सऊदी अरब से समुद्र के रास्ते भारत को मिलेगी एनर्जी, डीप सी केबल के जरिए एनर्जी डिप्लोमेसी की शुरुआत
पैसे आने के बाद ज्यादातर लोग म्यूच्यूअल फंड्स और स्टॉक मार्केट में निवेश करने के बारे में सोचने लगते हैं. ऐसी योजनाओं में पैसा लगाने के लिए तत्पर रहते हैं, जिनसे ज्यादा रिटर्न मिल सके. जो सही भी है, लेकिन आपके निवेश का चयन सही क्रमांक में होना चाहिए. आज हम आपको बता रहे हैं कि फायनेंशियल प्लानिंग कैसे करें और सबसे पहला निवेश कहाँ किया जाना चाहिए.
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव : कहां करें निवेश?
इन दिनों शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में निवेश का एक ऐसा भी विकल्प है, जहां उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल प्रतिफल हासिल करने के लिए किया जाता है। यह विकल्प है आर्बिट्राज फंड।
क्या है आर्बिट्राज फंड?
बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए आर्बिट्राज फंड निवेश का एक बेहतर विकल्प है। ये इक्विटी म्युचुअल फंड की श्रेणी में आते हैं। मतलब इसमें कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है। जबकि बाकी निवेश डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है। आर्बिट्राज फंड इक्विटी मार्केट के कैश और फ्यूचर (डेरिवेटिव) सेगमेंट में किसी शेयर की कीमत में अंतर का फायदा उठाकर प्रतिफल देते हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव वाले दौर में दोनों सेगमेंट के बीच कीमतों का अंतर बढ़ जाता है। जब बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तब ये फंड ज्यादा प्रतिफल देते हैं, लेकिन जब उतार-चढ़ाव कम होता है तो प्रतिफल में भी कमी आती है।
कैसे काम करता है?
इसमें एक सेगमेंट से कम कीमत पर शेयर खरीद कर दूसरे सेगमेंट में ज्यादा कीमत पर बेच दिया जाता है। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत कैश सेगमेंट में 500 रुपये है और फ्यूचर/डेरिवेटिव सेगमेंट में 550 रुपये है। इसलिए अगर कोई निवेशक एक ही समय में इस शेयर को कैश सेगमेंट में खरीदकर फ्यूचर सेगमेंट में बेच दे तो उसे 50 रुपये का मुनाफा होगा। इस तरह आर्बिट्राज फंड कैश सेगमेंट और फ्यूचर सेगमेंट में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठाता है।
क्या है आर्बिट्राज फंड?
इस फंड को काफी सुरक्षित माना जाता है। फंड मैनेजर इक्विटी में निवेश करने के बाद डेरिवेटिव मार्केट में उस सौदे को हेज करता है। इससे कैश मार्केट में खरीदे गए शेयर पर जोखिम काफी हद तक घट जाता है और शेयरों में ज्यादा गिरावट आने पर भी पोर्टफोलियो सुरक्षित बना रहता है।
क्या हैं टैक्स प्रावधान? कहां करें निवेश
ये फंड इक्विटी म्युचुअल फंड की कैटेगरी में आते हैं। इसलिए इस पर टैक्स भी इक्विटी की तरह हीं लगता है। यहां हम इसके दोनों ऑप्शन ग्रोथ और डिविडेंड में टैक्स प्रावधान की बात करेंगे।
ग्रोथ ऑप्शन : एक साल से कम अवधि में अगर आप रिडीम करते हैं तो इनकम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी और आपको 15 फीसदी (प्लस 4 फीसदी सेस) शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। लेकिन अगर आप एक साल के बाद रिडीम करते हैं तो इनकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी और आपको सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 10 फीसदी (प्लस 4 फीसदी सेस) लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। एक लाख रुपये से कम की आय पर कोई टैक्स देय नहीं होगा।
डिविडेंड ऑप्शन : अगर आप डिविडेंड प्लान लेते हैं तो आपको निवेश की अवधि के दौरान, जो प्रतिफल लाभांश के रूप में मिलता है, वह आपकी सालाना आय में जुड़ जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से उस रकम पर टैक्स अदा करना होगा। साथ ही, अगर किसी वित्त वर्ष में लाभांश 5 हजार रुपये से ज्यादा है तो लाभांश राशि पर आपसे 10 फीसदी टीडीएस काट लिया जाएगा।
ग्रोथ या डिविडेंड?
