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Reeta Tiwari

दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी)

दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) दिल्ली के नगर निगमों में से एक है, भारत के पूर्व नगर निगम को तीन (“ट्राइफुरेशन”) में बांटा गया था। इसके अलावा, यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पांच स्थानीय निकायों में से एक है, अन्य उत्तर दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड हैं।

ट्राइफुरेशन से पहले, दिल्ली नगर निगम एक मेगा नगर निगम था, जो एक स्वायत्त निकाय था जो दिल्ली, भारत राज्य में दिल्ली के जिलों को नियंत्रित करता था। एमसीडी राजधानी शहर में 11 मिलियन नागरिकों की अनुमानित जनसंख्या से अधिक नागरिक सेवाओं को प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे एमएसीडी क्या है? बड़ी नगर पालिकाओं में से एक थी। तत्कालीन एकीकृत नगरपालिका निगम 1,397.3 वर्ग किमी (539.5 मील²) के क्षेत्र को कवर करती हैं

MCD चुनाव से पहले जानिये- क्या है MCD और इसके काम

देश की राजधानी दिल्ली में 23 अप्रैल यानी कि कल एमसीडी चुनाव होने हैं जिसके लिए सभी पार्टियां जोर शोर से जनता को लुभाने के प्रयास कर चुकी हैं। दिल्ली में इस बार मुख्य तौर से दो नहीं बल्कि त्रिकोणीय मुकाबला है जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, AAP मुख्य पार्टियां हैं।

MCD क्या एमएसीडी क्या है? है और इसमें कितने वार्ड हैं आईये आपको बताते हैं-

MCD का मतलब है म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली यानी कि दिल्ली नगर निगम हालांकि राजधानी दिल्ली में 3 नगर निगम हैं जो इस प्रकार हैं-

  1. नई दिल्ली म्‍युनिसिपल काउंसिल
  2. म्‍युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD)
  3. दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड

इनमें से एमसीडी के चुनाव हो रहे हैं जो 23 अप्रैल यानी की कल हैं। बताते चलें कि साल 2012 में एमसीडी को तीन हिस्सों में बांट दिया गया-

  1. नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन- NDMC (104 वॉर्ड)
  2. साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन- SDMC (104 वॉर्ड)
  3. ईस्ट दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन- EDMC (64 वॉर्ड)

कुल मिलाकर एमसीडी में 272 वॉर्ड हैं, जिन पर कल चुनाव होने हैं। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 68 एमसीडी में आते हैं। जिला स्तर पर बात करें तो 11 जिलों में से 8 जिले एमसीडी के अंदर आते हैं। एमसीडी के अंदर दिल्ली की 1 करोड़ से ज्यादा आबादी आती है। इस लिहाज से एमसीडी दुनिया की दूसरे नंबर की नगर निगम मानी जाती है।

जानिए क्या है MCD चुनाव और कैसे काम करती है MCD

MCD चुनाव

दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं और इन चुनाव को लेकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी, केंद्र की बीजेपी पार्टी और विपक्ष की कांग्रेस पार्टी के बीच जंग शुरू हो गयी है. वहीँ कई मायनों में सभी पार्टी इन चुनाव को जीतने के लिए अपना दम दिखा रही है. वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकरी देने जा रहे हैं नगर निगम के चुनाव क्या होते हैं और कैसे इनकी शुरुआत हुई.

64 साल पुरानी है MCD चुनाव की कहानी

MCD का गठन संसद द्वारा पारित दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 के तहत किया गया। भारत की आजादी के एक दशक बाद नीति निर्माता जब एमसीडी के बारे सोच रहे थे तो तो इसे 'बॉम्बे नगर निगम' की तर्ज दिल्ली नगर निगम के गठित करने का फैसला लिया गया था। वहीं इस एमसीडी की यात्रा 64 साल पहले दिल्ली चांदनी चौक स्थित ऐतिहासिक टाउनहॉल से शुरू हुई थी.


पार्षदों की संख्या और अब एक नगर निगम

साल 1958 में एमसीडी में पार्षदों की संख्या 80 थी। इसके बाद बाद 134 और 2007 में यह संख्या 272 तक पहुंच गई और साल 2011 में नगर निगम में तीन हिस्सों उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में बाँट दिया गया. वहीँ इस हिसाब से 104-104 वहीं पूर्वी दिल्ली दिल्ली में 64 वार्ड पर चुनाव हुए हैं और तीनों ही एमएसीडी क्या है? जगह के लिए अलग-अलग मेयर चुने गए। वहीं अब करीब 11 साल बाद एमसीडी को मोदी सरकार ने एक कर दिया गया। इसके लिए जब विधेयक पारित किया उसमें इस बात का जिक्र था कि वार्ड की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी।

अब नगर निगम का एक ही होगा मुख्यालय

मोदी सरकार द्वारा जब से तीनों नगर निगम को एक करने की घोषणा करी गयी है उसके बाद से नगर निगम का एक ही सदन होगा। एक ही मेयर, एक ही स्टैंडिंग कमिटी। इसके अलावा अब हाउस टैक्स, लाइसेंस आदि के लिए एक ही नीति होगी।

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