अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार बॉन्ड जारी करती स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना है. सरकारी बॉन्ड को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (जी-सेक) कहा जाता है. इनके जरिए निवेशकों से धन जुटाया जाता है. पहले बड़े निवेशक ही इनमें निवेश कर पाते थे. पर, अब छोटे निवेशकों के लिए भी इनमें निवेश की अनुमति है. बॉन्ड की मैच्योरिटी की अवधि एक से 30 साल तक हो सकती है.

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Sovereign Gold Bond: आ रहा सस्ता सोना खरीदने का मौका, जानिए सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश करने के फायदे

By: ABP Live | Updated at : 16 Dec 2022 08:44 AM (IST)

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्कीम

Sovereign Gold Bond: अगर आप सोना में निवेश करना पसंद करते हैं तो आपके लिए सरकार एक सुनहरा मौका लेकर आई है. अगले हफ्ते से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) में पैसा निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप फिलहाल दो बार अपने पैसों का निवेश सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में कर सकते हैं.

वित्त मंत्रालय ने बताया कि सॉवरेन गोल्ड बांड 2022-23 की तीसरी सीरीज 19 से 23 दिसंबर 2022 तक खुल रही है. अगली किस्त मार्च 2023 में खुलेगी. मार्च में 6 से लेकर 10 मार्च, 2022 तक आप इस बॉन्ड को खरीद सकते हैं. अगर आप सस्ते में सोना खरीदना चाहते हैं तो आरबीआई द्वारा जारी किए जाने वाले इस गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं.

किस तरह प्राप्त कर सकते हैं सस्ता सोना

केंद्र सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) लेकर आती रहती है. इससे पहले सरकार अगस्त 2022 में यह गोल्ड बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी. इस स्कीम के तहत निवेश गोल्ड में अपने पैसे निवेश करके ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम तो सरकार एक निश्चित अवधि के बाद खोलती रहती है. इसमें RBI ग्राहकों को एक सीमित अवधि तक सब्सक्रिप्शन लेने की छूट देती है. यह एक सुरक्षित निवेश का ऑप्शन है क्योंकि इसकी गारंटी सरकार देती है.

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्कीम में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. साथ ही अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्म संस्थाएं निवेश कर सकती हैं. अकेला व्यक्ति 4 किलो सोना खरीद सकता है. वहीं किसी संस्था, कंपनी और ट्रस्ट में 2 किलो से ज्यादा सोना खरीदना पड़ता है.

यहां SBG की कीमत और इस पर मिलने वाला ब्याज-

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड स्कीम के तहत निवेशक को 999 शुद्धता वाला सोना खरीदने का मौका मिलता है. इसें आप ऑनलाइन (Online) और ऑफलाइन (Offline) दोनों तरीके से खरीद सकते हैं. इस स्कीम के तहत सोने पर निवेश करने पर आपको सालाना के आधार पर 2.50 फीसदी का निश्चित रिटर्न मिलेगा. यह ब्याज छमाही के आधार पर खाते में जमा होता है. ब्याज पर मिलने वाला पैसा इनकम टैक्स की धारा 1961 के तहत टैक्सेबल है. इस स्कीम के तहत जब आप सोने बेचेंगे तो आपको उस समय के प्राइस के अनुसार कीमत और ब्याज दोनों का लाभ मिलेगा. इस स्कीम में आप कुल 8 साल के लिए अपने पैसे निवेश कर सकते हैं.

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड को आप किसी भी सरकारी बैंक या स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, पोस्ट ऑफिस से खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप इसे किसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं.

Sovereign Gold Bond Scheme: 2022 में RBI का गोल्ड बॉन्ड खरीदने का आखिरी मौका, जानें- क्या आपको करना चाहिए निवेश?

Published: December 19, 2022 10:34 AM IST

Sovereign Gold Bond Scheme.

Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की अगली किस्त आज से पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. सोने का इश्यू प्राइस 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत सरकार की ओर से बांड जारी किया है.

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कहां से खरीद सकते हैं SGB?

SGB को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों एनएसई और बीएसई के माध्यम से बेचा जाएगा.

भारत सरकार ने, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को नाममात्र मूल्य से कम 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का निर्णय लिया है.

आरबीआई ने कहा, ‘ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,359 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा.’

