`KO_2` अनुचुंबकीय क्यों होता है ?
कृष्ण की फोटो अनु चुंबकीय क्यों होता है ठीक है चली समझेंगे चीज को तो यहां पर ko2 यानी कोटेशन सुपर ऑक्साइड है शादी की पोटेशन सुपर ऑक्साइड में क्या है और 2 - है उर्दू मायने सैनी की ऑटोमेटिक क्या होता है सुपर ऑक्साइड ठीक है यह आपका सुपर ऑक्साइड होता है यहां पर तो यहां पर देखिए क्या होता है ऑक्सीजन जो होता है पिक ऑक्सीजन है और यहां पर एक और आपसे ज्यादा ऑक्सीजन है जुड़े हैं यहां पर तो 123456 आयोग मित्र लेखपाल एक न्यायिक आयोग में इलेक्ट्रॉन होता है यह देखिए का युग में इलेक्ट्रॉन है यहां पर यहां पर एक आयोग मित्र इलेक्ट्रॉनिक्स तो यहां पर जब इसका आरडी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखते हो ना तो पाई स्टार्ट यूपी में क्या रहता है पाई स्टार्ट यूपी में आपको एक लेक्ट्रा रहता यानी कि 5 स्टार टो पीएम ओं में मॉलिक्यूलर ऑर्बिटल में एक आयोग में इलेक्ट्रॉन रहता है ठीक है और जब भी आयोग में इलेक्ट्रॉन रहेगा तो वह अनु चुंबकीय हो गया संयोग मिठौरा से अनुचित इस तरह से
याद करते नहीं गए का युग में इलेक्ट्रॉन है इसलिए कैसा होता है इसलिए अनु चुंबकीय होता है अगर युग में इलेक्ट्रॉन होता तो प्रतिचुंबकीय होता है लेकिन अगर आयोग में इलेक्ट्रॉन है तो अनु चुंबकीय होगा समझ गए तो के वोटों में क्या है अनु चुंबकीय है ठीक है क्योंकि यहां पर वोट में एक आप को दिख रहा है यहां पर यह आयोग में इलेक्ट्रॉन हां पर ठीक है यह वाला ओके थैंक यू
SSC Full Form | एसएससी का फुल फॉर्म, CHSL फुल फॉर्म / CGL फुल फॉर्म
SSC Full Form स्टाफ सलेक्शन कमीशन होता है। हिंदी में इसका पूरा नाम कर्मचारी चयन आयोग होता है, यह भारत सरकार के अधीन एक ऐसा आयोग है जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में तथा अधीनस्थ कार्यालयों में विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती करता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको SSC Full Form In Hindi के साथ-साथ इससे जुड़ी सारी जानकारियां आपको देने जा रहे हैं।
एसएससी की स्थापना
एसएससी की स्थापना 4 नवंबर 1975 को हुई थी। इसकी स्थापना के अब 46 साल हो चुके हैं और 46 साल से यह संस्थान कई सारी नियुक्तियां कर चुका है। एसएससी को “Subordinate Services Commission” के नाम से भी जाना जाता था। हालांकि अब SSC Ka Full Form – स्टाफ सेलेक्शन कमीशन है। नीचे आप इसके वर्तमान चैयरमैन के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
वर्तमान समय में एसएससी के चैयरमैन “एस. किशोर” हैं। इससे पहले यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव के रूप में कार्यरत थे। इस संस्थान के चेयरमैन के रूप में इन्होंने फरवरी 2022 में पदभार संभाला।
एसएससी फुल फॉर्म
एसएससी का फुल फॉर्म (SSC Ka Full Form) Staff Selection Commission के अलावा Secondary School Certificate भी है। भारत में, CBSE और कुछ अन्य राज्य बोर्डों द्वारा आयोजित Secondary School Certificate परीक्षा को एसएससी की फुल फॉर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे 10 वीं बोर्ड परीक्षा के रूप में भी जाना जाता है।
एसएससी का मुख्यालय
इस संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में इसके सात क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो इलाहाबाद, मुंबई, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, बैंगलोर में स्थित हैं। इसके अलावा एसएससी के दो उप-क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर (मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) और चंडीगढ़ में भी हैं।
एसएससी द्वारा आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाएं
