और अंत में बात करते है इसकी अस्थिरता (volatility) की। क्रिप्टो करेंसी बेहद अस्थिर है, इनमे बहुत तेजी से उतर चढ़ाव होता है। जिस कारण इसमें अधिक मुनाफा भी होता है लेकिन उसी तरह अधिक नुकसान भी हो सकता है। लेकिन अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हो तो जानते ही होंगे की यह बड़ी समस्या नहीं है। और इससे बचने के बहुत से तरीके है। क्रिप्टो करेंसी क्या होता है जैसे स्टेबल कॉइन में निवेश कर सकते है या पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई किया जा सकता है। और तो और क्रिप्टो मार्किट की अस्थिरता समय के साथ कम होते जा रहा है। यानि इसकी अस्थिरता भविष्य में ज्यादा मायने नहीं रखेगी।
क्रिप्टोकरेंसी का दुनिया के बाजार में चलता है सिक्का, जानें इसके क्रिप्टो करेंसी क्या होता है क्रिप्टो करेंसी क्या होता है बारे में सबकुछ
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि इसके सुरक्षित ट्रांजेक्शन्स के लिए इनक्रिप्शन का इस्तेमाल होता है। इसका अर्थ है कि क्रिप्टोकरेंसी के डाटा क्रिप्टो करेंसी क्या होता है को ट्रांसमिट करने और वालेट में स्टोर करने के लिए एक बहुत ही एडवांस कोडिंग का इस्तेमाल होता।
भुगतान का तरीका
क्रिप्टकरेंसी असल में एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। मगर इस सिस्टम में अन्य डिजिटल माध्यमों की तरह ट्रांजेक्शन के लिए किसी बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं होती। यह पीयर-टू-पीयर नेटवर्क सिस्टम से संचालित होती है और कोई भी कहीं से इसे भेज सकता है और प्राप्त कर सकता है।
क्या है पीयर-टू-पीयर सिस्टम
पीयर-टू-पीयर सिस्टम में कोई अपना एक सर्वर नहीं होता। सभी कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं।
कहां रखी जाती है डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी अपके डिजिटल वालेट में रहती है। जब कोई अपना डिजिटल करेंसी फंड ट्रांसफर करता है तो यह पब्लिक लेजर में दर्ज होता है।
क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव
क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने पर बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी
आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की क्रिप्टो करेंसी क्या होता है सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी चाहिए।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies
ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।
और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।
Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी
दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) क्रिप्टो करेंसी क्या होता है जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.
Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.
इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश
क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
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- क्रिप्टो करेंसी की वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- फिर ई-मेल वेरिफिकेशन के बाद सिक्योरिटी पेज आएगा जिसमें ऐप, मोबाइल एसएमएस या कोई सिक्योरिटी विकल्प न चुनने का विकल्प आएगा.
- सिक्योरिटी विकल्स को ओके करने के बाद देश चुनने और क्रिप्टो करेंसी क्या होता है केवाईसी चुनने का विकल्प मिलेगा. केवाईसी के तहत पर्सनल और कंपनी में से किसी एक को चुनना होता है जो बाय डिफॉल्ट पर्सनल पर होता है.
- केवाईसी के लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे कि नाम, जन्म तिथि, पता, पैन कार्ड, आधार (ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट) की डिटेल्स के साथ पैन कार्ड की फोटो, आधार कार्ड के फ्रंट व बैक साइड के साथ सेल्फी अपलोड करनी होती है.
- अकाउंट वेरिफाई होने के बाद आप क्रिप्टो में खरीदारी कर सकते हैं और इसका भुगतान क्रिप्टो करेंसी क्या होता है अपने बैंक खाते से करना होगा.
क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज
- एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
- वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई क्रिप्टो करेंसी क्या होता है फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
Cryptocurrency News: क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लग जाएगा प्रतिबंध? जानिए क्या बताया निर्मला सीतारमण ने
क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में रिजर्व बैंक (File Photo)
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में बताया कि किसी देश की मौद्रिक (Monetary) और राजकोषीय (Fiscal) स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
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