The candidates will have an option to review the Answer Keys for each question number. In case the candidate feels a different answer option to be correct option then the one gives, she/he has the opportunity to appeal/objection with proper justification and supporting documents for the same in the given option. The candidate is required to pay Rs. 100/- per question for filing suggestions.
The candidates need to pay the requisite fee i.e. @ Rs. 100/- per question for which correction is requested by mode of Online Payment: NEFT/RTGS/Account transfer to Account detail of Rajasthan State Health Society as given below, the proof of which should be submitted by email to [email protected] by 17-11-2020 before 11:00 AM positively. The candidates shall mention their application ID and Date of Birth along with reference of question paper booklet.
The account detail for submission of requisite fee.
सेबी ने सात कृषि जिंस में डेरिवेटिव कारोबार पर रोक एक साल के लिए और बढ़ाई
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं और मूंग समेत सात कृषि जिंसों के वायदा एवं विकल्प कारोबार पर रोक एक साल के लिए और दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी है।
सेबी द्वारा जिन अन्य कृषि जिंसों पर रोक लगाई गई है उनमें धान (गैर-बासमती), चना, कच्चा पाम तेल, सरसों बीज और उनके उत्पाद और सोयाबीन शामिल हैं।
सेबी ने बुधवार को बयान में कहा, ‘‘इन अनुबंधों में कारोबार पर रोक 20 दिसंबर, 2022 से एक और वर्ष यानी 20 दिसंबर, 2023 तक के लिए बढ़ा दी गई है।’’
बाजार नियामक ने महंगाई पर अंकुश के लिए दिसंबर, 2021 को एक्सचेंजों को सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और कच्चे पाम तेल के नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू करने से रोक दिया था। ये निर्देश एक साल के लिए लागू थे।
इस महीने की शुरुआत में कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने सरकार और सेबी से आग्रह किया था कि एक्सचेंजों को इन सात कृषि डेरिवेटिव अनुबंधों में कारोबार फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए।
सीपीएआई ने वित्त मंत्रालय और सेबी को लिखे पत्र में कहा था कि लंबे समय तक प्रतिबंध भारतीय जिंस बाजार परिवेश के लिए हानिकारक है।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ विकल्प अनुबंध एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
सालाना अनुबंध से बाहर किए गए इस पाक पेसर को लगा दूसरा झटका, बचे 2 विकल्प
सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज के साथ इस पेसर को कॉन्ट्रेक्ट से किया गया बाहर
Published: May 15, 2020 12:15 PM IST
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने हाल में अपने खिलाड़ियों के सालाना अनुबंध जारी किए थे. इसमें कई खिलाड़ियों को प्रमोट किया गया तो कइयों को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया. पीसीबी के सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से बाहर हुए तेज गेंदबाज हसन अली अब पीठ की चोट से परेशान हैं. इससे निजात पाने के लिए उन्हें विकल्प अनुबंध ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है.
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पीसीबी के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार हसन पिछले साल विश्व कप से ही चोट से जूझ रहे हैं और फरवरी-मार्च में पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में खेलने के बाद वह पीठ दर्द से परेशान हैं.
सूत्रों ने कहा, ‘अप्रैल से ही वह पीठ दर्द से परेशान हैं और पीसीबी ने उनकी चिकित्सा रिपोर्ट ऑस्ट्रेलिया और कुछ अन्य देशों के विशेषज्ञों के पास भेजी है.’
उन्होंने कहा कि अगर विशेषज्ञ पीठ की समस्या के लिए ऑपरेशन की सलाह देते हैं तो बोर्ड उन्हें ऑस्ट्रेलिया या किसी भी अन्य देश में भेजने के लिए तैयार है.
सूत्रों ने कहा, ‘हसन के पास दो ही विकल्प हैं या तो वह लंबी अवधि का उपचार ले या फिर ऑपरेशन करवाए लेकिन सब कुछ विदेशी विशेषज्ञों की राय पर निर्भर करेगा.’
