राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी दलों के ‘‘पुणे बंद’’ का समर्थन करेगा व्यापारी संघ
पुणे, नौ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे शहर में व्यापारियों के एक संगठन ने मराठा योद्धा छत्रपति पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा आहूत 13 दिसंबर के बंद का समर्थन करने का फैसला किया है।
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।
‘फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे’ (एफएटीपी) के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि तीनों दलों के पदाधिकारियों और संभाजी ब्रिगेड ने राज्यपाल के बयानों की निंदा करने के लिए बुलाए गए बंद का समर्थन करने के लिए व्यापारी संघ से अपील की थी।
रांका ने कहा, ‘‘ दलों की अपील के बाद संघ के सदस्यों ने व्यापारी टिप्पणी एक बैठक की, जिसमें बंद का समर्थन करते हुए मंगलवार दोपहर तीन बजे तक दुकानें व्यापारी टिप्पणी बंद रखने का फैसला किया गया है।’’
राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे।
व्यापारी टिप्पणी
''जो रुदन के विभिन्न रूपों को पहचानता है वह साधारण बालक नहीं है। बड़ा होकर वह निश्चय ही मनस्तत्व के व्यापार में प्रसिद्ध होगा।'' अघोर बाबू के मित्र की इस टिप्पणी पर अपनी टिप्पणी व्यापारी टिप्पणी कीजिए।
अघोर बाबू के मित्र ने जो टिप्पणी की वह बालक के भाव व्यापार को समझने की क्षमता के आधार पर की थी। अघोर बाबू के मित्र जानते थे कि साहित्य सृजन के लिए मनुष्य का अति संवेदनशील होना आवश्यक है। शरत् में यह गुण विद्यमान था। छोटे से ही उनमें संवेदनशीलता का गुण आ गया था। वे अपने आस-पास के वातावरण तथा परिवेश का सूक्ष्म निरीक्षण करने में दक्ष थे। अतः अघोर बाबू जानते थे कि जिस बालक में इस प्रकार की क्षमता इस समय मौजूद है, तो आगे चलकर यह बालक मनस्तत्व के व्यापार में प्रसिद्ध होगा। ऐसा बालक उस संवेदना को पूर्णरूप से कागज़ में पात्रों के माध्यम से उकेर पाएगा। उनका यह कथन आगे चलकर सत्य भी सिद्ध हुआ। उनकी प्रत्येक रचना इस बात का प्रमाण है।
Pune Bandh राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी दलों के ‘‘पुणे बंद” का समर्थन करेगा व्यापारी संघ
पुणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) शहर में व्यापारियों के एक संगठन ने मराठा योद्धा छत्रपति पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा आहूत 13 दिसंबर के बंद का समर्थन करने का फैसला किया है। कांग्रेस (Congress), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (Shiv Sena) (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।
‘फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे’ (FATP) के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान व्यापारी टिप्पणी में कहा कि तीनों दलों के पदाधिकारियों और व्यापारी टिप्पणी व्यापारी टिप्पणी संभाजी ब्रिगेड ने राज्यपाल के बयानों की निंदा करने के लिए बुलाए गए बंद का समर्थन करने के लिए व्यापारी संघ से अपील की थी।
रांका ने कहा, ‘‘ दलों की व्यापारी टिप्पणी अपील के बाद संघ के सदस्यों ने एक व्यापारी टिप्पणी बैठक की, जिसमें बंद का समर्थन करते हुए मंगलवार दोपहर तीन बजे तक दुकानें बंद रखने का फैसला किया गया है।” राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने” के आदर्श थे। (एजेंसी)
Maharastra News : राज्यपाल की टिप्पणी पर ‘‘पुणे बंद’’ का समर्थन करेगा व्यापारी संघ
Maharastra News : 13 दिसंबर को किया गया व्यापारी टिप्पणी है बंद का आह्वाहन
Maharastra News : पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में व्यापारियों के एक संगठन ने मराठा योद्धा छत्रपति पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों व्यापारी टिप्पणी द्वारा आहूत 13 दिसंबर के बंद का समर्थन करने का फैसला किया है।
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कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।
‘फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे’ (एफएटीपी) के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि तीनों दलों के पदाधिकारियों और संभाजी ब्रिगेड ने राज्यपाल के बयानों की निंदा करने के लिए बुलाए गए बंद का समर्थन करने व्यापारी टिप्पणी के लिए व्यापारी संघ से अपील की थी।
रांका ने कहा, दलों की अपील के बाद संघ के सदस्यों ने एक बैठक की, जिसमें बंद का समर्थन करते हुए मंगलवार दोपहर तीन बजे तक दुकानें बंद रखने का फैसला किया गया है।
राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे।
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एक व्यापारी के पास 78,592 रु. थे। उसने 40 रेडियो खरीदने का ऑर्डर दिया, तथा प्रत्येक रेडियो का मूल्य 1200 रु. था। इस खरीदारी के बाद उसके पास कितनी धनराशि शेष रह जाएगी?
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