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Investment Tips: SIP में निवेश करने के लिए अपनी जरूरत के अनुसार चुनें प्लान, कम निवेश में मिलेगा बेहतर रिटर्न
By: ABP Live | Updated at : 12 Feb 2022 02:03 PM (IST)
Edited By: Taruna
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान
SIP Investment Plan: जीवन में पैसे कमाने के साथ-साथ सही तरीके से बचत करने का भी अपना महत्व होता है. कई बार बिना सही जानकारी के लोग कहीं भी निवेश कर देते हैं. इस कारण बाद में उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए हम आपको स्मार्ट मनी मेकिंग का तरीका बता रहे हैं. इसमें आप कम निवेश में 10 लाख के मालिक बन सकते हैं. अगर हर दिन 10 रुपये का निवेश करते हैं तो भविष्य में 10 लाख के मालिक बन जाएंगे. इसमें 30 साल का समय लग जाएगा.
यह स्कीम है सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP). अगर आप कम रिस्क में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न (More Return less Investment) पाना चाहते हैं तो सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) एक बेहतरीन निवेश ऑप्शन (Best Options for Investment) हो सकता है. इस प्लान की सबसे खास बात ये हैं कि आप इसका चुनाव अपनी जरूरतों के हिसाब से कर सकते हैं.
Money Tips: SIP से मिलेगा मुनाफा और STP दिलाता है फायदा, जानें कहां करें निवेश
Money Tips: आज बाजार में निवेश करने के कई तरीके मौजूद हैं. बैंक से लेकर गोल्ड तक और स्टॉक मार्केट से लेकर वायदा बाजार तक आप कहीं भी और कितना भी पैसा निवेश कर सकते हैं. लेकिन तमाम विकल्पों में इन दिनों एसआईपी और एसटीपी निवेश के ऐसे विकल्प हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. ((Image- PTI))
एंडोमेंट पॉलिसी
इस तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमा और निवेश दोनों होते हैं. इस पॉलिसी में एक निश्चित अवधि के लिए रिस्क कवर होता है और उस अवधि के खत्म होने बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है. पॉलिसीधारक की मौत होने या निर्धारित सालों के बाद एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया इन्वेस्टमेंट प्लान के प्रकार जाता है. कुछ पॅलिसी गंभीर बीमारी के मामले में भी भुगतान करती हैं.
इस तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान बीमा लेने वाले और उसके परिवार को भविष्य के खर्चों के लिए एकमुश्त फंड का भरोसा दिलाता है. ऐसे प्लान शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए बेहतरीन सेविंग्स टूल तो उपलब्ध कराते ही हैं, साथ ही इंश्योरेंस कवर के रूप में आपके परिवार को एक निश्चित धनराशि का आश्वासन भी देते हैं. इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडिशनल और यूनिल लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं.
यूलिप
इस प्लान में भी प्रोटेक्शन और निवेश दोनों रहते हैं. ट्रेडिशनल यानी एंडोमेंट इंश्योरेंस पॉलिसी और मनीबैक पॉलिसी में मिलने वाला रिटर्न एक हद तक पक्का होता है, वहीं यूलिप में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है. इसकी वजह है कि यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिल जाती है. ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव पर बेस्ड होता है. हालांकि आप तय कर सकते हैं कि आपका कितना पैसा शेयर में लगे और कितना पैसा बॉन्ड में लगे.
आजीवन लाइफ इंश्योरेंस यानी Whole Life Insurance Plan में आपको जीवनभर प्रोटेक्शन मिलता है. यानी पॉलिसी का कोई टर्म नहीं होता. पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर, नॉमिनी को बीमा का क्लेम मिलता है. अन्य लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में उम्र की एक मैक्सिमम लिमिट होती है, जो आमतौर पर 65-70 साल होती है. उसके बाद मौत होने पर नॉमिनी डेथ क्लेम नहीं ले सकता. लेकिन आजीवन लाइफ इंश्योरेंस के तहत पॉलिसीधारक की मौत 95 साल की उम्र में ही क्यों न हुई हो, नॉमिनी क्लेम कर सकता है. इस पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा रहता है. इस पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक के पास इंश्योर्ड सम को आंशिक रूप से विदड्रॉ करने का विकल्प रहता है. इसके अलावा वह पॉलिसी के एवज में पैसा लोन के तौर पर भी ले सकता है.
चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी
ये प्लान बच्चों की शिक्षा के खर्च और अन्य जरूरतों को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं. चाइल्ड प्लान में पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद एकमुश्त रकम का भुगतान किया जाता है लेकिन पॉलिसी खत्म नहीं होती है. भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीधारक की ओर से निवेश जारी रखती है. बच्चे को एक निश्चित अवधि तक पैसा मिलता है.
इस प्लान में लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता है. यह एक रिटायरमेंट सॉल्यूशन प्लान है. इसके तहत आप अपने रिस्क का आकलन कर एक रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. तय की गई एक अवधि के बाद आपको या आपके बाद बेनिफीशियरी को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम का भुगतान किया जाएगा. यह भुगतान मासिक, छमाही या सालाना आधार पर हो सकता है.
