उच्च मुद्रास्फीति के समय में निवेश करने के लिए सही कंपनियों का चुनाव करना महत्वपूर्ण होता है. ऐसे समय में उन कंपनियों में निवेश करना उचित होगा जो मुद्रास्फीति की दर (जैसे एफएमसीजी-FMCG और एनर्जी स्टॉक) के साथ-साथ अपनी कीमतें बढ़ाने में सक्षम हों. जिससे उनका मुनाफा बरकरार रहे और उसका फायदा निवेशकों को हो.

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जानें, धनतेरस-दिवाली से पहले कितना सस्ता हुआ सोना-चांदी

फेस्टिव सीजन में धनतेरस और दीपावली दो बड़े ऐसे त्योहार हैं जिनके आसपास देश में सोना और चांदी की खूब खरीदारी होती चांदी में निवेश के हैं कई कारण हैं। दरअसल, इसके पीछे इस समय में सोना और चांदी खरीदने की एक खास वजह समझी जाती है। भारत में लोगों की मान्यता है कि ‘धनतेरस’ और ‘दीपावली’ के आसपास सोना और चांदी खरीदने से घर में बरकत आती है और धनत्रयोदशी के दिन यदि सोना खरीद कर उसकी पूजा कर उसे धारण किया जाए तो वह सौभाग्यता और धन का प्रतीक बन जाता है। इसलिए इसे एक खास मुहूर्त से जोड़कर भी देखा जाता है और माना जाता है कि इस मुहूर्त में सोना खरीदने चांदी में निवेश के हैं कई कारण से वह शुभ मुहूर्त जीवन में आपके साथ-साथ चलता रहता है।

भारतीय सर्राफा बाजार में हलचल तेज

यही कारण है कि धनतेरस और दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे भारतीय सर्राफा बाजार में भी हलचल तेज होती जा रही है। ग्राहकों के लिए अच्छी बात यह है कि त्योहारी सीजन होने के बावजूद सप्ताह के पहले दिन यानि सोमवार को सोने और चांदी दोनों धातुओं की कीमत में कमजोरी का रुख नजर आया। यानि बाजार में सोना और चांदी सस्ता हो गया है। ऐसे में ग्राहक भी इसकी खूब खरीदारी कर रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट बताते हैं कि इस सप्ताह सर्राफा बाजार में आखिरी 2 दिन के दौरान तेजी का रुझान दिवाली तक जारी रह सकता है।

बीते सोमवार सोने की अलग-अलग श्रेणियों में 123 रुपए प्रति 10 ग्राम से लेकर 72 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमजोरी दर्ज की गई। इसी तरह बाजार में त्योहारी मांग बढ़ने के बावजूद चांदी के कारोबार में प्रति किलोग्राम 590 रुपए गिर गया। वहीं मंगलवार को इनके दाम में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक घरेलू सर्राफा बाजार में कारोबारी यानी 24 कैरेट (999) सोने की औसत कीमत 91 रुपए की कमजोरी के साथ गिरकर 50,339 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। इसी तरह 23 कैरेट (995) सोने की कीमत भी 91 रुपए की सुस्ती के साथ 50,137 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। जबकि जेवराती यानी 22 कैरेट (916) सोने की कीमत में 83 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमजोरी दर्ज की गई। इसके साथ ही 22 कैरेट सोना 46,111 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा 18 कैरेट (750) सोने की कीमत में प्रति 10 ग्राम 69 रुपए की कमजोरी दर्ज की गई। इस गिरावट के साथ 18 कैरेट सोना 37,754 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया जबकि 14 कैरेट (585) सोना 54 रुपए टूट कर 29,448 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। जबकि चांदी (999) में 462 रुपए प्रति किलोग्राम की चांदी में निवेश के हैं कई कारण गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण ये चमकीली धातु फिसल कर 56,105 रुपए प्रति किलोग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गई।

