Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

क्या होता है डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

क्या सिर्फ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

डीमैट अकाउंट खुलवाने की ज़बरदस्त स्क्रिप्ट, मिनटों में खाता खुलवाने के लिए राज़ी होगा ग्राहक ǀ Telemarketing Script For Demat Account Opening In Hindi

डीमैट खाता क्या है ( What is Demat account in Hindi )

डीमैट खाता लोगों के द्वारा शेयरों को खरीदने या बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिस प्रकार लोग अपना पैसा बैंक अकाउंट में रखते है ठीक उसी प्रकार लोग डीमैट खाता में अपने शेयर रखते है । डीमैट खाता ट्रेडर्स को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। जहां वे अत्यधिक सुरक्षा के साथ शेयर रख (Hold) सकते हैं। यह शेयरों की चोरी, जालसाजी, हानि और क्षति की संभावना भी समाप्त करता है। पहले के समय के दौरान इसमें बहुत सारी कागजी कार्रवाई शामिल होती थी। लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक हो गई है, इसलिए जब आप शेयर खरीदते हैं । तो वे आपके डीमैट खाते में स्थानांतरित हो जाते हैं। और इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहीत हो जाते हैं। यह लंबी अवधि के लिए निवेशक की सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करता है।

डीमैट खाता टेलीमार्केटिंग स्क्रिप्ट के फायदे (Benefits of telemarketing script for an Demat account in Hindi )

एक अच्छी स्क्रिप्ट मे ज्यादा से ज्यादा डीमैट खाता खुलने की संभावना होती हैं।

एक अच्छी स्क्रिप्ट लीड बढ़ने मे मदद करती है।

ग्राहक के साथ अच्छा रिलेशन बना सकती है।

अच्छी स्क्रिप्ट लोगो को डीमैट खाता की सारी जानकारी उपलब्ध करवाती हैं ।

ग्राहक आपसे बात करने में दिलचस्पी दिखाता है ।

जितनी अच्छी स्क्रिप्ट होगी उतनी आपकी बिक्री में बढ़ोतरी होगी ।

आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी ।

डीमैट खाता टेलीमार्केटिंग स्क्रिप्ट बनाने के लिए किन बातो का ध्यान रखे (Things to remember during creation of script for group Demat account in Hindi )

  • जिस कंपनी के लिए आप काम कर रहे हैं उसके बारे में पूरी जानकारी रखें। एक अच्‍छा टेलीमार्केटर केवल उत्‍पाद या सेवा नहीं बेचता बल्कि वह कंपनी का भी प्रतिनिधित्‍व करता है।
  • आपको यह बताने योग्‍य होना चाहिए कि ग्राहकों को उनके प्रतिद्वंदि‍यों की बजाए उन्‍हें क्‍यों चुनना चाहिए।
  • कंपनी का इतिहास, उसकी सोच, मिशन, ग्राहकों के रिव्‍यूज और इंडस्‍ट्री रेटिंग्‍स पता होना चाहिए।
  • आप यह समझें कि सेल्‍स प्रोसेस क्‍या है। इसमें क्‍लोजिंग पेपरवर्क, बिलिंग, शिपिंग, रिफंड/रिटर्न पॉलिसी, कस्‍टमर सर्पोट और उन्‍हें जरूरी फॉलोअप शामिल है।
  • अपनी स्क्रिप्‍ट की प्रैक्टिस कर लें। जब तक आप इसमें सहज न हो जाएं इसे तेज पढ़े।
  • एक अच्‍छा टेलीमार्केटर अधिकार से बोलता है जिससे ग्राहकों के दिमाग में बात अच्‍छे से चले जाती है। अगर आपकी तैयारी पूरी है तब आपको आपके कॉल करने और आपकी कंपनी के बारे में विश्‍वास के साथ बात करना चाहिए।
  • धीरे लेकिन तेज और साफ बोले ताकि आपके कस्‍टमर को बात आसानी से समझ आ जाएं। बुदबुदाएं नहीं।
  • अपना परिचय दें और बातचीत में जितनी जल्‍दी हो सके कॉल का मकसद बताएं। रूके और आगे बढ़ने के लिए उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार करें।
  • याद रखे कि कुछ लोग आपका कॉल एक्‍सपेक्‍ट नहीं कर रहे होंगे और इसके लिए ग्रहणशील न हो। इसमें कोई नई बात नहीं है कि आपकी बात में एक रूच‍ि लेने वाले ग्राहक के पहले कई ग्राहक अच्‍छे टेलीमार्केटर को भी रिजेक्‍ट कर देंगे। इसलिए इस रिजेक्‍शन को व्‍यक्तिगत तौर पर न लें और इसे टेलीमार्केटिंग स्किल्‍स को पॉलिश करने का एक मौका समझें।