इन 3 सीनियर खिलाड़ियों को अनुबंध से किया गया बाहर
पीसीबी ने बुधवार को अनुबंधित खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की थी जिसमें अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, वहाब रियाज सहित हसन अली को भी बाहर का रास्ता दिखाया था.
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विकल्प अनुबंध
CHO (Community Health Officer) Recruitment -2020
सीएचओ (संविदा) भर्ती 2020 के अंतर्गत नियुक्ति के लिए जिलों की प्राथमिकता प्राप्त करने की समयावधि को 25 मार्च शाम 5 बजे तक बढ़ाया गया है। बढ़ाई गई अवधि में अभ्यर्थी अपने द्धारा ऑनलाइन पोर्टल पर भरी गई जानकारी को जांच लें व सुधार की आवश्यकता होने पर उचित जानकारी भरकर पुनः सबमिट कर दें।
Last date to fill online Grievance is 09/04/2021
Last date to fill online Grievance is 15 March 2021
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1) Those CHO Applicant whose application form was filled and submitted but have not been able to submit their application fee, can submit the same by 6 pm of 26 Sep 2020 at http://spcjobs.co.in/nhm_cho.php
2) Applicants who have filled the applicant form successfully, Now while trying to see their applications are reflected as Invalid candidates, can view the application form with the help of their Aadhar Number and Application ID at http://spcjobs.co.in/nhm_cho.php
Note:- Candidate should only follow the messages available in the rajswathya website or received from SPC Management Services. Candidate should desist from following any other communication from any other source to avoid any problems regarding their candidature for CHO.
"The Answer Keys for the Question Paper for the contractual CHO Recruitment Examination conducted on November 10, 2020 is displayed below :-
The candidates will have an option to review the Answer Keys for each question number. In case the candidate feels a different answer option to be correct option then the one gives, she/he has the opportunity to appeal/objection with proper justification and supporting documents for the same in the given option. The candidate is required to pay Rs. 100/- per question for filing suggestions.
The candidates need to pay the requisite fee i.e. @ Rs. 100/- per question for which correction is requested by mode of Online Payment: NEFT/RTGS/Account transfer to Account detail of Rajasthan State Health Society as given below, the proof of which should be submitted by email to [email protected] by 17-11-2020 before 11:00 AM positively. The candidates shall mention their application ID and Date of Birth विकल्प अनुबंध along with reference of question paper booklet.
The account detail for submission of requisite fee.
An empowered committee specially constituted for the purpose will review all the suggestions received and decide on the final answer keys for the question paper, which shall be considered final.
Note: - Candidate must share Transaction Reference Number by which amount has been deposited. Without Transaction Reference Number application will be rejected.
Old Pension: ओल्ड पेंशन का ड्राफ्ट तैयार, चार विकल्प रखेगा वित्त विभाग, पढ़ें पूरी डिटेल
करीब 18 साल बाद हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना की बहाली होने जा रही है। कांग्रेस सरकार के निर्देशों पर वित्त विभाग ने ओल्ड पेंशन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के वापस लौटने के बाद इस पर प्रेजेंटेशन दी जाएगी। इसके बाद कैबिनेट से ही यह फैसला करवाया जाएगा। इसकी वजह भी वित्त विभाग ने बताई है। राज्य में ओपीएस को लागू करने के लिए वित्त विभाग ने चार विकल्प तैयार किए हैं। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब के फॉर्मेट हैं। साथ ही चौथे विकल्प के रूप में एनपीएस से ओल्ड पेंशन में जाने के बाद पुराने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन में पेंशन की शर्तों में बदलाव करने की जरूरत भी बताई जा रही है। यदि ऐसा करना पड़ा तो यह पेंशन रूल्स में संशोधन का मामला होगा।
