'शेयर बाजार में गिरावट'
वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और विदेशी निवेशकों की सतत निकासी के बीच सोमवार को सतर्कता भरे कारोबार में सेंसेक्स 51 अंक के नुकसान में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी लगभग सपाट रुख के साथ बंद हुआ. कारोबारियों के मुताबिक, नवंबर के मुद्रास्फीति आंकड़ों से पहले कारोबारियों ने सतर्कता बरती. बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 51.10 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,130.57 अंक पर बंद हुआ. हालांकि, सेंसेक्स एक समय 505.52 अंक यानी 0.81 प्रतिशत तक लुढ़क गया था लेकिन बाद में इसमें सुधार आया.
शेयर बाजार में सोमवार की सुबह तेज गिरावट देखी गई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 443 और निफ्टी का निफ्टी 50 करीब 132 अंक नीचे गिर गए.
बीएसई सेंसेक्स 389.01 अंक लुढ़क कर 62,181.67 और एनएसई निफ्टी 112.75 अंक की गिरावट के साथ 18,496.60 अंक पर बंद हुआ.
Stock Market Opening Bell: लार्सन एंड टुब्रो, आयशर मोटर्स, बजाज फिनसर्व, एमएंडएम और अपोलो हॉस्पिटल प्रमुख रूप से लाभ कमाने वाले शेयरों में शामिल रहे.
Stock Market Opening Bell: कल के कारोबार के अंत में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 208.24 अंक यानी 0.33 प्रतिशत गिरकर 62,626.36 पर बंद हुआ था.
Stock Market Closing: सेंसेक्स के शेयरों में, टाटा स्टील, डॉ रेड्डीज, इंफोसिस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और मारुति के शेयरों को भारी नुकसान हुआ.
Stock Market Opening Bell: आज के शुरुआती कारोबार में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी लाइफ, अडानी एंटरप्राइजेज और एक्सिस बैंक लाभ प्रमुख रूप से लाभ कमाने वाले शेयरों में शामिल रहे.
मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल और डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई है और आगे बाजार की इस पर भी नजर होगी.
Stock Market Opening: आज के कारोबारी सत्र में टेक महिंद्रा, विप्रो, इंफोसिस, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक्नोलॉजीज लाभ कमाने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे.
Stock Market Opening: सुबह 9.28 बजे सेंसेक्स 44 अंकों की तेजी के साथ 62,337 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी में 12 अंकों की बढ़त देखी गई और यह 18,524 पर कारोबार करता दिखाई दिया.शेयर बाजार पर आय
शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे और कितना लगता है टैक्स, समझिए पूरा नफा-नुकसान
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है.
शेयर बाजार में आप भी निवेश करते हैं. अगर हां तो आपको टैक्स का नियम समझना जरूरी है. हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi शेयर बाजार पर आय
- Last Updated : July 09, 2022, 11:07 IST
नई दिल्ली . शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. बहुत सारे लोगों को यह जानकारी कम होती है कि कितना टैक्स लगता है. जब कमाई के बाद पैसा कट कर आता है तो निवेशक सोचते हैं कि पैसा कहां कट गया. आज हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट से कमाई पर कितना और कैसे टैक्स देना पड़ता है.
मान लीजिए आपको एक साल में शेयर बाजार से 5 लाख की कमाई हुई. लेकिन आपके अकाउंट में सिर्फ 4.50 लाख रुपए ही आएंगे. दरअसल, इस कमाई पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG देना पड़ा. इसके साथ ही कुल कमाई पर इनकम टैक्स भी देना होगा. यानी आपको तीन टैक्स देने पड़ रहे हैं.
टैक्स को ऐसे समझें…
आपके 4 लाख की कमाई वाले शेयर बेचते समय ही STT के 125 रुपए कट गए. एक साल पूरा होने के एक हफ्ते बाद ये 5 लाख रुपए के शेयर बेचे तो उस पर LTCG टैक्स 10% लगा और 50 हजार रुपए कट गए. मान लीजिए अब आपने इसके अलावा 3 लाख रुपए दूसरे जरिए से कमाए. इस तरह उसकी टोटल इनकम 3 लाख+5 लाख = 8 लाख रुपए हो गई. इसमें से पहले 50 हजार रुपए कट गए थे. इनकम बची 8 लाख-50,000=7.50 लाख रुपए. अब इस 7.50 लाख पर आपको इनकम टैक्स भी देना है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long term Capital gains tax)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है. शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था.
इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी. लेकिन 2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Income Tax on Share Market Earning: जानिए शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे लगता है इनकम टैक्स, समझ लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा!
Income Tax on Share Market Earning: शेयर बाजार से हुई कमाई (Share Market Earning) के साथ-साथ उस पर लगने वाले इनकम टैक्स (Income Tax) की जानकारी होना भी जरूरी है। अलग-अलग तरह की कमाई पर अलग-अलग दर से टैक्स (Taxation on Share Market Earning) लगता है। अगर आप शेयर बाजार से हुई कमाई पर इनकम टैक्स का सही कैल्कुलेशन (Income Tax Calculation on Share Market Earning) नहीं कर पाएंगे, तो आपको नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे और कितना लगता है टैक्स।
Income Tax on Share Market Earning: जानिए शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे लगता है इनकम टैक्स, समझ लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा!
इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर टैक्स
शेयर बाजार में अगर आप एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसी दिन शाम तक बेच देते हैं तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहा जाता है। इस तरह से हुई कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। वहीं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है। यानी 2.5 लाख रुपये तक की कुल कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, उसके ऊपर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर आप शेयर बाजार में 1 साल से कम और 1 दिन से अधिक के लिए शेयर खरीदते हैं तो इससे हुए कमाई शॉर्ट टर्म कैपिल गेन कहलाती है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर आपको फ्लैट 15 फीसदी टैक्स देना होता है। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना शेयर बाजार पर आय होता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप कौन से टैक्स स्लैब में आते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर शेयर बाजार में आप 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं तो 1 साल बाद उसे बेचने से हुई कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहलाती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जबकि उससे अधिक की कमाई पर फ्लैट 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है।
Tax on Equity Instruments : शेयर मार्केट में किए गए निवेश पर कितना देना होता है टैक्स? जानिए पूरी डिटेल
Tax शेयर बाजार पर आय on Equity Instruments : निवेशकों को किसी भी निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने से पहले टैक्स देनदारी की जानकारी अवश्य ले लेनी चाहिए। टैक्स निवेशक के रिटर्न को कम कर देता है। स्टॉक्स और इक्विटी ऑरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स के लिए लॉन्ग टर्म एक साल से अधिक अवधि का माना जाता है। वहीं, यूलिप के मामले में ऐसा नहीं है।
जानिए इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर कितना लगता है टैक्स
हाइलाइट्स
- विभिन्न इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स पर होते हैं अलग-अलग टैक्स नियम
- होल्डिंग पीरियड पर आधारित होता है कैपिटल गेन टैक्स
- निवेशक को मिलने वाले रिटर्न को कम कर देती है टैक्स देनदारी
- इक्विटी किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो का होता है महत्वपूर्ण हिस्सा
नई दिल्ली : स्मार्टफोन्स रखने वाले लोगों की संख्या और डिजिटल भुगतान में हो रही बढ़ोतरी के साथ ही देश में इक्विटी में निवेश (Investment in Equity) करने वाले भी बढ़ रहे हैं। इक्विटी किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो (Portfolio) का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इक्विटी में निवेश कर आप काफी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। हालांकि, यहां जोखिम भी अधिक है। अगल-अलग इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स (Equity Instruments) के लिए टैक्स के नियम भी अलग-अलग होते हैं। निवेश पर लगने वाला कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) होल्डिंग की अवधि पर आधारित होता है। स्टॉक्स और इक्विटी ऑरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स के लिए लॉन्ग टर्म एक साल से अधिक अवधि का माना जाता है। वहीं, यूलिप के मामले में ऐसा नहीं है।
जरूर जान लें निवेश पर टैक्स देनदारी
