Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.

क्या संकेतक बेहतर है?

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किसी देश की आर्थिक विकास को म .

शुद्ध घरेलू उत्पाद सकल घरेलू उत्पाद प्रति व्यक्ति आय शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद

Solution : प्रति व्यक्ति आय को आर्थिक वृद्धि के एक बेहतर संकेतक के रूप जाना जाता है, क्योंकि यह एक निर्दिष्ट वर्ष में देश में प्रति व्यक्ति द्वारा अडि औसत आय का मापक है। इसे प्रति व्यक्ति आय के रूप में भी जाना जाता यह शहर या देश के लोगों को औसत आय है। यह देश के जीवन निर्वाह से के संकेतक के रूप में कार्य करता है और बताता है कि आय या संपत्ति प्रकार जनसंख्या के मध्य वितरित होती है।

Index Fund vs ETF: कोरोना संकट में निवेश का ‘स्मार्ट’ तरीका, पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए क्या बेहतर?

Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.

Index Fund vs ETF: कोरोना संकट में निवेश का ‘स्मार्ट’ तरीका, पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए क्या बेहतर?

Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.

Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है, भले ही वहां इक्विटी के तुलना में फायदा कम हो. ऐसे में बहुत से निवेशकों का ध्यान पैसिव फंड्स की ओर भी गया है, जहां इंडेक्स की तरह बेहतर और सुरक्षित रिटर्न मिल सकता है. पैसिव निवेश म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाने का सबसे बुनियादी तरीका है और इस शैली का उद्देश्य इंडेक्स की तरह रिटर्न पाना है. इक्विटी बाजार में पैसिवली निवेश करने के दो सामान्य तरीके हैं. एक या तो इंडेक्स फंड या दूसरा इंडेक्स एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ).

क्या हैं इंडेक्स फंड?

इंडेक्स फंड को इंडेक्स टाइड या इंडेक्स ट्रैक्ड म्यूचुअल फंड के नाम से भी जानते हैं. इस तरह के फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स मसलन निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी रेश्यो में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसका मतलब यह है कि ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट कर चलना चाहते हैं, भले ही उन्हें ठीक ठा​क रिटर्न मिले. यानी इंडेक्स फंड में पैसा डूबने का खतरा बहुत कम होता है.

खर्च की लागत कम साथ में ये भी फायदे

  • इंडेक्स फंड पैसिवली मैनेज होते हैं, इसलिए सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इंडेक्स फंड पर कम खर्च आता है. इनका टोटल एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम आता है.
  • इंडेक्स फंड का एक और फायदा यह है कि इससे निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का मौका मिल जाता है. इससे पैसा डूबने का खतरा भी कम हो जाता है. अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान बैलेंस हो जाता है.
  • इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग एरर कम होता है. इससे इंडेक्स को इमेज करने की एक्यूरेसी बढ़ जाती है. इस तरह रिटर्न का ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा सकता है.

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड ETF

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF इंडेक्‍स में निवेश करने का अवसर देता है. जो लोग शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन जोखिम नहीं लेना चाहते, वे इस विकल्प को चुन सकते हैं. फंड मैनेजर इंडेक्‍स में जो भी शेयर होते हैं वे उसी अनुपात में स्‍टॉक लेते हैं और ETF बनाते हैं. ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. ये अमूमन एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. ईटीएफ को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है, जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं. जो निवेशक कंजर्वेटिव हैं और बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें ईटीएफ में पैसा लगाना चाहिए.

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क्यों बेहतर है विकल्प

  • ETF इंडेक्स का ही रेप्लिका होता है. कहने का मतलब यह है कि इंडेक्स में जितनी तेजी आएगी, अमूमन इन्हें भी ग्रोथ का उतना फायदा मिल सकता है.
  • सेंसेक्स हो या निफ्टी दोनों में रैली आने पर ये इंडेक्स भी तेजी से मजबूत होते हैं, जिनका फायदा ETF निवेशकों को मिलता है.
  • एक बड़ा फायदा यह है कि ज्यादातर इंडेक्स बेस्ड ETF का एक्सपेंस रेश्यो भी कम होता है. यानी इनमें निवेश करना सस्ता होता है.
  • ETF रिस्‍क को डाइवर्सिफाई करता है. MF में रिस्‍क डाइवर्सिफाई होता है लेकिन उसमें वर्गीकरण ज्‍यादा है.
  • अगर पोर्टफोलियो में ज्‍यादा उतार-चढ़ाव नहीं चाहते तो ETF बेहतर ऑप्‍शन है. ETF में टैक्‍स देनदारी सामान्‍य शेयरों में निवेश जैसी है.

