पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें; जानें क्या करें, क्या ना करें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। अपने भविष्य को संवारने के लिए जरूरी होता है कि आप सही समय पर निवेश की शुरुआत करें । वहीं किसी भी निवेश से पहले जरूरी होती है उसकी सोच समझ कर की गई प्लानिंग। हर निवेशक पैसा लगाने के बदले में कुछ उम्मीद या कोई लक्ष्य रख कर आगे बढ़ता है। अगर आप प्लानिंग के साथ निवेश की शुरुआत करते हैं तो यकीन मानिये कि आप अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। निवेश करने से पहले आपको इस बात की योजना बनानी होगी कि आपके पास फंड कहां से आएगा और आपको कितना निवेश करना है। वहीं आपको ये भी समझना होगा कि आप इस रकम के साथ कितना जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इसी आधार पर निवेश की नींव तैयार की जा सकती है। बढ़ती महंगाई ने निवेशकों की जेब पर डाका डाला है, लोगों की सेविंग्स खत्म हो रही है, ऐसे में महंगाई को मात देने के लिए निवेशकों के लिए अब जरूरी हो गया है कि वो अपना रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान दें। ऐसे में शेयर बाजार में सोच समझ कर किया गया निवेश निवेशकों के लिए काफी मददगार हो सकता है।

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महंगाई का मुकाबला करने के लिए शेयर बाजार की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। ये सच है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन ये भी सच है कि नए निवेशक आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और इनवेस्ट कर पैसा कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप कुछ नियमों का पालन करते हैं और बाजार को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होता रहती है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि स्टॉक्स में निवेश पर आपको फायदा और नुकसान दोनों ही हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय धैर्य रखना बेहद जरूरी है।

कैसे करें स्टॉक्स का चयन

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। आप थोड़ी-थोड़ी रकम से बाजार में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। नए investor को शुरुआत में ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचना चाहिए। इसलिए, उन्हें तेज उतार-चढ़ाव वाले stock पर फोकस करने के बजाए फंडामेंटली मजबूत शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। कई बार ऐसा पढ़ने-सुनने को मिलता है कि इन्वेस्टर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश कर देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होती हैं और निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इसलिए निवेश की शुरुआत लार्जकैप शेयरों से करना बेहतर होगा।

शुरुआत में नए निवेशक को penny stocks में पैसा लगाने से बचना चाहिए। कई निवेशकों को लगता है कि ऐसे शेयर में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये दांव अक्सर उलटा पड़ जाता है। जब आप शेयर बाजार अच्छी तरह समझने लगें तो आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। शेयर का चुनाव हमेशा कंपनी की ग्रोथ देखकर ही करना चाहिए। उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसका कारोबार अच्छा हो और उसको चलाने वाला मैनेजमेंट बेहतर हो। तभी आप अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पा सकेंगे।

क्या करें, क्या ना करें

सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट ना करें। एक निवेशक को बाय एंड होल्ड की रणनीति अपनानी चाहिए। स्टॉक मार्केट में गिरावट आने पर कभी भी घबराकर पूरा निवेश नहीं निकालें। आप उन कंपनियों के शेयर पर फोकस रहें जिसमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ इनवेस्ट किया है। अगर आपने सिर्फ stock के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं इनवेस्ट किया है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश बंद नहीं करें। बाजार के जानकारों से सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें।

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी बातें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं। निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में खुद रिसर्च करें या भरोसे वाले बाजार के जानकारों से मदद लें। 5paisa ऐसा ही एक एक्सपर्ट है जो आपको बाजार में आगे बढ़ने के लिए कारगर सलाहें देता है, जिससे बाजार में आप अपना पहला कदम मजबूती के साथ रख सकते हैं।

वहीं share चुनते समय रिटर्न को ही आधार बनाना सबसे आम गलतियों में से एक है। इसलिए निवेशक को कभी ऊंचे रिटर्न देखकर ही पैसा लगाने का फैसला नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि शेयर की चाल हमेशा एक समान नहीं होती है, इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।

किसी कंपनी पर आंख बंद कर भरोसा करने की गलती कभी नहीं करें। अगर आपने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जिसका फंडामेंटल मजबूत था, लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव हुआ है तो शेयर बेचकर निकलने में ही भलाई है। याद रखें, आपने पैसा कमाने के लिए शेयर में निवेश किया है, नुकसान उठाने के लिए नहीं।

