रिलायंस के शेयरों में लगातार सातवें दिन गिरावट देखी जा रही है. सुबह के 10.15 बजे रिलायंस इंडस्ट्री का शेयर 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 2479 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. पिछले एक सप्ताह में यह शेयर 11 फीसदी और पिछले सात कारोबारी सत्रों में यह 13 फीसदी तक लुढ़क चुका है.
शेयर बाजार में तनातनी, गिरावट के साथ खुला बाजार लेकिन निचले स्तरों पर बायर्स हुए हावी, क्या अब दिखेगी तेजी?
शेयर बाजार (Share Market Updates) का सेंटिमेंट बिगड़ा हुआ है और बाजार पर सेलर्स हावी हैं. सप्ताह के दूसरे दिन भी बाजार गिरावट के साथ खुला. आज सुबह सेंसेक्स 161 अंकों की गिरावट (0.30 फीसदी की गिरावट) के साथ 54309 और निफ्टी 53 अंकों की गिरावट (माइनस 0.33 फीसदी) के साथ 16248 अंकों पर खुला. सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स में 364 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी. उससे पहले शुक्रवार को बाजार में 867 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई थी. इन दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों की 7.73 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डूब गई.बाजार गिरावट के साथ जरूर खुला लेकिन इस स्तर पर बायर्स हावी होते दिख रहे हैं और सेंसेक्स में 150 अंकों की मामूली तेजी देखी जा रही है.सेंसेक्स के टॉप-30 में 24 शेयर हरे निशान में तेजी के साथ ट्रेड कर रहे हैं. एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति और स्टेट बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी है. इन्फोसिस, विप्रो और टाइटन के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है.
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रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध ने दुनिया को अनेक मसलों के संदर्भ में नए सिरे से सोचने पर किया मजबूर
भारत की मुद्रा लगभग सात प्रतिशत की गिरावट लिए हुए है। जाहिर है इसके चलते बाहर से आने वाली तमाम वस्तुओं पर अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। इससे न केवल विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट आती है बल्कि सुशासन की दृष्टि से चुनौती भी बढ़ जाती है।
डा. सुशील कुमार सिंह। वर्तमान दौर विश्व युद्ध का नहीं है, परंतु रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने वैचारिक रूप से दुनिया को कई ध्रुवों में बांट दिया है जिसके दुष्प्रभाव से शायद ही कोई देश वंचित हो। राजनीतिक परिवेश के कारण जो आर्थिक संबंध विस्तृत होते हैं, वे भी उन परिस्थितियों में घाटे का सामना करने लगते हैं, जब दुनिया के देश नकारात्मक गतिविधियों में फंस जाते हैं, जैसे श्रीलंका की आर्थिकी का जर्जर होना और जिसका सीधा दुष्प्रभाव भारत पर देखा जा सकता है। यहां केवल कूटनीतिक संतुलन ही नहीं, बल्कि चीन के चंगुल से श्रीलंका कैसे बच पाए उसके लिए भी भारत को अरबों रुपये राहत के लिए देना पड़ता है।
शेयर बाजार में तनातनी, गिरावट के साथ खुला बाजार लेकिन निचले स्तरों पर बायर्स हुए हावी, क्या अब दिखेगी तेजी?
शेयर बाजार (Share Market Updates) का सेंटिमेंट बिगड़ा हुआ है और बाजार पर सेलर्स हावी हैं. सप्ताह के दूसरे दिन भी बाजार गिरावट के साथ खुला. आज सुबह सेंसेक्स 161 अंकों की गिरावट (0.30 फीसदी की गिरावट) के साथ 54309 और निफ्टी 53 अंकों की गिरावट (माइनस 0.33 फीसदी) के साथ 16248 अंकों पर खुला. सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स में 364 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी. उससे पहले शुक्रवार को बाजार में 867 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई थी. इन दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों की 7.73 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डूब गई.बाजार गिरावट के साथ जरूर खुला लेकिन इस स्तर पर बायर्स हावी होते दिख रहे हैं और सेंसेक्स में 150 अंकों की मामूली तेजी देखी जा रही है.सेंसेक्स के टॉप-30 में 24 शेयर हरे निशान में तेजी के साथ ट्रेड कर रहे हैं. एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति और स्टेट बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी है. इन्फोसिस, विप्रो और टाइटन के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है.