डीमैट खाता टेलीमार्केटिंग स्क्रिप्ट सैम्पल (samples of telemarketing script for an Demat account in Hindi )

आप: नमस्ते,, क्या मैं उमेश से बात कर रहा हूँ?”।

उमेश : हाँ में उमेश बात कर रहा हूँ ।

बढ़िया, मेरा नाम विकास है और मैं” ABC से कॉल कर रहा हूं।

ग्राहक के जवाब का वेट करें

सर, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करने का प्लान कर रहे हैं

याद रहे यहां पर ग्राहक दो तरीके के जवाब दे सकता है. यदि ग्राहक न में जवाब दे तो उसे शेयर बाज़ार में निवेश करने के फायदें गिना सकते हैं और आप उसे शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित करें.

दूसरी कंडीशन में ग्राहक पहले से शेयर बाज़ार में निवेश कर रहा होगा. इस कंडीशन में आपको उसे अपनी ब्रोकिंग कंपनी में डीमैट अकाउंट खोलने के लाभ बताने होंगे.

हमारी ब्रोकिंग कंपनी में डीमैट खाता खुलवाने के लिए आपको किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं देना होता है. साथ ही हमारें ब्रोकिंग चार्जेज बाज़ार में मौजूद अन्य ब्रोकिंग कंपनियों के मुकाबले बहुत कम हैं.

यदि आप बेहतरीन और ज़बरदस्त सुरक्षित डीमेट अकाउंट की तलाश में हैं तो हमारी ब्रोकिंग कंपनी एक उचित आप्शन हो सकती हैं.

हमारी कंपनी के द्वारा समय-समय पर वेबनार का आयोजन किया जाता रहता है. जिसकी मदद से आप एक प्रो शेयर बाज़ार निवेशक बन सकते हैं.

क्या आप डीमैट खाता खुलवाने के लिए इंट्रेस्टेड डीमैट खाता क्या है है,तो में इसकी पूरी डिटेल्स आपको व्हट्सएप कर देता हूं। धन्यवाद आपसे बात करके अच्छा लगा।

डीमैट खाता क्या है

5paisa ऐप का उपयोग करके ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें, इसके लिए आप इन चार आसान स्टेप्स का पालन करना होगा

स्टेप1:Google Playstore या Apple Store से 5paisa ऐप इंस्टॉल करें.
स्टेप2:‘Open Demat Account’ का विकल्प चुनें.

Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:27 am IST

यदि आप शेयर बाजार के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं और शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको डीमैट खाता खोलना होगा. आपका फाइनेंशियल टारगेट चाहे कुछ भी हो लेकिन शेयर बाजार में कोई भी लेनदेन करने के लिए डीमैट खाता होना जरूरी है. इस आर्टिकल में हम आपको डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रक्रिया बताने जा रहे हैं –

डीमैट खाता क्या है?
डीमैट खाते या डीमैटरियलाइज्ड खाते (dematerialised accounts) का इस्तेमाल किसी भी कंपनी के शेयर ऑनलाइन रखने के लिए किया जाता हैं. एक डीमैट खाता आपको स्टॉक, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), बॉन्ड आदि जैसे डीमैटरियलाइज्ड सिक्योरिटीज रखने की सुविधा देता है. जब आप किसी स्टॉक के लिए ऑर्डर देते हैं, तो आपके शेयर आपके डीमैट खाते में जमा हो जाते हैं. इसी तरह, जब भी आप अपने शेयर बेचते हैं तो आपका डीमैट खाता डेबिट हो जाता है.

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन कैसे बनाएं?