Share Market Tips: निवेश करने के लिए कम से कम कितने पैसों की होती है जरूरत

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में निवेश अपने पैसे को बढ़ाने के लोकप्रिय तरीकों में से एक है। इसके द्वारा सही समय पर सही कम्पनी में निवेश कर आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको मार्केट की सही जानकारी होनी बहुत जरूरी है। अगर आप भी एक नये निवेशक हैं तो आपके मन में भी निवेश को लेकर कई सवाल आते होंगे। अक्सर ऐसे लोग जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं वो निवेश के लिए आवश्यक कम से कम राशि के बारे में जानना चाहते हैं। शेयर मार्केट में निवेश के लिए आपको हजारों रुपये की जरूरत नहीं होती। आप कम पैसे में भी अपने निवेश की जर्नी शुरू कर सकते हैं। आइये जानते हैं कि इसके लिए कम से कम कितने पैसे की जरूरत है।

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भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको किसी शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी कम्पनी के कम से कम एक शेयर खरीदने होते हैं। इसलिए आपके निवेश की राशि भी उस कम्पनी के शेयर पर निर्भर करती है। जैसे कि अगर आप किसी कम्पनी में पैसे लगाना चाहते हैं और उसके एक शेयर की कीमत 300 रुपये है तो आप 300 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। इसी तरह अगर किसी कम्पनी के शेयर 10000 रुपये हैं तो उसमें निवेश करने के लिए आपको कम से कम 10,000 रुपये लगाने होंगे। आपको कम से कम 1 शेयर खरीदना ही होगा।

हालांकि एक और भ्रम जो लोगों के मन में रहता है वो है कि इसमें निवेश के लिए बड़ी राशि की जरूरत होती है। जो कि बिल्कुल गलत है। कई ऐसी कम्पनियां हैं जो फंडामेंटली मजबूत हैं और समय-समय पर अपने शेयरधारकों को अच्छा रिटर्न भी देती रहती हैं। ऐसी कम्पनियों को ढूंढ कर आप उसमें बेहद कम कीमत से निवेश शुरू कर सकते हैं।

अगर आप नए निवेशक हैं तो आपको थोड़े पैसे से ही निवेश शुरू करना चाहिये। साथ ही आपको ध्यान देना चाहिये कि आपकी रिसर्च पूरी हो। इसके लिए आप एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं। अपने निवेश की जर्नी शुरू करने व शेयर मार्केट के बारे में पूरी रिसर्च करने के लिए आज ही 5paisa.com पर जाएं और अपने निवेश के सफर को और भी बेहतर बनाएं। साथ ही DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइये अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

Investment Tips: रिटेल निवेशकों को बाजार से पैसा कमाना है तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, देखते-देखते लखपति बन जाएंगे!

Investment Tips: अगर शेयर बाजार से लखपित बनना है तो यह संभव है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन रिटेल निवेशकों को 5 खास टिप्स दे रह हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान में रखना जरूरी है.

Investment Tips: शेयर बाजार एक ऐसा असेट क्लास है, जिसमें आपके निवेश को कई गुणा करने की क्षमता होती है. अगर आप बच्चों के हायर एजुकेशन के समय मोटे फंड की उम्मीद कर रहे हैं या फिर भविष्य में घर या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो शेयर मार्केट निवेश का शानदार विकल्प है. ज्यादातर निवेशक उत्साह के साथ शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन वे कम्पाउंडिंग का उचित लाभ नहीं उठा पाते हैं. इसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला सही ज्ञान का ना होना और दूसरा अनुभव का अभाव. विडंबना ये है कि इन गलतियों को बार-बार दोहराया भी जाता है.

देखते-देखते लखपति बन सकते हैं

एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट (Edelweiss Wealth Management) के पर्सनल वेल्थ प्रमुख और वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन बता रहे हैं कि अगर शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करते हैं तो किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. अगर इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपको कम्पाउंडिंग का उचित लाभ मिलेगा और आप देखते-देखते लखपति बन जाएंगे.