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टेक्निकल एनालिसिस से परिचय
पिछले अध्याय में हमने टेक्निकल एनालिसिस की परिभाषा को समझा। इस अध्याय में हम इसकी अवधारणाओं और इसके कुछ उपयोगिताओं को जानेंगे।
टेक्निकल एनालिसिस की सब से खास उपयोगिता यह है कि किसी भी तरीके के एसेट क्लास में इसका उपयोग किया जा सकता है। शर्त सिर्फ एक है कि उस एसेट क्लास का पुराना ऐतिहासिक डाटा उपलब्ध हो। ऐतिहासिक डाटा का मतलब है कि उस ऐसेट का ओपन , हाई , लो , क्लोज ( OHLC) और वॉल्यूम का डाटा मौजूद हो।
इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। अगर आपने एक बार कार चलाना सीख लिया तो आप किसी भी तरीके की कार चला सकते हैं। इसी तरह से अगर आपने एक बार टेक्निकल एनालिसिस सीख लिया तो आप इसका इस्तेमाल शेयर ट्रेडिंग , कमोडिटी ट्रेडिंग , विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग , फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट , कहीं भी कर सकते हैं।
किसी भी क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है दूसरे तरीके की तकनीक के मुकाबले टेक्निकल एनालिसिस का यह सबसे बड़ा फायदा है। उदाहरण के तौर पर फंडामेंटल एनालिसिस में आपको हर शेयर का घाटा मुनाफा , बैलेंस शीट , कैश फ्लो जैसी तमाम चीजें देखनी पड़ती है जबकि कमोडिटी के एनालिसिस में इनमें से बहुत सारी चीजें काम नहीं आती। आपको नए तरीके का डाटा इस्तेमाल करना पड़ता है।
2.3- टेक्निकल एनालिसिस की अवधारणाएं
टेक्निकल एनालिसिस इस बात पर ध्यान नहीं देती कि कोई शेयर अंडरवैल्यूड यानी अपनी वास्तविक कीमत से सस्ता है या ओवरवैल्यूड यानी अपनी वास्तविक कीमत से महंगा है। टेक्निकल एनालिसिस में सिर्फ एक चीज का महत्व है – और वह है शेयर का पुराना ट्रेडिंग डाटा और यह डाटा आगे आने वाले क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है समय के बारे में क्या संकेत दे सकता है।
टेक्निकल एनालिसिस कुछ मूलभूत अवधारणाओं पर आधारित होती है , जिनके बारे में जानना जरूरी है :
- बाजार हर जरूरी चीज को कीमत में शामिल कर लेता है (Markets discount everything)- ये अवधारणा हमें बताती है कि किसी शेयर से जुड़ी हर सूचना या जानकारी उस शेयर की बाजार कीमत में शामिल हो जाती है। उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति अगर किसी शेयर को चुपचाप बाजार से खरीद रहा है क्योंकि शायद उसे पता है कि कंपनी का अगला तिमाही नतीजा अच्छा आने वाला है तब शेयर से मुनाफा होगा। वह व्यक्ति भले ही ये छुपा कर कर रहा हो लेकिन शेयर की कीमतों में इसका असर दिखने लगता है। एक अच्छा टेक्निकल एनालिस्ट शेयर के चार्ट पर इसको पहचान लेता है और वह इस शेयर को खरीदने के लिए उपयुक्त मानता है।
- “क्यों” से ज्यादा जरूरी है “क्या”– यह अवधारणा पहली अवधारणा से ही मिली हुई है। हमारे पिछले उदाहरण में ही अगर देखें तो एक अच्छा टेक्निकल एनालिस्ट क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है यह नहीं जानना चाहेगा कि उस व्यक्ति ने यह शेयर क्यों खरीदा? टेक्निकल एनालिस्ट का पूरा ध्यान इस बात पर होगा कि उस व्यक्ति के छुपा कर की गई खरीदारी से शेयर की कीमतों पर क्या असर हो रहा है और आगे क्या होगा?
