शेयर मार्केट में प्राइस एक्शन | What is Price Action Trading in Hindi
दोस्तों, आज के इस लेख में हम जानेंगे की शेयर मार्केट में प्राइस एक्शन क्या होता है,What is price action trading in hindi, Price Action Strategy Pdf Hindi, Price action trading book in hindi, Price action trading कैसे करते है, आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे.
ट्रेडर्स यदि आप youtube पर शेयर मार्किट के बारे में विडियो देखते होंगे तो ये बात बहुत सुनी होगी ‘भाव भगवान” है. आपको सबसे पहले भूतकाल में शेयर की कीमत को देखना होगा की वह निश्चित लेवल पर पहुच कर क्या बदलाव हुआ था. इस ट्रेडिंग में पाइवोट पॉइंट, सपोर्ट, रेसिस्टेंट, कैंडलस्टिक पैटर्न और टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.
जब आप किसी कम्पनी के शेयर की कीमत देखते है तो उसमे क्या देखते है- कंपनी क्या करती है, भविष्य में क्या करेगी, न्यूज़, सेंटीमेंट, गवर्नमेंट की पॉलिसी वह सभी चीजों को देखा जाता है जिससे शेयर की कीमत का पता चलता है. मार्किट इन सभी चीजों के बारे में अच्छे से जानती है जिसके बाद वह कम्पनी के शेयर की कीमत तय करती है इसी वजह से कहा जाता है की “भाव ही भगवान” है .
Price Action Trading क्या है? What is price action trading in Hindi
What is Price Action Trading in Hindi- किसी कंपनी में इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करने से पहले उसकी कीमत ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार में होने वाले बदलाव के आधार पर जो action लेते है उसे ही हम Price Action Trading कहते है.
शेयर मार्किट में जितने इंडिकेटर उपयोग किये जाते है वह सब कीमत से ही जुड़े है. इसीलिए ट्रेडिंग सबसे बेहतरीन तकनीक माना जाता है. इसमें आप बिना indicator के प्राइस को देख कर ही ट्रेडिंग या इन्वेस्मेंट करते है. जो भी इसे सीखेगा उसको बहुत ज्यादा धैर्य/सब्र रखने की जरूरत होती है इसे सिखने के लिए अधिक समय भी लगेगा.
Price Action Trading कैसे करते हैं?
Price Action Strategy Pdf Hindi- ट्रेडिंग में इस तकनीक के दोवारा चलने के लिए कीमत के पीछे-पीछे चलना होगा. मतलब की जब किसी शेयर की कीमत बढ़ रही है तो उसे ख़रीदे और कीमत गिर रही है तो उसे बेचना चाहिए. इसके अलावा Support या Resistance और कीमत ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार ने किस प्रकार का व्यवहार किया था उसको देखकर भी ट्रेड लेनी होती है. ट्रेडर्स, शेयर्स कितना भी अच्छा हो, Analysis या फिर news channel से कुछ भी जानकारी दे रहा हो, लेकिन आपको सिर्फ भाव को देख कर चलना है.
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सबसे अच्छा क्यों है?
शेयर मार्किट में उपयोग होने बाले ट्रेडिंग तकनीक, इंडिकेटर सभी कीमत से ही आये है कीमत को ही ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार देख कर यह काम करते है यदि सब इसी बजह से बना है तो आप इन तकनीक, इंडिकेटर को छोड़ कर प्राइस को देख कर ट्रेडिंग करेंगे तो ज्यादा अच्छा मुनाफा होगा. What is price action trading in hindi, Price Action Strategy Pdf Hindi
प्राइस ऍक्शन का मास्टर कोर्स (TRADING USING PRICE ACTION)
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Price Action ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार Trading Book In Hindi
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Price Action का ट्रेडिंग में क्या उपयोग है?