दरअसल स्टाफ सेलेक्शन कमीशन मुख्य रूप से विभागों, संगठनों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करता है। पिछले वर्षों में, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने नीचे दी गई परीक्षाएं आयोजित की है।
- एसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL): CGL सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। इस भर्ती की मांग उम्मीदवारों के बीच बहुत अधिक है। इसके माध्यम से, उम्मीदवार को केंद्र सरकार के विभिन्न बड़े विभागों, मंत्रालयों और संगठनों में भर्ती किया जाता है। यह परीक्षा 4 चरणों में आयोजित की जाती है।
- एसएससी संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षा (CHSL): हर साल भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों और संगठनों के लिए संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर की भर्ती का आयोजन करता है, जिसके तहत कुछ महत्वपूर्ण पदों को कवर किया जाता है।
- एसएससी जूनियर फैलता है और आयोग इंजीनियर: SSC JE भर्ती सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, क्वांटिटी सर्वेक्षण और अनुबंध डोमेन जैसे ग्रुप ’बी’ के पदों के लिए है। साथ ही SSC संस्थान इस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष करता है
- एसएससी हिंदी अनुवादक: एसएससी हर साल जूनियर हिंदी अनुवादक की परीक्षा भी आयोजित करता है, जिसके लिए काफी सारे उम्मीदवार उत्सुक रहते हैं।
- एसएससी जीडी कांस्टेबल: यह भर्ती SSC द्वारा आयोजित की जाती है। जिसमें नागरिक सेना के कई पद शामिल हैं। जिनका उल्लेख नीचे किया गया है। SSC GD के तहत (BSF) सीमा सुरक्षा बल, (CISF) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, ( (एनआईए) राष्ट्रीय जांच एजेंसी, (SSF) सचिवालय सुरक्षा बल, (CRPF) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, (ITBP) भारत तिब्बत सीमा पुलिस, (एसएसबी) सशस्त्र सीमा बल, असम राइफलमैन आदि पदों पर भर्ती की जाती हैं।
- एसएससी मल्टीटास्किंग: मल्टीटास्किंग भर्ती के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण पद भरे जाते हैं, जिनमें चपरासी, गार्डनर दफ्तरी, जमादार, जूनियर गेस्ट ऑपरेटर, चौकीदार, सफाईवाला, आदि शामिल हैं।
- एसएससी वैज्ञानिक सहायक पद: इस परीक्षा के तहत कई सारे वैज्ञानिकी विभागों में एसएससी द्वारा वैज्ञानिक सहायकों की भर्ती की जाती है।
- एसएससी चयन पद: एसएससी द्वारा यह परीक्षा हर वर्ष आयोजित की जाती है, तथा इसमें हर वर्ष लाखो उम्मीदवार भाग लेते हैं।
- एसएससी केंद्रीय पुलिस संगठन: इस परीक्षा के माध्यम से एसएससी दिल्ली पुलिस और कुछ पैरामिलिट्री फोर्सेज में SI यानी कि सब-इंस्पेक्टर के पदों को भरता है। यह परीक्षा भी हर वर्ष कराई जाती है।
- एसएससी फैलता है और आयोग आशुलिपिक: कर्मचारी चयन आयोग हर साल SSC आशुलिपिक परीक्षा आयोजित करता है। यह अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा है। इसमें भारत सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रालयों और संगठनों में स्टेनोग्राफर ग्रेड सी (अराजपत्रित पद) और ग्रेड डी के पदों के लिए भर्ती की जाती है।
SSC CGL Full Form
SSC द्वारा हर साल आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाओं में सबसे महत्वपूर्ण SSC CGL की परीक्षा है, SSC CGL Full Form – Combined Graduate Level होता हैै। इस परीक्षा में केेेवल स्नातक स्तरीय उम्मीदवार भाग लेेेते हैं। SSC CGL परीक्षा के तहत कई सारे सरकारी विभागों में हर साल नए कर्मचारियों की नियुक्ति होती है।
SSC CHSL Full Form
एसएससी द्वारा हर साल आयोजित कराई जाने वाली परीक्षाओं में सबसे अहम SSC CHSL की परीक्षा है। SSC CHSL Full Form – Combined Higher Secondary Level होता हैै। इस परीक्षा में केेेवल 10+2 स्तरीय उम्मीदवार भाग लेेेते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
SSC का फुल फॉर्म स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन है।
