क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है

जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर ने सन 2009 में की थी जिसने इस Cryptocurrency का नाम बिटकॉइन रखा।

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बिट काइन- यह दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है इसका इस्तेमाल बहुत बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है ऐसे हथियारों की खरीद-फरोख्त ड्रग्स माफिया काले धन की लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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एसवाईएस कॉइन- यह बहुत क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है ही तेज गति से कार्य करने वाला कॉइन है जो ज्यादा सुरक्षित रूप से कार्य करता है संपत्ति को बेचने खरीदने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

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वॉइस कॉइन- जिसके नाम से ही पता चलता है कि यह वॉइस क्वाइन है इसलिए इसका उपयोग म्यूजिशियन और सिंगर्स के काम का मूल्य सेट करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कलाकारों का मोनेटाइजेशन करना होता है।

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मोनेरो- मोनेरो भी क्रिप्टोकरेंसी का एक काइन है जिसमें अलग तरह की सुरक्षा का उपयोग किया जाता है। इसे रिंग सिग्नेचर नाम दिया गया है। इसकी मदद से स्मगलिंग और ब्लैक मार्केटिंग की जाती है।

क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है

जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर ने सन 2009 में की थी जिसने इस Cryptocurrency का नाम बिटकॉइन रखा।

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बिट काइन- यह दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है इसका इस्तेमाल बहुत बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है ऐसे हथियारों की खरीद-फरोख्त ड्रग्स माफिया काले धन की लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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एसवाईएस कॉइन- यह बहुत ही तेज गति से कार्य करने वाला कॉइन है जो ज्यादा सुरक्षित रूप से कार्य करता है संपत्ति को बेचने खरीदने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

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वॉइस कॉइन- जिसके नाम से ही पता चलता है कि यह वॉइस क्वाइन है इसलिए इसका उपयोग म्यूजिशियन और सिंगर्स के काम का मूल्य सेट करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कलाकारों का मोनेटाइजेशन करना होता है।

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मोनेरो- मोनेरो भी क्रिप्टोकरेंसी का एक काइन है जिसमें अलग तरह की सुरक्षा का उपयोग किया जाता है। इसे रिंग सिग्नेचर नाम दिया गया है। इसकी मदद से स्मगलिंग और ब्लैक मार्केटिंग की जाती है।

क्रिप्टोकरेंसी किन क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है किन प्रकार की होती है

Cryptocurrency Meaning in Hindi - क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है? » Hindi Read Duniya Технологии

Cryptocurrency Meaning in Hindi - क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है? » Hindi Read Duniya

RBI जल्द लाएगा डिजिटल करेंसी, जानिये कैसे क्रिप्टोकरेंसी से होगी अलग

RBI जल्द लाएगा डिजिटल करेंसी, जानिये कैसे क्रिप्टोकरेंसी से होगी अलग

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही ई-रुपी (e-rupee) लाने वाला है और वह कुछ खास मामलों के लिए इसका पायलट लॉन्च करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर कॉन्सेप्ट नोट जारी करते हुए RBI ने कहा कि वह भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, अधिक दक्ष भुगतान प्रणाली प्रदान करने और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने के उद्देश्य से डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। बता दें, इस साल के बजट में डिजिटल करेंसी लाने का ऐलान किया गया था।

मौजूदा भुगतान प्रणाली की नहीं लेगी जगह- RBI

कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है मौजूद भुगतान प्रणाली की जगह लेने के लिए नहीं लाया जा रहा है बल्कि यह ग्राहकों को एक नया विकल्प मुहैया कराएगी। यह करेंसी देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, भुगतान प्रणाली को अधिक दक्ष बनाएगी और वित्तीय समावेशन में योगदान करेगी। बैंक ने कहा कि जल्द ही कुछ मामलों के लिए इसका पायलट लॉन्च होगा। जैसे-जैसे इसका दायरा बढ़ता जाएगा, इसकी सूचना दी जाती रहेगी।

क्या है डिजिटल करेंसी?

रिजर्व बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर (कानूनी निविदा) है। यह पेपर मुद्रा के समान है, लेकिन इसका रूप अलग होगा। इसका विनिमय मौजूदा मुद्रा के बराबर होगा और इसे भुगतान, लीगल टेंडर और मूल्य के सुरक्षित स्टोर के रूप में स्वीकार किया जाएगा। यह केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर एक देनदारी के तौर पर दिखेगी डिजिटल करेंसी को आसानी से नकदी में भी बदला जा सकेगा।

डिजिटल करेंसी का होगा यह फायदा

केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं होगा। इसके इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। इसका इस्तेमाल नीति निर्धारण में हो सकेगा।

कितने प्रकार की होती है CBDC?

केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी को दो प्रकारों में विभाजित क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है किया जा सकता है। पहला प्रकार रिटेल (CBDC-R) और दूसरा प्रकार होलसेल (CBDC-W) होता है। CBDC-R नकदी का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है और यह सबके लिए उपलब्ध होगी। वहीं CBDC-W को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों को खास एक्सेस देने के लिए डिजाइन किया जाता है। यह बैंकों के आपसी ट्रांसफर और होलसेल लेनदेन के लिए इस्तेमाल होगी। RBI दोनों ही जारी करने पर विचार कर रहा है।

CBDC क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है?

