भारत बॉन्ड ईटीएफ की पहली सीरीज की तरह ही दूसरी सीरीज भी दो वेरिएंट में है। एक दस साल का ईटीएफ, जिसकी मैच्योरिटी अप्रैल 2031 में समाप्त होगी और दूसरा है पांच साल का ईटीएफ, जिसकी मैच्योरिटी अप्रैल 2025 तक है। ये दो मैच्योरिटीज शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए डिजाइन की गई है।

सोने की तरह चांदी में भी ETF के जरिए करें निवेश, जानिए इसके फायदें और बाकी कमोडिटी का क्या है हाल

सोने चांदी की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है। वहीं सिल्वर में अब ETF के जरिए निवेश करने संभव हो गया है। क्रूड की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी की खबर से क्रूड की कीमतें 82 डॉलर के भी पार पहुंच गई हैं। आइए डालतें हैं एक नजर कमोडिटी बाजार के हलचल पर।

आसमान पर पहुंचे भाव

कच्चे तेल में तेजी का दौर जारी है। कच्चे तेल का भाव 82 डॉलर के पार निकला है। ब्रेंट का भाव 6 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचा है। क्रूड के दाम 3 जनवरी से चढ़ रहे है। जनवरी में पहली बार ब्रेंट 82 डॉलर के पार खुला था। वहीं WTI जनवरी में पहली बार 80 डॉलर के पार खुला था। WTI का भाव 7 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचा है। MCX पर भी क्रूड का भाव 6000 के करीब पहुंचा है। MCX पर क्रूड 7 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचा है।

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क्यों चढ़े भाव?

Kazakhstan संकट और लीबिया से सप्लाई की दिक्कतें के ETF की सीमाएं क्या हैं? क्रूड के भाव पर असर डाल रही हैं। OPEC+ देशों की Kazakhstan की स्थिति पर नजर है। Kazakhstan से 1.6 मिलियन/बैरल उत्पादन होता है। Libya के करीब 5 लाख/बैरल तेल का उत्पादन घटा है। यहां पाइपलाइन मेंटेनेन्स और ऑयलफील्ड बंद करने से उत्पाद घटा है।

फीका सोना, फीकी चांदी

COMEX पर सोने का भाव 1800 डॉलर के नीचे फिसला है। वहीं कॉमेक्स पर सोना 17 दिनों के नीचे पहुंचा है। 15 दिसंबर 2021 के बाद सोने का भाव 1800 डॉलर के नीचे पहुंचा है। वहीं MCX पर सोने में 47800 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे कारोबार हो रहा है। जनवरी में MCX पर सोना करीब 1.50% टूटा है।MCX पर सोने के भाव में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट देखने को मिल रही है।

Bharat Bond ETF की दूसरी किस्त सब्सक्रिप्शन के लिए खुली, निवेश कर कमाएं एफडी से अधिक रिटर्न

Bharat Bond ETF की दूसरी किस्त सब्सक्रिप्शन के लिए खुली, निवेश कर कमाएं एफडी से अधिक रिटर्न

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुरक्षित और बेहतर निवेश विकल्प की तलाश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा मौका है। वे भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) में निवेश कर सकते हैं। भारत बॉन्ड ईटीएफ की दूसरी किस्त 14 जुलाई यानी मंगलवार से सब्सक्रिप्शन ETF की सीमाएं क्या हैं? के लिए खुल रही है। भारत बॉन्ड ईटीएफ के जरिए सरकार की 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। भारत बॉन्ड ईटीएफ की इस किस्त के लिए सब्सक्रिप्शन 17 जुलाई को बंद हो जाएगा।

भारत बॉन्ड ईटीएफ में खुदरा निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश 1,001 रुपये से है। इसके बाद एक रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है। वही, अधिकतम निवेश सीमा 2 लाख रुपये है। गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में भारत बॉन्ड ईटीएफ की सीरीज आई थी। उस समय सरकार ने 12,400 करोड़ रुपये जुटाए थे।

आख‍िर क्‍या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न

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भाजपा के बाद सबसे अधिक चंदा कांग्रेस पार्टी को मिला। (फाइल फोटो)

बांड यील्‍ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्‍स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 ETF की सीमाएं क्या हैं? फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रि‍या भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपन‍ियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।

Nifty 50 ETF: निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है।

Nifty 50 ETF: निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर के तत्व की आवश्यकता होती है, चाहे वह म्यूचुअल फंड के माध्यम से हो या सीधे स्टॉक या इन दोनों के मिले जुले माध्यम से हो। लेकिन, अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी पर निर्णय लेना आसान नहीं है और इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे ETF की सीमाएं क्या हैं? एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है।

EPFO 6 अगस्त को ETF में निवेश के साथ कदम रखेगा शेयर बाजार में

File Image: EPFO मुख्यालय

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2015,
  • (अपडेटेड 31 जुलाई 2015, 7:56 PM IST)

सेवानिवृत्ति कोष EPFO शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत 6 अगस्त को करेगा. चालू वित्त वर्ष के दौरान यह भविष्य निधि कोष संगठन से 5,000 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ ईटीएफ में निवेश करेगा. ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने बताया कि मुंबई में छह अगस्त को इक्विटी बाजार में वह अपना पहला निवेश करने जा रहा है.

श्रम मंत्रालय ने अप्रैल में कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन EPFO के लिए नए निवेश पैटर्न ETF की सीमाएं क्या हैं? की अधिसूचना जारी की थी, जिसमें संगठन को इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी योजनाओं में अपने कोष के न्यूनतम पांच फीसदी और अधिकतम 15 फीसदी हिस्से के निवेश की अनुमति दी गई है.

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