लेख के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अस्थिरता के सामने लचीला बनी हुई है, लेकिन भू-राजनीतिक बिखराव का असर कई क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं और रिकवरी की रफ्तार को कम कर रहे हैं.
'Foreign currency'
भारतीय बैंकों ने पहले से ही रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ रुपये में व्यापार () को सुगम बनाने के भारतीय बैंकों ने पहले से ही इन तीन देशों के बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते (Special Vostro Rupee Accounts) खोले हैं.
शुक्रवार सुबह के सत्र में भारतीय रुपये विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? में 80.75 प्रति डॉलर की दर से कारोबार हो रहा था. शुक्रवार को रुपया 80.6888 पर खुला, जबकि पिछले सत्र में यह 81.8112 पर बंद हुआ था.
मुंबई एयरपोर्ट पर जिस विदेशी नागरिक से ये करेंसी बरामद की गई वो दुबई जा रहा था. उसने इस करेंसी को बिस्किट के पैकेट में छुपा कर रखा था.
छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA)के अधिकारियों ने दुबई से मुंबई पहुंचे एक भारतीय नागरिक के पास 5.20 करोड़ रुपये की कीमत का 9.895 किलोग्राम सोना जब्त किया. इस सोने को विशेष रूप से डिजाइन किए गए नौ जेबों वाले चेस्ट बेल्ट में रखा गया था.
वैश्विक स्तर पर बढ़ी भारतीय अर्थव्यवस्था की हनक, विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त बढ़ोतरी
जैसे जैसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार सामान्य होने की दिशा में लौट रहा है वैसे वैसे भारतीय अर्थव्यवस्था भी गति पकड़ रही है। विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? इसी बीच एक और राहत देने वाली खबर मिली है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था दोबारा से पटरी पर लौटती हुई दिखाई दे रही है। हालांकि लॉकडाउन के कारण पिछला कुछ वक्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ कठिन जरूर था। पर उस दौर में भी अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया था, शेयर बाजार की स्थिति भी अच्छी रही थी। जैसे जैसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार सामान्य होने की दिशा में लौट रहा है वैसे वैसे भारतीय अर्थव्यवस्था भी दोबारा से रफ्तार पकड़ रही है। इसी बीच एक और अच्छी खबर यह मिली है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 9 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है।
चिंता करने की जरूरत नहीं, भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को लेकर चिंता को खारिज करते हुए कहा कि इसे जरूरत से अधिक तूल दिया जा रहा है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से पार पाने के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है।
लगातार सातवें सप्ताह घटा
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह घटा है और यह 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था। सेठ ने कहा, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।
80 रुपये के करीब पहुंचा डॉलर, गांव रहते हैं या शहर, आप पर भी पड़ने वाला है इसका असर
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 14 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 14 जुलाई 2022, 8:50 PM IST)
- बढ़ रहा देश का व्यापार घाटा
- विदेश में पढ़ाई होगी महंगी
- अशोक गहलोत ने साधा निशाना
डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है. इस समय एक डॉलर की विनिमय दर (Dollar To INR Exchange Rate) करीब 80 रुपये हो चुकी है. ऐसे में इसका आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ने वाला है? आइए जानते हैं.
महंगी हो जाएंगी इम्पोर्टेड चीजें
Rupee @ Historic Low: सबसे पहले तो ये जान लें कि भारत एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा करने वाला देश है. यानी ऐसी बहुत सी वस्तुएं हैं जिनके लिए हम विदेशों से आयात पर निर्भर करते हैं. इनमें पेट्रोलियम उत्पाद के साथ-साथ खाद्य तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान महत्वपूर्ण है. ऐसे में अब जब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये के स्तर तक पहुंच गया है, इसका मतलब हम इन सामानों के आयात के लिए ज्यादा पैसा खर्च करेंगे और अंतत: घरेलू स्तर पर इनके दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
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विदेश में पढ़ाई होगी महंगी
रुपये की कमजोरी सिर्फ घर में महंगाई नहीं बढ़ाएगी. बल्कि भारत से जो बच्चे विदेश पढ़ने गए हैं उनके मां-बाप के लिए भी नया सिरदर्द बनेगी. विदेश में विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ क्या पकड़ है? पढ़ाई कर रहे बच्चों को अगर उनके माता-पिता पहले हर महीने 70,000 रुपये भेज रहे थे, तो अब डॉलर में उतनी ही रकम बच्चों को भेजने के लिए उन्हें करीब 80,000 रुपये भेजने होंगे. यानी महीने का खर्च बढ़ा सीधा 10,000 रुपये.
बढ़ रहा देश का व्यापार घाटा
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक तेजी कई अंतरराष्ट्रीय कारणों की वजह से रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है. वैश्विक स्तर पर महंगाई अपने चरम पर है, तो वहीं अमेरिका में तो ये अपने 41 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इस बीच देश के विदेशी मुद्रा भंडार (India's Forex Reserve) में तेजी से गिरावट आई है. रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने खुले मार्केट में डॉलर की बिक्री भी की है, लेकिन ये प्रयास ना काफी है.
कृषि गतिविधियों के बेहतर रहने की उम्मीद: RBI
लेखकों का मानना है कि हाल में मानसून में हुए सुधार से कृषि गतिविधियों के बेहतर रहने की उम्मीद है, और ग्रामीण मांग जल्द ही तेजी पकड़ सकती है, जिससे रिकवरी को मजबूती मिलेगी.
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने सोमवार को बैंकों से भारतीय रुपये में निर्यात और आयात ट्रांजैक्शन्स के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने को कहा था. केंद्रीय बैंक ने ऐसा ग्लोबल ट्रेडिंग कम्युनिटी की घरेलू करेंसी में बढ़ती रूचि को देखते हुए किया है. केंद्रीय बैंक ने एक सर्रकुलर में कहा था कि इस व्यवस्था को लागू करने से पहले, बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट से इजाजत की जरूरत पड़ेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन देने, जिसमें निर्यात पर जोर हो और रुपये में ग्लोबल ट्रेडिंग कम्युनिटी की बढ़ती रूचि को देखते हुए, भारतीय रुपये में निर्यात या आयात की इनवॉयसिंग, पेमेंट और सेटलमेंट के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने का फैसला लिया गया है.
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