- सेबी ने जनवरी 2019 में सेटलमेंट नियम लागू किया था. इसके मुताबिक, कोई गलती होने पर कंपनियां फीस भरकर सेबी के साथ उस मामले का निपटारा कर सकती हैं. इसमें कोई संशोधित सेटलमेंट है, तो उसे 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा. इसके तहत सभी भुगतान सिर्फ पेमेंट गेटवे से लिए जाएंगे.

बजट 2023: लिस्टेड और अनलिस्टेड शेयरों पर LTCG के एक जैसे नियम जरूरी, इससे प्राइवेट कंपनियों में बढ़ेगा निवेश

बजट 2023: प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्मों ने लिस्टेड (Listed shares) और अनलिस्टेड शेयरों (Unlisted Shares) के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस (Long term Captial Gains) के एक जैसे नियमों की मांग की है। उनका मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इस बारे में ऐलान कर सकती हैं। दरअसल, यह मांग काफी समय से की जा रही है। अगर इस बार बजट में उनकी यह मांग मान ली जाती है तो इससे प्राइवेट सेक्टर में इनवेस्टमेंट काफी बढ़ेगा। अभी अनलिस्टेड शेयरों और लिस्टेड शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम एक समान नहीं हैं।

अभी क्या हैं एलटीसीजी टैक्स के नियम?

NPS निवेशकों के लिए बड़ी अपडेट, बदला फंड आवंटन का नियम

NPS निवेशकों के लिए बड़ी अपडेट, बदला फंड आवंटन का नियम

एनपीएस (NPS) में निवेशकों को और ऊंचे रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ शेयरों में निवेश के नियम गई है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) के मुताबिक अब अंशधारक 51 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद एक्टिव चॉइस के तहत टियर1 खाता में अपना 75 फीसदी निवेश शेयरों से जुड़े निवेश (इक्विटी) में डाल सकेंगे। साथ ही इसके लिए उन्हें अपना अंशदान कम करने जैसी कोई शर्त मानने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

पीएफआरडीए ने एक अधिसूचना में कहा है कि उसने टियर1 और टियर2 खाता के लिए इक्विटी में निवेश का नियम बदल दिया है। एक नए सर्कुलर में नए नियम की जानकारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि एनपीएस के तहत अंशधारकों को इक्विटी में निवेश के लिए दो विकल्प मिलते हैं ऑटो चॉइस और शेयरों में निवेश के नियम एक्टिव चॉइस शामिल हैं। पीएफआरडीए की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि टियर1 खाता में निवेश के नियमों में बदलाव के साथ अंशधारकों को एक्टिव चॉइस के तहत टियर2 खाता में 100 फीसदी राशि इक्विटी में ट्रांसफर करने का विकल्प भी दे दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में एनपीएस अंशधारकों को कोई भी एक पंजीकृत पेंशन फंड चुनना होता है। इसके बाद एक्टिव चॉइस के तहत चार विकल्प इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटी , और अल्टरनेट असेट्स शामिल हैं।

SEBI New Rules: अब शेयर बाजार में नहीं होगा नुकसान! SEBI ने बदले म्यूचुअल फंड से जुड़े कई बड़े नियम

SEBI New Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय (SEBI) ने आईपीओ के लिए सबसे जरूरी माने जाने वाले एंकर निवेशकों की लॉक इन अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है, साथ ही निकासी सीमा भी 50 फीसदी तक तय कर दी है. इसके साथ ही कई और भी नियम बदल गए हैं, जानिए इन नियमों के बारे में.

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यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। शेयरों में निवेश के नियम निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) शेयरों में निवेश के नियम ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे शेयरों में निवेश के नियम काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, गेहूं, और चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

SEBI New Rules: अब शेयर बाजार में नहीं होगा नुकसान! SEBI ने बदले म्यूचुअल फंड से जुड़े कई बड़े नियम

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