Multibagger Stock: निवेशकों को इस स्टॉक ने किया मालामाल! ढाई साल में 1 लाख रुपये को बनया 10.88 लाख की रकम
Stock Market: केमिकम कंपनी के इस स्टॉक ने ढाई साल के दौरान निवेशकों को एक लाख रुपये के भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? बदले 10 लाख रुपये से ज्यादा की रकम दी है.
By: ABP Live | Updated at : 28 Dec 2022 06:58 PM (IST)
मल्टीबैगर स्टॉक (PC - ABP Live)
Multibagger Stock: शेयर बाजार ने कोविड के दौरान निवेशकों को मालामाल करने वाले कई स्टॉक दिए हैं. ऐसे ही एक केमिकल भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? सेक्टर की कंपनी गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (Gujarat Fluorochemicals Ltd) के शेयर हैं, जिसने दो साल में निवेशकों को खूब रिटर्न दिया है. हालांकि पिछले एक महीने से यह स्टॉक 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. बुधवार को इस स्टॉक में 2.84 फीसदी की बढ़ोतरी रही है और यह 3,126.00 प्रति शेयर पर बंद हुआ.
केमिकल कंपनी के शेयर ने लांग टाइम में अच्छा रिटर्न दिया है. यह स्टॉक ढाई साल के दौरान 988 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. 27 मार्च 2020 की बात करें तो गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (Gujarat Fluorochemicals Ltd) के शेयर 278 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे. अब यह 3,126 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पहुंच चुका है.
फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड शेयर प्राइज हिस्ट्री
पिछले एक साल के दौरान इस स्टॉक ने निवेशकों के पैसों पर 33.18 प्रतिशत को रिटर्न दे चुका है. वहीं वाईटीडी के दौरान यह स्टॉक 26.15 फीसदी तक का रिटर्न दे चुका है. पिछले छह महीने की बात करें तो यह 15.58 फीसदी उछाल दर्ज की है, लेकिन एक महीने के दौरान इस स्टॉक में 10.35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
सिर्फ 5 महीने में 98 फीसदी की छंलाग
गुजरात की इस कंपनी ने 12 मई को यह स्टॉक अपने 52 हफ्तों के निचले स्तर 2105 रुपये प्रति शेयर पर था. हालांकि इसके बाद इस स्टॉक ने रुख बदला और 98 फीसदी उछाल दर्ज की. यह स्टॉक 26 अक्टूबर, 2022 को 4173 रुपये के प्रति शेयर पर पहुंच चुका था, जो 52 हफ्तों का हाई लेवल था.
ढाई साल में कितना मुनाफा
अगर किसी निवेशक ने इस स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश ढाई साल पहले किया होता तो उसे आज के समय में 10 लाख 88 हजार रुपये मिल जाते. ऐसे ही अगर कोई निवेशक एक साल पहले इसमें पैसा लगाया होता तो उसे 1 लाख 33 हजार के करीब राशि मिल जाते.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 28 Dec 2022 06:58 PM (IST) Tags: Stock Market Multibagger Stock Chemical Sector Stock हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष कुमार चौहान ने दिया इस्तीफा, NSE की संभालेंगे जिम्मेदारी
आशीष कुमार चौहान ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है. वे अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की जिम्मेदारी संभालेंगे.
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (Bombay Stock Exchange) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आशीष कुमार चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है. बीएसई ने चौहान के इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें सोमवार को ही सभी दायित्वों एवं भूमिकाओं से मुक्त कर दिया गया. वह वर्ष 2012 से ही बीएसई के सीईओ के रूप में कार्यरत थे. चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
बीएसई ने कहा कि नए प्रबंध निदेशक एवं सीईओ की नियुक्ति होने तक एक्सचेंज की कार्यकारी प्रबंध समिति ही इसका संचालन देखेगी. इस भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? समिति में मुख्य नियामकीय अधिकारी नीरज कुलश्रेष्ठ, मुख्य वित्तीय अधिकारी नयन मेहता, मुख्य सूचना अधिकारी करसी तवाडिया, मुख्य कारोबार अधिकारी समीर पाटिल और व्यापार परिचालन प्रमुख गिरीश जोशी शामिल हैं.