पहले हासिल करें ज्ञान फिर शुरू करें निवेश

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सही ज्ञान का होना जरूरी है. अगर आपको कंपनी के बिजनेस मॉडल, कॉम्पिटिशन और फाइनेंशियल्स के बारे में समझ नहीं है तो निवेश से बचना चाहिए. शुरू में इन मूल बातों को समझना जरूरी है. बाद में यह भी जानना होगा कि स्टॉक की वैल्युएशन ठीक है या नहीं. कंपनी के फाइनेंशियल को लेकर तमाम जानकारी इकट्ठा करना और फिर इसका स्टडी करना आसान नहीं होता है. ब्रोकरेज हाउस की तरफ से जो डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाती है उसे डिकोड करना बहुत कठिन होता है. इसके लिए खास स्किल और पढ़ाई की जरूरत होती है. यही वजह है कि सीधा शेयर बाजार में निवेश करने की जगह पर म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में निवेश करना बेहतर माना जाता है. असेट मैनेजमेंट कंपनियों में प्रफेशनल्स आपके पैसे को शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ये उनका स्किल है और पेशा भी होता है. निवेशकों को डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.

भीड़ चाल से बचेंगे तो फायदे में रहेंगे

लेजेंड इन्वेस्टर वॉरेन बफेट ने कहा था कि जब दूसरे निवेशक अग्रेसिव हों तो डरना चाहिए और जब दूसरे निवेशक डरे हुए हों तो अग्रेशन यानी भूख बढ़ानी चाहिए. शेयर बाजार के रिटेल निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वे इस कहावत के विपरीत काम करते हैं. ज्यादातर निवेशक फॉलोअर होते हैं. अगर बाजार में बिकवाली है तो बिकवाली करने लग जाते हैं, अगर खरीदारी की जा रही है तो बस खरीदना शुरू कर देते हैं. यह स्ट्रैटिजी बहुत कम सफल होती है क्योंकि खरीदारी रोककर कब प्रॉफिट कमाना है और बिकवाली छोड़कर कब खरीदारी शुरू करनी है, इसकी समझ के लिए अनुभव और ज्ञान बहुत जरूरी है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब कोरोना का आगमन हुआ तो रिटेल निवेशकों की बाढ़ आ गई. वित्त वर्ष 2021 में कुल 14.2 मिलियन यानी 1.42 करोड़ डीमैट अकाउंट खोले गए.

सोशल प्लैटफॉर्म्स पर बाजार के पंडितों को फॉलो करने से बचें

सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण आजकल हर कोई बाजार का एक्सपर्ट शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी बन बैठा है. बाजार का आकलन और मूल्यांकन करना आसान हो गया है. हर कोई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मार्केट गुरु बन गया है. यही वजह है कि रिटेल निवेशक हर छोटी-बड़ी खबरों पर रिएक्ट करते हैं और एक्शन में आ जाते हैं. किन खबरों पर एक्शन लेना है, वे समझ नहीं पाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, साथ ही धैर्य और अनुशासन का होना सबसे जरूरी है. निवेशकों को खरीदने से पहले 100 बार विचार करना चाहिए, लेकिन जब खरीद लिया तो फिर होल्ड करना चाहिए. खरीदने के तुरंत बाद एक्शन में आना चुतराई नहीं हो सकती हैं. अगर बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटिजी अपनाएंगे तो हर हाल में मुनाफा बनेगा.

सेक्टर और स्टॉक्स डायवर्सिफिकेशन का रखें विशेष ध्यान

रिटेल निवेशकों में ऐसा देखा गया है कि जब वे किसी खास सेक्टर या स्टॉक में मुनाफा कमा लेते हैं तो उनका फोकस लिमिटेड हो जाता है. वे अपने कंफर्ट जोन में आ जाते हैं और दूसरे सेक्टर्स और स्टॉक्स में क्या हो रहा है, उस एक्शन को मिस कर जाते हैं. जब तक पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई नहीं रखेंग, नुकसान की संभावना बनी रहेगी. इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी सारी कमाई एकबार में छीन लिया जाए. निवेशकों को हर सेक्टर के लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप, तीनों पर फोकस करना चाहिए. स्मॉलकैप और मिडकैप से रिटर्न मिलेगा तो लार्जकैप से पोर्टफोलियो को स्टैबिलिटी मिलेगी.

गलतियों से सीखें नहीं तो बाजार की फीस बहुत ज्यादा है

शेयर बाजार में गलती की गुंजाइश नहीं है. एक छोटी से गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसे में गलतियों से बचें. अगर कोई गलती हो जाए तो उसका गंभीरता से मूल्यांकन करें और उसे कभी नहीं दोहराएं. निवेशकों को ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीखना चाहिए. अगर इस बात की गंभीरता को नहीं समझेंगे तो याद रखें कि शेयर बाजार अपने आप में एक शिक्षक है जिसकी फीस बहुत ज्यादा है. संभव है कि इस फीस को चुकाने के बाद आप बाजार की तरफ देखने में भी झिझक महसूस करें.