सेबी के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 और जनवरी 2021 के बीच नए डीमैट खाते में 10.7 मिलियन की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ, डीमैट खाता खोलना अब बेहद आसान हो गया है. इस आसान स्टेप्स के साथ आप 5paisa के साथ डीमैट खाता खोल सकते हैं –

स्टेप1 :डीमैट खाता खोलने के लिए 5paisa की वेबसाइट पर जाएं.
स्टेप2 :अपना फोन नंबर दर्ज करें और“Open account Now” पर क्लिक करें.
स्टेप3 :आपको उसी नंबर पर एक वेरिफिकेशन कोड प्राप्त होगा, कोड डालें और “Apply Now” बटन पर क्लिक करें.
स्टेप4 :इसके बाद, अपना ईमेल पता और आपके इनबॉक्स में भेजा गया वेरिफिकेशन कोड दर्ज करें.
स्टेप5 :अपना पैन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें, और “Proceed” पर क्लिक करें.
स्टेप6 :e-KYC प्रक्रिया को पूरा करें
स्टेप7 :वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करें. इसके लिए आपको रीयल टाइम में एक सेल्फी अपलोड करनी होगी.
स्टेप8 :अपना खाता खोलने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए फॉर्म पर ई-हस्ताक्षर करें.

5paisa ऐप का उपयोग करके ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें, इसके लिए आप इन चार आसान स्टेप्स का पालन करना होगा

स्टेप1:Google Playstore या Apple Store से 5paisa ऐप इंस्टॉल करें.
स्टेप2:‘Open Demat Account’ का विकल्प चुनें.
स्टेप3:5paisa का एक कार्यकारी आपसे संपर्क करेगा और खाता खोलने में आपकी सहायता करेगा.
स्टेप4:KYC प्रक्रिया को पूरा करें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें.

डीमैट खाता खोलने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

पहचान का प्रमाण ( Proof of identity)
•मतदाता पहचान पत्र
•आधार कार्ड, पैन कार्ड
•पासपोर्ट
•ड्राइविंग लाइसेंस
पते का प्रमाण (Proof of Address)
•राशन कार्ड
•बिजली बिल
•टेलीफोन बिल
•संपत्ति कर रसीद
•पासपोर्ट
•बैंक पासबुक
•मतदाता पहचान पत्र

10 करोड़ से ज्यादा Demat Account ओपन, शेयर बाजार में निवेश को लेकर भारतीयों में क्रेज

रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.

दोगुने हो गए डीमैट खाते.

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 सितंबर 2022, 7:06 AM IST)

कोरोना के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था तरक्की (Indian Economy Growth) के पथ पर लगातार तेजी से दौड़ रही है. इस तरक्की का पैमाना तो नहीं लेकिन आइना शेयर बाजार को माना जाता है. शेयर बाजार में आई तेजी अक्सर इकोनॉमी की मजबूत बुनियाद का संकेत होती है. मजबूत आर्थिक बुनियाद का आइना माने जाने वाले शेयर बाजार में लोगों की भी दिलचस्पी बढ़ रही है. इसकी मिसाल है देश में तेजी से खुलते डीमैट खाते (Demat account), यानी जिस खाते के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना मुमकिन होता है. अगस्त में देश में 22 लाख नए डीमैट खाते लोगों ने खुलवाए हैं. इसके बाद देशभर में कुल डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ के पार निकल गई है.

2.5 साल में दोगुने हो गए डीमैट खाते

लेकिन ये नंबर कैसे वाकई महत्वपूर्ण और बड़ा है इसको समझने के लिए इसकी तुलना प्री-कोविड साल से करनी होगी. कोरोना के पहले तक देश में केवल 4.9 करोड़ डीमैट खाते थे. लेकिन जिस तरह से 2020 की शुरुआत से लेकर अक्टूबर 2021 तक भारतीय शेयर बाजार ने दुनियाभर के शेयर मार्केट्स के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए लोगों का भरोसा इस बाजार पर बढ़ा है.

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यही नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.

जून के बाद से फिर बढ़ी डीमैट खातों की रफ्तार

इस कारोबारी साल का हाल देखें तो अप्रैल में कुल डीमैट खातों की संख्या 9.21 करोड़ थी. वहीं मई में ये 9.48 करोड़, जून में 9.65 करोड़, जुलाई में 9.83 करोड़ और अब अगस्त में पहली बार 10.05 करोड़ हो गई है. ये तेजी इक्विटी निवेशकों के बढ़ते भरोसे का दमदार सबूत है. भारत में डीमैट खाता खोलने के लिए CDSL और NSDL के पास जिम्मेदारी है.

आंकड़ों के मुताबिक CDSL के डीमैट खातों की संख्या अगस्त में बढ़कर 7 करोड़ के पार निकल गई, जो जनवरी 2020 के आंकड़े से 3 गुना से भी ज्यादा है. वहीं NSDL के पास करीब 2.9 करोड़ डीमैट खातों की जिम्मेदारी है. हालांकि डीमैट खाता क्या है एसेट्स अंडर कस्टडी यानी AUC के हिसाब से देखें, तो फिर CDSL के पास साढ़े 38 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं. जबकि NSDL के पास करीब 320 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं, जो अप्रैल 2020 में 174 ट्रिलियन रुपये थे.