निवेशकों के लिए एक्सपर्ट्स की सलाह

भारतीय सर्राफा बाजार में जारी उथल-पुथल की वजह से बड़े निवेशक बाजार से दूरी बनाए हुए हैं। इस समय में बाजार में होने वाली ज्यादातर खरीदारी व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा ही की जा रही है। कारोबारी निवेशक फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव पर नजर रख रहे हैं। यही कारण है कि वे अभी खुलकर कारोबार करने से बच रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि दीपावली के बाद सर्राफा बाजार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार के दबाव में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में त्योहारी खरीदारी करने के अलावा छोटे निवेशकों को फिलहाल निवेश योजनाओं को कुछ समय के लिए टाल देना ही ज्यादा बेहतर है।

ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए ISO चांदी में निवेश के हैं कई कारण ने कहा है कि सोना खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर चेक करें। हालांकि, कई छोटी जगह अभी भी ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क वाले गहने बेच रहे हैं। हॉलमार्क के जरिए आप असली और नकली सोने के बीच का फर्क कर पाते हैं। इसलिए सिर्फ हॉलमार्क वाले ही गहने खरीदें। हॉलमार्क वाले गहने अगर 18 कैरेट सोने से बने हैं तो उसपर 750 लिखा रहेगा, 21 कैरेट पर 875, 23 कैरेट पर 958 और 24 कैरेट सोने के पर 999 लिखा रहता है।

Highlights

  • परंपरागत रूप से हम दिवाली के दिन सोने या चांदी के सिक्के या गहने खरीदते हैं
  • सोने के आभूषणों के साथ सुरक्षा का संकट होता है
  • आज के डिजिटल जमाने में आपके पास सोने में निवेश के कई और भी विकल्प हैं

Dhanteras 2022: आज धनतेरस (Dhanteras) है। साल में इस दिन को खरीदारी के लिए सबसे शुभ और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। इस दिन दिवाली पूजन के लिए लोग सोने चांदी (Gold Silver) आदि की खरीदारी करते हैं। आपने भी धनतेरस और दिवाली की शॉपिंग की तैयारियां शुरू हो गई होंगी। यूं तो हम दिवाली पर बहुत सी चीजें खरीदते हैं, लेकिन धनतेरस पर सोने की खरीदारी सबसे शुभ मानी जाती है। सोने (Gold) को भविष्य की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित निवेश भी माना जाता है। इसीलिए परंपरागत रूप से हम दिवाली के दिन सोने या चांदी के सिक्के या गहने खरीदते हैं।

सोने में निवेश के विकल्प

सोने में निवेश का सबसे सीधा तरीका सीधे सोना खरीदना है। आप सोने के छड़, सिक्के या आभूषण खरीद सकते हैं। निवेश के लिहाज से सोने के सिक्के या छड़ अधिक आकर्षक हैं। इसके अलावा गोल्ड ETF, ई-गोल्ड, गोल्ड म्युचुअल फंड (Gold MF), गोल्ड ट्रेडेड फंड, गोल्ड क्वाइन स्कीम, गोल्ड ऑप्शंस एंड फ्यूचर्स, गोल्ड क्वाइन स्कीम और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (एसजीबी) में भी निवेश किया जा सकता है।

म्यूचुएल फंड की तरह ही गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स डीमैट अकाउंट के जरिए खरीदे या बेचे जा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में 99.9 फीसदी शुद्धता का सोना होता है, जिससे निवेशकों को क्वॉलिटी की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से सोने की चोरी का जोखिम भी नहीं रहता है। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ में छोटी रकम भी निवेश की जा सकती है।

2- ई-गोल्ड

नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (National Spot Exchange) ने निवेशकों को सोने में समेत कई कमोडिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदने का विकल्प दिया है। ई-गोल्ड को सुबह 10 बजे से रात 11:30 बजे तक खरीदा-बेचा जा सकता है। ई-गोल्ड की 1 यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है। ई-गोल्ड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।

गोल्ड फंड भी म्यूचुअल फंड की तरह फंड हाउसेज द्वारा चलाए जाते हैं। गोल्ड फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। फंड ऑफ फंड्स के तहत निवेशक ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिसकी पूंजी गोल्ड ईटीएफ में लगाई जाती है।