(Disclaimer: हमने यहां सिर्फ ईटीएफ और इंडेक्स फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने स्तर पर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)

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मानव विकास सूचकांक में बिहार फिसड्डी क्यों? क्या सड़कें बना देना ही विकास है, एक्सपर्ट से समझें

सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बिहार केन्द्र के मुकाबले काफी कम खर्च (Health And Education Expenditure In Bihar) करती है. मानव विकास सूचकांक में बिहार के स्थान को लेकर एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है. साथ ही यह भी बताया है कि कैसे इन समस्याओं को दुरुस्त किया जा सकता है. पढ़ें रिपोर्ट.

पटनाः बिहार सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करती है लेकिन मानव विकास सूचकांक के मामले में बिहार निचले पायदान (Place of Bihar in Human Development Index) पर है. जब हम ह्यूमन इंडेक्स में निचले पायदान पर खड़े बिहार की बात करते हैं तो इसमें सुधार के लिए प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरुरत है. लेकिन इसे बेहतर करना सरकार के समक्ष एक बड़ी चुनौती है.

कोरोना संकट काल में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से स्थिति दयनीय हो गई. स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोगों की जानें गई. लेकिन, इन हालात के बीच भी बिहार सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में राष्ट्रीय औसत से कम खर्च करती है.

स्वास्थ पर बिहार सरकार प्रति व्यक्ति 520 रुपये और शिक्षा पर प्रति व्यक्ति 2267 रुपये खर्च करती है, जबकि राष्ट्रीय औसत स्वास्थ्य क्या संकेतक बेहतर है? क्षेत्र में 1987 रुपये और शिक्षा के क्षेत्र में 5970 रुपये है. बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी का 5.2% खर्च करती है, जबकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 1.9 5% ही खर्च करती है.

अर्थशास्त्री और पटना विश्वविद्यालय से अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ नवल किशोर चौधरी इस बारे में कहते हैं कि सार्वजनिक शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अधिक व्यय किया जाना चाहिए. सालों से कहा जाता रहा है कि आय का 6 प्रतिशत शिक्षा पर और 4 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च किया जाना चाहिए. केन्द्र और राज्य स्तर पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल की त्रासदी से हमें सीखना चाहिए. आज स्वास्थ्य की व्यवस्था चरमराई हुई है. मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी है. मेजर मेडिकल कॉलेजों से आई रिपोर्ट्स को देखते हुए लगता है कि सरकार को इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए. लेकिन जिस तरह से स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. सड़क बनाना, बिजली, सिंचाई के अलावे सरकार की प्राथमिकताएं नहीं है. विकसित करने के नाम पर फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं. इससे हम इंकार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन इससे भी जरुरी शिक्षा को दुरुस्त करने की जरुरत है.

वहीं, अर्थशास्त्री डॉ विद्यार्थी विकास कहते हैं कि वर्तमान में बिहार में केन्द्र के मुकाबले स्वास्थ्य पर की जाने वाली खर्च काफी कम है. राष्ट्रीय स्तर से मुकाबला करने के लिए भी बिहार को प्रति व्यक्ति खर्च को बढ़ाना होगा. राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर की जाने वाली खर्च में काफी अंतर है.

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MF vs Index Fund: क्या है दोनों में अंतर और दोनों में से किसे चुनेंगे आप?

MF Vs Index Funds: इंडेक्स फंड आपको कम लागत, कम जोखिम के बावजूद MF के मुकाबले अधिक रिटर्न देने को सक्षम हैं. तो क्या इंडेक्स फंड में पैसा लगाना चाहिए.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - September 5, 2021 / 12:11 PM IST

MF vs Index Fund: क्या है दोनों में अंतर और दोनों में से किसे चुनेंगे आप?

इंडेक्स फंड या एक्सपेंस रेशियो 1 फीसदी से अधिक ना हो यह ध्यान रखना चाहिए और उसकी ट्रैकिंग एरर देखनी चाहिए.

