नीचे दिए गए आलेख से किस वर्ष में किस शहर में वित्तीय साक्षर व्यक्तियों की संख्या सबसे कम है?
IBPS RRB PO (Officer Scale I) Interview Admit Card has been released on the official website on 3rd November 2022. Candidates will be वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज able to download the call letter for the interview till 30th November 2022. IBPS RRB PO Scorecard (Officer Scale I) has been released on 21st October 2022. The mains examination of the IBPS RRB PO was conducted on 1st October 2022. The result of the same was announced by the IBPS on 18th October 2022. The interview round of the provisionally selected candidates is expected to be वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज held on 14th November 2022. Candidates who will be selected finally will get a salary range between Rs. 15,000 to Rs. 44,000.
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रिजर्व बैंक ने वित्तीय साक्षरता पर तैयार किया स्कूली शिक्षा के लिए कोर्स
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अन्य नियामकों के साथ मिलकर स्कूली शिक्षा बोर्ड के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम तैयार किया है। तीन राज्यों को छोड़कर बाकी सभी ने इसे अपने स्कूल के सिलेबस में जगह देन
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अन्य नियामकों के साथ मिलकर स्कूली शिक्षा बोर्ड के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम तैयार किया है। तीन राज्यों को छोड़कर बाकी सभी ने इसे अपने स्कूल के सिलेबस में जगह देने पर सहमति जताई है। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अगर हम स्कूली शिक्षा में बुनियादी वित्तीय साक्षरता को समाहित कर पाते हैं तो वह देश में वित्तीय साक्षरता के विस्तार के लिए काफी अच्छा होगा। शर्मा ने कहा कि इस वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम को स्कूली सिलबेस का हिस्सा बनाने पर तीन राज्यों को छोड़कर अन्य ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सभी वित्तीय नियामकों के साथ परामर्श के बाद तैयार किया गया है।
शर्मा ने कहा कि जब भी कोर्स का पुनरीक्षण होगा, स्कूली शिक्षा बोर्ड इस साक्षरता कार्यक्रम को शामिल कर लेंगे। इस पाठ्यक्रम को खासतौर पर छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज बैंकिंग प्रतिनिधि (बीसी) के समूचे ढांचे की समीक्षा कर रहा है क्योंकि यह व्यवस्था अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर पाई है। इस दौरान बीसी की भूमिका और उनकी तरफ से दी जाने वाली सेवाओं से जुड़़े माम बिंदुओं पर गौर किया जा रहा है।
समाज के अंतिम व्यक्ति तक वित्तीय साक्षरता पहुंचाने के उद्देश्य से बीसी की संकल्पना की गई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि नियामकीय बंदिशों और परिचालन से जुड़ी अड़चनों के कारण इस उद्देश्य को हासिल नहीं किया जा सका है।
डीयू: एसओएल में शुरू होगा वित्तीय साक्षरता का पाठ्यक्रम, अगले सप्ताह तक हो सकती है घोषणा
करीब दो माह का होगा सर्टिफिकेट कोर्स। छात्रों को सुविधा को देखते हुए निशुल्क रहेगा कोर्स, देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र।
दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।
कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।
देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।
अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।
विस्तार
दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।
कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।
देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।
अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।
डेली अपडेट्स
हाल ही में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में 'निवेशक दीदी' पहल के तहत 'महिलाओं के लिये, महिलाओं के द्वारा' की अवधारणा के साथ वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने के लिये भारत का पहला पानी पर तैरता वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किया।
निवेशक दीदी पहल:
- विषय:
- यह महिलाओं के लिये महिलाओं की विचारधारा पर आधारित है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ अपने प्रश्नों को एक महिला के साथ साझा करने में अधिक सहज महसूस करती हैं।
- इसे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के तत्त्वाधान में निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) के सहयोग से IPPB द्वारा लॉन्च किया गया है।
- इस सत्र में बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों, विनियमित संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली मुख्यधारा की वित्तीय सेवाओं में शामिल होने के महत्त्व एवं निवेश से जुड़े विभिन्न प्रकार के जोखिमों तथा धोखाधड़ी की रोकथाम के उपायों से सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे।
वित्तीय साक्षरता के लिये भारत की अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री जन-धन योजना:
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय मिशन है।
