तेल कंपनियों ने 4 नवंबर से रिटेलर्स (पेट्रोल पंपों) से लिए जाने वाले शुल्क में कोई कटौती नहीं की है.

कच्चे तेल में भारी गिरावट, जानें अपने शहर में पेट्रोल डीजल रेट

ब्रेंट क्रूड की कीमतों में नरमी बनी हुई है। क्रूड गिरावट के साथ आज क्रूड 77 डॉलर प्रति बैरल के आस पास ट्रेड कर रहा है। वहीं अमेरिकी क्रूड 71 से 72 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में दिख रहा है। फिलहाल क्रूड इस साल के हाई 139 डॉलर से 45 फीसदी डिस्‍काउंट पर ट्रेड कर रहा है। दूसरी ओर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज 12 दिसंबर 2022 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।

आज देश की राजधानी दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये है, जबकि 1 लीटर डीजल 89.62 रुपये का बिक रहा है। देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान के श्रीगंगानगर में है। जबकि सबसे सस्ता पेट्रोल पोर्ट ब्लेयर में 84.10 रुपये प्रति लीटर है। इस साल अप्रैल के बाद से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि 22 मई को सरकार ने पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी का फैसला किया, जिससे केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल को कीमत कम करके आम जन मानस को काफी राहत दिया है ।

कच्चे तेल की कीमत में गिरावट भारत के लिए अच्छी खबर…

थोड़ी देर के लिए अपनी कीमतों में निरंतर वृद्धि देखने के बाद कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिर गईं। वर्तमान में यह पिछले दो महीनों में अपने निम्नतम स्तर पर कारोबार कर रहा है और हालिया शीर्ष से लगभग 10 अमरीकी डालर नीचे है। कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का सबसे बड़ा प्रमुख कारण सऊदी अरब है, दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब तेल उत्पादन को बढ़ाने की अपनी योजना को दोहरा कच्चे तेल में गिरावट रहा है। इससे कीमतों में गिरावट और भारत जैसे प्रमुख आयातक के चेहरे पर ख़ुशी देखि जा रही है ।

कच्चे तेल की कीमतें गिरना हमेशा भारत के लिए अच्छी खबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है और आयात के माध्यम से इसकी सभी आवश्यकताओं के दो तिहाई से अधिक पूरा करता है। चूंकि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, यह पूरे अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से सरकारी वित्त पर दबाव डालती है। एक अनुमान के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमत में 10 कच्चे तेल में गिरावट अमरीकी डॉलर प्रति बैरल गिरावट खुदरा मुद्रास्फीति को 0.2% और थोक मूल्य मुद्रास्फीति 0.5% तक कम करने में मदद करती है।

कच्चे तेल की गिरावट ने बढ़ाया तेल कंपनियों का मुनाफा; न आम लोगों को मिली राहत, न पेट्रोल पंपों को

कच्चे तेल की गिरावट ने बढ़ाया तेल कंपनियों का मुनाफा; न आम लोगों को मिली राहत, न पेट्रोल पंपों को

तेल कंपनियों ने 4 नवंबर से रिटेलर्स (पेट्रोल पंपों) से लिए जाने वाले शुल्क में कोई कटौती नहीं की है.

पेट्रोल-डीजल के भाव को लेकर कहा जाता है कि इसकी कीमतें बाजार पर निर्भर है यानी कि अगर कच्चे तेल के भाव गिरते हैं तो यह भी सस्ता होगा. हालांकि प्रायोगिक तौर पर इसका उल्टा देखने को मिल रहा है. पिछले नौ हफ्ते में सरकारी ऑयल मार्केट कंपनियों (OMCs) ने क्रूड ऑयल की गिरती कीमतों का फायदा ग्राहकों को नहीं दिया. इसकी बजाय इन कंपनियों ने ऑटो फ्यूल की बिक्री पर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया.
एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर तेल कंपनियां यह मार्जिन अगले महीने जनवरी 2022 के अंत तक बनाए रखती हैं तो अगले साल फरवरी-मार्च में यूपी-पंजाब जैसे अहम राज्यों में चुनावों के बावजूद तेल कंपनियों का मार्जिन सामान्य से अधिक रह सकता है. हालांकि तेल की कच्चे तेल में गिरावट कीमतों में उछाल से इस पर असर पड़ सकता है. इंडियन ऑयल डीलर्स से प्रति लीटर पेट्रोल पर 48.23 रुपये और डीजल पर 49.61 रुपये का शुल्क लेती है.