4- गोल्ड क्वाइन स्कीम

सोने के सिक्के जूलर, बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे जा सकते चांदी में निवेश के हैं कई कारण चांदी में निवेश के हैं कई कारण हैं। सरकार ने भी खास सोने के सिक्के लॉन्च किए हैं। इनमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी ओर महात्मा गांधी की तस्वीर है। ये सिक्के 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध हैं। सोने की छड़ 20 ग्राम में आती है। इंडियन गोल्ड क्वाइन और बार 24 कैरेट में आते हैं। इनकी बीआईएस स्टैंडर्ड के अनुसार हॉलमार्किंग होती है। इन सिक्कों का वितरण पंजीकृत एमएमटीसी आउटलेट, बैंक की शाखाओं और डाकघरों के जरिए होता है।

गोल्ड या जूलरी सेविंग स्कीम दो तरीके की होती हैं। एक आपको हर महीने एक निश्चित अवधि के लिए तय रकम जमा करने की अनुमति देती है। इस अवधि के खत्म होने पर आप जमा किए गए मूल्य के बराबर सोना खरीद सकते हैं। इसमें बोनस रकम शामिल होती है।

देश-दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, Inflation से कैसे बचाएं अपने खून-पसीने का पैसा

Best Investment During Inflation

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  • नई दिल्ली ,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 12 अक्टूबर 2022, 3:33 PM IST)

मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा कवच रियल एस्टेट

देश-दुनिया में इन दिनों मंदी और महंगाई की खूब चर्चा चांदी में निवेश के हैं कई कारण हो रही है. वैश्विक स्तर पर मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. मंदी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक महंगाई भी है. बढ़ती कीमतों के चलते लोग अपने खर्च में कमी करते हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखता है. अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने लगती है और फिर मंदी का दौर दस्तक देने लगता है. इस दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है. इस दौर में निवेशकों के लिए बड़ा चैलेंज ये होता है कि उनकी इन्वेस्टमेंट उन्हें महंगाई दर से ज्यादा या कम से कम उसके बराबर का रिटर्न दे.

यहां हम आपको कुछ ऐसे एसेट क्लास बता रहें जिसमें आपकी इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन-प्रूफ रह सकती है.

1. रियल एस्टेट (Real Estate)

रियल एस्टेट को मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ एक ढाल माना जाता है. यहां तक कि इस दौर में इस क्षेत्र से अच्छी कमाई का मौका हो सकता है. जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी. और तो और, जिसने निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर लोन लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसको भी इस दौर में फायदा होगा. क्योंकि आप लोन का भुगतान उस पैसे से कर रहे हैं जिसकी कीमत या मूल्य बाजार में कम होता जा रहा है जबकि मुद्रास्फीति से आपकी उसी संपत्ति की कीमत बढ़ रही है.

बाजार में गिरावट आने पर खरीदारी करें या फिर उतार-चढ़ाव खत्म होने का इंतजार करें? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

बाजार में गिरावट आने पर खरीदारी करें या फिर उतार-चढ़ाव खत्म होने का इंतजार करें? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

शेयर चांदी में निवेश के हैं कई कारण बाजार (Share market updates) में इस समय भारी उठापटक है. लगातार तीसरा सप्ताह बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है. यूक्रेन क्राइसिस (Russia Ukraine crisis) के कारण कमोडिटी खासकर कच्चे तेल का भाव (Crude oil price) रिकॉर्ड हाई पर है. दूसरी तरफ इस महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal reserves) इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर सकता है, क्योंकि महंगाई का दबाव बढ़ रहा है. कुल चांदी में निवेश के हैं कई कारण मिलाकर बाजार पर कई फैक्टर्स का असर दिख रहा है. कमोडिटी मार्केट में भी भारी उछाल है. महंगाई का असर चारों तरफ दिख रहा है. यहां सवाल उठता है कि शेयर बाजार के निवेशकों को अभी क्या करना चाहिए.