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST

हाइलाइट्स

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

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Indore News: शेयर बाजार में निवेश करना व्यापार करने जैसा ही है इसलिए सही ज्ञान होना शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी जरूरी

Indore News: शेयर बाजार में निवेश करना व्यापार करने जैसा ही है इसलिए सही ज्ञान होना जरूरी

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि) Indore News। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) इंदौर ब्रांच ने शनिवार को पोस्ट कोविड मार्केट आउटलुक विषय पर फिजिकल एवं वर्चुअल सेमिनार आयोजित किया। इसमें 100 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हुए। मुख्य अतिथि गाजियाबाद के सेंट्रल काउंसिल सदस्य सीए अनुज गोयल और रीजनल काउंसिल चेयरमैन सीए नीलेश गुप्ता थे। इंदौर ब्रांच के चेयरमैन सीए कीर्ति जोशी ने कहा कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग एक तरह से व्यापार है और सही ज्ञान एवं सटीक प्लान के बिना कोई भी व्यक्ति व्यापार में सफल नहीं हो सकता। केवल कुछ किताबें या वाट्सएप की जानकारी पढ़कर ट्रेडिंग में आ जाने से काम नहीं चल सकता। केवल ब्रोकरेज अकाउंट खोलकर और चार्टिंग प्रोग्राम खरीदकर शेयर बाजार में पैसा लगा देने से सफलता नहीं मिल सकती, उल्टे इससे नुकसान का डर ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टडी के अनुसार मार्केट में शेयर ट्रेडिंग के व्यापार में केवल एक फीसदी लोगों को ही सफलता मिली है।

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नागपुर से आए सीए अमित चांडक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति मार्केट में निवेश करते समय सबसे पहले यह पूछता है कि मार्केट में क्या चल रहा है। यानी की मार्केट सेंटीमेंट्स पर चलता है। इसी कारण आठ माह में लाकडाउन के बाद किसी भी कंपनी के फंडामेंटल में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है। हालांकि मार्केट में तेजी दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आत्मनिर्भर भारत के कारण भी सेंटीमेंट्स में बदलाव आया है। यदि हम 1991 से 1997 तक के शेयर मार्केट को देखें तो ऐसी इंडस्ट्रीज के शेयर्स में तेजी थी जिसमे अत्यधिक पूंजी निवेश की आवश्यक्ता होती है। 1998 से आइटी एवं टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री के शेयर्स में तेजी का समय था एवं अब फिर से ऐसी कंपनियों की ओर फोकस दिख रहा है जो मेन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री हैं।

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सीए अंकुर सोडानी ने कहा कि शेयर बाजार में अगर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसमें एंट्री का रास्ता आसान है लेकिन आपको सही स्ट्रेटेजी पर काम करना जरूरी होगा। इसके लिए यह तय करना होगा कि आप कितना रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं और आपके निवेश का लक्ष्य क्या है। आपका कैपिटल अलोकेशन क्या है। आप शार्ट टर्म या लांग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं यह शेयर बाजार में निवेश करने को सही ज्ञान जरूरी सब तय होना चाहिए। एल्गो ट्रेडिंग पर दिल्ली के सीए सुजाय जैन ने कहा कि एल्गो ट्रेडिंग हिस्टोरिकल डाटा पर कार्य करता है और उस आधार पर रिजल्ट देता है जो हर बार सही नहीं हो सकता। अमेरिका में वर्ष 2010 का फ्लैश क्रैश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, क्योंकि वर्ष 2010 में एक साफ्टवेयर की गड़बड़ से पूरा मार्केट गिर गया था।

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अल्गोरिदम ट्रेडिंग में मानव का कम इन्वाल्वमेंट होने की वजह से रिस्क और बढ़ जाती है एवं इसमें छोटे निवेशकों को नुकसान हो सकता है। सीएस अर्पित भार्गव ने कहा की जब भी आप निवेश का प्लान कर रहे हों तो आपकी सोच बहुत क्लियर होना चाहिए एवं अफवाह एवं नकारात्मक खबरों को लेकर एक दम से कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। निवेश में बेहतर रिटर्न आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है लेकिन आत्मविश्वास और अति आत्मविश्वास के बीच एक अंतर है जिसे समझना बहुत आवश्यक है। भावनाओं में आकर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सीए समकित भंडारी ने किया। कार्यक्रम में सीए पंकज शाह, सीए अभय शर्मा, सीए मनोज गुप्ता सहित कई सदस्य मौजूद थे।

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