पेट्रोल पंपों को सस्ते कच्चे तेल का फायदा नहीं

तेल कंपनियों ने 4 नवंबर से रिटेलर्स (पेट्रोल पंपों) से लिए जाने वाले शुल्क में कोई कटौती नहीं की है. एनालिस्ट्स के मुताबिक इसके चलते ओएमसीज का पेट्रोल-डीजल पर मार्केटिंग मार्जिन अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में करीब 30 फीसदी की उछाल के साथ प्रति लीटर करीब 9 रुपये तक पहुंच गया. भारतीय बॉस्केट में क्रूड ऑयल के भाव की बात करें तो 2 नवंबर को यह प्रति बैरल 83.7 डॉलर (6238.79 रुपये) के भाव पर था जो 28 दिसंबर तक लुढ़ककर 74.6 डॉलर (5560.50 रुपये) तक रह गया. एमकाय ग्लोबल के एनालिस्ट्स के मुताबिक अगर ओएमसीज इस मार्जिन को जनवरी के अंत तक बनाए रखती है और तेल के भाव नहीं बढ़ते हैं तो यूपी-पंजाब जैसे अहम राज्यों में चुनावों के बावजूद उनका तिमाही मार्जिन सामान्य से अधिक हो सकता है.

3 नवंबर को मिली थी आम लोगों को थोड़ी राहत

पेट्रोल और डीजल के एंड-कंज्यूमर्स को केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को आंशिक राहत दी थी. केंद्र सरकार ने प्रति लीटर पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कटौती का ऐलान किया था. इसके बाद प्रति लीटर पेट्रोल पर केंद्रीय टैक्स 27.9 रुपये और डीजल पर 21.8 रुपये रह गया. इसके चलते राजधानी दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल के भाव रिकॉर्ड हाई 110.04 रुपये से फिसलकर 103.97 रुपये और डीजल के भाव 103.97 रुपये से फिसलकर 86.67 रुपये हो गए. इसके बाद दिल्ली सरकार ने वैट में भी कटौती की जिससे एक दिसंबर को पेट्रोल के भाव 95.41 रुपये रह गए. हालांकि दिल्ली में डीजल पर वैट में कटौती नहीं की गई. पिछले साल मार्च और मई 2020 में प्रति लीटर पेट्रोल पर सरचार्ज व सेस 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये बढ़ाए गए थे.
(आर्टिकल: अनुपम चटर्जी)
(1 अमेरिकी डॉलर= 74.54 रुपये)

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, भारत में और सस्ता होगा पेट्रोल - डीजल?

Petrol-Diesel price in India

Petrol-Diesel price in India

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2021,
  • (Updated 22 नवंबर 2021, 8:46 AM IST)

अब तक 26 रुपये प्रति लीटर से अधिक की वृद्धि

यूरोप में कच्चे तेल में गिरावट कोविड -19 के बढ़ते मामलों के कारण अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों की मांग में गिरावट दर्ज की गई है. इस वजह से ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल की कीमत लगभग 3 फीसदी गिरकर 78.89 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के भाव में भी कमी आने की संभावना है. नाम न छापने के अनुरोध पर उन्होंने बताया कि ब्रेंट 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे फिसल गया है, जो 1 अक्टूबर के बाद से सबसे कम है. इस वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की दरों में और कमी देखने को मिल सकती है.

एक रुपये प्रति लीटर तक की कटौती
एक व्यक्ति ने बताया, "राज्य द्वारा संचालित तेल कंपनियों ने ऑटोमोबाइल ईंधन पर कुछ छोटे लाभ कमाए हैं, लेकिन उन्होंने उपभोक्ता को लाभ देने से कच्चे तेल में गिरावट पहले कुछ समय के लिए वैश्विक तेल बाजारों में गिरावट की प्रवृत्ति को देखना चाहते थे. इससे पहले ईंधन की दरों में तेजी से गिरावट देखने के बाद अचानक से स्पाइक देखा गया था. हालांकि उन्होंने कहा कि तत्काल कीमतों में कटौती 1 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है, जोकि काफी छोटी होगी.

Edible Oil Price in Indore: भाव में उठाव के साथ शार्ट कवरिंग से सोया तेल के दाम में गिरावट रुकी

Edible Oil Price in Indore: मंगलवार को सोयाबीन तेल इंदौर 1200-1205 रुपये प्रति दस किलो पर मजबूत बना कच्चे तेल में गिरावट रहा। विदेशी बाजारों में मजबूती के असर से मंगलवार को घरेलू बाजार में खाद्य तेल के घटते दामों में रुकावट आई है।

Edible Oil Price in Indore: भाव में उठाव के साथ शार्ट कवरिंग से सोया तेल के दाम में गिरावट रुकी

Edible Oil Price in Indore: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विदेशी बाजारों में मजबूती के असर से मंगलवार को घरेलू बाजार में खाद्य तेल के घटते दामों में रुकावट आई है। मंगलवार को सोयाबीन तेल इंदौर 1200-1205 रुपये प्रति दस किलो पर मजबूत बना रहा। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में उठाव के साथ ही शार्ट कवरिंग के कारण सीबीओटी सोया तेल के भाव मजबूत बोले गए। इसे देखते हुए अर्जेंटीना सोया तेल एफओबी के भाव में भी बढ़त देखने को मिली है।

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