जानिए इस साल शेयर बाजार में सोना-चांदी का प्रदर्शन

साल 2022 के अब तक के प्रदर्शन की बात करें तो टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी में 10 फीसदी, सोने में 8.3 फीसदी का उछाल आया है. निफ्टी में 7.8 फीसदी और सेंसेक्स में 8.2 फीसदी की गिरावट आई है. 10 साल के बॉन्ड की यील्ड 6.8 फीसदी पर पहुंच गई है जो 3 जनवरी को 6.5 फीसदी थी. 3 फरवरी को यह यील्ड 6.9 फीसदी तक पहुंच गई थी.

ऐनालिस्ट्स का कहना है कि दिक्कत तब आती है जब निवेशक शॉर्ट टर्म में बाजार से पैसा बनाना चाहता है. गिरावट के कारण उसे चांदी में निवेश के हैं कई कारण नुकसान होता है और वह घबरा जाता है. इसके कारण वह नुकसान में बाजार से बाहर निकल जाता है. ज्यादातर निवेशक ऐसा ही करते हैं, जिसके कारण बाजार में वोलाटिलिटी और बढ़ जाती है. निवेशकों को लंबी अवधि के लिए बाजार में एंट्री लेना चाहिए साथ ही हर गिरावट पर सही स्टॉक में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी करनी चाहिए.

बाजार में धीरे-धीरे पैसा लगाएं

आपके पास जितना सरप्लस फंड है उसका 30-40 फीसदी तक बाजार में निवेश करें और बाकी का पैसा लिक्विड फंड में जमा करें. इस फंड का इस्तेमाल अगले चार-छह महीने में करें और हर गिरावट पर खरीदारी कर ऐवरेज प्राइस को घटाएं. बॉन्ड को लेकर कहा जा रहा है कि अगले 9-12 महीने के भीतर बॉन्ड यील्ड में फिर से गिरावट आएगी. ऐसे में बॉन्ड में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करें.

मोतीलाल ओसवाल के कमोडिटी रिसर्च ऐनालिस्ट नवनीत दमानी ने कहा कि अगर महंगे धातुओं में निवेश करना है तो सोने की जगह चांदी में निवेश करें. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन विवाद बढ़ने के कारण कच्चे तेल का भाव आसमान चांदी में निवेश के हैं कई कारण छू रहा है. इस समय कच्चा तेल 11 सालों के उच्चतम स्तर पर है. इससे महंगाई और बढ़ेगी. तमाम फैक्टर्स के कारण महंगे धातुओं की कीमत में और उछाल आएगा.

चांदी से चमकेगी किस्‍मत, अभी करोगेें निवेश तो दिवाली तक मिल सकता है मोटा रिटर्न

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों के लिए कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने एक बड़े संकट में डाल दिया है. यही कारण है कि अब निवेशक भी अपने पूंजी को सुरक्षित जगह लगाने के बारे में सोच रहे हैं. आमतौर पर ऐसी स्थिति में इक्विटी मार्केट में अनिश्‍चितता देखने को मिलती है, इसीलिए अधिकतर निवेशकों को झुकाव सोने-चांदी जैसे सुरक्षित निवेशक विकल्‍प की ओर होता है. वैसे तो सोने की मांग और कीमत चांदी की तुलना में ज्‍यादा रहती है, लेकिन बीते कुछ समय में ऐसी स्थिति में एक बेहतर विकल्‍प बनकर सामने आया है.

दरअसल, दुनियाभर में सोने की डिमांड निवेश और गहनों के तौर पर सबसे ज्‍यादा होता है. लेकिन चांदी इसके अलावा इंडस्ट्रियल कामों में भी इस्‍तेमाल किया जाता है. 'द सिल्‍वर इंस्‍टीटयूट' की एक रिपोर्ट की मानें तो इस साल बढ़ते इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से चांदी का भाव 30 फीसदी तक चढ़ सकता है.

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