RBI की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में अलग होगी। क्रिप्टोकरेंसी डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं और वो लीगल टेंडर नहीं मानी जाती। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बहुत अस्थिर होती है, जबकि CBDC को स्थिरता और सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। RBI का कहना है कि क्रिप्टो संपत्ति का प्रसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खतरे को बढ़ावा दे सकता है। साथ ही यह मौद्रिक नीतियों को भी प्रभावित कर सकती है।

अभी किन देशों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हो रहा?

अभी तक जमैका, बहामास, एंटीगुआ और बरबुडा, सेंट किट्स एंड नेविस, मॉन्सेरट, डोमिनिका, सेंट सुलिया, सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइन, ग्रेनाडा और नाइजीरिया समेत 10 देशों में डिजिटल करेंसी जारी हो चुकी है। अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा आदि देश भी केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी जारी करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। चीन भी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किए गए डिजिटल युआन (e-CNY) का विस्तार करने की योजना बना रहा है।

जानें क्रिप्टो करेंसी क्या होती है और इसकी मार्केट ग्रोथ का मुख्य कारण क्या है?

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है इसे कई देशों में मान्यता प्राप्त है जबकि कई अन्य में नहीं. आइये जानें आखिर किस आधार पर इसकी मार्केट वैल्यू डिसाइड होती है.

cryptocurrency

हाल ही में क्रिप्टो करेंसी विश्व स्तर पर एक आम चर्चा का विषय बन गई क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है है. विश्व के कई देशों में इसे क़ानूनी मान्यता प्राप्त है जबकि भारत सहित कुछ अन्य देश ऐसे हैं जहाँ इसे क़ानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है. आइये जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी और कैसे निर्धारित होती है इसकी मार्केट ग्रोथ?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है तकनीक पर आधारित एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है. हाल के वर्षों में, क्रिप्टोकरेंसी, जिसमें विशेष रूप से बिटकॉइन शामिल है विश्व स्तर पर सबसे व्यापक डिजिटल मुद्रा बन कर उभरी है. इसके सबसे अधिक फेमस होने के बहुत से कारण हैं जैसे ये बिना किसी केंद्रीय बैंक के संचालित होती है. आज कल विभिन्न देशों के लोग इसे सरकार के विभिन्न करों से बचने के लिए और इससे मिलने वाले अधिक लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी और पारंपरिक मुद्रा यानी डॉलर में कुछ समानताएं होती हैं. जैस आप दोनों ही मुद्राओं से वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकते हैं. आइये जानें इसके बारे में कुछ बातें -

पारंपरिक मुद्रा के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष रूप से नहीं रखा जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होती है.
वे वैश्विक होती है अर्थात एक देश की क्रिप्टो करेंसी किसी भी अन्य देश में प्रयोग हो सकती है. इसमें किये गए लेन-देन काफी हद तक गुमनाम होते हैं, हालांकि सब कुछ ट्रैक किया जाता है, और रिकॉर्ड विशाल डेटाबेस में रखे जाते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी का बाजार

विश्व में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 7.2% की वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2021 में 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2026 तक 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बहुत बड़ा है और ये बहुत तेजी से बढ़ रहा है. क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में दो मुख्य मुद्राएँ हैं -बिटकॉइन और एथेरियम. लेकिन इसके अतिरिक्त 1,000 क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है प्रकार की कुछ अन्य मुद्राएँ भी हैं. इन्हें alt-सिक्के कहा जाता है. इनमें से कुछ अत्यधिक मूल्यवान सिक्के होते हैं. बिटकॉइन या एथेरियम जैसी एकल क्रिप्टोकरेंसी की कीमत कुल मार्केट कैप से बहुत कम है.

क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विकास के मुख्य कारण-

क्रिप्टोकरेंसी बाजार तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके विस्तार के 3मुख्य कारण हैं:

डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी की पारदर्शिता

जब हितधारक लेन-देन के बारे में नहीं जानते हैं, तो पारदर्शिता की कमी समस्या पैदा कर सकती है विशेष रूप से एशियाई देशों में जहां अक्सर कई धोखाधड़ी के मामले या अवांछित लेनदेन होते हैं, जैसे निर्धारित शुल्क के लिए कटौती।

अनिश्चित नियामक स्थिति

क्रिप्टोकरेंसी बाजार अभी भी ज्यादातर अनियमित है। स्पष्ट नियमों की कमी और उनके आस-पास अनिश्चितता जैसे कुछ मुख्य कारण हैं जिससे क्रिप्टोकरेंसी को अधिक व्यापक रूप से क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है नहीं अपनाया गया है।

सुरक्षा, गोपनीयता और नियंत्रण के बारे में चिंता

क्रिप्टोकरेंसी में अनुपालन-मुक्त पीयर-टू-पीयर क्रिप्टोकरेंसी किन किन प्रकार की होती है और प्रेषण लेनदेन को बदलने और सुधारने की क्षमता है। हालाँकि, उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी से लाभ उठाने के लिए, उन्हें कुछ सुरक्षा, गोपनीयता और नियंत्रण चुनौतियों से पार पाना होगा।

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