प्राइस एक्शन शार्ट टर्म के लिए सही है क्योकि जो ट्रेडिंग में price movement होते है उसके आधार पर ट्रेडर्स का मानना है की उसके भाव से ही कंपनी के फंडामेंटल को देखा जा सकता है जिसकी वजह से अलग से कंपनी के फंडामेंटल को देखने की कोई जरूरत नहीं है.
पुराने ट्रेडर्स को काफी अनुभव होता है जिससे वह टूल्स की मदद से काफी कुछ पता लगा लेते है.
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एस्प्लेनेड - क्या RSI है
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इस अं इंडिकेटर वर्तमान कीमत आंदोलनों की कमजोरी या ताकत का आकलन करने के लिए और एक निश्चित अवधि से अधिक मूल्य वृद्धि अपने घाटे के साथ तुलना करके मूल्य परिवर्तनों के वेग को मापने के लिए Welles वाइल्डर द्वारा विकसित की है .
कैसे उपयोग करें मार्किट फैसिलिटेशन इंडेक्स व्यापार मंच में
RSI सूचक का उपयोग कैसे करें
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स संभव और क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अनुमति देता है, लेकिन प्रवृत्ति विश्लेषण के भीतर माना जाता होना चाहिए :
- गेनेराल्ल्य इफ थे रसी इंडिकेटर क्लिम्बस अबोवे 70, आम तौर पर परिसंपत्ति जा सकता ;
- अगर RSI इंडिकेटर के नीचे 30 बूँदें, परिसंपत्ति हो सकते हैं .
चरम क्षेत्रों संकेतक छोड़ने संभव सुधार या यहां तक कि प्रवृत्ति में परिवर्तन का सुझाव कर सकते हैं :
- से ऊपर सीमा रेखा पार करने, RSI संकेतों को एक संभव बेचने का अवसर ;
- सीमा रेखा को नीचे से पार, RSI एक संभव खरीदने का अवसर संकेतों .
कन्वर्जेन्स/डिवेर्जेंस पैटर्न संभव प्रवृत्ति कमजोरी संकेत हो सकता है :
- अगर कीमत एक नई उच्च करने के लिए चढ़ते हैं, लेकिन संकेतक नहीं करता है, कि कमजोरी का संकेत हो सकता है ;
- अगर कीमत करने के लिए एक नया कम पड़ता है, लेकिन संकेतक नहीं करता है, कि कमजोरी का संकेत हो सकता है .
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स(RSI) इंडिकेटर
RSI ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
ट्रेडिंग रणनीति RSI उत्पन्न खरीदें और क्षैतिज लाइनों है कि 70 और 30 मूल्यों पर चार्ट पर प्रकट द्वारा संकेतों को बेचने के लिए करना है। के रूप में हम पहले से ही ऊपर उल्लेख किया है, एक कदम है 30 के अंतर्गत एक हालत इंगित करता है और 70 से ऊपर एक कदम एक हालत का संकेत है .
इस प्रकार, यदि एक व्यापारी के लिए एक खरीदने का अवसर की तलाश में है, वह सूचक डुबकी तहत 30 देखता है। एक पार वापस 30 से ऊपर कई व्यापारियों द्वारा रुझान बदल गया एक पुष्टिकरण के रूप में माना जाता है। इसके विपरीत, वह सूचक 70 रेखा से ऊपर को पार देखता है अगर एक व्यापारी एक बेचने का अवसर के लिए करना चाहता है, .
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स फार्मूला (RSI कैलकुलेशन)
RSI = 100 – 100/(1 + RS)
RS (14) = Σ(Upward movements)/Σ(|Downward movements|)
फोरेक्स संकेतकFAQ
क्या विदेशी मुद्रा संकेतक है?
फोरेक्स तकनीकी विश्लेषण संकेतकों का उपयोग नियमित रूप से व्यापारियों द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है और इस प्रकार विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा बनाने की संभावना बढ़ जाती है। विदेशी मुद्रा संकेतक वास्तव में आगे बाजार पूर्वानुमान के लिए एक विशेष ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट की कीमत और मात्रा को ध्यान में रखते हैं.