Mutual Funds Vs Index Funds: यदि आप संपत्ति का अर्जन करना चाहते हैं और कुछ सालों तक अच्छी तरह से निवेश करना है तो आपको उच्च क्वॉलिटी के शेयरों और म्यूचुअल फंड स्कीम्स का एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने पर विचार करना चाहिए. शुरुआती निवेशकों के लिए स्टॉक और फंड की जांच करना और उनके साथ जुड़े जोखिमों को समझना आसान नहीं होता हैं. यह काम रजिस्टर्ड सलाहकार द्वारा सबसे अच्छा संभाला जाता है. हालांकि, क्या संकेतक बेहतर है? आपको किसी की सिफारिशें सुनकर निवेश नहीं करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपको मिल रही सलाह पारदर्शक हैं.

म्यूचुअल फंड के बारे में वैसे तो कई लोग थोड़ा-बहुत जानते हैं लेकिन इंडेक्स फंड उनके लिए नया शब्द हैं. कई निवेशकों में इंडेक्स फंड के बारे में गलतफहमियां भी हैं, इसलिए आज इंडेक्स फंड और म्यूचुअल फंड के बीच क्या अंतर है वह जानते हैं.

म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड में एक समर्पित फंड मैनेजर, जो बाजारों को समझता है, सक्रिय रूप से फंड की निगरानी और देखरेख करता है ताकि अनुभवहीन निवेशकों को अधिकतम फायदा हो सके. म्युचुअल फंड आपके लिए निवेश के अनुशासित तरीके का पालन करना आसान बनाते हैं. म्यूचुअल फंड के लिए, आपको निवेश शैली (गति, गुणवत्ता, मूल्य, स्मॉल कैप आदि), पिछले प्रदर्शन (अन्य क्या संकेतक बेहतर है? फंडों की तुलना में), अस्थिरता और इसके जोखिम-समायोजित रिटर्न पर विचार करना होता है.

इंडेक्स फंड

इंडेक्स म्यूचुअल फंड या ‘इंडेक्स फंड्स’, म्यूचुअल फंड्स की एक कैटेगरी है, जिसे पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. चूंकि फंड मैनेजर सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के एसेट एलोकेशन की तर्ज पर चलता है, इसलिए फंड के द्वारा कोई निवेश की क्या संकेतक बेहतर है? रणनीति नहीं होती है. एकमात्र शर्त यह है कि निवेश का कम से कम 95 फीसदी सिक्योरिटीज में होना चाहिए.

म्यूचुअल फंड को एक समर्पित फंड क्या संकेतक बेहतर है? मैनेजर संभालता है इसलिए आपको इस फंड मैनेजर को शुल्क चुकाना होता है. किसी भी म्यूचुअल फंड का यह शुल्क एक्स्पेंस रेशियो से पहचाना जाता है.

ये रेशियो जितना ज्यादा होगा उतना ज्यादा शुल्क आपके निवेश से चुकाना होगा. इंडेक्स फंड में फंड मैनेजर की कोई खास भूमिका नहीं होती क्योंकि स्टॉक क्या संकेतक बेहतर है? के पोर्टफोलियो को फंड मैनेजर द्वारा सक्रिय रूप से नहीं चुना जाता है, इसलिए ऐसी लागत कम हो जाती है. इंडेक्स फंड एक तरह से निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स की प्रतिकृति होती है, इसलिए आपको कम लागत पर विविधीकरण का लाभ मिलता है.

इंडेक्स फंड में क्या रखेंगे ध्यान

इंडेक्स फंड में निवेश करते समय आपको यह देखना चाहिए कि ट्रैकिंग एरर क्या है, जो इंडेक्स फंड के रिटर्न और मार्केट रिटर्न के बीच अंतर है. यह कम होना चाहिए. इसके अतिरिक्त, ऐसे इंडेक्स फंड चुनें जिनमें एक्सपेंस रेश्यो 1 फीसदी से कम हो.

जब आप कम खर्च वाले निवेश विकल्प चाहते हैं तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प हैं. आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साथ इन फंड्स का रिटर्न भी बढ़ने की उम्मीद है.