SSC CGL का फुल फॉर्म Combined Graduate Level हैै।
SSC GD का फुल फॉर्म SSC General Duty होता है। इस वैकेन्सी के द्वारा जवानों की भर्ती देश के विभिन्न पैरामिलिट्री फोर्सेज में होती है।
SSC CHSL का फुल फॉर्म Combined Higher Secondary Level होता है।
SSC CPO का फुल फॉर्म Central Police Organization होता है।
आशा है आपको हमारे द्वारा दी गई SSC Ka Full Form से जुड़ी जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट सरकारी अलर्ट को बुकमार्क करें।
Indore News : इंदौर में उद्योग, वाहन, पराली और कचरे से फैल रहा वायु प्रदूषण
Indore News : इंदौर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए हो रहा 'सोर्स अपार्च्युनिटी सर्वे", वायु गुणवत्ता का स्तर सुधरा तो ही 50वें वित्त आयोग से मिलेंगे 51 करोड़ रुपये, अगले माह से टीम गुणवत्ता परीक्षण के लिए शुरू करेगी सर्वे।
Indore News : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ' सोर्स अपार्च्युनिटी सर्वे" कराया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में अभी तक यह सामने आया है कि शहर के प्रदूषण के बढ़ते असर के लिए उद्योग, सड़कों के वाहन व खेतों में जलाई जाने वाली पराली व अन्य खुले तौर पर जलाए जाने वाला कचरा जिम्मेदार है। यही वजह है कि नगर निगम व मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा अब इस पर रोक लगाने की कवायद की जाएगी। इसके लिए निगम ने सभी उद्योगों, ट्रांसपोर्टर के साथ चर्चा की है।
गौरतलब है कि देश के एक लाख की आबादी से अधिक के 132 शहरों में इस तरह का सर्वे किया जा रहा है। प्रदेश में इंदौर के अलावा भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर में यह सर्वे हो रहा है। इंदौर में पिछले छह माह में डब्ल्यूआरआइ संस्था ने विज्ञानियों के साथ एसजीएसआइटीएस के छात्रों के साथ मिलकर यह फैलता है और आयोग सर्वे किया है। अभी प्रारंभिक सर्वे में टीमें शहरी घनी आबादी क्षेत्र और वाहनों की आवाजाही वाले इलाके व ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची हैं। टीम ने वाहनों के ईंधन की खपत, रख-रखाव व संचालन अवधि की जानकारी ली है। टीम सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में भी पहुंची और यहां की 25 से 30 वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों का सर्वे किया गया। इस सर्वे के आधार पर अंतरिम रिपोर्ट तैयार की गई है। अगले माह से टीम गुणवत्ता परीक्षण के लिए सर्वे शुरू करेगी।
सर्वे का फायदा : वायु गुणवत्ता सुधरी तो ही मिलेंगे 51 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार के 50वें वित्त आयोग से इंदौर शहर को मिलने वाली राशि के लिए इस बार इस सर्वे के मापदंड को पूरा करना निर्धारित किया गया है। पिछले तीन साल से 50वें वित्त आयोग के माध्यम से राशि मिल रही है। दो साल पहले इंदौर को 101 करोड़ रुपये मिले थे। उसके बाद 56 करोड़ रुपये पिछले वर्ष मिले। यदि इस सर्वे में वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार मिलेगा तो ही शहर को 51 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी, अन्यथा इसमें कटौती हो सकती है।
इंदौर की वायु गुणवता को बेहतर करने के लिए होंगे बदलाव -
कंसल्टेंट से कर रहे चर्चा - इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार, शहर की वायु गुणवत्ता सुधार के लिए हम कंसल्टेंट, एडवाइजर व स्टेक होल्डर से चर्चा कर रहे हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं पर रोक फैलता है और आयोग लगाने के लिए हम आरटीओ को एक प्रस्ताव देंगे कि वो वाहनों का हेल्थ आडिट करे। उन्हें जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर वाहनों की गुणवत्ता निर्धारित की जानी है।
`Cu^(+)` रंगहीन है परन्तु `Cu^(2+)` रंगीन होता है, क्यों?