- कीमत में एक चलन दिखता है (Price moves in trend)– टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक कीमत में हर बदलाव एक खास ट्रेंड या चलन को बताता है। उदाहरण के तौर पर- निफ़्टी का 6400 से बढ़कर 7700 तक पहुंचना- एक दिन में नहीं हुआ। यह चलन 11 महीने पहले शुरू हुआ था। इसी से जुड़ी हुई एक दूसरी अवधारणा यह है कि जब एक तरफ की चाल शुरू होती है तो शेयर की कीमत भी उसी दिशा में बढ़ती जाती हैं , कभी उपर की तरफ तो कभी नीचे की तरफ।
- इतिहास अपने को दोहराता है– टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं। उदाहरण के तौर पर ऊपर जा रहे बाजार में बाजार का हर खिलाड़ी किसी भी कीमत पर शेयर खरीदना चाहता है भले ही वह शेयर कितना भी महंगा हो। इसी तरीके से गिरते हुए बाजार में वह किसी भी कीमत पर बेचना चाहते हैं क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है भले ही शेयर की कीमत अपनी वास्तविक कीमत से बहुत सस्ती हो। इंसान की इसी आदत की वजह से क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है इतिहास अपने को दोहराता है।
2.4- बाजार पर नजर रखने का तरीका (The Trade Summary)
भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 से 3:30 बजे तक खुले रहते हैं। इन 6 .15 घंटों में लाखों ट्रेड होते हैं। किसी एक शेयर में भी हर मिनट कोई ना कोई सौदा हो रहा होता है। सवाल यह उठता है कि बाजार के भागीदार के तौर पर क्या हमें हर सौदे पर नजर रखनी चाहिए?
इसपर गहराई से नजर डालने के लिए हम एक काल्पनिक शेयर की बात करते हैं। नीचे के चित्र पर नजर डालिए , हर बिंदु एक ट्रेड को दिखलाता है। अगर हम हर सेकंड होने वाले वाले हर सौदे को इस ग्राफ पर दिखाएंगे तो इस ग्राफ में कुछ भी नहीं दिखेगा। इसलिए यहां केवल कुछ महत्वपूर्ण बिंदु ही दिखाए जा रहे हैं।
Daily Trade Pattern: दैनिक ट्रेड पैटर्न
बाजार सुबह 9 :15 बजे खुला और शाम के 3:30 बजे बंद हुआ। बाजार का रूख समझने के लिए , इस दौरान जितने भी ट्रेड हुए उन सब को देखने के बजाय उनका एक संक्षिप्त विवरण देख लेना ही काफी होगा।
नेपाल की अर्थव्यवस्था डगमगाई, विदेशों से ये चीजें मंगाने पर बैन, बैंकों को संभलकर लोन देने की सलाह
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 10 अप्रैल 2022,
- (अपडेटेड 10 अप्रैल 2022, 2:39 PM IST)
- डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आयात पर बैन
- रेडीमेड कपड़े के आयात पर पाबंदी
कहावत क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है है. पड़ोसी से दोस्ती रहे या ना रहे, वो खुशहाल रहे, तो समाज खुशहाल रहता है. लेकिन भारत के पड़ोसी देशों के साथ ऐसा नहीं है. श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था (Economy) चौपट हो गई है, महंगाई चरम पर पहुंच गई है. एक कप चाय के लिए लोगों को 100 रुपये (श्रीलंकाई करेंसी) चुकाने पड़ रहे हैं. देश का विदेशी मुद्रा भंडार निगेटिव हो गया है.
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बता दें, आयातित पेट्रोलियम के लिए नेपाल सरकार हर महीने भारत को 24-29 अरब रुपये का भुगतान करता है.
इस बीच अब नेपाल की सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को रोकने के लिए विलासिता क्या विदेशी मुद्रा बाजार हर समय खुला रहता है की वस्तुओं (Luxury Items) के आयात पर बैन लगा दिया है. इस समय नेपाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती विदेशी मुद्रा भंडार का सही से प्रबंधन करना है. काठमांडू से छपने वाले अंग्रेजी अखबार myRepublica ने 7 अप्रैल को NRB के प्रवक्ता गुनाकर भट्टा से बातचीत के आधार पर ये रिपोर्ट पब्लिश की है.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी
उन्होंने कहा कि सरकार लग्जरी वस्तुओं के इम्पोर्ट पर बैन लगाकर हालात को सुधारने की कोशिश कर रही है. क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है. इसलिए ये कदम तुरंत उठाने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि अंदरुनी हालात को सुधारने के लिए कुछ वस्तुओं के आयात को रोकना पड़ा है.
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