कौन सा विकल्प चुनें

आपको अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों के साथ संरेखित पसंद करनी चाहिए. इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो इक्विटी के रिटर्न का फायदा तो लोना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

हालांकि, एक बात साफ करनी जरूरी है कि इंडेक्स फंड भी रिस्क फ्री नहीं होता है. अगर बाजार नीचे जाता है तो आपका इंडेक्स फंड एनएवी भी नीचे जाएगा. ऐसी स्थिति में आप यहां से अपना पैसा दूसरे विकल्पों में शिफ्ट कर सकते हैं.

जबकि इंडेक्स फंड का सक्रिय फंडों से बेहतर प्रदर्शन करने का इतिहास रहा है, वहीं अत्यधिक कुशल सक्रिय फंड मैनेजर भी हैं. हालांकि, नए निवेशकों के लिए जिन्होंने अभी-अभी एमएफ निवेश की खोज शुरू की है, वे इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.

आप जितना सोचते हैं उससे बेहतर कर रहे हैं संकेत

जीवन उतार-चढ़ाव के बारे में है, और हर समय शीर्ष पर रहना हमेशा संभव नहीं होता है। हो सकता है कि आपके पास ढेर सारी चीज़ें हों, लेकिन उन्हें भूल जाना और अपनी उपलब्धियों और सफलताओं की दूसरों के साथ तुलना करना आसान है। वे कहते हैं कि घास हमेशा दूसरी तरफ हरी होती है, लेकिन यह हमेशा सच नहीं हो सकता है। आप कभी नहीं जानते कि वे क्या सामना कर रहे हैं और एक बुरे अनुभव के बाद वे कैसे ठीक हो रहे हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, विकास और उपचार काम करते हैं। हर किसी की उपचार यात्रा अलग-अलग होती है, तो आइए उन संकेतों पर एक नज़र डालें जो दिखाते हैं कि आप जितना सोचते हैं उससे बेहतर कर रहे हैं!

यह एक चट्टानी शादी या बेरोजगारी के दिन या स्वास्थ्य का डर हो सकता है, किसी व्यक्ति के दर्द का कारण कुछ भी हो सकता है। कठिन समय का सामना करने के बाद, यह बहुत महत्वपूर्ण है खुदको स्वस्थ करो. ठीक होने में समय लग सकता है, लेकिन याद रखें कि यह असंभव नहीं है।

ठंडी डुबकी आपके मूड को बढ़ा सकती है

4. आप स्वीकार करते हैं कि कितना भी कठिन क्यों न हो, आप अतीत को नहीं बदल सकते

बुरी यादों को अतीत में ही रहने दें क्योंकि आप इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते। आप सोच सकते हैं, “ओह! काश मैं उस पर या उस पर भरोसा नहीं करता! बस इसे जाने दें क्योंकि आप केवल तेजी से ठीक हो सकते हैं यदि आप स्वीकार करते हैं कि आपका अतीत बदला नहीं जा सकता।

5. आप महसूस करते हैं कि किसी की राय आपके मूल्य का निर्धारण नहीं करती है

आपको अपना मूल्य और मूल्य जानना चाहिए, और अपनी योग्यता निर्धारित करने के लिए दूसरों की राय पर निर्भर नहीं होना चाहिए। जब ऐसा होता है, उपचार यात्रा आसान हो जाती है।

6. विकास और उपचार कार्य करते हैं

अपने आप पर दया करें, विशेषज्ञ ने सुझाव दिया, इस बात पर प्रकाश डाला कि उपचार में कैसे होने के पुराने तरीकों को भूलना और विकास में कदम रखना शामिल है। हम बढ़ने की प्रक्रिया में इतना खो सकते हैं कि हम अपने स्वयं के विकास को रोकना, प्रतिबिंबित करना और उसका जश्न मनाना भूल जाते हैं।

7. याद रखें उपचार हम में से प्रत्येक के लिए अलग तरह से दिखाई देता है

दोबारा, दूसरों के साथ अपनी तुलना क्या संकेतक बेहतर है? न करें क्योंकि आपका रास्ता दूसरे से अलग होगा और यह ठीक है। जो आपको खुशी दे सकता है, दूसरे के लिए नहीं।

8. रुकें और देखें कि आप कितनी दूर आ गए हैं

यह महसूस नहीं हो सकता है, लेकिन आप एक समय में एक कदम उठा रहे हैं। साथ ही, बदलावों पर ध्यान देने के लिए अपना समय निकालें।

एक महत्वपूर्ण नोट पर, विशेषज्ञ ने यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया को चिकित्सा का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

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