शेयर बाजार में 6 फीसदी से भी कम लोग करते हैं निवेश

हालांकि, 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते होने की एक वजह ये भी है कि कुछ लोगों के एक से ज्यादा डीमैट खाते हैं. अलग अलग ब्रोकर्स से डीमैट खाता खुलवाने की वजह से ये नंबर ज्यादा है. अनुमान है कि भारत में 6-7 करोड़ लोगों के पास डीमैट खाते होंगे. इनमें से भी सभी निवेश नहीं करते हैं, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुल आबादी में से 6 फीसदी से भी कम लोग शेयर बाजार में निवेश करते होंगे. भारतीय निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश करने के अलावा म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के जरिए भी इक्विटी में रकम लगाते हैं.

शेयर बाजार में फिर लौट रही है तेजी

अक्टूबर 2021 के बाद जून 2022 तक फेड रिजर्व के ब्याज बढ़ाने, महंगाई में तेजी आने और रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 33 अरब डॉलर निकाले थे. लेकिन अब मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही में एक बार फिर से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में लौटने लगे हैं.

इस तिमाही में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 7.6 अरब डॉलर भारतीय इक्विटी बाजारों में लगाए हैं. सेंसेक्स भी अब अक्टूबर 2021 के ऑल टाइम हाई से महज 5 फीसदी पीछे है. वैसे भी भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों के मुकाबले जबरदस्त प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है. इस साल एसएंडपी 500 18 फीसदी कमजोर हुआ है तो निफ्टी 1.8 प्रतिशत बढ़ा है.

रिटेल निवेशकों के भरोसे बढ़ रहा है शेयर बाजार

FPIs ने जब भारतीय बाजारों से पैसा निकाला, तो दुनिया के बाकी शेयर बाजारों के मुकाबले यहां पर कम गिरावट की वजह रही रिटेल निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी. IPO मार्केट ने भी रिटेल निवेशकों को शेयर बाजार की तरफ लगातार आकर्षित किया है.

यहां तक की अप्रैल-जून तिमाही में जब जून में डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार 16 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गई थी, तब भी उस महीने 18 लाख डीमैट खाते खुलवाए गए थे. रिटेल निवेशकों की इक्विटी मार्केट में सीधी बढ़ती हिस्सेदारी और SIP के जरिए पैसा लगाने की चाहत ने भारतीय शेयर बाजार को दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में शुमार किया हुआ है.

डीमैट खाता क्या है

बोनांजा पोर्टफोलियो में एसोसिएट फंड एवं वेल्थ मैनेजर हीरेन ढाकन कहते हैं कि हाल तक ब्रोकिंग कंपनियों से ग्राहक इस तरह की पूछताछ करते रहे हैं कि वे अपने निष्क्रिय डीमैट खाते को फिर से कैसे चालू करा सकते हैं? उन्होंने लंबे समय से कोई खरीद-बिक्री नहीं की है लेकिन अब जबकि इक्विटी और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार में फिर से तेजी आई है तो वे ऐसा करना चाहते हैं। ढाकन का कहना है, 'हम तीन साल तक डीमैट खाते को निष्क्रिय रहने देते हैं और फिर इन्हें स्थायी रूप से निष्क्रिय बना लेते हैं। हालांकि कुछ ऐसी ब्रोकिंग कंपनियां हैं जो इन खातों को पूरी तरह निष्क्रिय घोषित करने से पहले पांच साल तक इंतजार करती हैं।' हालांकि इस बारे में कोई तय नियम नहीं है कि किसी डीमैट खाते को निष्क्रिय घोषित करने से पहले कितने समय तक इस खाते में लेन-देन नहीं होना चाहिए। यह इस पर निर्भर करता है कि डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी), बैंक या ब्रोकर और ग्राहक के बीच किस तरह का करार हुआ है? आमतौर पर यह इस पर निर्भर करता है कि खाते के रखरखाव का शुल्क किस तरह वसूला जाता है।

