What is Share and Share Market: शेयर क्या होता है? क्यों खरीदते हैं लोग शेयर?
What is Share and Share Market: शेयर क्या होता है? क्यों खरीदते हैं लोग शेयर?
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 13 नवंबर 2021,
- अपडेटेड 1:37 PM IST
Basics of Stock Market and Shares: व्यापार में और निवेश जगत में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है , शेयर के बारे में लोग बाते करते है और बताते है. लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या है, तो कोई बात नहीं. आज इस वीडियो से जानें कि आखिर क्या होता है शेयर और क्यों लोग शेयर खरीदते हैं.
शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्सेदारी भी लेनी चाहिए।
स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्यू, मार्केट कैप और अन्य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।
लंबे समय तक निवेश की प्लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।
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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के साथ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।
कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्टर में स्थिति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।
वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।
तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्टॉक खरीदा और अगर वह स्टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा है। इसके अलावा, अगर वह ज्यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी है। ताकि आपको ऐसे स्टॉक के गिरने से ज्यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।
शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं? जानिए कैसे करते हैं शेयर मार्केट में इंवेस्ट?
हेलो दोस्तों ! आज के समय में हर कोई जल्दी पैसे कमाना चाहता है, लेकिन पैसे कमाना इतना भी आसान नहीं है. ऐसे में शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन शेयर्स में पैसा लगाने से पहले आपको इस बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है कि शेयर में पैसा कैसे लगाया जाता है? या शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे जाते हैं? या शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कैसे किया जाता है? यदि आप भी इस बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी विस्तार से दे देते हैं.
सबसे पहले जानते हैं शेयर क्या है?
‘शेयर यानि हिस्सा’, इस शब्द से ही आपको यह समझ आ गया होगा कि शेयर यानि हिस्सा होता है. जैसे आप यदि किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि उस कंपनी में आपका हिस्सा है. उदाहरण से समझे तो मान लीजिए आपने टाटा का कोई शेयर ख़रीदा है. यानि अपने टाटा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीदी है. आप इसे पार्टनरशिप भी कह सकते हैं. यानि कंपनी का मुनाफा अपना मुनाफा और कंपनी का नुकसान आपका नुकसान.
अब जानिए शेयर मार्केट क्या होता है?
शेयर मार्केट को स्टॉक एक्सचेंज के नाम से भी जाना जाता है. इसके लिए आपको एक उदाहरण से समझाते हैं. जिस तरह हमें घर का सामान खरीदने के लिए किराना स्टोर जाना होता है या जैसे हमें सब्जी या फल खरीदना हो तो हम मंडी जाते हैं. ठीक उसी तरह शेयर खरीदने के लिए या शेयर बेचने के लिए एक मार्केट होता है जिसे शेयर मार्केट कहा जाता है. इसे हम शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज भी कहते हैं. यहाँ आप अपने लिए शेयर खरीद और अपने शेयर बेच सकते हैं.
स्टॉक एक्सचेंज में 2 तरह के मार्केट या एक्सचेंज होते हैं. पहला है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)’ और दूसरा है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)’.
शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं ?
पहले की तुलना में अब शेयर खरीदने की प्रक्रिया में काफी बदलाव आ चुका है. पहले शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी या बिकवाल करने के लिए हमें स्टॉक एक्सचेंज जाना होता था या किसी ब्रोकर या दलाल से सम्पर्क बनाना होता था. तब जाकर हम अपना शेयर खरीद और बेच पाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए खुद का डिमैट अकाउंट होना चाहिए. इसके जरिए आप शेयर खरीद और बेच सकते हैं. इसके साथ ही यह भी बता दें कि आप अपना डिमैट अकाउंट किसी भी ब्रोकिंग कंपनी के माध्यम से आसानी से बना सकते हैं. इसके लिए कई ब्रोकिंग कंपनियां जैसे एंजेल ब्रोकिंग, ट्रेडिंग बेल, जेरोधा आदि हैं जहाँ आप अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं.
कैसे करें शेयर की खरीदी या बिकवाली ? (In few Steps)
1. सबसे पहले आपको अपने डिमैट अकाउंट में लॉग इन करना होगा.
2. इसके बाद आपको जिस कंपनी का शेयर खरीदना है उसका नाम सर्च करें.
3. कंपनी के नाम पर क्लिक करने के साथ ही उस कंपनी के शेयर की जानकारी और साथ ही buy/sell दोनों का आप्शन मिल जाएगा.
4. इसे सेलेक्ट करने के बाद आपके सामने कुछ चीजें आती हैं जैसे स्टॉक या शेयर खरीदने की अवधि ? शेयर की प्राइस ? या आपको जिस प्राइस पर अपना पाको को कितने दिन के लिए खरीदना चाहते है ? किस प्राइस से आपको खरीदनी है ? शेयर की क्वांटिटी ? आदि.