Source: policybazaar.com, coverfox, HDFC Life
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रिकरिंग डिपॉजिट(RD) व Mutual Fund SIP, निवेश के लिए कौन सा विकल्प है बेहतर
SIP निवेश के लिए आज के समय का सबसे लोकप्रिय इन्सट्रूमेंट है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि का हर महीने निवेश करते हैं। यह निवेश बाजार जोखिमों पर निर्भर करता है। लेकिन म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को कई तरह के इक्विटी शेयर्स व बॉण्ड्स में लगाया जाता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। आज के समय में युवाओं का ध्यान निवेश की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहा है। अधिकतर युवा अपने पैसों को ऐसी जगह पर निवेश करना चाहते हैं जहां उन्हें कम रिस्क में अच्छा रिटर्न मिले। इसके साथ ही अधिकतर युवा ऐसे प्लान में भी निवेश करना पसंद करते हैं जिसमें उन्हें एक निश्चित राशि हर महीने निवेश के रूप में डालनी होती है। इस प्रकार निवेश के लिए दो लोकप्रिय तरीके हैं। पहला है म्यूचुअल फंड का सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), और दूसरा है रिकरिंग डिपॉजिट (RD), वर्तमान समय में सिस्टमेटिक निवेश के ये दो तरीके सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। आज हम निवेश के इन दो तरीकों के बारे में जानेंगे।
क्या होता है रिकरिंग डिपॉजिट (RD)
RD एक तरीके का डेब्ट इनवेस्टिंग इन्सट्रूमेंट है, जो निवेशकों को गारंटीड रिटर्न देता है। इसमें निवेशक एक निश्चित समय के लिए मासिक रूप से एक निश्चित धनराशि का निवेश करते हैं। यह समय एक साल से लेकर दस साल तक का होता है। इस तरह के निवेश की खास बात है कि यह बाजार के जोखिमों पर निर्भर नहीं होता और एक निश्चित रिटर्न निवेशक को मिलता है। चूंकि यह बाजार के जोखिमों पर निर्भर नहीं होता, इसलिए आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।
Mutual Fund Systematic Investment Plan (SIP) निवेश के लिए आज के समय का सबसे लोकप्रिय इन्सट्रूमेंट है, जिसमें आप एक निश्चित धनराशि हर महीने निवेशित करते हैं। यह निवेश बाजार जोखिमों पर निर्भर करता है। लेकिन म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को कई तरह के इक्विटी शेयर्स व बॉण्ड्स में लगाया जाता है। इसको एक्सपर्ट्स फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जिसकी वजह से इसमें शेयर मार्केट की तुलना में जोखिम काफी कम होता है और आप इसके द्वारा पारम्परिक निवेश की तुलना में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड SIP की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस साल के अगस्त महीने में लगभग 12,693 करोड़ इन्वेस्टमेंट प्लान के प्रकार रुपए का निवेश म्यूचुअल फंड SIP के द्वारा किया गया।
कौन सा इंस्ट्रूमेंट है ज्यादा फ्लेक्सिबल
SIP व RD दोनों निवेश के सबसे ज्यादा चर्चित तरीकों में से एक हैं और दोनों ही निवेशकों को फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं। लेकिन RD के मुकाबले SIP अधिक फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है। इसमें आप डेली, वीकली, मंथली व ऐनुअली फॉर्म में निवेश कर सकते हैं। तो वहीं RD में निवेशक मंथली बेस पर ही निवेश करते हैं।
म्यूचुअल फंड SIP में आपको लॉक इन की कोई बाध्यता नहीं रहती। आप जब इन्वेस्टमेंट प्लान के प्रकार चाहें अपनी जमा की गई राशि को निकाल सकते हैं। तो वहीं RD में लॉक इन पीरियड होता है, जिसके बीच में आप जमा की गई राशि यदि निकालते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी होती है। RD का समय सामान्यतः 1 से 10 साल तक का होता है, ऐसे में आप 1 से 10 साल के बाद RD का टेन्योर पूरा होने पर ही अपनी राशि बाहर निकाल सकते हैं।
गारंटी रिटर्न व जोखिम
RD में निवेश करने पर आपको गारंटी रिटर्न प्रदान किया जाता है। जिसमें कोई भी जोखिम नहीं होता है, तो वहीं दूसरी तरफ SIP में आपका पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जात है, इसलिए यह बाजार के जोखिमों पर निर्भर होता है। हालांकि, आपका पैसा कई तरह के इक्विटी शेयर में निवेशित किया जाता है, जिससे आपका जोखिम काफी कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त SIP में रिटर्न निश्चित नहीं होता व बाजार के आधार पर ही यह रिटर्न देता है।
तो इस प्रकार म्यूचुअल फंड SIP व RD दोनों की अपनी विशेषताएं होती हैं। ऐसे में किसी भी इन्स्ट्रूमेंट में निवेश के लिए अपने फंड मैनेजमेंट को समझना जरूरी होता है। इस प्रकार अपने रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर ही अपने लिए सही टूल का चयन करना चाहिए।
विस्तार
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (इन्वेस्टमेंट प्लान के प्रकार एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
महंगाई के असर से बचाने में मददगार
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
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