जठी तकनीकी संकेतक क्या हैं?
टेक्निकल विश्लेषण, जो अक्सर विभिन्न व्यापारिक रणनीतियों में शामिल होता है, को तकनीकी संकेतकों से अलग नहीं माना जा सकता है। कुछ संकेतकों का उपयोग शायद ही कभी किया जाता है, जबकि अन्य कई व्यापारियों के लिए लगभग अपूरणीय हैं। हमने 5 सबसे लोकप्रिय तकनीकी विश्लेषण संकेतकों पर प्रकाश डाला: मूविंग एवरेज (MA), एक्सपोनेंटियल मूविंग एवरेज (EMA), स्टोचस्टिक ऑसिलेटर, बोलिंगर बैंड, मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस फर्क (MACD).
तकनीकी संकेतकों का उपयोग कैसे करें?
ट्रेडिंग रणनीतियों को आमतौर पर पूर्वानुमान सटीकता बढ़ाने के लिए कई तकनीकी विश्लेषण संकेतकों की आवश्यकता होती है। तकनीकी संकेतकों में पिछड़ने से पिछले रुझान दिखाई देते हैं, जबकि प्रमुख संकेतक आगामी चालों की भविष्यवाणी करते हैं। ट्रेडिंग संकेतकों का चयन करते समय, विभिन्न प्रकार के चार्टिंग टूल्स जैसे वॉल्यूम, गति, अस्थिरता और ट्रेंड इंडिकेटर पर भी विचार करें.
दो संकेतक विदेशी मुद्रा में काम करते हैं?
2 प्रकार के संकेतक हैं: पिछड़ और अग्रणी। पिछले आंदोलनों और बाजार उलटफेर पर आधार संकेतकों का आधार है, और अधिक प्रभावी होते हैं जब बाजार दृढ़ता से रुझान कर रहे होते हैं। प्रमुख संकेतक भविष्य में मूल्य चालों और रिवर्सल की भविष्यवाणी करने की कोशिश करते हैं, उनका उपयोग आमतौर पर रेंज ट्रेडिंग में किया जाता है, और चूंकि वे कई झूठे संकेतों का उत्पादन करते हैं, इसलिए वे ट्रेंड ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं
What are Moving averages?
Moving averages are among the most widely used and efficient indicators for technical analysis. Traders of all levels determine long term trends using this tool. We’ll cover how to define a trend, how to implement this indicator for support and resistance levels, and how to use it as trade entry and exit signal.
What are Moving Averages?
Moving averages (MA) indicate the average trend within the chosen period, smooth out price action and filter out the noise. They are formed using the average closing price over a set number of periods. For example, a ten-day simple moving average is a total of the closing prices during a period of ten days divided by ten.
The most commonly used moving averages are:
Simple Moving Average (SMA), which indicates the average movement of price during a particular time period;
Exponential Moving Average (EMA), which is similar to SMA, but applies a greater weight to more recent prices.
Adding Moving Averages to your chart in MetaTrader 4
You can add moving averages to your chart simply by clicking the ‘indicators list’ icon in the toolbar and selecting ‘moving average’. From there you can choose the period and the type of MA you want to work with. If you’re using multiple moving averages you can change the color in order to identify them easily.
Simple Moving Averages vs. Exponential Moving Averages
SMA are slower than EMA in responding to price action. Consequently, they indicate trends or trend reversals more slowly, but are less prone to false signals. EMA are better at catching trends early, though they will give you more false signals during consolidation periods.
Using several types of moving averages will give you a broader outlook. For instance, a trader might choose longer period SMA to help understand the broader trend, and shorter period EMA for entry signals.
SMA may better identify support and resistance levels since they reflect a balanced average of prices over a set time period.
How to determine a trend using MA?
