बहुत कम क्षितिज वाले निवेशक 15 दिन या उससे कम समय के लिए लिक्विड फंड का विकल्प चुन सकते हैं, जबकि अधिक से अधिक निवेश अवधि की तलाश करने वाले निवेशकों का कहना है कि 2 से 3 महीने के लिए अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंडों की एक विस्तृत श्रृंखला से चुन सकते हैं। डेट फंड निवेशों ने फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों के विपरीत 10% वार्षिक रिटर्न का उत्पादन किया है जो वार्षिक रिटर्न का मात्र 7% उपज है।
शॉर्ट टर्म म्युचुअल फंड
यहाँ भारत में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली संतुलित धनराशि / हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड योजनाएँ हैं:
शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड नाम | 3 साल का रिटर्न | 5 साल का रिटर्न |
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रिलायंस प्राइम डेट फंड | 7.65% | 8.16% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शॉर्ट टर्म फंड | 7.6% | 8.4% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सेविंग्स फंड | 7.85% | 8.34% |
आदित्य बिड़ला सनलाइफ शॉर्ट टर्म ऑपर्चुनिटीज फंड | 7.86% | 8.51% |
यूटीआई ट्रेजरी एडवांटेज फंड | 7.76% | 8.26% |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ सेविंग्स फंड | 8.08% | 8.52% |
एचडीएफसी शॉर्ट टर्म डेट फंड | 7.74% | 8.34% |
आईडीएफसी बॉन्ड फंड | 7.21% | 7.88% |
कोटक कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड | 8.21% | 9.10% |
एलएंडटी शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड | 7.33% | 7.93% |
आईडीएफसी बॉन्ड फंड – एमटीपी-डी | 5.17% | 5.67% |
कोटक डायनामिक बॉन्ड फंड | 9.10% | 8.78% |
IDFC बॉन्ड फंड शॉर्ट टर्म डायरेक्ट प्लान (ग्रोथ) | 7.92% | 8.54% |
शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड क्या हैं?
म्यूचुअल फंड स्कीम 4 साल तक के अल्पकालिक निवेश एवेन्यू के साथ ग्राहकों को सक्षम करने को आम तौर पर अल्पकालिक म्यूचुअल फंड कहा जाता है। ये वित्तीय योजनाएं हैं जिनके पोर्टफोलियो में 15 दिनों से लेकर अधिकतम 91 दिनों तक की परिपक्वता अवधि की पेशकश करने वाली प्रतिभूतियां शामिल हैं। म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? यह म्यूचुअल फंड स्कीम एक निवेश साधन है जो कम से मध्यम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न की सुविधा देता है। यह टुकड़ा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड्स पर एक संक्षिप्त जानकारी देता है। इन फंड योजनाओं को विशेष रूप से छोटी अवधि में स्थिर रिटर्न अर्जित करने के लिए तैयार किया गया है।
कई बार, शॉर्ट टर्म म्यूचुअल फंड स्कीम की तुलना फिक्स्ड डिपॉजिट्स (एफडी) से की गई है क्योंकि इन दोनों स्कीमों का निवेश रिटर्न बहुत समान है।
भले ही सावधि जमा, कर दक्षता, तरलता के साथ-साथ स्थिर रिटर्न के साथ तुलना में शॉर्ट टर्म डेट फंड जोखिम भरा साधन हो, लेकिन ये म्यूचुअल फंड स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट को खत्म कर देती हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले जान लें ये तीन रिस्क, फायदे में रहेंगे आप
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) जैसे मार्केट लिंक्ड प्रोडक्ट में निवेश करते समय हम सभी को पहले इसमें हमेशा ही मौजूद म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? रहने वाले जोखिमों को समझना होगा और फिर यह भी समझना होगा कि जोखिम को पूरी म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? तरह से नष्ट या समाप्त नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे केवल कम या ट्रांसफर ही किया जा सकता है. रिस्क को ट्रांसफर करने का सीधा सा मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति आवश्यक सीमा तक रिटर्न (Return) प्राप्त करने के लिए अभी जोखिम नहीं लेता है. और अगर प्राप्त राशि सोची गई रकम से कम रह जाती है तो वह बाद में बहुत अधिक जोखिम उठा सकता है. दूसरी ओर जोखिम को कम करने का अर्थ है म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? जहां तक संभव हो इसे कम करना और इस प्रकार परिणाम को सबसे बेहतर स्तर तक म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? ले जाना.