निवेशकों को किसी भी निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने से पहले टैक्स देनदारी की जानकारी अवश्य ले लेनी चाहिए। टैक्स निवेशक के रिटर्न को कम कर देता है। विभिन्न इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स में टैक्स के अलग-अगल नियम होते हैं। आइए इन इंस्ट्रूमेंट्स पर टैक्स देनदारी (Tax on Investment) के बारे में जानते हैं।
स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों में निवेश
अगर आप एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं, तो यहां एक साल से अधिक की अवधि को लॉन्ग टर्म माना जाता है। यहां शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15.6 फीसदी है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10.4 फीसदी है। शेयरों पर हुई डिविडेंड आय पर टैक्स निवेशक के आयकर स्लैब के अनुसार लगता है। सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स की बात करें, तो यह डिलीवरी सौदे पर 0.1 फीसदी लगता है। यह टैक्स खरीदार और बिकवाल दोनों को देना होता है। वहीं, इंट्राडे सौदे पर सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स 0.025 फीसदी है। इसका भुगतान सिर्फ बेचने वाले को करना होता है।
Investment Tips: महंगाई ने बिगाड़ा कैपिटल मार्केट का हाल, जानिए ऐसे में कहां निवेश करें कि मिले मैक्सिमम रिटर्न
इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड में भी लॉन्ग टर्म एक साल से अधिक की अवधि का माना जाता है। यहां शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 15.6 फीसदी है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10.4 फीसदी है। डिविडेंड पर टैक्स की बात करें, तो यह निवेशकों के आयकर स्लैब के अनुसार लगता है। इसके अलावा इस इंस्ट्रूमेंट में सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स 0.001 फीसदी है।
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स में लॉन्ग टर्म एक साल से अधिक की अवधि का माना जाता है। यहां निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 15.6 फीसदी देना होता है। वहीं, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 10.4 फीसदी है। यहां डिविडेंड आय पर कोई टैक्स नहीं है। सिक्युरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स की बात करें, तो यहां यह डिलीवरी पर 0.001 फीसदी लगता है। यह टैक्स सिर्फ बेचने वाले को देना होता है।
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में आई तेजी, बाद में गंवाया लाभ
मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) एशियाई बाजारों में तेजी के बीच घरेलू शेयर बाजार में दोनों ही मानक सूचकांकों ने शुक्रवार को सकारात्मक शुरुआत की लेकिन शुरुआती लाभ जल्द ही गवां भी दिया। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 179.28 अंक चढ़कर 61,929.88 पर था। दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 50.7 अंक की बढ़त के साथ 18,394.60 पर आ गया। हालांकि बाद में दोनों ही मानक सूचकांकों ने शुरुआती लाभ गवां दिया और नुकसान में कारोबार करने लगे। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 48.91 अंक टूटकर 61,701.69 पर आ गया वहीं निफ्टी 20.25 अंक की गिरावट के
इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 179.28 अंक चढ़कर 61,929.88 पर था। दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 50.7 अंक की बढ़त के साथ 18,394.60 पर आ गया।
हालांकि बाद में दोनों ही मानक सूचकांकों ने शुरुआती लाभ गवां दिया और नुकसान में कारोबार करने लगे। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 48.91 अंक टूटकर 61,701.69 पर आ गया वहीं निफ्टी 20.25 अंक की गिरावट के साथ 18,323.65 अंक पर शेयर बाजार पर आय था।
सेंसेक्स में एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, लार्सन एंड टूब्रो और भारतीय स्टेट बैंक लाभ पाने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, टाइटन, टेक महिंद्रा और भारती एयरटेल नुकसान में रहे।
अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो और हांगकांग के बाजार लाभ में कारोबार कर रहे थे जबकि शंघाई के बाजार नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार भी बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए।
पिछले सत्र में, तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 230.12 अंक या 0.37 प्रतिशत टूटकर 61,750.60 पर बंद हुआ था। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 65.75 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,343.90 पर बंद हुआ था।
इसबीच अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 0.71 फीसदी की तेजी के साथ 90.42 डॉलर प्रति बैरल पर था।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 618.37 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 848