विक्रम लिमये की लेंगे जगह
इस पद पर चौहान विक्रम लिमये की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. लिमये ने योग्य होने के बावजूद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में दूसरी टर्म के लिए अप्लाई नहीं किया है.
NSE के फाउंडर मेंबर रहे हैं चौहान
चौहान एनएसई के फाउंडर्स में से एक है. उनके सामने ऐसे समय पर एक्सचेंज की अगुवाई करने की चुनौती है, जब इसे लेकर गवर्नेंस में लापरवाही के साथ को-लोकेशन स्कैम को लेकर रेगुलेटरी जांच-पड़ताल चल रही है. को-लोकेशन केस की वजह से ही एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण की गिरफ्तारी हुई है.
कौन हैं आशीष कुमार चौहान?
चौहान ने आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई की है. और साल 1993 से लेकर 2000 के दौरान क्षेत्र में काम के लिए भारत में मॉर्डन फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स का जनक कहा जाता है. उन्होंने निफ्टी इंडैक्स को भी बनाया और वे पहली स्क्रीन बेस्ड ट्रेडिंग को बनाने के इनचार्ज भी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत IDBI के साथ एक बैंकर के तौर पर की थी.
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अब तक 3 करोड़ रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं, 5000 रुपए की पेनाल्टी से बचने के लिए 31 जुलाई तक पूरा करें काम
ITR Filing में बचे बस चार दिन, समय से नहीं भरा रिटर्न तो होंगे ये बड़े नुकसान
रेवेन्यू में सुधार को लेकर किया काम
बीएसई में साल 2009 से, चौहान ने इसे 6 माइक्रोसेंकेंड रिस्पॉन्स टाइम के साथ दुनिया का सबसे तेज एक्सचेंज बनेने में भी मदद की. इसके साथ उन्होंने इसके रेवेन्यू में रिवाइवल में बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने भारत में मोबाइल स्टॉक ट्रेडिंग को पेश किया. चौहान ने बीएसई को नए क्षेत्रों में डायवर्सिफाई किया, जिनमें करेंसी, कमोडिटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स, एमएमई, स्टार्टअप्स, म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन, स्पॉट मार्केट्स और पावर ट्रेडिंग शामिल हैं.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष कुमार चौहान ने दिया इस्तीफा, NSE की संभालेंगे जिम्मेदारी
आशीष कुमार चौहान ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है. वे अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की जिम्मेदारी संभालेंगे.
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (Bombay Stock Exchange) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आशीष कुमार चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है. बीएसई ने चौहान के इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें सोमवार को ही सभी दायित्वों एवं भूमिकाओं से मुक्त कर दिया गया. वह वर्ष 2012 से ही बीएसई के सीईओ के रूप में कार्यरत थे. चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
बीएसई ने कहा कि नए प्रबंध निदेशक एवं सीईओ की नियुक्ति होने तक एक्सचेंज की कार्यकारी प्रबंध समिति ही इसका संचालन देखेगी. इस समिति में मुख्य नियामकीय अधिकारी नीरज कुलश्रेष्ठ, मुख्य वित्तीय अधिकारी नयन मेहता, मुख्य सूचना अधिकारी करसी तवाडिया, मुख्य कारोबार अधिकारी समीर पाटिल और व्यापार परिचालन प्रमुख गिरीश जोशी शामिल हैं.
विक्रम लिमये की लेंगे जगह
इस पद पर चौहान विक्रम लिमये की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. लिमये ने योग्य होने के बावजूद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में दूसरी टर्म के लिए अप्लाई नहीं किया है.
