की, जिन्होंने पिछले वर्ष यूके में अपनी यात्रा के दौरान हमारे रिश्तों के लिए अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को निर्धारित किया था।

अब जब भारत एक प्रमुख और प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, तब यह बिल्कुल सही है कि मेरे विभाग समेत समूचे यूके का समर्थन केवल पारम्परिक वित्तीय सहायता, जो पिछले वर्ष ही समाप्त हो चुकी है, से हटकर तकनीकी सहायता और कुशलता और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में परिवर्तित हो चुका है।

ब्रिटेन एक उन्मुक्त नजरिए का वैश्विक राष्ट्र है और डीएफआइडी विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय और नए विभागों के साथ मिलकर यूके के व्यावासायिक साझेदारों की सहायता जारी रखेगा जिससे ब्रिटेन के व्यवसाय के लिए भी नए अवसरों का सृजन होगा।

अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव ने वित्त मंत्रालय के साथ साझेदारी का स्वागत किया, जो आर्थिक विकास और सुधार प्राथमिकताओं के क्षेत्र में यूके-भारत के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में जुटा है। भारत के वित्त मंत्री और प्रमुख वित्तीय कम्पनियों से बातचीत के दौरान सुश्री पटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह यूके लंदन शहर के वित्तपोषण की शक्ति का दोहन कर स्मार्ट शहरों के निर्माण से, कुशलता को बढ़ावा देकर, व्यापार को सहज बनाकर और ऊर्जा संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत कर भारतीय आर्थिक एजेंडे को सुदृढ़ कर रहा है।

लंदन में इस महीने की शुरुआत में प्रथम रुपया-आधारित बॉन्ड की शुरुआत, यूके और भारत के बीच के घनिष्ठ और प्रगतिशील आर्थिक सहयोग का उदाहरण हैं और इससे लंदन शहर एक प्रमुख वैश्विक और अभिनव वित्तीय गतिविधियों का एक केंद्र साबित होता है। भारत के ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के लिए यूके के समर्थन के तहत ब्रिटेन अपना वित्त, मूलभूत संरचना, शासन और सुरक्षा का आदान-प्रदान करेगा ताकि स्मार्ट शहरों की योजना, डिजाइन और स्मार्ट शहरों के निर्माण में सहायता देकर वह भारत में शहरी विकास को और मजबूत बना सके, जिससे भारत और यूके दोनों में रोजगार, विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

सुश्री पटेल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की, जिसके तहत वे इस क्षेत्र में स्मार्ट शहरों के निर्माण हेतु साझेदारी के लिए सहमत हुईं और यह घोषणा की है कि इस वर्ष के अंत में अयोजित होने वाले मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में यूके एक सहयोगी राष्ट्र में रूप में शामिल होगा। यह प्रधामंत्री द्वारा पिछले वर्ष ब्रिटेन यात्रा के दौरान किए गए प्रमुख प्रतिबद्धताओं में से एक है।

भारतीय आर्थिक विकास में यूके द्वारा दो वेंचर फंड और नवीन व्यापार में इक्विटी निवेश समेत दो नए समर्थन से देशभर में दो मिलियन लोगों को नौकारियां मिलने, व्यवसाय शुरू करने और अपने परिवार का भरणपोषण करने के लिए आवश्यक वित्त का उपयोग करने का अवसर मिलेगा। भारत में निजी क्षेत्र में निवेश से भारत के सबसे गरीब तबके को लाभ पहुंचेगा और साथ यूके को निवेश का प्रतिलाभ भी मिलेगा जिससे दोनों देशों को एक समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहायता मिलेगी।

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