शेयर बाजार के उतारचढ़ाव से बेफिक्र म्यूचुअल फंड हाउस, जानिए कहां कर रहे हैं खरीदारी
आमतौर पर जब कोई फंड मैनेजर निवेशकों के पैसों को किसी गिरावट की स्थिति से सुरक्षित रखना चाहता है। तब वह कैश कॉल लेता है। वहीं, कैश कॉल का मतलब होता है निवेश के लिए अपने पास क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? पैसे बचा कर रखना
आमतौर पर जब कोई फंड मैनेजर निवेशकों के पैसों को किसी गिरावट की स्थिति से सुरक्षित रखना चाहता है। तब वह कैश कॉल लेता है
इक्विटी वैल्यू के हिसाब से देखें तो फिलहाल में भारत के टॉप म्यूचुअल फंड्स की कैश हल्डिंग 5.4 फीसदी है। यह पिछले 5 साल के 3.5 फीसदी के औसत से ज्यादा है। हालांकि यह PMS-AIF (Portfolio Management Services- Alternative Investment Fund) के एग्रेसिव कैश कॉल की तुलना में ये बहुत कम है। गौरतलब है कि कई बार तो PMS-AIF की कैश होल्डिंग कुल फंड के 50 फीसदी से ज्यादा तक होती है। मनीकंट्रोल के म्यूचुअल फंड समिट में ICICI Prudential AMC के एस नरेन ने कहा कि अधिकांश निवेशकों का मानना है कि अगर मार्च 2020 जैसी कोई घटना होती भी है तो उसके तुरंत बाद हमें अप्रैल 2020 भी देखने को मिलेगा।
इस स्थिति में कैश पर बैठे फंड हाउस बाजार में किसी तेज रैली के आने पर बेंचमार्क की तुलना में पिछड़ते नजर आ सकते हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के डर के चलते मार्च 2020 में निफ्टी में 23 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन उसके अगले महीने यानी अप्रैल 2020 में ही 14.6 फीसदी की जोरदार रिकवरी देखने को मिली थी। बताते चलें कि आमतौर पर जब कोई फंड मैनेजर निवेशकों के पैसों को किसी गिरावट की स्थिति से सुरक्षित रखना चाहता है। तब वह कैश कॉल लेता है। वहीं, कैश कॉल का मतलब होता है निवेश के लिए अपने पास पैसे बचा कर रखना।
IDFC MF के अनूप भास्कर का कहना है कि सिर्फ छोटी अवधि के लिए गिरावट से सुरक्षा की बात की जा सकती है। लेकिन कि तेजी में भागीदारी करना ज्यादा बड़ी बात होती है। अनूप भास्कर ने बताया कि उन्होंने 2008 और 20202 में क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? दो बार कैश कॉल ली। दोनों बार उनको निराशा का सामना करना पड़ा। ऐसे में तीसरी बार उन्होंने इस रणनीति को नहीं अपनाया। वर्तमान में IDFC MF के पास 5.8 फीसदी कैश होल्डिंग है। जबकि ICICI Prudential AMC के पास 8.2 फीसदी कैश होल्डिंग है। वहीं, SBI MF की कैश होल्डिंग 9.7 फीसदी है।
Mutual Fund
म्यूचुअल फंड एक तरह का इन्वेस्टमेंट टूल होता है जिसके जरिए बहुत सारे निवेशक एक कॉमन निवेश माध्यम में निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड खास तौर पर उन लोगों के लिए है जिन्हे निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। म्यूचुअल फंड के जरिए सिक्योरिटी जैसे स्टॉक, बॉन्ड्स, मनी मार्केट और दूसरी चीजों में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एक पेशेवर व्यक्ति मैनेज करता है जिसे फंड मैनेजर या मनी मैनेजर कहते हैं। म्यूचुअल फंड को चलाने वाला व्यक्ति बहुत सारे निवेशकों के पैसे को ऐसे माध्यम में निवेश करता है जहां वो निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिला सके।
बाजार में बहुत सारे नाम से बहुत सारे म्यूचुअल फंड हैं। पहली बार पैसा लगाने वाले निवेशक को अपने लक्ष्य, जोखिम क्षमता और निवेश की अवधि के हिसाब से म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसा लगाना चाहिए। निवेशक किसी फाइनैंशल प्लानर या डिस्ट्रीब्यूटर की मदद भी ले सकते हैं। इन्वेस्टर्स अपने लिए एक ऐसेट अलोकेशन प्लान भी बना सकते हैं।
अगर आप क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? 3 साल से कम के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डेट आधारित फंड्स या आर्बिट्राज फंड्स को चुनना चाहिए। 3-5 साल के लिए हाइब्रिड फंड्स बेहतर होते हैं। इनमें डेट और इक्विटी का मिश्रण होता है। अगर पांच से सात साल का टारगेट है तो इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स जैसे ज्यादा जोखिम वाले प्रॉडक्ट्स पर विचार किया जा सकता है।
दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 23, 2021 16:06 IST
दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। इसी हफ्ते सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।
यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।
बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैं;क की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।
म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?
आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।
कैसे खुलवाएं खाता
पहले करवाएं केवाइसी
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।
कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड
केवाईसी सत्यापन के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।
सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर
सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?
म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
इसमें निवेशक एकमुश्त रकम क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।
अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?
छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।
रोजाना सिर्फ 20 रुपये जमा कर आप बन सकते हैं करोड़पति, जानें कहां लगाएं पैसा
कंपाउंडिंग का बेहतर फायदा तभी मिल सकता है, जब आप कम उम्र से ही निवेश शुरू कर दें. वहीं, आपको 5 या 10 साल की बजाए 20 या 25 साल के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए. जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश होगा, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्यादा होगा.
हर कोई पैसा बचाना चाहता है और उसके बैंक खाते में करोड़ों हों. हालांकि, सीमित आय और खर्च के कारण मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह आसान नहीं है क्योंकि वे ज्यादा बचत नहीं कर पाते. अगर आप रोजाना सिर्फ 20 रुपये की बचत करते हैं तो रिटायरमेंट के समय तक आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं. सिप के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करके करोड़पति बनने का आपका सपना पूरा किया जा सकता है.
इसमें आप रोजाना 20 रुपये का निवेश करके 10 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं. हालांकि, आपको उचित निवेश योजना की जरूरत होगी. म्यूच्यूअल फंड के बारे में तो आप सभी जानते है. सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आप हर महीने म्यूचुअल फंड में कम से कम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको आसानी से करोड़पति बनने का मौका मिल जाएगा. म्यूचुअल फंड ने 25 साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है.
रोज 20 रुपये के निवेश से ऐसे बन जाएंगे करोड़पति
अगर आप 20 साल की उम्र से रोजाना 20 रुपये बचाते हैं तो यह रकम 600 रुपये महीने हो जाएगी. आपको इस निवेश को 40 साल तक जारी रखना होगा. यानी 480 महीने तक आपको हर महीने 600 रुपये का निवेश करना होगा. मान लें कि आपको इस निवेश पर 15 फीसदी वार्षिक रिटर्न मिलेगा, 40 साल बाद आपको कुल 1.88 करोड़ रुपये मिलेंगे. इन 40 वर्षों में आपको सिर्फ 2,88,000 रुपये ही निवेश करने होंगे. अगर आपको महीने में 600 रुपये के सिप पर 20 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 40 साल बाद क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? कुल 10.21 करोड़ रुपये जमा होंगे.
इसके अलावा अगर आप 20 साल की उम्र में हर दिन 30 रुपये बचाते हैं तो यह 900 रुपये प्रति माह हो जाएगा. अगर आप इसे एसआईपी के जरिए किसी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो इस निवेश पर 40 साल बाद आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न की दर से 1.07 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस दौरान 4,32,000 रुपये का निवेश करना होगा.
वास्तव में, लंबी अवधि के निवेश में कम्पाउंडिंग छोटे निवेशों को मोटे फंड के रूप में खड़ा करता है. हालांकि, एक बात का ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको एक बार मार्केट एडवाइजर की मदद जरूर लेनी चाहिए.
क्या है कंपाउंडिंग?
निवेश करने पर आपकी जो कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश करना कंपाउंडिंग है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग आपके निवेश को बढ़ाने में जहां बड़ा जरिया है.
कंपाउंडिंग का बेहतर फायदा तभी मिल सकता है, जब आप कम उम्र से ही निवेश शुरू कर दें. वहीं, आपको 5 या 10 साल की बजाए 20 या 25 साल के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए. जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश होगा, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्यादा होगा.
Mutual Fund SIP : रोज 333 रुपए के निवेश से एक साल में हो जाएंगे 2.25 लाख रुपए, जानिए पूरा कैलकुलेशन
कोरोना काल में कुछ म्यूचुअल फंड्स ने बेहतरीन रिटर्न दिया है। अगर आपने एक साल पहले 1 लाख रुपए का एकमुश्त निवेश किया है तो आपका फंड सवा दो लाख रुपए तक बन गया। वहीं रोज 333 रुपए की एसआईपी करने से आपका फंड दो रुपए हो गया।
बीते एक साल में कुछ म्यूचुअल फंड ने 124 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। (Photo By Indian Express Archive)
म्यूचुअल फंड में रिटर्न और रिस्क दोनों पैरालल चलते हैं। इसलिए जो लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो उन्हें रिटर्न भी मोटा मिलता है और नुकसान भी होता है। अगर बात बीते एक साल की करें तो इक्विटी मार्केट ने शानदार रिटर्न दिया। जिसकी वजह से इक्विटी म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को मालामाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ म्यूचुअल फंड ने निवेशकों के रुपयों को डबल से ज्यादा कर दिया है। वहीं एसआईपी से भी निवेशकों को भी काफी अच्छा रिटर्न मिला है। आज हम आपको ऐसे ही म्यूचुअल फंड के बारे में बताने ता रहे हैं, जिन्होंने बीते एक साल में 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है।
आईसीआईसीआई प्रु टेक्नोलॉजी फंड
- इस फंड ने एक साल में 114 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
- पिछले एक साल में किया गया एक लाख के एकमुश्त निवेश आज 2.15 लाख रुपए हो गया है।
- अगर आपने 10 हजार रुपए प्रति की एसआईपी की है तो निवेश राशि 1.20 रुपए हो गई होगी।
- जिसकी वैल्यू एक साल में 1.84 लाख रुपए हो गई है।
क्वांट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
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