जो लोग एक साल तक के लिए इनमें निवेश कर रहे हैं, वे डिविडेंड ऑप्शन को चुन सकते हैं, बशर्ते डिविडेंड को जोड़ने के बाद भी उनकी टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये से कम हो। क्योंकि अगर होल्डिंग पीरियड एक साल से कम है तो ग्रोथ स्कीम में आपको 15 फीसदी शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। वहीं, जिनका होल्डिंग पीरियड एक साल से अधिक है, उनके लिए ग्रोथ ऑप्शन अच्छा रहेगा।
भारत में अच्छे रिटर्न के लिए कहां निवेश करें?
भारत में उपलब्ध सर्वोत्तम निवेश विकल्पों पर चर्चा करते समय कई प्रश्न उठते हैं। प्रत्येक निवेशक भारत में सर्वोत्तम निवेश विकल्पों की तलाश करता है, जहां उन्हें कम से कम जोखिम के साथ एक निश्चित समय सीमा के भीतर उच्चतम रिटर्न मिल सकता है। कुछ लोग अपने निवेश लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए निवेश करते हैं, जबकि अन्य वित्तीय सुरक्षा की इच्छा से ऐसा करते हैं। निवेश रणनीति का चयन करते समय आपकी जोखिम सहनशीलता, निवेश क्षितिज, वित्तीय उद्देश्यों और तरलता आवश्यकताओं पर विचार किया जाना चाहिए। यही कारण है कि जानकार निवेशक लगातार भारत में निवेश के बेहतरीन अवसरों की तलाश कर रहे हैं, जहां वे एक निर्धारित अवधि में अपने पैसे को चौगुना कर सकते हैं, जिसमें कोई जोखिम नहीं है। हालांकि, ऐसी निवेश रणनीति की खोज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो उच्च रिटर्न और कम जोखिम दोनों प्रदान करे। वास्तव में, रिटर्न और जोखिम सीधे विपरीत रूप से सहसंबद्ध होते हैं, जिसका अर्थ है कि जोखिम बढ़ने पर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्ति दो बुनियादी श्रेणियां हैं जिनमें भारत में निवेश के अवसरों को विभाजित किया जा सकता है। हम वित्तीय संपत्तियों को बैंक एफडी, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), बैंक आरडी, और अन्य बाजार से जुड़ी प्रतिभूतियों जैसे म्यूचुअल फंड, लाइव स्टॉक इत्यादि जैसे निश्चित आय उत्पादों में वर्गीकृत कर सकते हैं। रियल एस्टेट, ट्रेजरी नोट्स और सोने के निवेश हैं गैर-वित्तीय संपत्ति के उदाहरण आप अपने वित्तीय उद्देश्यों तक पहुँच सकते हैं और एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक वित्तीय गद्दी का निर्माण कर सकते हैं भारत में शीर्ष निवेश विकल्प चुनकर।
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Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
Glod Investment: सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस (Dhanteras) से शुरू हो रहा दिवाली (Diwali) का पर्व लोगों को निवेश का मौका भी देता है, सोने-चांदी (Gold Investment) में निवेश, प्रॉपर्टी (Property) में या कहीं और. इस दिन को शुभ मानते हुए निवेश की योजना कई लोग मना रहे होंगे. साथ ही पहली बार निवेश करने वाले भी इस त्योहार का इंतजार कर रहे होंगे.
तो धनतेरस और दिवाली के अवसर पर कहां कर सकते हैं निवेश, कैसी हो सकती है निवेश की रणनीति? पहली बार निवेश कर रहे हैं तो कैसे और कहां से करें शुरुआत?
Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
1. सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस पर सोने में निवेश करने का विकल्प अच्छा है. जब शेयर मार्केट में बहुत उतार चढ़ाव हो और गिरावट बनी हुई हो तो ऐसे में सोना कभी निराश नहीं करता है, लॉन्ग टर्म में ही सही लेकिन सोना अच्छा रिटर्न देता है. इस समय सोना खरीदने का मौका अच्छा है, क्योंकि दाम पिछले साल के मुकाबले कम है. इस समय एमसीएक्स पर सोने की कीमत 50 हजार रुपये के आसपास चल रही है. ऐसे में तीन तरीकों से सोने में निवेश किया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ (ETF): निवेशकों के पास स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ की यूनिट खरीदने और बेचने का विकल्प होता है. गोल्ड ईटीएफ सालभर में ही अच्छा रिटर्न देते हैं. इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट चाहिए होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सोने में सुरक्षित निवेश सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को माना जाता है क्योंकि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं, इसमें सोने की गुणवत्ता की चिंता भी नहीं होती है. SGB पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. बॉन्ड की मैच्योरिटी पूरी होने पर निवेशकों को कहां करें निवेश 1 ग्राम सोना की मौजूदा कीमत के हिसाब से भुगतान किया जाता है.
डिजिटल गोल्ड:डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन सोना खरीदने का तरीका है. इसके जरिए गोल्ड आपके पास फिजिकल ना होकर डिजिटल वॉलेट में स्टोर हो जाएगा. इसकी भी आप खरीदी बिक्री कर सकते हैं. वहीं आप डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में भी कुछ अतिरिक्त चार्जेज देकर बदल सकते हैं.
2. किन कहां करें निवेश सेक्टर्स में कर सकते हैं निवेश?
मिंट से बातचीत में अपसाइड एआई के को-फाउंडर धनतेरस, दिवाली के त्योहार के साथ अतनु अग्रवाल ने कहा कि हम मशीन के जरिए इंवेस्ट करते हैं जो कि निवेश करने से पहले मार्केट को समझता है, इसका फायदा है कि ये लोगों की तरह किसी भावना में निवेश नहीं करता. अतनु अग्रवाल ने बताया कि निवेशक फार्मा सेक्टर्स, बैंकिग, फाइनेंशियल और इंश्यॉरेंस सेक्टर्स, सीमेंट, इंडस्ट्रीयल सेक्टर्स या केमिक्ल में निवेश कर सकते हैं.
इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि धनतेरस, दिवाली के त्योहार के अलावा मार महंगाई की भी है और खतरा मंदी का है. इसलिए कुछ ऐसे सेक्टर्स में भी निवेश करना चाहिए जो महंगाई/मंदी से दूर हो या उनपर इसका असर नहीं पड़ता हो. एक्सपर्ट इसके लिए खासकर दो सेक्टर्स का सुझाव देते हैं. एक है, एफएमसीजी- फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड यानी की खाने पीने का आइटम, जैसे दूध, मैगी या फ्रिज, टीवी, आदी और दूसरा है पावर एनर्जी के सेक्टर्स.
3. कैसा हो पोर्टफोलियो?
इस दिवाली आप अपने पोर्टफोलियो को भी ठीक कर ले. सबसे जरूरी बात जब शेयर बाजार में बड़ा उतार चढ़ाव हो, महंगाई और मंदी का खतरा हो तो ऐसे में अर्थशास्त्री शरद कोहली कहते हैं आपको अपने पोर्टफोलियो का 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में रखना चाहिए. इसके अलावा- एक ही फंड हाउस के सभी फंड न लें, फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह से और खराब फंड की पहचान कर उससे बाहर निकले. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाय करना तो जरूरी है लेकिन कई बार बहुत ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन भी नुकसानदायक होता है.
इसके अलावा एक्सपर्ट सुझाते हैं जो बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वे एफडी में निवेश करें जिसपर आजकल ठीक-ठीक रिटर्न मिल रहा है, इसके अलावा प्रोविडेंट फंड, सरकारी बॉन्ड में निवेश की सलाह भी जाती है. गोल्ड में निवेश करना है तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ही निवेश करें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं.
4. निवेश की रणनीति कैसी हो?