NSE के फाउंडर मेंबर रहे हैं चौहान
चौहान एनएसई के फाउंडर्स में से एक है. उनके सामने ऐसे समय पर एक्सचेंज की अगुवाई करने की चुनौती है, जब इसे लेकर गवर्नेंस में लापरवाही के साथ को-लोकेशन स्कैम को लेकर रेगुलेटरी जांच-पड़ताल चल रही है. को-लोकेशन केस की वजह से ही एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण की गिरफ्तारी हुई है.
कौन हैं आशीष कुमार चौहान?
चौहान ने आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई की है. और साल 1993 से लेकर 2000 के दौरान क्षेत्र में काम के लिए भारत में मॉर्डन फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स का जनक कहा जाता है. उन्होंने निफ्टी इंडैक्स को भी बनाया और वे पहली स्क्रीन बेस्ड ट्रेडिंग को बनाने के इनचार्ज भी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत IDBI के साथ एक बैंकर के तौर पर की थी.
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रेवेन्यू में सुधार को लेकर किया काम
बीएसई में साल 2009 से, चौहान ने इसे 6 माइक्रोसेंकेंड रिस्पॉन्स टाइम के साथ दुनिया का सबसे तेज एक्सचेंज बनेने में भी मदद की. इसके साथ उन्होंने इसके रेवेन्यू में रिवाइवल में बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने भारत में मोबाइल स्टॉक ट्रेडिंग को पेश किया. चौहान ने बीएसई को नए क्षेत्रों में डायवर्सिफाई किया, जिनमें करेंसी, कमोडिटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स, एमएमई, स्टार्टअप्स, म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन, स्पॉट मार्केट्स और पावर ट्रेडिंग शामिल हैं.
हो गया फाइनल, कौन होगा Share Market BSE का नया बॉस? SEBI ने दी मंजूरी
आखिरकार शेयर बाजार के नए बॉस का नाम फाइनल हो गया है। SEBI ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसकी अटकले काफी दिनों से चल रही थी। आइए इस भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? खबर में पूरी स्टोरी समझते हैं।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 28, 2022 23:20 IST
Photo:FILE शेयर बाजार BSE के नए बॉस होंगे सुंदररमण राममूर्ति
SEBI: बाजार नियामक सेबी ने सुंदररमण राममूर्ति को शेयर बाजार बीएसई का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की सोमवार को मंजूरी दे दी है। बीएसई ने नियामकीय सूचना में कहा कि यह नियुक्ति उन्हें दी गयी पेशकश की स्वीकृति और शेयरधारकों की मंजूरी समेत अन्य नियम एवं शर्तों पर निर्भर है।
SEBI ने दी मंजूरी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 28 नवंबर को एक पत्र के जरिये राममूर्ति की नियुक्ति को मंजूरी दी है। बता दें, आशीष कुमार चौहान के बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद से करीब चार महीने पहले 25 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद राममूर्ति के नाम को सेबी की मंजूरी मिली है।
1987 में शुरु किया था करियर
वर्तमान में राममूर्ति 2014 से बैंक ऑफ अमेरिका एनए में भारत के प्रबंध निदेशक और COO के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 1987 में एक प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ अपना करियर शुरू किया था और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनने तक काम किया।
ये दोनों भी थे पद के दावेदार
बता दें, गिफ्ट सिटी में बीएसई की सहायक कंपनी इंडिया आईएनएक्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वी. बालासुब्रमण्यम और एनईएमएल के एमडी और सीईओ मृगांक परांजपे भी बीएसई के प्रमुख के लिए शीर्ष दावेदार थे।
जुलाई से था पद खाली
जुलाई में बीएसई के पूर्व प्रमुख आशीष कुमार चौहान ने बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया और फिर उन्हें एक्सचेंज में उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया। जिसके बाद एक्सचेंज में टॉप वैकेंसी की तलाश शुरू हुई थी। बता दें, चौहान वर्तमान में भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी सीईओ हैं।
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं? कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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