- प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। चाहे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) , कोविड-19 वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बढ़ी हुई मज़दूरी, जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर हो, इन सभी पहलों का पहला कदम प्रत्येक वयस्क को बैंक खाता प्रदान करना है, जिसे PMJDY लगभग पूरा कर चुका है।
- प्रधानमंत्री जीवन वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज ज्योति बीमा योजना प्रवासियों एवं श्रमिकों को क्रमशः जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा प्रदान करती है।
- PMKMDY की शुरुआत सभी छोटे और वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज सीमांत किसानों (जिन किसानों की भूमि दो हेक्टेयर से कम है) को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिये की गई थी।
- यह एक स्वैच्छिक और योगदान आधारित पेंशन योजना है।
- किसानों को पेंशन का भुगतान भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा प्रबंधित पेंशन फंड से किया जाएगा।
- किसानों को पेंशन फंड में 55 रुपए से 200 रुपए प्रतिमाह के बीच की राशि का योगदान करना होगा, जब तक कि वे सेवानिवृत्ति की तारीख यानी 60 वर्ष की आयु तक नहीं पहुँच जाते।
- PMMY गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख तक का ऋण प्रदान करने के लिये वर्ष 2015 में शुरू की गई एक योजना है।
- इन ऋणों को PMMY के तहत MUDRA ऋणों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, RRB, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, MFI और NBFC द्वारा दिये जाते हैं।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB):
- परिचय:
- यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी के साथ संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत स्थापित किया गया है।
- बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिये सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने की दृष्टि से की गई है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उद्देश्य: (2016)
(a) छोटे उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाना
(b) गरीब किसानों को विशेष फसलों की कृषि हेतु ऋण प्रदान करना
(c) वृद्ध और निराश्रित व्यक्तियों को पेंशन प्रदान करना
(d) कौशल विकास और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने में शामिल स्वैच्छिक संगठनों का वित्तपोषणउत्तर: (a)
व्याख्या:
- सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) को वर्ष 2015 में गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करने हेतु लॉन्च किया था।।
- यह योजना बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) जैसे विभिन्न वित्तीय संस्थानों के माध्यम से गैर-कॉर्पोरेट लघु व्यवसाय क्षेत्र को वित्तपोषण प्रदान करती है। इस प्रकार, इसका उद्देश्य छोटे उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाना है।
- PMMY के तहत ऋणों को MUDRA ऋण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के ऋणों की व्यवस्था की गई:
- शिशु (Shishu) - 50,000 रुपए तक के वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज ऋण,
- किशोर (Kishor) - 50,001 से 5 लाख रुपए तक के ऋण,
- तरुण (Tarun) - 500,001 से 10 लाख रुपए तक के ऋण।
- MFIs के माध्यम से 1 लाख तक के ऋण के लिये माइक्रो क्रेडिट योजना (MCS);
- वाणिज्यिक बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs)/अनुसूचित सहकारी बैंकों के लिये पुनर्वित्त योजना;
- महिला उद्यम कार्यक्रम;
- ऋण पोर्टफोलियो का प्रतिभूतिकरण।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
मेन्स
Q. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) बैंक-रहित को संस्थागत वित्त के दायरे में लाने हेतु आवश्यक है। क्या आप सहमत है कि इससे भारतीय समाज के गरीब तबके के लोंगों का वित्तीय समावेश होगा? अपने मत की पुष्टि के लिये तर्क प्रस्तुत कीजिये। (2016)
Q. क्या बाज़ार अर्थव्यवस्था के अंतर्गत समावेशी विकास संभव है? भारत में आर्थिक विकास की प्राप्ति के लिये वित्तीय समावेश के महत्त्व का उल्लेख कीजिये। (2022)
वेबिनार: लॉ कॉलेज में वित्तीय साक्षरता पर वेबिनार का आयोजन किया
टाउन स्थित एनएम लॉ कॉलेज में शुक्रवार को एसवी वैल्थ पार्टनर्स के तत्वावधान में ‘इन्वेस्टमेंट अवेयरनेस’ ऑनलाइन वेबिनार आयोजित हुआ। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने धन के बारे में व्यवस्थित, सुरक्षित एवं खर्च करने से संबंधित कार्य योजना से अवगत करवाना था। कॉलेज प्राचार्य डॉ. सीताराम ने बताया कि वर्तमान तकनीकी युग में हम सभी ई-बैंकिंग से जुड़े हुए हैं। ऐसे में धोखाधड़ी के केस बढ़ रहे हैं। इसलिए ई-बैंकिंग से जुड़े नागरिक को जागरूक होना चाहिए।
बिना सोचे केवल सुनी सुनाई बातों पर भरोसा ना करके उपभोक्ताओं को जागरूक बनकर सेबी के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। एसवी वैल्थ पार्टनर्स के निदेशक गौरव चंदा ने अपने संस्थान के बारे में बताया कि उनकी संस्था लोगों को आर्थिक जागरुक करने में अपना योगदान दे रही है। मुख्य वक्ता शमशेर सिंह ने म्यूचुअल फंड, प्रोविडेंट फंड, शेयर, बीमा, सेबी, बैंकिंग, डिविडेंट, डिबेंचर आदि के बारे में विस्तार से जानकारियां दी। इस मौके पर कोऑर्डिनेटर डॉ. अजवर खान, डॉ. केबी ओझा, डॉ. बृजेश कुमार अग्रवाल, मो. इमरान, आरडी बंसल, मनीष स्वामी, कपिल देव, दिवाकर गहलोत, पुष्पेंद्र, दिनेश खोथ, डीपीई कमलदीप सिंह बराड़ सहित विद्यार्थी मौजूद थे।
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