मिंट से बातचीत में अतनु अग्रवाल ने बताया कि, पैसा बनाने के लिए मजबूत निवेश चाहिए. मजबूत निवेश का एक मतलब होता है आप ऐसी जगहों कहां करें निवेश पर निवेश करें जिनका आपस में कोई लेना देना नहीं है. जैसे इक्विटी (शेयर मार्केट) और फिक्सड डिपॉजिट इन दोनों में कोई संबंध नहीं है. एक तरफ जहां शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होता है वहां फिक्सड डिपॉजिट में ब्याज दर एक ही होती है. इसलिए आप स्टॉक्स, डेट (Debt) और एफडी तीनों में निवेस करें. इसी तरह गोल्ड, रियल एस्टेट और क्रिप्टो में भी आपस में कोई संबंध नहीं है.
Plan: कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत, जानिये कहां करना चाहिए पहला निवेश
आज हम आपको बता रहे हैं कि फायनेंशियल प्लानिंग कैसे करें और सबसे पहला निवेश कहाँ किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने हमें यह बात तो अच्छे से सिखा दी है कि मुश्किल वक्त के लिए हमारे पास बचत होनी चाहिए. परेशानियां और बुरा वक्त कभी भी आ सकता है, इसीलिए इन सभी से बचने के लिए जरुरी है बेस्ट फायनेंशियल प्लानिंग. यदि आपके पास किसी भी स्त्रोत से पैसा आने लगा है तो उसका उपयोग सही तरीके से करना.
सऊदी अरब से समुद्र के रास्ते भारत को मिलेगी एनर्जी, डीप सी केबल के जरिए एनर्जी डिप्लोमेसी की शुरुआत
पैसे आने के बाद ज्यादातर लोग म्यूच्यूअल फंड्स और स्टॉक मार्केट में निवेश करने के बारे में सोचने लगते हैं. ऐसी योजनाओं में पैसा लगाने के लिए तत्पर रहते हैं, जिनसे ज्यादा रिटर्न मिल सके. जो सही भी है, लेकिन आपके निवेश का चयन सही क्रमांक में होना चाहिए. आज हम आपको बता रहे हैं कि फायनेंशियल प्लानिंग कैसे करें और सबसे पहला निवेश कहाँ किया जाना चाहिए.
सबसे पहले खरीदें इंश्योरेंस
वित्त सलाहकार हमेशा से ही कहते आये हैं कि किसी भी व्यक्ति का पहला निवेश इंश्योरेंस में ही होना चाहिए. आप लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म प्लान जैसे विकल्पों को चुन सकते हैं. इनकी शुरुआत जितनी जल्दी कर दी जाए उतना अच्छा है. क्योंकि इससे कम प्रीमियम में अच्छा कवरेज मिल सके.
पीपीएफ
इंश्योरेंस के बाद आपको अपनी कमाई के एक हिस्से को पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करना चाहिए. यह सरकारी योजना है, जिसमें निवेश करने से आपको कर में भी छूट मिलेगी. इसमें पैसा सुरक्षित रहता है. और तय समय बाद तय राशि मिलती है.
म्यूच्यूअल फंड
आप म्यूच्यूअल फंड में निवेश सिस्टैमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिये कर सकते हैं. इसमें आप अपने आय बढ़ने के साथ ही निवेश भी बढ़ा सकते हैं. इसे भी जितना जल्दी शुरू किया जाए उतना अच्छा है क्योंकि इसमें एक समय बाद आपके पास काफी फंड जमा हो जाएगा.
इमरजेंसी फंड
कभी भी फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय एक हिस्सा इमरजेंसी के लिए जरुर रखें. जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव से रक्षा से लिए यह फंड होना बहुत जरुरी है. इसका फायदा उस वक्त होगा जब आपको अचानक धन की आवश्यकता होगी और जिसके लिए आपको अपनी बचत को कम नहीं करना पड़ेगा.
आरडी यानी आवर्ती जमा
यह आपको कम समय के निवेश में सहायता करता है. इसमें हर महीने एक निश्चित राशि जमा की जाती है. जिसमें कम लेकिन फिक्स अमाउंट आपको मिलता है. जिससे आप सालाना इंश्योरेंस क़िस्त जैसे खर्चों को कम कर सकते हैं.