अगर खाते के लिए आजीवन या एक बार फीस वसूली गई है तो खाता में लंबे समय तक कोई लेन-देन न होने के बावजूद इसे निष्क्रिय श्रेणी में नहीं डाला जाता है। हालांकि अगर डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट सालाना प्रबंधन फीस लेता है तो इसे एक साल बाद भी निष्क्रिय घोषित किया जा सकता है। बोनांजा के ही मामले में प्रबंधन शुल्क 350 रुपये से 370 रुपये प्रति वर्ष होता है जबकि आजीवन शुल्क 1500-1600 रुपये है। ज्यादातर डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट ग्राहकों को उनके प्रोफाइल के हिसाब से लघु अवधि, दीर्घ अवधि आदि श्रेणियों में रखते हैं।

फंड्सइंडिया डॉट कॉम में इक्विटी प्रमुख आर. सुधींद्र का कहना है कि अक्सर ग्राहकों के प्रोफाइल के आधार पर ही फीस भी तय होती है। मिसाल के तौर पर लंबी अवधि के निवेशक जो साल में एक ही बार खाते में कारोबार करते हैं तो डीपी उनका खाता खोलने के लिए ज्यादा शुल्क और ब्रोकिंग के लिए कम शुल्क वसूल सकता है। ऐसे ग्राहकों के डीमैट खाते को निष्क्रिय श्रेणी में डालने से पहले उनको ज्यादा लंबे समय की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि रोजाना कारोबार करने वाले सट्टा कारोबारी का खाता खोलने का शुल्क कम हो सकता है लेकिन ब्रोकिंग शुल्क ज्यादा हो सकता है। ऐसे खाते में अगर 12 महीने तक कोई कारोबार नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय कहा जा सकता है। खाता खोलने की फीस ग्राहक के प्रोफाइल के मुताबिक 500-1000 रुपये तक हो सकती है। आमतौर पर एक डीमैट खाते को दोबारा चालू कराने में दो दिन का वक्त लगता है।

डीमैट खाते को फिर से बहाल कराने के लिए सबसे पहले आपको एक रिएक्टीवेशन फॉर्म भरना होता है और नो योर कस्टमर (केवाईसी) ब्योरा देना पड़ता है। इस ब्योरे में निवास और पहचान प्रमाणपत्र देना शामिल है। आपका डीपी यह भी देखेगा कि आपके हस्ताक्षर मूल रिकार्ड से मेल खाते हैं या नहीं। इसके लिए वह उनका मिलान मूल रिकॉर्ड के साथ करेगा। आपका डीपी इसे बहाल करने के लिए फीस वसूल सकता है। यह शुल्क अलग-अलग डीपी के लिए अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर रिएक्टीवेशन फीस 500 रुपये से कम ही होती है। सुधींद्र कहते हैं, 'मान लीजिए अगर आपके डीमैट खाता क्या है खाते में 2 लाख रुपये के शेयर हैं लेकिन उसमें कोई कारोबार नहीं हो रहा है तो मुमकिन है कि डीपी कोई रिएक्टीवेशन फीस नहीं वसूले। लेकिन अगर उस खाते में कोई शेयर नहीं हैं तो डीपी आपसे रिएक्टीवेशन फीस ले सकता है। माना यह जाता है कि जब ग्राहक कोई कारोबार करता है तो डीपी को ब्रोकिंग शुल्क से कमाई होती है और उससे लागत की भरपाई हो सकती है।' डीपी द्वारा ली गई फीस में केवल ब्रोकिंग शुल्क ही अनिवार्य होता है। दूसरे शुल्क मसलन प्रबंधन, खाता खोलने और दोबारा एक्टिवेशन शुल्क अनिवार्य नहीं है और हर डीपी का अपना नियम होता है।

ढाकन का कहना है, 'आपको छह महीने में एक बार अपना खाता जरूर देखना चाहिए। आपको लाभांश मिल सकता है या कुछ लेन-देन के लिए आप पर शुल्क लगाया जा सकता है जिसके बारे में आपको पता ही नहीं हो।' हालांकि सुधींद्र कहते हैं कि केवल डीमैट खाते में लॉग इन करने से यह सक्रिय नहीं हो जाता है। वह कहते हैं, 'अगर आप कोई लेन-देन करते हैं तो ही इसे सक्रिय माना जाएगा। इसकी वजह यह है कि सभी डीमैट खाते ऑनलाइन नहीं होते। कई ऑफलाइन खाते भी होते हैं और ग्राहकों को बैंक जाकर या ब्रोकर के दफ्तर में पूरी कार्रवाई करनी होती है।'

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