जनता की मांग पर एचडीएफसी बैंक ने लगाया एटीएम
दिवाली पर महंगाई की मार का असर
संस, बिलासपुर : महंगाई दिनोदिन बढ़ती जा रही है। समाज के हर वर्ग पर महंगाई का असर पड़ रहा है। त्योहारी सीजन पर महंगाई से मध्यम वर्ग अधिक परेशान है। एक ओर जहां सूखे मेवों के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, वहीं मिठाई के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई से न केवल जनता परेशान हैं बल्कि दुकानदार भी परेशान हैं। पिछले वर्ष जहां दिवाली पर दुकानदारों के चेहरों पर खुशी दिखाई देती थी, इस बार चीन निर्मित सामान के विरोध से दुकानदारों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। इस साल महंगाई के चलते उन्हें कम व्यापार होने की ही उम्मीद है। एक साल पहले बादाम के दाम छह सौ शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार रुपये प्रति किलोग्राम थे, वहीं, अब बादाम आठ सौ रुपये से नौ सौ रुपये के बीच प्रति किलो बिक रहे हैं। काजू पिछले साल पांच सौ से साढ़े पॉच सौ रुपये था, इस साल छह: शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार सौ से सात सौ रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। इसके अलावा पिश्ता सात सौ रुपये से आठ सौ रुपये प्रति किलो बिक रहा है। महंगाई के कारण दुकानों पर खरीदार बहुत कम नजर आ रहे हैं। दिवाली पर पिछले वर्ष लोग इलेक्ट्रिकल व इलेक्टानिक सामान की भारी मात्रा में खरीदारी करते थे, इस बार चीन के सामान शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार का विरोध होने के कारण लोगों में चीन के सामान के प्रति कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही। लोग भारतीय सामान खरीद रहे हैं।
शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार
सारी दुनिया में इस समय महंगाई विकट समस्या बन गई है। सितंबर में अपने यहां थोक मुद्रास्फीति की दर 10.70% और रिटेल मुद्रास्फीति की दर 7.41% रही है। इसी दौरान अमेरिका में मुद्रास्फीति की दर 8.2%, यूरो ज़ोन में 9.9% और ब्रिटेन में 10.1% रही है। वहां यह दो-चार साल नहीं, करीब चार दशकों का उच्चतम स्तर है। बड़े-बड़े देशों की मुद्राएं भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरती जा रही हैं। अपना रुपया भी इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 12% गिर चुका है। ब्याज दर बढ़ रही है तो पूंजी की लागत बढ़ती जा रही है। ऐसे में निवेशक के सामने दोहरी चुनौती है पुराने निवेश पोर्टफोलियो को छीझने से बचाना और ऐसा निवेश पकड़ना जिसमें बढ़ने की पूरी संभावना हो। इस चुनौती के सामने तथास्तु में आज की कंपनी…
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निवेश – तथास्तु
दुनिया में निवेश के भांति-भांति के तरीके और शैलियां हैं। लेकिन अच्छी व संभावनामय कंपनियों के शेयर समय रहते कम भाव पर खरीद लेने की शैली ‘वैल्यू इन्वेस्टिंग’ का कोई तोड़ नहीं है। यह बात ‘अर्थकाम’ खुद करीब साढ़े बारह साल के अपने अनुभव से दावे के साथ कह सकता है। मसलन, हमने अपने लॉन्च के करीब साल भर बाद 18 अप्रैल 2011 को इसी कॉलम में (तब यह कॉलम सबके लिए खुला था) एक स्मॉल-कैप कंपनी […]
क्या आप जानते हैं?
जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …
भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …
खुदरा महंगाई में तेजी का असर किचन से निवेश तक, इस मार से कैसे बचें
तेल और अनाज-सब्जियों जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई ज्यादा बढ़ रही है। तेल और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से पारिवारिक बजट पर न केवल सीधे असर पड़ता है बल्कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दबाव भी बनता है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी से होम लोन की किस्त चुका रहे लोगों पर प्रमुख रूप से प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
निवेशकों पर असर
निवेश पर कम ब्याज दर से पारंपरिक निवेशक प्रभावित होते हैं, जो सामान्यतया फिक्स्ड डिपॉजिट या अन्य सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करते हैं। जब ब्याज दरें कम थी तब निवेशकों को अवधि के आधार पर 4.5 फीसदी से छह फीसदी तक का ब्याज मिल रहा था। हालांकि, महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण वास्तविक ब्याज दर नकारात्मक हो गई।
मर्यादाओं की सीमा
दुनिया में निवेश के भांति-भांति के तरीके और शैलियां हैं। लेकिन अच्छी व संभावनामय कंपनियों के शेयर समय रहते कम भाव पर खरीद लेने की शैली ‘वैल्यू इन्वेस्टिंग’ का कोई तोड़ नहीं है। यह बात ‘अर्थकाम’ खुद करीब साढ़े बारह साल के अपने अनुभव से दावे के साथ कह सकता है। मसलन, हमने अपने लॉन्च के करीब साल भर बाद 18 अप्रैल 2011 को इसी कॉलम में (तब यह कॉलम सबके लिए खुला था) एक स्मॉल-कैप कंपनी […]
पेड सेवा
जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …
हाइलाइट्स
जून तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 73 फीसदी बढ़कर 1213 करोड़ रुपये हो गया है.
कंपनी के पाइप, एडहेसिव और पेंट से रेवेन्यू में उल्लेखनी वृद्धि हुई है.
शेयरखान ने एस्ट्रल लिमिटेड को बाय रेटिंग देते हुए इसका टार्गेट प्राइस 2,300 रुपये दिया है.
नई दिल्ली. पीवीसी और सीपीवीसी पाइप निर्माण में एस्ट्रल लिमिटेड (Astral Ltd) एक बड़ा नाम है. 39,897.91 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली इस लॉर्ज कैप कंपनी के स्टॉक ने लॉन्ग टर्म में निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Returns) दिया है. इस मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger stock) में 15 साल पहले एक लाख रुपये लगाने वाला निवेशक आज करोड़पति बन चुका है. कंपनी के जून तिमाही के शानदार नतीजों को देखते हुए एनॉलिस्ट इस शेयर में आगे भी तेजी जारी रहने का अनुमान लगा रहे हैं.
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