सबसे पहला विकल्प पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फैसले का है, जिसमें ओल्ड पेंशन को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाए और स्कीम बाद में बताई जाए। इससे सरकार को इस फैसले में सबसे मुश्किल सवाल का जवाब ढूंढने में समय मिल जाएगा। यह सवाल है कि भारत सरकार के माध्यम से मार्केट में लगे हिमाचल के 7600 करोड़ रुपए का क्या होगा? इस स्कीम से एकतरफा डिस्कंटीन्यू करने पर इस राशि का अधिकतर हिस्सा जब्त हो सकता है। दूसरे विकल्प के तौर पर राजस्थान का ओल्ड पेंशन फार्मूला है, जिसमें एनपीएस कंट्रीब्यूशन को एकदम बंद कर जीपीएफ खाता खोलने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री सुक्खू इस विकल्प को ही अपनाना चाहते हैं, लेकिन पहले दौर की बातचीत में वित्त विभाग ने इसके जोखिम भी बता दिए हैं। फिर एक विकल्प एक कॉरपस बनाने का है, जिसमें एनपीएस के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन ज्यादा लाभ देने के लिए रिटायरमेंट पर अतिरिक्त वित्तीय मदद की जाएगी। इससे अब तक कंट्रीब्यूशन के तौर पर भारत सरकार में गया पैसा भी हाथ से नहीं जाएगा। देश में कुछ राज्य इसी फार्मूले पर काम कर रहे हैं। एक विकल्प यह भी है कि यदि एनपीएस को ओल्ड पेंशन में लेना है, तो ओल्ड पेंशन के लिए 10 साल सेवा की अनिवार्य शर्त का क्या होगा? सरकारी सेक्टर में बहुत से कर्मचारी अब ऐसे हैं, जो पांच साल से ज्यादा की अनुबंध सेवा के बाद रेगुलर हुए हैं और उनको रेगुलर सर्विस के 10 साल पूरे नहीं मिल रहे हैं। जब कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ओल्ड पेंशन लागू कर देगी तो आईएएस अफसरों का क्या होगा? क्योंकि नए फॉर्मेट में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को तो ओल्ड पेंशन मिल जाएगी, लेकिन ऑल इंडिया सर्विसेज में नहीं। इन सारे सवालों के जवाब अब मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सामने होने वाली प्रेजेंटेशन से मिलेंगे। (एचडीएम)
यह कहा था मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने
राज्य में वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए थे कि एक कट ऑफ डेट बनाकर कंट्रीब्यूशन भारत सरकार में भेजना बंद कर दी जाए और ओल्ड पेंशन को लागू कर दिया जाए। उन्होंने 2022 से 2027 के बीच रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या के आधार पर देनदारी भी कैलकुलेट करने को कहा था।
1632 करोड़ है सालाना एनपीएस कंट्रीब्यूशन
हिमाचल में वर्तमान में 1.18 लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में है। इनकी एनपीएस कंट्रीब्यूशन के तौर पर हर साल राज्य सरकार 1632 करोड़ भारत सरकार को दे रही है, जिसे एनएसडीएल मैनेज कर रहा है। इसमें से 14 फीसदी के हिसाब से 952 करोड़ राज्य सरकार का योगदान है, जबकि 680 करोड़ 10 फीसदी डिडक्शन के हिसाब से कर्मचारी जमा करते हैं।
विकल्प अनुबंध
- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग
- DEPARTMENT OF AGRICULTURE & FARMERS WELFARE
भारत सरकार GOVERNMENT OF INDIA
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय MINISTRY OF AGRICULTURE & FARMERS WELFARE
FARMS- Farm
Machinery Solutions विकल्प अनुबंध
Kishan Call Center
DIAL 1800 180 1551
Doubling of
Farmers' Income
Shri Narendra Singh Tomar
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Farmers Welfare
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Hon'ble Minister of State
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The DA&FW is organized into 28 Divisions and has five attached offices and twenty-one subordinate offices which are spread across the country for coordination with state level agencies and implementation of Central Sector Schemes in their respective fields.
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