When a price action remains above a moving average, it signals that the price has an uptrend. Conversely, if a price action stays below the MA it indicates a downtrend.
Using several MA simultaneously can be beneficial in determining a trend. Make sure the MA lines are set in the correct order (from fastest to slowest in an uptrend, from slowest to fastest in a downtrend) to confirm that you are in a strong uptrend or downtrend.
Moving Average Crossovers
MA crossovers help to determine when a new trend starts and when an existing one is about to reverse.
Upward momentum is confirmed with a bullish crossover, when short-term MA crosse above longer-term MA. This can be called a ‘Golden Cross’. Downward momentum is confirmed with a bearish crossover, when short-term MA cross below longer-term MA, also known as a ‘Death Cross’. Short term MA can be used for intraday trading, for instance, EMA with 5 and 10 periods.
Longer-term traders might prefer SMA crossovers with 50 and 200 periods.
On one hand, MA crossovers tend to work well in trending markets, while on the other, they can be worthless in sideways or consolidating markets.
Moving Averages as Dynamic Support and Resistance Levels
MA can also be used as support in an uptrend and resistance in a downtrend. For example, a short-term uptrend might find support near the 21-day EMA, while a long-term uptrend might find support near the 200-day SMA.
50 and 200-period SMA are mostly followed on the daily chart and often represent key support and resistance levels. Keep in mind that the levels are not exact, and MA more often represent areas of support and resistance. Levels are also dynamic, as they are constantly changing based on recent price action.
MA is a multi-faceted indicator that can help you to define a trend, support and resistance. It can also show when a new trend starts and when a trend is about to reverse. Set different periods of MA to determine what works best for your trading strategy.
Trading kise kahate hain | ट्रेडिंग कैसे करते हैं | ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं
यदि आप स्टॉक मार्किट में जरा भी दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा, क्या आप जानते हैं, ट्रेडिंग क्या होता है, Trading kise kahate hain, ट्रेडिंग क्यों की जाती है, और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है। तो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।
दरअसल जब आप स्टॉक मार्किट में अपनी शुरुवात करते हैं, तो आप के लिए कई शब्द बिलकुल नए होते हैं, जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती है, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, आईपीओ, सेंसेक्स, निफ़्टी, इन्वेस्टर, रिटेलर इत्यादि, और इन्ही में से एक शब्द Trading भी है। तो चलिए जानते हैं, Trading क्या होता है।
पिछले कुछ समय में जिस गति से लोगों के बीच स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट को लेकर चलन बड़ा है, खास करके युवा वर्ग की स्टॉक मार्किट में काफी दिलचस्पी देखि गई है, इस से पता चलता है, की आने वाले समय में भारत में नए निवेशकों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी होने वाली है।
ट्रेडिंग क्या होता है | Trading kise kahate hain
ट्रेडिंग का हिंदी में अर्थ होता है, व्यापार, जब दो संस्थाओं के बीच आम तोर पर मुनाफे के उद्देश्य से वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान होता है, तो वह ट्रेडिंग केहलाता है। ट्रेडिंग यानि व्यापार द्वारा ही धन प्राप्त होता है, और यही समाज में प्रगति के चक्र को भी नियंत्रित करता है। ट्रेड वस्तुओं या सेवाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया लगभग एक समान ही होती है।
अब यदि फाइनेंसियल मार्किट या स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को समझें, की ट्रेडिंग क्या होती है? तो यहाँ पर आम बाजार ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार की तरह प्रोडक्ट और सेवाओं के जगह कंपनियों के स्टॉक्स, शेयर्स, बांड्स इत्यादि को ख़रीदा व बेचा जाता है। वह व्यक्ति जो कपनियों के स्टॉक्स को मुनाफे के उद्देश्य से खरीदता व बेचता है, उसे Trader कहा जाता है, और बाजार जहाँ पर ट्रेडिंग की जाती है, वह शेयर बाजार केहलाता है।