5. इसी तरह शेयर बेचने के पहले सेल्लिंग प्राइस सामने आता है जहाँ आपको शेयर पर नुकसान या फायदे के बारे में पता चलता है.
शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह
इस रेशियो से पता लगता है कि जिस शेयर में आप निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है
क्या है पीई रेशियो? ज्यादातर निवेशक किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले उसका पीई रेशियो क्यों देखते हैं? कैसे निकलता है शेयर का पीई रेशियो? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है. इससे आपको निवेश के लिए सही शेयर का शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें चुनाव करने में मदद मिलेगी.
क्या है पीई रेशियो?
किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू यानी यह पता लगाने के लिए कि वह सस्ता है या महंगा सबसे ज्यादा पीई रेशियों के पैमाने का इस्तेमाल होता है. इसे शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात कहा जा सकता है. शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं. इसका मतलब अर्निंग प्रति शेयर है. किसी कंपनी के मुनाफे में उसके कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर ईपीएस निकलता है. इसके बाद शेयर बाजार में शेयर की कीमत में ईपीएस से भाग देने पर पीई रेशियो निकलता है.
इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी कंपनी के शेयर की कीमत 100 रुपये है और उसका ईपीएस 10 रुपये है तो उसका पीई रेशियो 10 हुआ है.
निवेशक के लिए पीई रेशियो का महत्व
निवेश के लिए शेयर चुनते वक्त ज्यादातर निवेशक शेयर के पीई रेशियो पर गौर करते हैं. इससे उन्हें यह पता लगता है कि जिस शेयर में वे निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है.
मान लीजिए आगर आपने किसी आईटी कंपनी के शेयरों में निवेश करने का फैसला किया है तो शेयर बाजार के आईटी इंडेक्स के पीई को आप देख लें. इसके बाद उस पीई से उस आईटी कंपनी के पीई की तुलना करें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि जिस कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं, उसका शेयर महंगा है या सस्ता.
आप एक ही सेक्टर की कई कंपनियों के पीई रेशियो की भी तुलना कर सकते हैं. आम तौर पर अच्छी बुनियाद और ग्रोथ शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें वाली कंपनियों के शेयरों का पीई ज्यादा होता है. वेल्थविशर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंड प्लैनर्स में चीफ प्लानर मधुपम कृष्णा के मुताबिक, पीई रेशियो से निवेशक को किसी शेयर की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी का अंदाजा भी लग जाता है. मसलन ज्यादा पीई रेशियो वाली कंपनी से आप छोटी अवधि में कई गुना रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते.
बदलता रहता है पीई रेशियो
किसी कंपनी का पीई रेशियो निश्चित संख्या नहीं होता. यह हमेशा शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें बदलता रहता है. मान लीजिए किसी कंपनी का पीई रेशियो आज 20 है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा 20 रहेगा. कंपनी के प्रदर्शन और शेयर बाजार में उसके शेयर की कीमत के अनुसार यह रेशियो घटता-बढ़ता रहता है.
कंपनी के अच्छा मुनाफा कमाने पर उसके शेयरों की मांग बढ़ती है. इससे उसका पीई रेशियो बढ़ जाता है. इसी तरह अगर किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो इसके पीई रेशियो में गिरावट आ सकती है.
शेयर मार्केट में सीधे निवेश करने से लगता है डर? SIP के जरिये कर सकते हैं निवेश- बस रखना होगा इन बातों का ध्यान
क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी.
क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। डीमैट खाता खुलने के बाद आप अपने मोबाइल एप के जरिये ब्रोकर के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए शेयर बाजार से शेयरों की खरीद सकते हैं। इसके लिए आपका बैंक खाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप महीने में एक तय राशि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर खरीदने में लगा सकते हैं।
शेयरों में एसआईपी कैसे शुरू करें
शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्यादि के बारे में बताना पड़ता है। ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा। इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्हें आपने चुना है। ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्टम के अनुसार एग्जीक्यूट होते हैं। आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं। शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें। आप बता सकते हैं कि हर एक शेयर में
मजबूत कंपनियों के शेयरों में करें निवेश
म्यूचुअल फंड में जब आप एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो उसका प्रबंधन म्यूचुअल फंड मैनेजर करता है। लेकिन स्टॉक एसआईपी जिसे 'ई-सिप' कहा जता है उसमें निवेश का प्रबंधन खुद करना होता है या फिर आपका ब्रोकर इसे संभालता है। पको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं। ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों। ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है। यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें।
बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल करना आसान
ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश करते हैं। आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं। निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है। इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें रिटर्न का फायदा मिलता है। म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है। लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है। इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है। जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है
इन बातों का रखें ध्यान
शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्टॉक एसआईपी रीक्वेस्ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं। आप किसी भी समय स्टॉक एसआईपी इंस्ट्रक्शन को कैंसिल या बदल सकते हैं। यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी।
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