SGB खरीदने का अगला मौका कब आएगा?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) 2022-23 सीरीज IV 06-10 मार्च, 2023 के दौरान सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा, वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इसके बारे में जानकारी दी.

बॉन्ड की अवधि आठ साल की होगी, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले भुनाने का विकल्प होगा, जिस तारीख को ब्याज देय होगा.

क्यों खरीदना चाहिए SGB?

जानकारों की राय है कि भौतिक सोने या डिजिटल सोने में निवेश करने की तुलना में एसजीबी में निवेश करना बेहतर विकल्प माना जाता है. यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है और आरबीआई द्वारा विनियमित है. निवेशकों को नाममात्र मूल्य पर अर्ध-वार्षिक देय 2.50 प्रतिशत प्रति वर्ष की निश्चित दर पर मुआवजा दिया जाएगा.

SGB के लिए टैक्सेशन के लिए अलग-अलग नियम हैं. एसजीबी से होने वाला पूंजीगत लाभ, यदि परिपक्वता तक रखा जाता है तो यह टैक्स फ्री होता है. हालांकि, निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं. यदि आप एसजीबी को पांच से आठ साल के बीच भुनाते हैं, तो लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाता है. इंडेक्सेशन लाभ के साथ इस पर 20.8% (उपकर सहित) कर लगाया जाता है.

निवेशक स्टॉक एक्सचेंज पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद और बेच सकते हैं. यदि एसजीबी को तीन साल से पहले बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर कर लगाया जाता है. इसके अलावा, तीन साल के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी बेचने पर निवेशकों द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ लंबी अवधि के होते हैं और इंडेक्सेशन स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना लाभ के साथ 20% पर कर लगाया जाता है.

प्रोडक्ट ऑफरिंग और रेवेन्यू

बांड्स इंडिया ने इन समस्याओं को व्यवस्थित तरीके से हल किया। इसने सबसे पहले एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित टेक प्लेटफॉर्म बनाया, जिसने निवेशकों को आसानी से ऑनबोर्डिंग करने में सक्षम बनाया - चाहे वह उनकी केवाईसी आवश्यकता हो, खाता खोलना या इन इंस्ट्रूमेंट्स में ट्रेडिंग करना। दूसरे, इसने बांड बाजार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई वेबिनार आयोजित किए।

पुनीत कहते हैं, "हमने अपने संचालन के केंद्र में तकनीक को रखा, जो खुदरा निवेशकों की सभी स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना समस्याओं को वास्तविक समय में हल कर सकता था।"

बॉन्ड्स इंडिया ने बॉन्ड उत्पादों की एक क्यूरेटेड लिस्ट भी बनाई है जिसे एक निवेशक खरीद या व्यापार कर सकता है और यह एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि यह एक विशाल बाजार है।

आज, बॉन्ड्स इंडिया प्राथमिक और द्वितीयक बाजार, पीएसयू मुद्दों, कॉर्पोरेट एफडी और सरकारी प्रतिभूतियों जैसे बॉन्ड के सभी प्रकार के निश्चित आय साधन प्रदान करता है।

मार्केट और बिजनेस मॉडल

बांड्स इंडिया तीन तरह से रेवेन्यू उत्पन्न करता है - एक आईपीओ बांड जारी करने की फीस है; दूसरे, यह अपनी बुक्स पर कुछ बांड रखता है जहां यह ब्याज प्रसार पर कमाता है; और अंत में, यह उन उत्पादों को सोर्स कर सकता है जो उस प्लेटफॉर्म पर नहीं हैं जहां यह एक निश्चित आय अर्जित करता है।

संस्थापकों का दावा है कि यह ग्राहकों को जोड़ने के टिकाऊ ऑर्गेनिक ग्रोथ के साथ अपने संचालन स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना को एक स्थायी तरीके से चलाने में सक्षम है।

भारत में बांड या ऋण बाजार काफी बड़ा है, जिसमें सबसे बड़ा घटक सरकार का है जो आकार में 200 ट्रिलियन है जबकि अन्य कॉरपोरेट, पीएसयू आदि हैं।

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बॉन्ड्स इंडिया अगले 18 महीनों में 2.5-3 लाख क्लाइंट जोड़ने और कुल कारोबार को 2,000-2,500 करोड़ रुपये के दायरे में ले जाने की योजना बना रहा है ।

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