ट्रेडिंग मुख्य रूप से छोटी अवधी में कंपनियों के स्टॉक्स को खरीद व बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने से जुड़ा है, इसमें ट्रेडर द्वारा बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ लिया जाता है। बाजार से मुनाफा क्या और कितना होगा यह बाजार के मूड, ट्रेडर की तकनीक और उसकी एनालिसिस स्किल पर निर्भर करता है। भारत में मुख्य दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, BSE और NSE इन दोनों में ट्रेडिंग का समय सुबह 9:15 AM से शाम 3:30 PM Monday से Friday तक होता है, इसके बाद मार्केट बंद हो जाता है।
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है, जिसके लिए में पर्सनली Grow App को दूसरे प्लेटफॉर्म्स की तुलना में बेहतर मानता हूँ, क्योंकि यह एक User friendly एप्प है, जिसका नेविगेशन काफी आसान है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप Grow App को Download, Install व Register कर सकते हैं।
स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Stock market Trading in Hindi
स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग के मुख्य तीन प्रकार हैं।
Intraday Trading :-
इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, जब कोई निवेशक एक ही दिन के भीतर कोई स्टॉक्स खरीदता और बेचता है, तो वह Intraday trading केहलाता है। इसका अर्थ हुवा की यदि आपने आज के दिन में किसी कंपनी के स्टॉक्स ख़रीदे हैं, तो मार्किट बंद होने तक आज ही आपको उन स्टॉक्स को बेचना होगा। इस प्रकार की ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के द्वारा की जाती है, क्योंकि इसमें रिस्क अधिक होता है, और तेजी से निर्णय लेने पड़ते हैं।
Position Trading :-
पोजीशन ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में निवेशक को ट्रेडिंग के लिए अधिक समय मिल जाता है, क्योंकि यह Buy और Hold रणनीति पर निर्भर करता है। इसमें निवेशक लंबे समय तक के लिए स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है, जब तक की स्टॉक्स के दाम में वृद्धि ना हो जाए, यानि इसमें निवेशक हफ़्तों और महीनों तक स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है।
Scalping Trading :-
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का सबसे शार्ट टर्म फॉर्म है, जिसमे एक ही दिन के भीतर ट्रेडर कई ट्रेड कर लेते हैं, जिनकी संख्या 10 से कई 100 ट्रेड तक हो सकती है। इस ट्रेडिंग रणनीति में ट्रेडर का उद्देश्य स्टॉक की कीमतों में होने वाले छोटे बदलावों से मुनाफा कमाना होता है, क्योंकि उनके द्वारा ऐसा माना जाता है, की स्टॉक की ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार कीमतों में होने वाले छोटे बदलावों का अनुमान लगाना बढे बदलावों की तुलना में ज्यादा आसान होता है। स्कल्पिंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स को Scalper कहा जाता है।
Swing Trading :-
स्कल्पिंग से उलट स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को दिनों और हफ़्तों तक बनाए रख सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से ट्रेडर ट्रेंड को पेहचान कर अपना निर्णय लेते हैं, और ट्रेंड की पेहचान के लिए Technical indicators का उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा अनुमान लगाया जाता है, की कोई स्टॉक ऊपर जाएगा या नीचे और उसी अनुसारी स्टॉक्स की buying और selling की जाती है।
अंतिम शब्द
ट्रेडिंग में ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार जिस प्रकार युवाओं की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है, अधिक से अधिक लोग प्रतिदिन ट्रेडिंग में अपने सफर की शुरुवात कर रहे हैं, ऐसे में स्टॉक मार्किट में उन सभी नए Users के लिए यह पोस्ट मददगार साबित हो सकती है। हमें उम्मीद है, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे Trading kise kahate hain और यह कितने प्रकार की होती है। इस पोस्ट से जुड़े यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं, तो आप हमें कमेंट द्वारा नीचे बता सकते हैं।
TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?