हेलो स्टैंड मार्ग पटना से यू प्लस रंगीन है परंतु प्लस टू रंजन होता है ठीक है क्यों इस काम को रीजन बताना है कि सी यू प्लस मतलब कि कहां पर जो है इसका प्रमाण मांग कितना होता है 29 होता ठीक है यह क्या होता है रंगहीन होता है ठीक है और जो चीज यू टू प्लस आईएसएस के भूखे होते हैं और 10 दिन होते हैं 1 दिन होता है क्यों ठीक है तो आई एम देखते हैं कि जैसा कि हम लोग जानते हैं कि संक्रमण तत्व ठीक है संक्रमण तत्व होता है जिसमें आयोग मित्र क्या होता है आयोग मित्र इलेक्ट्रॉनों आयोग में इलेक्ट्रॉनों की संख्या के कारण जो होता है संक्रमण तत्व संक्रमण तत्व जो होते हैं वह कहते हैं
हर रंग देते हैं ठीक है क्या देते हैं वो हटा देते हैं तो हम देखते हैं कि हमारा जोशी यू प्लस है तो उसका जो इलेक्ट्रॉनिक काम पर कैसे करेंगे लेकर आई बिना रहे हैं तो उसका अंतिम जान जाते मात्री d10 जाता है ठीक है और यह कौन सा कैसा है अनपेयर्ड इलेक्ट्रोंस इसमें क्या आयुक्त आयुक्त इलेक्ट्रॉन है इसमें ठीक है तो आयोग में इलेक्ट्रॉन होने के कारण यह क्या होता है रंगहीन होता है ठीक है जिसने आयोग में इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं वह कहता है मारा रंगहीन होता है और हम जहां पर 2 प्लस आयन का देखते हैं तो जब इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है तो इसका जरूरत थी डिनर में जाएगा तो इसमें हम देखते हैं कि इसके आउटर्मोस्ट फिल्मी मतलब बाहरी कक्षा में जो है अनपेयर्ड इलेक्ट्रोंस नहीं है ठीक है आने पर मतलब कि आयोग में
इलेक्ट्रॉन नहीं है ठीक है तो इसी के कारण यह क्या देता है मैं कलर देता है रंग देता है ठीक तो यही रीजन है कि जो किसी युप्लस रंगीन रंगीन होता है और सिर्फ 2 प्लस रंगीन होता है थैंक यू
8वां वेतन आयोग आएगा या नहीं? हो गया कन्फर्म- केंद्रीय कर्मचारी के लिए मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, जानें अपडेट
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और भत्ते बढ़ाने को लेकर लगातार ज़ी बिज़नेस के यूजर्स सवाल पूछ रहे थे कि सरकार अगले वेतन आयोग पर विचार कर रही है या नहीं? अब खुद मोदी सरकार ने इस मामले पर कन्फ्यूजन दूर कर दिया है.
8th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग आएगा या नहीं. इसको लेकर अलग-अलग मत हैं और लगातार चर्चा थी कि इसे लेकर सरकार को ऐलान करना चाहिए. लेकिन, मोदी सरकार ने इस पर सारा कन्फ्यूजन दूर कर दिया है. सरकारी कर्मचारियों को बड़ा अपडेट देते हुए वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने कहा- फिलहाल 8वें वेतन आयोग पर फैलता है और आयोग कोई विचार नहीं है. ऐसा कोई भी मामला विचाराधीन नहीं है.
आएग 8वां वेतन आयोग!
पंकज चौधरी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या यह सच है कि सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन को रिवाइज करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन पर विचार नहीं कर रही है. चौधरी ने साफ किया फिलहाल ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं है. उन्होंने कहा- सातवें वेतन फैलता है और आयोग आयोग की सिफारिश के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिए जाने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा के लिए एक और वेतन आयोग का गठन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. लेकिन, अभी ऐसा कोई विचार नहीं है.
नए पे-मेट्रिक्स पर की जानी चाहिए समीक्षा
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पे मैट्रिक्स की समीक्षा और संशोधन के लिए नई व्यवस्था पर काम होना चाहिए. उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा. लेकिन, सरकार ऐसी व्यवस्था पर काम कर रही है जिससे कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के आधार पर बढ़े. उन्होंने कहा Aykroyd फॉर्मूला के आधार पर सभी भत्तों और वेतन की समीक्षा की जा सकती है. इससे कर्मचारियों की जरूरतों की चीजों की कीमतों को ध्यान में रखकर बदलाव कर सकता है. इसकी समीक्षा समय-समय पर लेबर ब्यूरो करता है. यह सुझाव जरूर दिया गया है कि इस मेट्रिक्स में समय-समय पर बदलाव किए जाएं और इसके लिए अगले वेतन आयोग की जरूरत न पड़े.
'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम'
ज़ी बिजनेस फैलता है और आयोग को मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा DA होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाए. इसके लिए 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' फैलता है और आयोग बनाया जा सकता है.
किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, अरुण जेटली चाहते थे कि मध्य स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होनी चाहिए. अधिकारी के मुताबिक, नए फॉर्मूले के बाद आय के ध्रुवीकरण (income polarization) के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों (broad mid-level employees) के स्तर पर ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी. लेकिन, निम्न स्तर के कर्मचारियों को इसमें फायदा होता दिख सकता है.
कितना मिलेगा फायदा?
पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21 हजार के बीच हो सकती है. वेतन आयोग का ट्रेंड देखें तो हर 8-10 साल के बीच इसे लागू किया जाता है. लेकिन, इस पर फैसला साल 2024 के बाद लिया जा सकता है, जिसमें नए फॉर्मूले पर विचार हो सकता है. सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना होनी चाहिए. 7th Pay commission में वृद्धि सबसे कम हुई थी.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 205