करोड़पति बनकर रिटायर होना है तो कहां कर सकते हैं निवेश? क्या होनी चाहिए आपकी रणनीति
मैंने अपने बेटे को सुझाव दिया है कि रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए वह म्यूचुअल फंड में निवेश करें। वह म्युचुअल फंड में कम से कम 20,000 रुपए प्रतिमाह आराम से निवेश कर सकता है। साथ ही, कृपया सुझाव दें कि.
मैंने अपने बेटे को सुझाव दिया है कि रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए वह म्यूचुअल फंड में निवेश करें। वह म्युचुअल फंड में कम से कम 20,000 रुपए प्रतिमाह आराम से निवेश कर सकता है। साथ ही, कृपया सुझाव दें कि क्या उन्हें इस उद्देश्य के लिए डेट फंडों में निवेश करना चाहिए।
इन फंड में कर सकते हैं निवेश
एक एसेट क्लास के रूप में इक्विटी लंबी अवधि में मुद्रास्फीति के साथ-साथ निश्चित आय साधनों दोनों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इसलिए, मैं आपके बेटे को अपने रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दूंगा, न कि डेट फंड में। वह अपने मासिक निवेश योग्य सरप्लस को एसआईपी के माध्यम से समान रूप से सीधे योजनाओं में वितरित कर सकता है- एचडीएफसी कहां करें निवेश इंडेक्स सेंसेक्स फंड; मिराए एसेट लार्ज कैप फंड या एक्सिस ब्लूचिप, एक्सिस मिडकैप फंड या पीजीआईएम इंडिया मिडकैप अपॉर्चुनिटीज फंड और पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड या पीजीआईएम इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड। अगर उसके पास सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचाने की गुंजाइश है, तो वह एसआईपी के जरिए एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड और/या मिराए एसेट टैक्स सेवर फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकता है।
एफडी का रास्ता
चूंकि शॉर्ट टर्म में इक्विटी में उतार-चढ़ाव हो सकता है, वह अपने शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डेट फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकता है या अपने इमरजेंसी फंड को पार्क कर सकता है। बढ़ती ब्याज दर व्यवस्था को देखते हुए, मेरा सुझाव है कि वह 6% प्रति वर्ष की ब्याज दरों की पेशकश करते हुए बैंक FD में निवेश करें। ऐसी ब्याज दरों की पेशकश करने वाले कुछ शेडूल्ड बैंकों में एसबीएम बैंक, जन बैंक, सूर्योदय बैंक, उत्कर्ष बैंक, उज्जीवन बैंक और ईएसएएफ बैंक शामिल हैं। ऑटो-नवीनीकरण विकल्प के बिना उसके पास 1-2 साल का FD कार्यकाल होना चाहिए, क्योंकि उसे उच्च ब्याज दरों पर अपनी FD को नवीनीकृत करने का अवसर मिल सकता है।
ब्याज दर काम होने पर क्या करें
यदि FD मैच्योरिटी के बाद ब्याज दरें 6% प्रति वर्ष से कम हो जाती हैं, तो वह अपनी फिक्स्ड इनकम कॉर्पस बनाने के लिए HDFC शॉर्ट टर्म फंड और ICICI प्रूडेंशियल शॉर्ट टर्म फंड की शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट फंड की डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकता है। यदि आपके बेटे में अधिक जोखिम लेने की क्षमता है, तो वह अपने निश्चित आय कोष का एक हिस्सा कोटक डेट हाइब्रिड फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल रेगुलर सेविंग्स फंड जैसे रूढ़िवादी हाइब्रिड फंडों की प्रत्यक्ष योजनाओं में निवेश कर सकता है। चूंकि इन फंडों को अपने कोष का 10-25% इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करना होता है, वे संभावित रूप से डेट फंड और सावधि जमा की तुलना में अधिक रिटर्न उत्पन्न कर सकते हैं।
(प्रश्न का उत्तर नवीन कुकरेजा द्वारा दिया गया है, वह Paisabazaar.com के सीईओ और को-फाउंडर हैं।)
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