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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.आज हाम इस पोस्ट में जानेंगे की technical chart में कितने प्रकार के indicators होते है और उस अलग अलग indicators के क्या क्या काम है उसके बारे में भी जानेंगे.
TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी
technical indiactors को दो भाग में भाग किया गया है.
तोह यह दोनों indicators के बारे बारे में निचे उल्लेख करने जा राहा हु.
- LEADING INDICATORS– यह सुचोक नाम की तरह बर्ताब करता है.मार्केट overbought या oversold है इसकी सूचना सुचोको को देता है.वोग गति के बिना किसी स्थर पार आटके हुए बाजार में आछा काम करते ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार है.यह सुचोक जोह कम कालाबधि की खरीदी या बिक्री करते है उनके लिए बहुत हु उपोयोगी है.यह अधिक trending signal देता है और ट्रेडर ने जाग्रति रहकर काम किया तोह बहुत ही आछा मुनाफ़ा कामा सकते है.
LEADING INDICATORS के भी 2 बिभाग में भाग किया गया है जैसे
LEADING INDICATORS इस्तेमाल करने का क्या फ़ायदा है?
खरीदी और बिक्री का मिलनेवाला पुर्बो संकेत यह इसका आसली फ़ायदा होता है.leading सुचोक यह अधिक trending संकेत निर्मान करते है जोह अधिक trading का मौका देता है.बड़ते बाजार में oversold होकर आपको खरीदी करने का मौका मिलता है.
घटते बाजार में overbought होकर आपको बिक्री करने का मौका देता है.पार इसका एक घटा यह है की अधिक संख्या में संकेत और पुर्बो संकेत wipshaw की संभाबना में बढोतरी करते है जिसमे खतरा बढ़ता है.
- LAGGING INDICATORS – lagging सुचोक यह ट्रेंड के अनुसार चलनेवाले सुचोक है.उनकी रचना इसीलिए होता है की स्थापित ट्रेंड में ट्रेडर या निवेशक ट्रेंड के साथ निवेशित रहते है और ट्रेंड जब तक स्थापित होते है तबतक वोह उनमे शामिल होते है. ऐसे सूचक दीर्घो कलाबधि में निर्मान होनेवाला ट्रेंड में बहुत ही आछा काम आता है.यह भबिस्य में आनेवाले भाव का अंदाजा नहीं दे सकते पार बाताते है की बाजार की दिशा कोनसा है.एकसमान तेजी के कालाबधी में समय के अनुसार काहापर सपोर्ट लेते है वोह स्पष्ट करते है.हर निवेशक दीर्घो कालाबधि के लिए शांत मन से कोई भी शेयर्स में निवेशित रह सकते है.
lagging indicators को भी 2 प्रकार में बिभाग किया गया है
Lagging indicators इस्तेमाल करने का फ़ायदा और नुक्सान क्या है?
lagging सुचोको का एक फ़ायदा उनकी ट्रेंड पकड़ने की एक खमता होता है.यह सुचोक एकसमान बढ़ते या घटते बाजार में आछा काम है.इन सुचोक में बहुत ही कम ट्रेडिंग signal तोह मिलते ही है और जब मिलते है तब थोड़े बहुत मिलते है.पड़े रहनेवाला शांत बाजार में यह आछा काम नहीं देते है.leading और lagging सुचोक अलग अलग प्रकार के भूमिका निभाते ट्रेडिंग इंडीकेटर्स के प्रकार है.
दोस्तों यह था TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी जिसमे आप अलग अलग indicators के अलग अलग भूमिका के बारे में जान सकते है.उम्मीद करता हु की आपको हामारे technical analysis series से हर दिन कुछ ना कुछ सिखने को मिल राहा होगा.और हामारे आनेवाले हर एक पोस्ट की जानकारी इ mail box में प्राप्त करने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.
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