स्ट्रैटेजी से कम करें रिस्क
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड (PGIM India Mutual Fund) के सीईओ अजीत मेनन ने कहा, अलग-अलग प्रकार के जोखिमों की बात करें तो इक्विटी में शामिल जोखिमों को कम करने के लिए पर्याप्त रणनीतियां हैं. विभिन्न शेयरों, सेक्टर्स, निवेश शैलियों आदि पर पोर्टफोलियो को एक बिंदु तक डायवर्सिफाइड कर अव्यवस्थित जोखिम को कम किया जा सकता है, जबकि सिर्फ म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? समय सीमा को बढ़ाकर और इक्विटी को पर्याप्त लंबे समय तक होल्ड कर ही व्यवस्थित जोखिम को एक हद तक कम किया जा सकता है. ये दोनों विचार पीजीआईएम इंडिया में हमारे पोर्टफोलियो निर्माण प्रक्रिया में शामिल हैं. हम कॉरपोरेट गवर्नेंस मानकों, कमाई के ट्रैक रिकॉर्ड और स्थिरता, दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य और पूंजी दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि ये कुछ ऐसे कारक हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पोर्टफोलियो में जोखिम काफी हद तक कम हो.
बिहेवियर म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? रिस्क
तीसरे प्रकार का जोखिम जिसके बारे में विशेषज्ञ कम ही बात करते हैं, वह है बिहेवियर रिस्क. यह मनी मैनजर्स और इंन्वस्टर्स दोनों के रूप में हमारे पूर्वाग्रहों से संबंधित है. यह हमें डेटा को निष्पक्ष रूप से देखने से रोकता है और इस तरह त्रुटियां पैदा होती हैं. इनकी वजह से कभी-कभी पूंजी का स्थायी नुकसान हो सकता है. बेहतर रिटर्न की उम्मीद में उन शेयरों को होल्ड करने की प्रवृत्ति, जिनके फंडामेंटल में कमी आने के कारण उनके मूल्य में गिरावट आई है, ऐसा ही एक उदाहरण है. लोकप्रिय रूप से इसे डिसपोजीशन इफेक्ट के रूप में जाना जाता है, यहां हम अपने घाटे वाले शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में रखते हुए अपने मुनाफे वाले शेयरों को बेचते हैं.
वास्तव में अन्य पहलू भी हैं जो हमारी मदद करते हैं जैसे इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट टीम जो कि आंतरिक रूप से अपने विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा करती है. यह बिहेवियर रिस्क में कमी लाने के लिए भी काम करती है, क्योंकि यहां विचारों पर विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण रखते हुए काफी गहन चर्चा की जाती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले ये 3 महत्वपूर्ण बातें जानना जरूरी, वरना हो सकता है नुकसान
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनके निवेश में बाजार जोखिम शामिल होगा.
म्यूचुअल फंड का बीमा नहीं होता है, इसलिए उनके प्रदर्शन की गारंटी नहीं होती है. इक्विटी म्यूचुअल फंड अक्सर कीमतों में बद . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 20, 2022, 10:44 IST
Investment Tips: म्यूचुअल फंड (Mutual funds) में निवेश तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन इसमें निवेश से पहले इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना जरूरी है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है. इसलिए इसमें कई फैक्टर काम करते हैं. म्यूचुअल फंड की कुछ सीमाएं भी होती हैं. ऐसे में म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन्हें जानना जरूरी है.
कोई गारंटीड रिटर्न नहीं
चूंकि म्यूचुअल फंड का बीमा नहीं होता है, इसलिए उनके प्रदर्शन की गारंटी नहीं होती है. अन्य निवेश विकल्पों की तरह जो रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड अक्सर कीमतों में बदलाव से गुजरते हैं, जैसा कि फंड के शेयरों में होता है. इस प्रकार, म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनके निवेश में बाजार जोखिम शामिल होगा.
बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करना सही नहीं
कई निवेशकों को लगता है कि अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए एक साथ बहुत सारे म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना जरूरी है. हमें ये बात याद रखनी चाहिए कि दरअसल हर म्यूचुअल फंड स्कीम अपने आपमें एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है, जिसमें अलग-अलग तरह के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल रहते हैं. बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करने पर आपके लिए उन्हें अच्छी तरह समझना और ट्रैक करना मुश्किल हो सकता. बेहतर यही होगा कि अच्छी तरह जांच-परख करके दो-तीन अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम्स को चुनें और उनमें नियमित रूप से निवेश करते रहें.
सीधे इक्विटी में निवेश करने के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करना आम तौर पर कम जोखिम वाला होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सभी म्यूचुअल फंड में एक बराबर रिस्क होता है. जिस तरह डेट फंड के मुकाबले इक्विटी फंड में ज्यादा रिस्क होता है, उसी तरह अलग-अलग इक्विटी फंड में जोखिम की आशंका भी अलग-अलग होती है. इसलिए सही स्कीम का चुनाव करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता यानी रिस्क प्रोफाइल को भी जरूर ध्यान में रखें. बाजार में तेजी के दौर में कई बार ऐसे निवेशक भी ज्यादा रिटर्न के लालच में इक्विटी फंड की तरफ चले जाते हैं, जिनकी रिस्क लेने की क्षमता बेहद कम है. इसी तरह ब्लूचिप फंड्स या लार्ज कैप फंड्स के मुकाबले मिड-कैप या स्मॉल कैप फंड्स में जोखिम और भी ज्यादा होता है. इसीलिए निवेश का फैसला करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता को कभी न भूलें.
पूरी रकम एक साथ न लगाएं
निवेशकों को म्यूचुअल फंड में अपनी पूरी रकम एक साथ लगाने से बचना चाहिए. अगर आपके पास निवेश के लिए एक साथ मोटी रकम मौजूद है, तो भी उसे धीरे-धीरे करके निवेश करना बेहतर रहता है. आप इसके लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) की मदद ले सकते हैं. एसटीपी भी एसआईपी की तरह ही काम म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? करता है, जिसमें आपकी रकम का कुछ हिस्सा हर महीने आपकी बताई स्कीम में निवेश किया जा सकता है. इससे आपके निवेश को बाजार की तेज उथल-पुथल के असर से बचाने में मदद मिलती है.
म्यूचुअल फंड्स दरअसल अलग-अलग तरह के एसेट क्लास में निवेश करने का जरिया हैं. इनके माध्यम से आप गोल्ड, इक्विटी, बॉन्ड जैसे अलग-अलग विकल्पों में पैसे लगाते हैं. लेकिन म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? निवेश करने के बाद उसे पूरी तरह भूल न जाएं. अपने फंड्स को लगातार ट्रैक करते रहें और बीच-बीच में उनके प्रदर्शन की समीक्षा भी करते रहें. अगर कोई स्कीम बाजार की तुलना में लगातार कम रिटर्न दे रही है, तो आप उसकी जगह किसी बेहतर स्कीम में म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? निवेश का फैसला भी कर सकते हैं. अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो लंबे समय में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
क्या आप निवेश में जोखिम का सही मतलब जानते हैं?
उनका कहना है कि इस तरह के ज्यादातर निवेशक खुद पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं. बाजार में अस्थिरता के दौरान यह भरोसा गायब हो जाता है. गिरावट के दौरान ये अति-आत्मविश्वासी निवेशक काफी बेचैन हो जाते हैं.
सर्कल वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक पार्टनर सौरभ मित्तल ने कहा, "निवेशक जोखिम के अर्थ को अपने अनुसार समझ रहे हैं. उन्हें लगता है कि जोखिम का अर्थ ज्यादा रिटर्न से है है. उन्हें यह नहीं पता कि अधिक जोखिम उठाना घाटे का म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? भी सौदा साबित हो सकता है."
सलाहकारों का कहना है कि ज्यादातर निवेशक जोखिम को पूंजी म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? की बर्बादी के साथ जोड़कर नहीं देखते हैं. उनका मानना है कि निवेशकों को दांव लगाने से पहले खुद से कुछ सवाल जरूर करने चाहिए और फिर किसी निर्णय तक पहुंचना चाहिए.
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